आज का पंचाग आपका राशि फल, दमां खांसी व स्वांस रोग में लाभकारी त्रिकुटा या त्रिकटु

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम 🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻रविवार, ०३ दिसंबर २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०७:०४

सूर्यास्त: 🌅 ०५:२९

चन्द्रोदय: 🌝 २२:४०

चन्द्रास्त: 🌜११:५०

अयन 🌖 दक्षिणायणे (दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🗻 हेमन्त 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 मार्गशीर्ष 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 षष्ठी (१९:२७ से सप्तमी)

नक्षत्र 👉 आश्लेशा (२१:३६ से मघा)

योग 👉 इन्द्र (२०:५६ से वैधृति)

प्रथम करण 👉 वणिज (१९:२७ तक)

द्वितीय करण 👉 विष्टि (पूर्ण रात्रि)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 वृश्चिक 

चंद्र 🌟 सिंह (२१:३५ से)

मंगल 🌟 वृश्चिक (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 धनु (अस्त, पूर्व, वक्री)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)

शुक्र 🌟 तुला (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मीन 

केतु 🌟 कन्या 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४६ से १२:२७

अमृत काल 👉 १९:४९ से २१:३६

रवियोग 👉 ०६:५६ से १३:१३

विजय मुहूर्त 👉 १३:५० से १४:३१

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१४ से १७:४१

सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:१६ से १८:३९

निशिता मुहूर्त 👉 २३:३९ से २४:३४

राहुकाल 👉 १५:५९ से १७:१६

राहुवास 👉 उत्तर

यमगण्ड 👉 १२:०६ से १३:२४

दुर्मुहूर्त 👉 १५:५४ से १६:३५

होमाहुति 👉 गुरु

दिशाशूल 👉 पश्चिम

अग्निवास 👉 पृथ्वी

भद्रावास 👉 मृत्यु (१९:२७ से)

चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व २१:३६ से)

शिववास 👉 भोजन में (१९:२७ से श्मशान में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – उद्वेग २ – चर

३ – लाभ ४ – अमृत

५ – काल ६ – शुभ

७ – रोग ८ – उद्वेग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – शुभ २ – अमृत

३ – चर ४ – रोग

५ – काल ६ – लाभ

७ – उद्वेग ८ – शुभ

नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पूर्व-उत्तर (पान का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज २१:३६ तक जन्मे शिशुओ का नाम आश्लेषा नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (डू, डे, डो) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मघा नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (मा, मी) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

वृश्चिक – २९:४३ से ०८:०२

धनु – ०८:०२ से १०:०६

मकर – १०:०६ से ११:४७

कुम्भ – ११:४७ से १३:१२

मीन – १३:१२ से १४:३६

मेष – १४:३६ से १६:१०

वृषभ – १६:१० से १८:०४

मिथुन – १८:०४ से २०:१९

कर्क – २०:१९ से २२:४१

सिंह – २२:४१ से २५:००

कन्या – २५:०० से २७:१८

तुला – २७:१८ से २९:३९

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०६:५६ से ०८:०२

रज पञ्चक – ०८:०२ से १०:०६

शुभ मुहूर्त – १०:०६ से ११:४७

चोर पञ्चक – ११:४७ से १३:१२

शुभ मुहूर्त – १३:१२ से १४:३६

शुभ मुहूर्त – १४:३६ से १६:१०

चोर पञ्चक – १६:१० से १८:०४

शुभ मुहूर्त – १८:०४ से १९:२७

रोग पञ्चक – १९:२७ से २०:१९

शुभ मुहूर्त – २०:१९ से २१:३६

मृत्यु पञ्चक – २१:३६ से २२:४१

अग्नि पञ्चक – २२:४१ से २५:००

शुभ मुहूर्त – २५:०० से २७:१८

रज पञ्चक – २७:१८ से २९:३९

शुभ मुहूर्त – २९:३९ से ३०:५७

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आज का राशिफल

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन गृहक्लेश के कारण वातावरण कलुषित होगा। भाई-बंधू वैरभाव रखेंगे परिवार के अन्य सदस्य भी आपका पक्ष लेने से बचेंगे। जमीन जायदाद सम्बंधित कार्य जल्दबाजी अथवा भावुकता में ना करें अन्यथा बाद में पश्चाताप होगा। कार्य क्षेत्र पर व्यवसाय में सुधार आने से थोड़ी राहत मिलेगी। नौकरी पेशा वर्ग आज पर्यटन के मूड में रहेंगे। स्वास्थ्य सम्बंधित शिकायते भी रहने से शिथिलता आयेगी। अधिकारी वर्ग से किसी कारण बहस हो सकती है। आस-पड़ोसियों से सम्बन्ध मधुर बनेंगे। यथा सम्भव लंबी यात्रा टालें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आपको विविध उलझनों का सामना करना पड़ेगा खासकर पारिवारिक उलझने अकस्मात गंभीर रूप धारण कर सकती है घर के किसी सदस्य के गलत व्यवहार के कारण पारिवारिक गरिमा का हास हो सकता है। भाई बंधुओ से वर्चस्व को लेकर टकराव संभव है। धार्मिक कार्यो में रूचि होने पर भी ध्यान एकाग्र नहीं रख सकेंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहने पर भी कार्यो में उत्साह नहीं दिखा सकेंगे। आज भी उधारी वाले व्यवहारों के कारण मानसिक चिंता रहेगी। संध्या का समय एकांत में बिताना अधिक पसंद करेंगे थोड़ी शांति भी मिलेगी।

धन लाभ में विलम्ब होगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आप प्रत्येक कार्यो में आलस्य-प्रमाद के कारण लाभ के अवसर हाथ से गवां सकते है। परिवार अथवा सहकर्मियो पर नाजायज अधिकार चलाने के कारण उग्र वातावरण बनेगा। वाणी में भी कड़वाहट रहने से लोग दूरी बनाएंगे। व्यवसाय में मन से परिश्रम करने के बाद भी किसी मामूली गलती के कारण लाभ आगे के लिये टल सकता है प्रतिस्पर्धा कम् रहने का उचित लाभ नहीं उठा पाएंगे। ससुराल पक्ष से सम्बन्ध असामान्य रहेंगे। माता-पिता की सेहत के कारण चिंता रहेगी। स्त्री का सहयोग मिलेगा। सन्तानो के ऊपर आज अधिक स्नेह रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आपका आज का दिन साधारण रहेगा फिर भी मानसिक रूप से प्रसन्न रहने के वातावरण बनते रहेंगे। सेहत में थोड़ी खराबी रह सकती है गले अथवा छाती सम्बंधित रोग से कष्ट होगा। धार्मिक स्थल के कार्यक्रमो में रूचि से हिस्सा लेंगे घर में भी पूजा पाठ का आयोजन करा सकते है। कल की अपेक्षा आज अधिकांश समय मौन रहना पसंद करेंगे जिससे आस पास संवादहीनता का वातावरण बनेगा। परिवार में आपकी आवश्यकता बढ़ेगी। कीमती सामान संभाल कर रखे चोरी अथवा नष्ट होने की संभावना है। स्त्री वर्ग के प्रति नीरसता रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन भी अधिकांश समय परिस्तिथियां आपकी आशाओं के विपरीत रहेंगी। पारिवारिक उलझनों के चलते अपने आपको बंधन में अनुभव करेंगे। प्रियजनों के विषय में आप के विचार बदल जाएंगे। सामाजिक क्षेत्र पर भी स्वयं को अकेला पाएंगे जिससे सहायता मांगेंगे वही टालमटोल करेगा। सेहत दोपहर के समय नरम रहेगी इसके बाद धीरे धीरे स्थिति में परिवर्तन होने लगेगा। घर के बड़े सदस्य सहायता के लिए आगे आयएंगे परन्तु स्त्री से अनबन लगी रहेगी। सन्तानो का व्यवहार भी अनापेक्षित रहने से पीड़ा होगी। संध्या तक जोड़ तोड़ करके निर्वाह के साधन बना लेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन आपको पुराने परिश्रम का फल देगा। व्यवहारिकता से बनाये सम्बन्धों से लाभ की संभावनाएं बनेगी। व्यवसाय से भी मध्यान तक प्रचुर मात्रा में लाभ अर्जित कर पाएंगे। परन्तु आज नए कार्यो में निवेश ना करें अन्यथा रुकावट आ सकती है। घरेलु कार्यो में व्यस्तता रहेगी सुखोपभोग की वस्तुओ पर खर्च करना पड़ेगा। रिश्तेदारी में जाना पड़ सकता है। सामाजिक क्षेत्र पर पारिवारिक स्थिति और ज्यादा बेहतर बनेगी। वाणी एवं व्यवहार की मधुरता किसी को भी आसानी से प्रभावित करेगी। धार्मिक क्षेत्र की यात्रा होगी दान पुण्य के अवसर मिलेंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आपको घर अथवा व्यावसायिक क्षेत्र पर कुछ विशेष कार्य सौपे जा सकते है इन्हें यथा शीघ्र पूर्ण कर लेंगे। वरिष्ठ लोग आपकी परीक्षा विभिन्न तरीकों से लेंगे इसमें सफलता निश्चित मिलेगी फिर भी हित शत्रु व्यवधान डालेंगे। चुनातियों का सामना करने में सक्षम रहेंगे लेकिन मध्यान के बाद आलस्य बढ़ने से स्थिति डांवाडोल हो सकती है। व्यापारियों को धन लाभ बीच बीच में होते रहने से संतोष रहेगा। पारिवारिक वातावरण में सुधार आएगा परिजन आज आपकी भावनाओं की कद्र करेंगे। परन्तु किसी कामना की पूर्ति ना होने पर रूठना मनाना लगा रहेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज दिन का पहला भाग सुख-शांति से व्यतीत करेंगे आलस्य के कारण घरेलु कार्यो को अनदेखा करेंगे जिससे मामूली नोकझोंक हो सकती है। सेहत लगभग सामान्य ही रहेगी परन्तु घर में किसी सदस्य के स्वास्थ्य पर खर्च करना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर आरम्भ में स्थिति लाभदायक रहेगी आशा के अनुसार व्यवसाय होगा परन्तु धन लाभ नियोजित नहीं होगा। कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य अधूरे रह सकते है। कार्य क्षेत्र पर बदलाव करने के विचार भी बनेंगे। मध्यान के बाद से परिस्थिति बदलेगी कार्यो में अड़चने आने लगेगी फिर भी मनोरंजन के अवसर मिलते रहेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज आप अधिकांश समय आराम में बिताना पसंद करेंगे। स्वास्थ्य सम्बंधित शिकायत पेट सम्बंधित समस्या मुख्यतः रहेगी। आकस्मिक कार्य आने से यात्रा करनी पड़ सकती है। धन लाभ दोपहर से पूर्व आसानी से होगा इसके बाद का समय परिश्रम साध्य लाभ देगा। पुरानी उधारी चुकता होने से राहत मिलेगी। घर में महिलाओं एवं सन्तानो की फरमाइश पूरी करनी पड़ेगी। माता पिता से भावनात्मक सम्बन्ध रहेंगे इस कारण किसी अन्य सदस्य से क्लेश भी रह सकता है। संध्या का समय थकान वाला रहेगा फिर भी मनोरंजन में समय बितायेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन आप आनंद के साथ व्यतीत करेंगे। घर बाहर का वातावरण सहयोगी रहने से समस्त कार्य आसान बनेंगे फिर भी कुछ कार्य आज अधूरे भी रह सकते है। सामाजिक कार्यो में सहभागिता बढ़ने से मान-सम्मान भी बढ़ेगा। परिजनो के साथ भविष्य के मांगलिक कार्य की रूपरेखा बनाएंगे। आज आप किसी को भी कुछ विरुद्ध बोलने का मौका नहीं देंगे। सभी को प्रसन्न रखने की विचारधारा परेशानी में भी डालेगी। खर्च बढ़ चढ़ कर रहेंगे फिर भी इनकी परवाह नहीं रहेगी। कार्य से समय निकाल स्वजनों के साथ बाहर घूमने का अवसर मिलेगा। धन लाभ अल्प रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज आप कई दिनों से टल रही घरेलु उलझनों को सुलझाने में व्यस्त रहेंगे घर के सभी सदस्य बैठ कर महत्त्वपूर्ण विषयो पर चर्चा कर सकते है। वाणी का प्रयोग संयमित रखे अन्यथा व्यर्थ की गरमा-गर्मी हो सकती है। व्यवसायी लोग आज ज्यादा परिश्रम करने के मूड में नहीं रहेंगे जितना मिले उसी में संतोष कर लेंगे। सामाजिक कार्यक्रमो में भी बेमन से सम्मिलित होना पड़ेगा फिर भी सम्मान पाने के हकदार रहेंगे। दोपहर के बाद घर में रिश्तेदारो का आगमन होने से चहल-पहल बनेगी। लघु यात्रा पर्यटन पर जाएंगे परिजनों के साथ सुख से समय व्यतीत होगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन का पूर्वार्ध कुछ ख़ास नहीं रहेगा दैनिक कार्य सामान्य गति से चलते रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर विलम्ब के कारण व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। अधूरे कार्य आज भी लटके रहने की संभावना है। मध्यान के बाद का समय कार्यो से मन भटकायेंगा। आज आप स्वयं को छोड़ इधर-उधर की बातों में ज्यादा रूचि लेंगे लेकिन किसी को बिना मांगे सलाह ना दे अन्यथा सम्मान में कमी आ सकती है दो पक्षो में सुलह कराने में भी आपकी महत्त्वपूर्ण भागीदारी रह सकती है। विरोधी शांत रहेंगे। धन लाभ आज चाह कर भी आशा के अनुकूल नहीं रहेगा। आनंद के अवसर मिलेंगे।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏

*********त्रिकटु चूर्ण*******

त्रिकटु शब्द एक संस्कृत शब्द से लिया गया है जहाँ “त्रि” का अर्थ है तीन और “कतु” का अर्थ है जड़ी-बूटियाँ जो गर्म और तीखी हैं। त्रिकटु एक पारंपरिक हर्बल मिश्रण है जिसमें तीन कड़वी जड़ी-बूटियों को समान मात्रा में एक साथ मिलाया जाता है। इस चूर्ण को तैयार करने के लिए

पाइपर नाइग्रम (काली मिर्च),

पाइपर लोंगम (पिप्पली) और

सूखे जिंजिबर ऑफिसिनेल (सौंठ)

के सूखे फलों का उपयोग किया जाता है। त्रिकटु चूर्ण श्वसन और पाचन तंत्र में बढ़े हुए कफ को संतुलित करने में एक आवश्यक भूमिका निभाता है। यह भोजन के पाचन को बढ़ावा देने और भूख बढ़ाने के लिए पेट को पाचन एंजाइमों का उत्पादन करने के लिए भी उत्तेजित करता है।

गुनगुने पानी और शहद के साथ लेने पर यह सबसे अच्छे परिणाम दिखाता है। त्रिकटु चूर्ण के साथ एक महत्वपूर्ण सावधानी यह है कि इसकी गर्म शक्ति के कारण अधिक मात्रा में लेने पर यह गैस्ट्रिटिस को खराब कर सकता है और जलन पैदा कर सकता है।

त्रिकटु चूर्ण किससे बना है?

1)कालीमिर्च ,2)अदरक ,3)पिप्पली

***त्रिकटु चूर्ण के फायदे***

त्रिकटु चूर्ण के लाभों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:-

1. खांसी

एक काफी आम बीमारी है और आयुर्वेद में इसे आमतौर में रूप में जाना जाता है। यह आमतौर पर श्वसन पथ में बलगम जमा होने के कारण होता है। त्रिकटु चूर्ण खांसी और सर्दी के प्रबंधन में एक प्रभावी जड़ी बूटी है। यह खांसी को नियंत्रित करता है, बलगम को बाहर निकालता है और वायुमार्ग को साफ करता है, जिससे रोगी को स्वतंत्र रूप से सांस लेने की अनुमति मिलती है। यह इसके कफ संतुलन गुण के कारण है।

टिप:
1/4 चम्मच त्रिकटु चूर्ण को 1-2 चम्मच शहद के साथ लें,
मिश्रण को मिलाएं और दिन में एक या दो बार इसका सेवन करें
खांसी के लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए

2. अपच

आयुर्वेद के अनुसार, अपच को अग्निमांद्य कहा जाता है और यह इसके कारण होता है। पित्त दोष का असंतुलन। जब भी खाया गया भोजन मंद अग्नि (कम पाचन अग्नि) के कारण बिना पचा रह जाता है, तो यह अमा (अनुचित पाचन के कारण शरीर में विषाक्त अवशेष) बनाता है जिससे अपच होता है। अपच को प्रबंधित करने के लिए त्रिकटु चूर्ण को सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक चूर्ण में से एक माना जाता है। यह अपने दीपन (भूख बढ़ाने वाला) और पाचन (पाचन) गुणों के कारण अपच के लक्षणों को नियंत्रित कर सकता है

3. अस्थमा

अस्थमा एक सूजन वाली स्थिति है जिसमें फेफड़ों तक जाने वाले वायुमार्ग सूज जाते हैं और संकीर्ण हो जाते हैं। इससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है और खांसी शुरू हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, अस्थमा में शामिल मुख्य दोष वात और कफ हैं। दूषित ‘वात’ फेफड़ों में विकृत ‘कफ दोष’ के साथ मिलकर श्वसन मार्ग में रुकावट पैदा करता है। इससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इस स्थिति को स्वास रोग (अस्थमा) के नाम से जाना जाता है। त्रिकटु चूर्ण कफ को संतुलित करता है और फेफड़ों से अतिरिक्त बलगम को निकालता है, जिसके परिणामस्वरूप सांस लेने में आसानी होती है।

4. मोटापा

मोटापा एक ऐसी स्थिति है जो या तो गलत खान-पान या शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण होती है।
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें अपच के कारण अत्यधिक वसा के रूप में अमा (अनुचित पाचन के कारण शरीर में विषाक्त अवशेष) जमा हो जाता है। इससे मेद धातु का असंतुलन होता है जिसके परिणामस्वरूप मोटापा होता है। त्रिकटु चूर्ण अपने दीपन (भूख बढ़ाने वाला) और पचन (पाचन) गुणों के कारण अमा को पचाकर मोटापे के प्रबंधन में मदद करता है। यह चयापचय को बेहतर बनाने में भी मदद करता है जो मोटापे को रोकता है।

4. चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम

चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम (आईबीएस) एक सामान्य विकार है जो पाचन तंत्र को प्रभावित करता है, ज्यादातर बड़ी आंत को। इससे ऐंठन, पेट दर्द, सूजन, गैस और दस्त या कब्ज हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह पाचक अग्नि (पाचन अग्नि) के असंतुलन के कारण होता है। त्रिकटु चूर्ण पाचक अग्नि को बेहतर बनाने में मदद करता है और अपने दीपन (भूख बढ़ाने वाला) और पचन (पाचन) गुणों के कारण आईबीएस के लक्षणों को कम करता है।

**त्रिकटु चूर्ण का उपयोग करते समय सावधानियां:-

स्तनपान

हृदय रोग के मरीज

गर्भावस्था

**त्रिकटु चूर्ण की अनुशंसित खुराक:-

त्रिकटु चूर्ण पाउडर – 1-1.5 ग्राम दिन में दो बार या चिकित्सक के निर्देशानुसार

त्रिकटु चूर्ण का उपयोग कैसे करें
-1-1.5 ग्राम त्रिकटु चूर्ण लें
– इसे भोजन के बाद दिन में एक या दो बार शहद के साथ निगल लें। यदि दमा है तो अमस्था चटनी और त्रिकटु या रैस्पीकल्प की गोली लें अपने निकटवर्ती जानकार आयुर्वेदिक चिकित्सक या वैद्य का परामर्श लें। 

इति शुभं भवतु…..!!!