आज का पंचाग आपका राशि फल गणेश चतुर्थी आज, भारत में भगवान राम के समय भी मनुस्मृति ही राज काज का आधार शक्ति थी मनुमहाराज की परम्परा ही मनुष्यता कहलाती है, भारत में घूंघट प्रथा बाल विवाह प्रथा सती प्रथा जाति प्रथा गलत है ये तो पढाया गया पर ये सब मुगल आदि विदेशी आक्रांताओं के कारण हुआ ये नहीं बताया गया, केवल घूंघट बुरा है बुर्का नहीं!

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻मंगलवार, १९ सितम्बर २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:१८

सूर्यास्त: 🌅 ०६:२४

चन्द्रोदय: 🌝 ०९:४३

चन्द्रास्त: 🌜२०:३६

अयन 🌖 दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🏔️ शरद

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 भाद्रपद

पक्ष 👉 शुक्ल

तिथि 👉 चतुर्थी (१३:४३ से पञ्चमी)

नक्षत्र 👉 स्वाती (१३:४८ से विशाखा)

योग 👉 वैधृति (०३:५८ से विष्कुम्भ)

प्रथम करण 👉 विष्टि (१३:४३ तक)

द्वितीय करण 👉 बव (०२:०३ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 कन्या

चंद्र 🌟 तुला

मंगल 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 सिंह (उदित, पश्चिम, वक्री)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)

शुक्र 🌟 कर्क (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४६ से १२:३५

अमृत काल 👉 ०५:४५ से ०७:२५

रवियोग 👉 ०६:०३ से १३:४८

विजय मुहूर्त 👉 १४:१३ से १५:०२

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१८ से १८:४१

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:१८ से १९:२८

निशिता मुहूर्त 👉 २३:४७ से ००:३४

ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:२९ से ०५:१६

राहुकाल 👉 १५:१४ से १६:४६

राहुवास 👉 पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०९:०७ से १०:३९

होमाहुति 👉 बुध

दिशाशूल 👉 उत्तर

अग्निवास 👉 पृथ्वी (१३:४३ तक)

भद्रावास 👉 पाताल (१३:४३ तक)

चन्द्रवास 👉 पश्चिम

शिववास 👉 क्रीड़ा में (१३:४३ से कैलाश पर)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥

१ – रोग २ – उद्वेग

३ – चर ४ – लाभ

५ – अमृत ६ – काल

७ – शुभ ८ – रोग

॥रात्रि का चौघड़िया॥

१ – काल २ – लाभ

३ – उद्वेग ४ – शुभ

५ – अमृत ६ – चर

७ – रोग ८ – काल

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।

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शुभ यात्रा दिशा

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पश्चिम-दक्षिण (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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श्रीगणेश कलंक चतुर्थी, गणेश जी जन्मोत्सव, पत्थर चौथ (चन्द्र दर्शन निषेध) आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण

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आज १३:४८ तक जन्मे शिशुओ का नाम स्वाती नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (रो, ता) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम विशाखा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (ती, तू, ते) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

कन्या – ०५:५९ से ०८:१७

तुला – ०८:१७ से १०:३७

वृश्चिक – १०:३७ से १२:५७

धनु – १२:५७ से १५:००

मकर – १५:०० से १६:४१

कुम्भ – १६:४१ से १८:०७

मीन – १८:०७ से १९:३१

मेष – १९:३१ से २१:०५

वृषभ – २१:०५ से २२:५९

मिथुन – २२:५९ से ०१:१४

कर्क – ०१:१४ से ०३:३६

सिंह – ०३:३६ से ०५:५५

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पञ्चक रहित मुहूर्त

मृत्यु पञ्चक – ०६:०३ से ०८:१७

अग्नि पञ्चक – ०८:१७ से १०:३७

शुभ मुहूर्त – १०:३७ से १२:५७

रज पञ्चक – १२:५७ से १३:४३

शुभ मुहूर्त – १३:४३ से १३:४८

चोर पञ्चक – १३:४८ से १५:००

शुभ मुहूर्त – १५:०० से १६:४१

रोग पञ्चक – १६:४१ से १८:०७

शुभ मुहूर्त – १८:०७ से १९:३१

शुभ मुहूर्त – १९:३१ से २१:०५

रोग पञ्चक – २१:०५ से २२:५९

शुभ मुहूर्त – २२:५९ से ०१:१४

मृत्यु पञ्चक – ०१:१४ से ०३:३६

अग्नि पञ्चक – ०३:३६ से ०५:५५

शुभ मुहूर्त – ०५:५५ से ०६:०४

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज आप का दिन उत्तम रहेगा लेकिन आज आप अनजाने में किसी गलतफहमी के शिकार होंगे जिससे स्नेहीजन से तकरार होगी। कार्य-व्यवसाय के लिए आज दिन शुभ है भाग्य साथ देगा प्रत्येक कार्य में थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी लेकिन सफलता निश्चित मिलेगी। नौकरी वाले लोग आज कार्य भार बढ़ने से असहजता अनुभव करेंगे। कार्यो में कुछ गलती होने की आशंका है इसका दोष किसी अन्य के ऊपर मढने का प्रयास करेंगे। महिलाये आज वैसे तो शांति से अपने कार्य करेंगी लेकिन किसी की टोका-टाकी से परेशान होकर उग्र रूप भी धर सकती है। आर्थिक लाभ सामान्य से उत्तम रहेगा। सरकारी कार्य मे किसी की सहायता मिलने से आसानी होगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन भी आपकी सुख सुविधा में बढ़ोतरी वाला है। परन्तु स्वभाव में लापरवाही भी रहने से इसका पूरा लाभ नही उठा पाएंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से आज का दिन पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा। कार्य क्षेत्र से अतिरिक्त आय होगी। रुके हुए कार्य पूर्ण होने से भी धन के स्त्रोत्र बढ़ेंगे। सामाजिक गतिविधियों में पूरा समय ना दे पाने से लोगो से दूरी बन सकती है। संध्या का समय पूर्वनियोजित रहेगा पर्यटन पार्टी की योजना बनाई जाएगी। उत्तम भोजन के साथ गृहस्थ का सुख मिलेगा कुछ समय के लिये पति पत्नी में गरमा गरमी भी होने की सम्भावना है। सन्तानो के ऊपर खर्च करना पड़ेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन भी परिस्थिति लाभदायी बनी रहेगी लेकिन धन कमाने के लिए आपको बौद्धिक परिश्रम अधिक करना पड़ेगा। व्यवसाय में आज भूल कर भी किसी को।उधार ना दे डूबने की संभावना अधिक है।कार्य क्षेत्र से कुछ समय निकालकर मित्र परिवार के साथ मनोरंजन में व्यतीत करेंगे परन्तु आज दुर्व्यसनों से दूर रहना अति आवश्यक है शरीर के साथ मान हानि भी होने की संभावना है हालांकि आज परोपकार का शुभ फल भी मिलने की आशा है। कार्य क्षेत्र पर सहयोगियों की कमी होने के बाद भी संतोषजनक धन लाभ हो जाएगा। दाम्पत्य जीवन पहले से बेहतर रहेगा। सन्तानो की प्रगति से आत्मसंतोष होगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आपको आज का दिन शांत रहकर बिताने की सलाह है। अन्यथा सारा दिन संबंधियों से रूठने मनाने में ही व्यतीत हो जायेगा। घरेलू कलह विकराल रूप ले सकती है परिजनों की गलतियों को अनदेखा करने में ही आज भलाई है लेकिन आज किसी के आगे समर्पण भी ना करें । बुजुर्ग वर्ग भी आज आपकी विचारधारा के विपरीत सोच रखेंगे जिससे तालमेल बैठाने में मुश्किल होगी। कार्य क्षेत्र पर अन्य व्यक्ति आपकी लाचारी का फायदा उठा सकता है। थोड़ा धैर्य रख अच्छे समय की प्रतीक्षा करें। आर्थिक लाभ पाने के लिये ज्यादा परिश्रम करना पड़ेगा। महिलाओ से आवश्यकता अनुसार व्यवहार करें। लोभी प्रवृति नुकसान करा सकती है इससे बचें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन आपको अवश्य धन लाभ करायेगा कारोबार व्यवसाय में अचानक बढ़ोतरी होगी लेकिन सहकर्मियों का विपरीत व्यवहार से क्रोध भी आयेगा। नौकरी पेशा जातक आज किसी ना किसी कारण अधिकारी वर्ग से परेशान रहेंगे। महिलाये आज गुप्त तरीके से धन संचय करेंगी सौंदर्य प्रसाधन एवं अन्य व्यक्तिगत कार्यो पर खर्च भी करेंगी। परिवार के प्रति अधिक भावनात्मक बनेंगे। आध्यात्म में रूचि होने पर भी समय नहीं दे पाएंगे। व्यसनों से दूर रहें। सरकारी कार्यो में उलझने बढ़ने से भाग-दौड़ व्यर्थ जायेगी। धन के लेन-देन सम्बंधित कार्य आज ना करें। बुजुर्गो की बात ना मानने पर बाद में पछताना पड़ेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन आपकी दिनचार्य में उठापटक लगी रहेगी। आज जिस भी कार्य को करें बीच-बीच मे उसकी समीक्षा अवश्य करले गलत दिशा में जाने की संभावना है। आज आपमे व्यवहारिकता की कमी रहेगी जिससे किसी से काम निकालना मुश्किल होगा। आर्थिक विषय आज खास परेशान करेंगे। भागीदारी के कार्य में हानि होने की संभावना भी है। लंबी यात्रा लाभ की जगह खर्चीली रहेगी एवं इससे कोई विशेष प्रयोजन भी सिद्ध नहीं कर पाएंगे। आज किसी सरकारी उलझन में भी फंस सकते है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। सर्जरी अथवा अन्य महंगे इलाज अधिक विचार करने के बाद ही कराये।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आपको किसी परिचित से नई व्यवहारिक सीख मिलेगी। आपके मन में भी आज कुछ नया सीखने अथवा करने की भावना रहेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से संतुष्टि रहेगी। कार्य क्षेत्र पर बिक्री बढने से धन की आमद बनेगी। व्यक्तित्व का विकास होने से सामाजिक छवि बेहतर बनेगी। परन्तु पारिवारिक समस्याओं के कारण मन अशांत रहेगा। घर में किसी विवाद के बढ़ने की सम्भवना है। मौन दर्शक बनकर रहने में ही भलाई है। सेहत में थोड़ा बहुत बदलाव आ सकता है। विपरीत लिंगीयो से किसी ग़लतफ़हमी के कारण मतभेद होंगे। धन से अधिक संबंधो को प्राथमिकता देने पर भी शांति नही मिलेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन भी आपको कुछ ना कुछ हानि ही करायेगा। परिवार अथवा कार्य क्षेत्र पर कोई दुखद घटना होने की संभावना है किसी भी प्रकार का जोखिम ना लें। आज धन बचाने की जगह अतिरिक्त खर्च होगा। पुरानी गलतियों या व्यवहार की कमी के कारण आज मन में ग्लानि रहेगी। सेहत भी आज विपरीत रहने से मन की बहुप्रतीक्षित इच्छा अधूरी रह सकती है पैतृक संपत्ति के कार्य उलझन बढ़ाएंगे। आज आप दूर की ना सोच नजदीकी लाभों से संतोष करने की वृति अपनायें। घरेलु वातावरण पहले ही अशान्त रहेगा बाहर भी किसी से धन या अन्य विषयों को लेकर बहस होने पर मानसिक अशांति रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आप निश्चिन्त होकर दिनचार्य बिताएंगे। दिन का अधिकांश समय शांति से व्यतीत होगा। मानसिक रूप से दृढ़ रहेंगे। जिस भी कार्य को करने की ठानेंगे उसे हानि-लाभ की परवाह किये बिना पूर्ण करके छोड़ेंगे। आर्थिक स्थिति आज बेहतर रहेगी। स्वयं एवं घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से कर लेंगे। कार्य व्यवसाय में विस्तार होने के साथ ही सम्मान भी मिलेगा। नौकरी वाले लोगो की पदोन्नति में आरही बाधा दूर होगी। सामाजिक दायरे में वृद्धि होने से अन्य आय के साधन बनेंगे। घर परिवार में आपकी आवश्यकता रहेगी। भाई-बहनों से मित्रवत सम्बन्ध रहेंगे। स्वार्थ सिद्धि की भावना से दूर रहेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज भी दिन आपके अनुकूल रहेगा आज आपके साथ लंबे समय तक के लाभ के संबंध जुड़ेंगे। रोजगार के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयास आज फलीभूत होने से आर्थिक समस्याओं का समाधान होगा। बेरोजगार व्यक्तियों को भी रोजगार मिलने की सम्भावना बनेगी। आज आपसे बहस में कोई नहीं जीत पायेगा। बड़बोलेपन के कारण महिलाओं के सम्मान में कमी होगी। दिन के उत्तरार्ध में कार्य भार बढ़ने से कमर अथवा अन्य अंगों में दर्द की शिकायत रहेगी। पारिवारिक वातावरण मिला जुला रहेगा। वाहन अथवा अन्य सुख के साधनों की खरीददारी कर सकते है। सामाजिक क्षेत्र पर योगदान देने से ख्याति बढ़ेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन आपके लिये मिश्रित फलदायक रहेगा। दिन के आरंभ थोड़े विलम्ब से होगा पूजा-पाठ के लिये समय निकालेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज किसी बहुप्रतीक्षित योजना में विलंब होने से मन बेचैन होगा सहयोगी भी मनमानी करेंगे। आज लाभ पाने के लिये आपको स्वयं के सामर्थ्य कार्य करने पढ़ेंगे। आर्थिक रूप से दिन सामान्य रहेगा धन की आमद निर्वाह योग्य होगी लेकिन उधार के व्यवहार ना बढ़ाये परेशानी खड़ी हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा आज ना करें। महिलाओ का व्यवहार रहस्यमय रहेगा। बाहर के लोग आपकी किसी कमजोरी का मजाक बनाएंगे। गृहस्थ जीवन मे संघर्ष अधिक रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन भी आपको अनचाहे हालातो का सामना करना पड़ेगा। जिस भी कार्य को करेंगे उसमे व्यवधान आएगा। आपके विचारों अथवा कार्य शैली का विरोध हो सकता है। महिलाये आज अधिक भावुक रहेंगी छोटी मोटी बातो को प्रतिष्ठा से जोड़ेंगी। शारीरिक परिश्रम की अपेक्षा दिमागी परिश्रम को ज्यादा महत्त्व देंगे इसमें सफल भी रहेंगे। गैस कब्ज अथवा स्वसन तंत्र सम्बंधित रोग होने से असहजता होगी। ज्यादा तले भुने खाने से परहेज करें। संतान की पढ़ाई को लेकर भी थोड़ी चिंता रहेगी। सरकारी कार्यो में भी विलम्ब होगा। सामाजिक क्षेत्र पर अधिक बोलने से बचें।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️राधे राधे

मनुस्मृति 

भगवान राम के समय भी मनुस्मृति ही राज काज का आधार शक्ति थी। तो भगवान राम ने भीलनी के जूठे बैर, निषाद राज के साथ मित्रता और अपने राज तिलक पर मुख्य अतिथि निषाद राज को बनाया। और केवट को भी अपने बराबर का दर्जा दिया। भील समुदाय से भीलनी और निषाद समुदाय से निषादराज और मल्लाह समुदाय से केवट आजकल सारे दलित कहलाने लगे हैं। 

तो यह कैसे संभव था? और अगर ब्राह्मणवाद हावी था। तो राम क्षत्रिय थे, फिर ब्राह्मण राम की पूजा क्यों करते हैं और रावण का पुतला क्यों जलाते हैं? अगर सती प्रथा अनिवार्य थी मनुस्मृति में , तो राम के समय भी थी तो दशरथ की तीन पत्नियां सती क्यों नहीं हुई? राजा शांतनु की पत्नी सत्यवती क्यों सती नहीं हुई। चित्र वीर्य विचित्र वीर्य की पत्नियों अंबिका और अंबालिका क्यों सती नहीं हुई? कंस जरासंध शिशुपाल की पत्नियों क्यों सती नहीं हुई। लाखों योद्धा महाभारत के युद्ध में मारे गए उनकी पत्नियां क्यों सती नहीं हुई। चंद्रगुप्त मौर्य बिंदुसार गुप्त मौर्य सम्राट अशोक गुप्त मौर्य एवं हर्षवर्धन इत्यादि की पत्नियों सती क्यों नहीं हुई? 

क्या कारण था कि मुगलों के आने के बाद सती प्रथा शुरू हुई। कारण सीधा था हमारी जिस प्रकार आज आपस में एक दूसरे से नफरत और फूट है। इस प्रकार एक क्षत्रिय की दूसरे पर क्षत्रिय से एक राजा की दूसरे राजा से आपस में फुट के कारण जब मुग़ल हमला करते थे जो समूह में अरब इस्लामी देशों से आए थे और राजा को मार दिया जाता था और राजा के राज्य पर कब्जा कर लिया जाता था। 

तो उनकी राजकुमारी और रानियों को यौन दासियों के रूप में प्रयोग करना शुरू कर दिया जाता था और अपना ही समाज जो दूसरे राज्य में राजा होता था। वह तालियां बजाता था उसे राजा के हारने पर और उन रानियां और राजकुमारी को यौन दासियों के रूप में प्रयोग होने पर। तब उन राजकुमारियां एवं रानियों ने मुगलों के अत्याचार से भयभीत होकर आत्मदाह करना या सती होना या जिसको जौहर कहते हैं वह करना शुरू कर दिया। 

अर्थात् तुर्क और मुगलों के यौन उत्पीड़न के भय से ग्रसित होकर आत्मदाह की प्रक्रिया शुरू हुई उसकी सती प्रथा कह दिया बाद में जब देखा गया। कि अब मुगलों का भय समाप्त है। तो फिर राजा राममोहन राय को बंगाल के संन्यासियों ने समर्थन दिया और उस प्रथा को बंद करवा दिया। उस प्रथा का तो आज भी पता चलता है कि हिंदू एक शादी करता है और अरब में आज भी लोगों को यौन दासियों के रूप में वहु विवाह व्यवस्था रखी गई है संविधान के अनुसार भी। जय श्री राम हर हर महादेव। कृपया शेयर अवश्य करें।

 आपने कभी देखा है शक्तिमान शक्ति की चरण सेवा करते हुए ?… जैसे भगवान श्री नारायण लक्ष्मी जी की… भगवान शंकर पार्वती जी… श्रीराम सीता जी की ?… पर भगवान श्रीकृष्ण श्रीराधा जी की श्रीचरण सेवा करते हैं… और ठाठ से कहते भी हैं की मैं मेरी श्यामा जु की आज सेवा की… ये तो मेरी श्रीराधा जी की कृपा है मुझपर…दया है मुझपर… ऐसा क्यों हुआ ?… ये तो सबको ज्ञात है कि- शक्ति शक्तिमान से कदापि अलग रह नहीं सकतीं… श्रीराधा कृष्ण में ये सेवा का विलक्षण कैसे दिखाई देता है ?… वो इसिलिए की- प्रेमतत्व की सार मादन स्वरुपा रासेश्वरी श्रीराधा रानी ही सर्वश्रेष्ठ तत्व हैं। महाभाव की परम पराकाष्ठा हैं श्रीराधा रानी। श्रीकृष्ण जिसकी आराधना करें, उस तत्व का नाम राधातत्व है। ये अति गोपनीय तत्व है। इस तत्व को भागवत ग्रंथ में बडे निराले ढंग से बतायी गई है। कोई व्यक्ति सहज से समझ नहीं सकता। महापुरुष समझ सकता है और बता भी सकता है। हमलोग किमती सामान को अलमारी में रखते हैं… सुरक्षित… ऐसे इस तत्व को भी भागवत रुपी अलमारी में बडे ही सुरक्षित तरीके से रखा गया है। पर हम जैसे अधम,पतीत लोगों के लिए शुकदेव परमहंस महाराज जी ने ये गोपनीय तत्व को प्रकाश किया। आज भी इस तत्व को कोई कोई इनेगीने संत कर पाते हैं…ये तत्व वृंदावन की कण कण में मिलेंगें। इसिलिए ब्रज रसीकों के आगे स्वयं सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी गिडगिडाते हैं की हमें भी ब्रजरस दे दो। जिसकी चरण-धूलि ब्रह्म श्रीकृष्ण अपने सिर पर धारण करते हैं, जिसके अंक में लेटे हुये श्रीकृष्ण अपना गोलोक को भूल जाते हैं,जिसकी रुपमाधुर्य को श्रीकृष्ण सदैव पान करते रहते हैं…जिसकी नाम अपनी वंशी में ले लेके पुकारते हैं… जिनके स्मरण में वो रोते हैं…कंठ गदगद हो जाता है… जिसकी गुणगान करते करते श्यामसुंदर थकते नहीं हैं… ऐसी सत्ता का नाम है-‘श्रीराधा’। जिसकी अंश हैं- कोटि ब्रह्माणी,शिवानी, कमला आदि… क्योंकि कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, बिना प्रेम के वो कुछ भी नहीं हैं…भगवान के कई धाम हैं… वद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथ, वैष्णोदेवी, द्वारका, रामेश्वरम,तिरुपति,काशी इत्यादि इत्यादि पर प्रेमधाम एक ही है…वो है वृंदावन धाम… श्रीराधा तत्व को पंचम मुल जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने अपने साहित्य के माध्यम से… प्रवचन के माध्यम से पुरे विश्व को दिव्य अनमोल उपहार दिये हैं… सारा संसार उनका चिरकाल ऋणी रहेगा… बोलीये अलवेली सरकार की जय……राधे राधे

भारत में भगवान राम के समय भी मनुस्मृति ही राज काज का आधार शक्ति थी मनुमहाराज की परम्परा के कारण मनुष्यता कहलाती है।

भारत में घूंघट प्रथा बाल विवाह प्रथा सती प्रथा जाति प्रथा गलत है ये तो पढाया गया पर ये सब मुगल आदि विदेशी आक्रांताओं के कारण हुआ ये नहीं बताया गया विरोध केवल घूंघट का है बुर्के का नहीं!। क्रोनालाजी समझिए। 

  *जय श्री कृष्ण*🌷🙏

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