आज का पंचाग आपका राशि फल, नदियों के संरक्षण का पर्व है गंगा दशहरा, विजय मिले या वीरगति सब महादेव के नाम- परमात्मा नन्द सरस्वती, संसार से अनेक सभ्यताओं को मिटाने वालों का लक्ष्य अब भारत है

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉 🌄सुप्रभातम🌄🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻मंगलवार, ३० मई २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:३७

सूर्यास्त: 🌅 ०७:१०

चन्द्रोदय: 🌝 १४:२८

चन्द्रास्त: 🌜२६:३४

अयन 🌖 उत्तरायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🌡️ग्रीष्म 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 ज्येष्ठ 

पक्ष 👉 शुक्ल 

तिथि 👉 दशमी (१३:०७ से एकादशी)

नक्षत्र 👉 हस्त (पूर्ण रात्रि)

योग 👉 सिद्धि (२०:५५ से व्यतीपात)

प्रथम करण 👉 गर (१३:०७ तक)

द्वितीय करण 👉 वणिज (२५:३२ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 वृष 

चंद्र 🌟 कन्या 

मंगल 🌟 कर्क (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 मेष (उदय, पूर्व, मार्गी)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र 🌟 कर्क (उदित, पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४७ से १२:४२

अमृत काल 👉 २३:३७ से २५:१९

रवियोग 👉 पूरे दिन

विजय मुहूर्त 👉 १४:३४ से १५:२९

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:११ से १९:३१

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:१२ से २०:१३

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५४ से २४:३४

राहुकाल 👉 १५:४३ से १७:२८

राहुवास 👉 पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०८:४६ से १०:३०

होमाहुति 👉 शनि

दिशाशूल 👉 उत्तर

अग्निवास 👉 पाताल (१३:०७ से पृथ्वी)

भद्रावास 👉 पाताल (२५:३२ से) 

चन्द्रवास 👉 दक्षिण

शिववास 👉 सभा में (१३:०७ से क्रीड़ा में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – रोग २ – उद्वेग

३ – चर ४ – लाभ

५ – अमृत ६ – काल

७ – शुभ ८ – रोग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – काल २ – लाभ

३ – उद्वेग ४ – शुभ

५ – अमृत ६ – चर

७ – रोग ८ – काल

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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दक्षिण-पूर्व (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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श्री गंगा दशहरा, आचार्य श्रीरामशर्मा पुण्य दिवस, शुक्र कर्क में १९:३८ से, श्री बटुक भैरव जयन्ती, विवाह मुहूर्त वृष-कर्क लग्न (प्रातः ०५:३७ से ११:१२), गोधुलि (सायं ०६:२७ से रात्रि ०८:०५) तक, उपनयन (जनेऊ) संस्कार+चूड़ाकर्म (मुण्डन) संस्कार+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०८:५९ से १२:२४ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ३०:४७ तक जन्मे शिशुओ का नाम हस्त नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (पू, ष, ण, ठ) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

वृषभ – २८:२९ से ०६:२४

मिथुन – ०६:२४ से ०८:३९

कर्क – ०८:३९ से ११:००

सिंह – ११:०० से १३:१९

कन्या – १३:१९ से १५:३७

तुला – १५:३७ से १७:५८

वृश्चिक – १७:५८ से २०:१७

धनु – २०:१७ से २२:२१

मकर – २२:२१ से २४:०२

कुम्भ – २४:०२ से २५:२८

मीन – २५:२८ से २६:५१

मेष – २६:५१ से २८:२५

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पञ्चक रहित मुहूर्त

मृत्यु पञ्चक – ०५:१७ से ०६:२४

अग्नि पञ्चक – ०६:२४ से ०८:३९

शुभ मुहूर्त – ०८:३९ से ११:००

रज पञ्चक – ११:०० से १३:०७

शुभ मुहूर्त – १३:०७ से १३:१९

चोर पञ्चक – १३:१९ से १५:३७

शुभ मुहूर्त – १५:३७ से १७:५८

रोग पञ्चक – १७:५८ से २०:१७

शुभ मुहूर्त – २०:१७ से २२:२१

मृत्यु पञ्चक – २२:२१ से २४:०२

अग्नि पञ्चक – २४:०२ से २५:२८

शुभ मुहूर्त – २५:२८ से २६:५१

मृत्यु पञ्चक – २६:५१ से २८:२५

अग्नि पञ्चक – २८:२५ से २९:१६

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन आपको विभिन्न सुखों की प्राप्ति कराएगा। दिन के आरंभ में आलस्य प्रमाद फैलाएंगे जिससे किसी महत्वपूर्ण कार्य में विलंब होगा परिजन भी इस कारण नाराज हो सकते हैं। आज मन ना होने पर भी प्रलोभन में आकर व्यवसायिक दौड़-धूप करेंगे परंतु धन लाभ होने पर की गई दौड़-धूप अखरेगी नहीं। सार्वजनिक क्षेत्र पर वरिष्ठ व्यक्ति से मिलने के अवसर प्राप्त होंगे परंतु इसका कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं उठा पाएंगे। घर में किसी परिजन के द्वारा सामर्थ्य से अधिक वस्तु की मांग मुश्किल में डालेगी इसे टालने का प्रयास करेंगे लेकिन सफल नहीं हो पाएंगे। झूठे वादे किसी से ना करें अन्यथा सम्मान हानि हो सकती है। माता का व्यवहार आज शत्रु तुल्य लगेगा लेकिन यह आपके लिए हितकर ही होगा। मधुमेह अथवा असंयमित रक्तचाप के मरीजों को कुछ समय के लिए मूर्छा अथवा शारीरिक शिथिलता बनेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आप अपनी बुद्धि विवेक का आवश्यकता से अधिक ही उपयोग करेंगे प्रत्येक कार्य में मीनमेख निकालना परिजनों के साथ बाहरी लोगों को भी अखरेगा। आज भी स्वाभाव में थोड़ी बहुत जीद रहेगी लेकिन कल जैसे कोई आपकी बातों को सहन नही करेगा अपना विरोध होते देख तुरंत बाद से पलट जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था रहने के कारण उचित लाभ नहीं उठा पाएंगे फिर भी कार्य क्षेत्र के अतिरिक्त बाहरी संपर्कों में से किसी की खुशामद करने पर धन की आमद हो ही जाएगी। मध्याह्न के बाद मन मनोरंजन की ओर भटकेगा दुर्व्यसनों पर खर्च करेंगे। मित्र मंडली में बैठते समय मौन ही रहने का प्रयास करें अन्यथा आपस की छोटी मोटी मजाक भी किसी के दिल को लगने पर गंभीर विवाद खड़ा कर सकती है। संध्या बाद घर में भी कलह होने की संभावना है। अपना आचरण मर्यादित रखें स्वयं की ही किसी गलती से सेहत खराब होगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आपको शांत रहने का सुझाव है। आज परिजन से कोई मनोकामना पूर्ण ना होने पर क्रोध आएगा जिस पर संयम ना रहने पर किसी से हाथापाई की भी नौबत आ सकती है। परिजन फिर भी धैर्य रखेंगे लेकिन बाहर आपका ऐसा आचरण अवश्य ही किसी बड़ी मुश्किल में डाल सकता है। कार्य क्षेत्र पर भी आप के अभद्र व्यवहार के कारण हंगामा होने के आसार हैं। सहकर्मियों को शक की निगाह से देखना आपके लिए ही हानि करेगा। धन की आमद बिना किसी की सिफारिश अथवा चापलूसी के होना मुश्किल ही है। थोड़ी बहुत आय होगी भी लेकिन सुख के साधनों पर खर्च हो जाएगी। किसी दुर्व्यसन पर भी खर्च करेंगे इसके लिए संचित धन को खर्च करने में भी संकोच नहीं करेंगे। आकस्मिक दुर्घटना के योग हैं सतर्क रहें।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन भी आपके लिए बेहतर रहने वाला है लेकिन आज आलस्य प्रमाद अधिक रहने के कारण जल्दी से किसी कार्य को करने के लिए तैयार नहीं होंगे। काम धंधे के प्रति आज पूरी तरह से लापरवाही रहेंगे बैठे-बिठाए लाभ कमाने की मानसिकता आर्थिक लाभ में कमी करेगी। वैसे तो आपकी पराक्रम शक्ति बढ़ी रहेगी लेकिन इसका प्रयोग आवश्यक कार्यों में ना कर व्यर्थ के कार्यों में करेंगे आज के दिन सरकारी कार्यों को छोड़ अन्य जिस भी कार्य में अपना दिमाग लगाएंगे उसमें अन्य लोगों की अपेक्षा तुरंत सफलता मिल सकती है। कुटुंब की आवश्यकता एवं सुख सुविधा बढ़ाने पर अत्यधिक खर्च होगा पर्यटक स्थल पर सैर-सपाटे के प्रसंग बनने से मन रोमांचित रहेगा। संध्या से सेहत में गिरावट दर्ज होने लगेगी समय रहते उपचार करें अन्यथा आगे स्थिति ज्यादा गंभीर हो सकती है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आपका किसी भी कार्य को करने में मन नहीं लगेगा मध्यान्ह तक का समय व्यर्थ की कल्पनाओं में खराब करेंगे। घरेलू कार्य एक साथ सर पर आने पर बेमन से करने ही पड़ेंगे अपने कार्य अन्य किसी के ऊपर डालने पर नोकझोंक होगी। दैनिक उपभोग की वस्तुओं से जुड़े व्यवसाइयों के अतिरिक्त अन्य कोई भी कार्य क्षेत्र से मनचाही सफलता की आशा न रखें। मध्यान्ह के बाद का समय आनंद मनोरंजन में व्यतीत होगा इसके लिए अपने आवश्यक कार्यों को भी अनदेखा करेंगे। मित्र परिचितों के साथ किसी रमणीय स्थल की यात्रा होगी धार्मिक क्षेत्र पर आज चोरी होने का भय है सतर्क रहें। संतानों के ऊपर आज विशेष नजर रखें जाने अनजाने कोई गलती कर सकते हैं। जिसका पारिवारिक प्रतिष्ठा पर विपरीत असर पड़ेगा। रात्रि के समय उत्तम भोजन सुख मिलेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन आप का मन आवश्यकता से अधिक चंचल रहेगा। मित्र मंडली में लंबी-लंबी डींगें हांकने पर हंसी के पात्र बनेंगे। अपनी उम्र से बड़े लोगों के सामने विवेक से पेश आएं अन्यथा मानहानि अवश्य हो कर रहेगी। सरकारी कर्मचारियों को पद प्रतिष्ठा का लाभ एवं सामान्य वर्ग को भी सरकार के द्वारा लाभ होने की संभावना है। व्यवसायी वर्ग को आशाजनक धन लाभ किसी ना किसी मार्ग से हो जाएगा। कार्यक्षेत्र पर ले देकर काम बनाने की मानसिकता हानि करा सकती है जो भी कार्य करें दृढ़ निश्चय हो कर करें परिणाम आपके पक्ष में ही रहेगा। घरेलू वातावरण में अपने विनोदी स्वभाव से तालमेल बनाए रखेंगे। लेकिन आज विपरीत लिंगीय आकर्षण मानहानि करा सकता है इसका विशेष ध्यान रखें। पेट संबंधित कुछ ना कुछ विकार बना रहेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन आपके लिए व्यर्थ की मानसिक परेशानियों वाला रहेगा। खर्च अनियंत्रित होने के कारण मानसिक तनाव बढ़ेगा। हाथ में पैसा ना होने पर मजबूरी में किसी से उधार लेने की नौबत आ सकती है। कार्यक्षेत्र पर लाभ की संभावना भी बनते-बनते अंत समय में टलने से मन निराश होगा। घर परिवार में किसी शुभ आयोजन की खरीदारी होगी। अन्य कार्यों की व्यस्तता के चलते कार्यक्षेत्र पर कम ही समय दे पाएंगे फिर भी दैनिक खर्चों की पूर्ति थोड़े ही समय में हो जाएगी। भागीदारों अथवा जीवन साथी से आर्थिक मामलों को लेकर कहासुनी होने की संभावना है। धैर्य से काम लें अन्यथा आगे के लिये समस्या बनेगी। जब भी मेहनत करने का मौका मिले इससे पीछे ना हटे निकट भविष्य में इसका फल अवश्य ही आपके लिए हितकर रहेगा। पारिवारिक वातावरण छोटी-छोटी बातों में गर्म होने से मन बेचैन रहेगा फिर भी बीच-बीच में दिमाग ठंडा करने के प्रसंग बनते रहेंगे। पेट संबंधित शिकायत आज भी रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन आप सार्वजनिक क्षेत्र पर बेहतर प्रदर्शन कर प्रशंसा के पात्र बनेंगे। जटिल कार्यो को भी अपने व्यवहार कुशलता से आसान बनाएंगे। दिन के आरंभ में थोड़ी बहुत शारीरिक समस्या बनेगी लेकिन कार्य व्यस्तता के चलते इनको अनदेखा करना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय में आज संभावनाएं तो काफी रहेगी लेकिन अंत समय में कुछ ना कुछ व्यवधान आने से लाभ के नजदीक पहुंचकर निराश हो सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों के लिए आज दिन शुभ ही रहेगा अपनी वाक पटुता से अधिकारियों को प्रसन्न कर सकेंगे। परिवार में छोटी मोटी नोकझोंक को छोड़ सुख शांति का अनुभव होगा। आज कुटुंब में किसी के अमर्यादित आचरण के कारण शर्मसार भी होना पड़ सकता है। संध्या बाद अत्यधिक थकान होने से मन में उच्चाटन आएगा। छोटी बड़ी यात्रा आनंद के साथ लाभ भी कराएगी।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन आपके लिए कार्य सफलता वाला रहेगा। आप दिन के प्रथम भाग के बाद पूर्वनियोजित योजनाओं में सफलता मिलने से उत्साहित रहेंगे। कई दिनों से चल रही आर्थिक मंदी अकस्मात धन लाभ होने से खत्म होगी। लेकिन भविष्य के लिए संचय आज भी नहीं कर पाएंगे धन हाथ में आते ही अक्समात खर्चों में भी वृद्धि होने से तुरंत निकल जाएगा। फिर भी सुख सुविधा जुटाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। आज परिजनों की बातों पर आंख बंद कर कर भरोसा करने पर हानि हो सकती है इसका विशेष ध्यान रखें। दांपत्य जीवन में अचानक परिवर्तन देखने को मिलेगा कई दिनों से चल रही खींचतान अकस्मात ही प्रेम में बदल जाएगी। इसके पीछे पति-पत्नी का व्यक्तिगत स्वार्थ भी हो सकता है। घरेलू खर्चों के अतिरिक्त बड़े बुजुर्गों पर खर्च करना पड़ेगा। लोहे के उपकरणों से कार्य करते समय सावधानी बरतें जलने कटने का भय रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आप की धार्मिक भावनाओं में वृद्धि होगी। अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर पूजा पाठ आदि धार्मिक कृत्यों एवं परोपकार में लगेंगे। धन की आवश्यकता होने पर भी आप कार्य व्यवसाय के प्रति ज्यादा गंभीर नहीं रहेंगे। इसके फलस्वरुप सीमित आय से ही गुजारा करना पड़ेगा। कार्यक्षेत्र पर आज अधीनस्थ कर्मचारियों एवं सहकर्मियों के कहे अनुसार ही कार्य करना पड़ेगा। फिर भी अति आवश्यक निर्णय स्वयं के विवेक से ही लें अन्य लोगों के भरोसे रहने पर बाद में पश्चाताप होगा। पारिवारिक वातावरण भी धार्मिक रहेगा घर में पूजा पाठ आदि शुभ कर्म संपन्न होंगे। मित्र परिजनों के साथ धार्मिक क्षेत्र की यात्रा होगी। दान पुण्य पर भी थोड़ा बहुत खर्च करेंगे सेहत आज ठीक-ठाक ही रहेगी।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन प्रातः काल से ही सेहत में नरमी बनेगी। असंयमित खान-पान अथवा अपच के कारण पेट दर्द के साथ शारीरिक अंगों में शिथिलता अनुभव करेंगे। कार्य व्यवसाय में तेजी रहने पर भी धन की आमद के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। कार्यक्षेत्र हो या घर परिवार सभी लोग आपसे स्वार्थ सिद्धि के लिए ही प्रेम करेंगे। दोपहर के आस-पास कोई नया कार्य हाथ लगेगा लेकिन इसमें भी आर्थिक लाभ होते होते टलेगा। आज किसी भी प्रकार के जोखिम भरे कार्य से दूर ही रहना बेहतर है। संध्या का समय दिन की अपेक्षा बेहतर रूप से गुजरेगा किसी पुराने परिचित से भेंट होगी। घर के बड़े बुजुर्गों से अपनी कामना पूर्ति की आस अंत समय मे टूटने पर मन दुखी होगा। सफर अतिआवश्यक होने पर ही करें उधार किसी परिचित को भी ना दें।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज दिन के दिन आपको मिली जुली परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। दिन के आरंभ में जिन लोगों से आर्थिक अथवा अन्य प्रकार की मदद का आश्वासन मिलेगा मध्यान्ह आते आते सभी एक-एक करके साथ छोड़ते जाएंगे शारीरिक रूप से भी सामर्थ्य कम ही रहेगा फिर भी परिस्थितियों को देखकर भागदौड़ करनी ही पड़ेगी व्यवसायी वर्ग निवेश अथवा कोई महत्वपूर्ण सौदा करते हुए सतर्क रहें धोखा होने की संभावना है। उधार के व्यवहार भूलकर भी ना करें संध्या का समय दिन की अपेक्षा सुधार वाला रहेगा थोड़ी बहुत आय बनने से मानसिक राहत मिलेगी। घर में भी भाई बंधू अथवा अन्य पारिवारिक मामलों में बाहरी लोगों के दखल से आपसी फूट जैसी स्थिति बनेगी। स्त्री एवं संतान के अलावा अन्य किसी का सहयोग ना के बराबर ही रहेगा। यात्रा की योजना फिलहाल स्थगित करें सेहत एवं धन व्यर्थ खराब होंगे।

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नदियों के संरक्षण का प्रतीक पर्व है गंगा दशहरा

 

पौराणिक आख्यानों के अनुसार धरती में गंगा जी का अवतरण ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को माना गया है।इसीलिए इस तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक दृष्टिकोण से इतर यदि हम पर्यावरणीय नजरिये से गंगा अवतरण की कथा और गंगा दशहरा पर्व की मान्यता देखें तो हमें इसमें साफ तौर पर हिमालय सहित सम्पूर्ण जगत को बचाये रखने का संवेदनशील भाव दिखायी देता है। राजा भगीरथ के कठिन तप के बाद गंगा जब धरती पर आने के लिए राजी हो गयी तो संकट इस बात का था कि गंगा के प्रचंड वेग को धरती एक साथ नहीं संभाल पायेगी। अन्ततः समाधान के तौर पर उपाय आया कि यदि शिव अपनी विशाल जटाओं में गंगा के आवेग को समाहित करते हुए उसकी मात्र एक धारा छोड़ सकें तो धरती गंगा का वेग आसानी से संभाल सकती है। अंत में शिव ने गंगा को जटाओं में समेटने के बाद ही छोटी धारा को धरती पर छोड़ा। यथार्थ में देखें तो हिमालय और अन्य पहाड़ (जलागम क्षेत्र) ही शिव की विशाल जटाओं के प्रतीक स्वरुप हैं जहां से प्रचंड वेग वाली गंगा विभाजित होकर अलग-अलग नदी धाराओं के रुप में उद्गमित होती हैं। सम्भवतः इसीलिए हमारे देश में सप्त नदियां गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी सहित अन्य सभी छोटी-बड़ी नदी को गंगा सदृश्य मानने की परम्परा रही है। मध्य हिमालयी भाग में हिमानी और गैर हिमानी स्रोतों से निकलने वाली कई आंचलिक नदियों के नाम गंगा से जुड़े हुए हैं यथा-रामगंगा, कालीगंगा, सरयू गंगा, गोमती गंगा, कैल गंगा, धौली गंगा व खीर गंगा आदि।

उत्तराखंड में चार-पांच दशक पूर्व के गंगा दशहरा पर्व की बात करें तो उस समय कुमाऊं अंचल के गांव-कस्बों में दशहरा पर्व अत्यंत उल्लास के साथ मनाये जाने की परम्परा दिखाई देती थी । तब जेठ की तपती गरमी के बीच घर व मंदिरों के चौखटों में रंग-बिरंगे द्वार पत्र लगाये जाते थे। गांव के कुल पुरोहित अपने हाथों से इन पत्रों को बनाने के बाद इन्हें जजमानों को देकर बदले में उनसे दक्षिणा प्राप्त किया करते थे। कुमाऊं में आज भी मान्यता है कि यह द्वार पत्र सुरक्षा कवच की तरह काम करता है और इससे घरों की प्राकृतिक आपदा और वज्रपात से सुरक्षा होती है तथा चोरी, अग्नि आदि का भय व्याप्त नहीं रहता। परम्परागत तौर पर बने दशहरा द्वार पत्र रंग-बिरंगी ज्यामितीय डिजायनों से अलंकृत रहते हैं।किसी समय इन पत्रों को रंगने के लिए स्थानीय वनस्पतियों खाजकर दाड़िम, किलमड, अखरोट व बुरांश सहित अन्य फूल-पत्तियों के प्राकृतिक रंग उपयोग में लाये जाते थे। परंतु अब बाज़ार से छपे हुए दशहरा पत्र चलन में आने लगे हैं। दशहरा पत्र को पुरोहितों द्वारा सुरक्षा मंत्र से पूरित किया जाता है। इसमें लिखा एक श्लोक/मंत्र इस तरह का है-

‘अगस्त्यश्च पुलस्त्यश्च वैशम्पायन एव च

सुमन्तुजैमिनिश्चैव पञ्चते वज्रवारकाः

मुनेः कल्याणमित्रस्य जैमिनेश्चापि कीर्तनात्

विद्युदग्निभयं नास्ति लिखितं गृहमण्डले

यत्राहिशायी भगवान् यत्रास्ते हरिरीश्वरः

भङ्गो भवति वज्रस्य तत्र शूलस्य का कथा’

गंगा दशहरा के दिन यहां के लोग प्रातःकाल होते ही सरयू व गोमती के संगम स्थल बागेश्वर, भागीरथी व अलकनंदा के संगम देवप्रयाग, ऋषिकेश हरिद्वार, रामेश्वर, थल सहित कई अन्य तीर्थ व संगम स्थलों में स्नान कर पुण्य अर्जित करते है।

 मान्यता है कि पहाड़ के लोक में हर छोटी-बड़ी नदी गंगा का ही प्रतिरूप है। गंगा दशहरा पर्व के पीछे गंगा नदी द्वारा पृथ्वी में पहुंच कर वहां के जन-जीवन को तृप्त करने की जो लोक भावना दिखायी देती है उस दृष्टि से गंगा और इसकी सभी सहायक नदियों को भी गंगा के सदृश्य ही पवित्र समझा गया है। अतः प्रकृति में प्रवाहमान सभी जलधाराओं व नदियों को साफ सुथरा रखने और उन्हें पर्याप्त संरक्षण प्रदान करने की हमारी यह लोक मान्यता भारतीय संस्कृति व दर्शन को अलौकिक और महान बनाती है। इस दिन यहां चीनी, सौंफ और कालीमिर्च के मिश्रण से स्वादिष्ट शरबत तैयार करने की भी परम्परा है। यह शरबत गंगा-अमृत जैसा माना जाता है। पहाड़ के जनमानस में यह मान्यता चली आयी है कि इस दिन इस शरबत के सेवन करने से लोग वर्ष पर्यन्त निरोग रहते हैं। ✍️चंद्रशेखर तिवारी 

हर हर महादेव परम पूज्य गुरुदेव शिव शक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर एवं श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यदि नरसिंहआनंद गिरि जी के द्वारा शिव शक्ति धाम डासना में संन्यास की दीक्षा ग्रहण की

 पूज्य गुरुदेव ने हमारा नामकरण किया यति परमात्मा नंद सरस्वती

 हम गुरु जी के आदेशानुसार भारत को सनातन वैदिक राष्ट्र बनाने के लिए एवं विश्व को जिहाद से मुक्त करने के लिए आजीवन कार्य करेंगे

 विजय मिले या वीरगति सब महादेव के नाम

 जीते जी रण छोड़ के जाना वीरों का नहीं काम

 हर हर हादेव

*1400 साल पहले अरब से जब इस्लामिक आंधी उठी तो इसने कई राष्ट्रों और कई सभ्यताओं का नामोनिशान मिटा दिया। ईरान से पारसियों का साम्राज्य पर्शिया का नामोनिशान मिटा दिया, इराक के यहुदी दुनिया में अब ढूंढे नहीं मिलते हैं। अफ्रीका से लेकर एशिया तक कितने सभ्यताएं और कितने साम्राज्य इस आंधी में उड़ गए जिनका अब कोई नामोनिशान ढूंढने से भी नही मिलता।*

*दुनिया में सिर्फ एक सनातन हिंदू सभ्यता है जो इनसे न केवल मुकाबला कर रही है बल्कि अपनी छीनी हुई विरासत भी वापस ले रही है। आज हम इनसे राम मंदिर ले चुके हैं, ज्ञानवापी लेने ही वाले हैं और मथुरा समेत अन्य विरासत भी लेकर रहेंगे।*

*हमारे महिमाशाली पुरखे हजार सालों से इनसे लड़कर अपनी खोई विरासत छीनते आ रहे हैं जाहिर है हमारे रक्त मे उसी स्वाभिमान का डीएनए दौड़ता है।*

*नासिक में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक त्रयंबकेश्वर मंदिर को औरंगजेब ने 1680 ईसवी में तोड़कर वहाँ मस्जिद का निर्माण करके नासिक का नाम गुलशनाबाद कर दिया था। मराठाओं ने 1751 में गुलशनाबाद पर कब्जा कर लिया और मस्जिद को गिराकर पुन: भव्य मंदिर का निर्माण करके गुलशनाबाद का नाम पुनः नासिक कर दिया… इस मंदिर का पुननिर्माण बाजीराव बल्लाड पेशवा ने किया था।**🚩अयोध्या काशी मथुरा सहित भारत में ऐसे करीब 28 हजार मंदिर तोड़े गये विद्रुप किए गये और लूटे गये। ताकि भारतीय संस्कृति समाप्त हो सके अभी भी भारत में छद्म रूप से अनेक आतंकी संगठनों, पीएफआई, बक्फबोर्ड लैंड जिहाद लव जिहाद गुरूकुलों को समाप्त करने आदि किसी न किसी रूप में यह प्रक्रिया सतत जारी है। उनका लक्ष्य गजवां ए हिंद है।🙏🚩-(*साभार)