आज का पंचाग आपका राशि फल, भारत की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है पूर्वोत्तर में धर्मांतरण माफिया, कैंसर कहीं हो कितना ही फैल गया हो पपीते की चाय से होगा ठीक, भारत में बनेंगे हर वर्ष 5 करोड़ आईफोन, एपल के इस बड़े प्लान ने चीन को दिया भारी झटका

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻मंगलवार, १२ दिसंबर २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०७:१०

सूर्यास्त: 🌅 ०५:३०

चन्द्रोदय: 🌝 ❌❌❌

चन्द्रास्त: 🌜१६:३३

अयन 🌖 दक्षिणायणे (दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🗻 हेमन्त 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 मार्गशीर्ष 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 अमावस्या (२९:०१ से प्रतिपदा)

नक्षत्र 👉 अनुराधा (११:५७ से ज्येष्ठा)

योग 👉 धृति (१८:५२ से शूल)

प्रथम करण 👉 चतुष्पाद (१७:४७ तक)

द्वितीय करण 👉 नाग (२९:०१ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 वृश्चिक 

चंद्र 🌟 वृश्चिक 

मंगल 🌟 वृश्चिक (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 धनु (अस्त, पूर्व, वक्री)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)

शुक्र 🌟 तुला (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मीन 

केतु 🌟 कन्या 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५० से १२:३१

अमृत काल 👉 २६:३६ से २८:०९

विजय मुहूर्त 👉 १३:५३ से १४:३४

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१५ से १७:४३

सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:१८ से १८:४०

निशिता मुहूर्त 👉 २३:४३ से २४:३८

राहुकाल 👉 १४:४४ से १६:०१

राहुवास 👉 पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०९:३७ से १०:५४

दुर्मुहूर्त 👉 ०९:०६ से ०९:४७

होमाहुति 👉 केतु (११:५७ से सूर्य)

दिशाशूल 👉 उत्तर

नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (११:५७ से) 

अग्निवास 👉 पाताल 

चन्द्रवास 👉 उत्तर

शिववास 👉 गौरी के साथ (२९:०१ से श्मशान में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – रोग २ – उद्वेग

३ – चर ४ – लाभ

५ – अमृत ६ – काल

७ – शुभ ८ – रोग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – काल २ – लाभ

३ – उद्वेग ४ – शुभ

५ – अमृत ६ – चर

७ – रोग ८ – काल

नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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उत्तर-पश्चिम (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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देव-पितृ कार्ये मार्गशीर्ष भौमवति अमावस्या आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ११:५७ तक जन्मे शिशुओ का नाम अनुराधा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ने) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (नो, या, यी) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

वृश्चिक – २९:०७ से ०७:२६

धनु – ०७:२६ से ०९:३०

मकर – ०९:३० से ११:११

कुम्भ – ११:११ से १२:३७

मीन – १२:३७ से १४:००

मेष – १४:०० से १५:३४

वृषभ – १५:३४ से १७:२९

मिथुन – १७:२९ से १९:४४

कर्क – १९:४४ से २२:०६

सिंह – २२:०६ से २४:२४

कन्या – २४:२४ से २६:४२

तुला – २६:४२ से २९:०३

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पञ्चक रहित मुहूर्त

रज पञ्चक – ०७:०३ से ०७:२६

शुभ मुहूर्त – ०७:२६ से ०९:३०

चोर पञ्चक – ०९:३० से ११:११

शुभ मुहूर्त – ११:११ से ११:५७

रोग पञ्चक – ११:५७ से १२:३७

शुभ मुहूर्त – १२:३७ से १४:००

शुभ मुहूर्त – १४:०० से १५:३४

रोग पञ्चक – १५:३४ से १७:२९

शुभ मुहूर्त – १७:२९ से १९:४४

मृत्यु पञ्चक – १९:४४ से २२:०६

अग्नि पञ्चक – २२:०६ से २४:२४

शुभ मुहूर्त – २४:२४ से २६:४२

रज पञ्चक – २६:४२ से २९:०१

अग्नि पञ्चक – २९:०१ से २९:०३

शुभ मुहूर्त – २९:०३ से ३१:०४

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आज का राशिफल

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज दिन के आरंभ में सेहत संबंधित समस्या रहेगी काम करने में उत्साह नही रहेगा घर के सदस्यों से किसी कारण ताने सुनने पड़ेंगे। लेकिन मध्यान के बाद स्थिति में सुधार आएगा विरोध करने वालो को अपनी गलती का अहसास होगा। परन्तु कार्य क्षेत्र पर आज अनमने मन से ही कार्य करेंगे। धन लाभ अल्प मात्रा में एवं आवश्यकता के समय नही होगा जिससे कार्य बाधित हो सकते है। संध्या के आस-पास अपने बुद्धि विवेक से कुछ रुके काम बना लेंगे जिससे निकट भविष्य में आय की संभावना बनेगी। अधिकारी एव परिजनों से आज सतर्क रहें।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आपको आज का दिन मिला-जुला फल देगा दिन के आरंभ में आलस्य एवं किसी बात को लेकर चिड़चिड़े रहेंगे लेकिन अतिआवश्यक एवं धन संबंधित कार्य मध्यान से पहले पूर्ण करने का प्रयाद करें इसके बाद प्रत्येक कार्य मे उलझने बढ़ने से अधूरे रह सकते है। कार्य क्षेत्र पर किसी से विवाद होगा सहकर्मियों से भी मनमुटाव के कारण कार्य मे विलम्ब होगा। घरेलू वातावरण भी आज अस्त-व्यस्त ही रहेगा। आपकी बात आज कोई भी जल्दी से नही सुनेगा जिससे क्रोध में भरे रहेंगे। सेहत भी कुछ खास ठीक नही रहेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आप किसी सरकारी उलझन में पड़ सकते है। दो पक्षो के झगड़े में आपका ना बेवजह आने से व्यर्थ की भाग-दौड़ करनी पड़ सकती है। लेकिन मध्यान के बाद गलतफहमी दूर होने से राहत की सांस लेंगे। फिर भी मध्यान तक ज्यादा सावधानी रखें। स्वभाव से चंचल रहेंगे किसी की भी बातो को बिना तथ्य जाने सच मान लेंगे जिससे बाद में परेशानी होगी। बुरानी बीमारियों में आज थोड़ा सुदर आएगा फिर भी लापरवाही से बचें। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन सामान्य रहेगा। आय-व्यय लगभग समान ही रहेंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज आप प्रातः काल से ही पूर्व नियोजित कार्य से लाभ की आशा लगा कर रखेंगे परन्तु इसके मध्यान तक पूर्ण ना होने से थोड़े अधीर रहेंगे। क्रोध में आकर आज कोई अनैतिक कार्य भी कर सकते है बाद में इसकी ग्लानि मन को दुखी करेगी। व्यवसायी वर्ग व्यवसाय सामान्य चलने से निश्चिन्त रहेंगे परन्तु धन लाभ में कोई ना कोई अड़चन अवश्य आएगी। नौकरी पेशा जातक स्वयं को बेहतर दिखाने के चक्कर मे कोई बड़ी गलती कर सकते है जिसका दुष्परिणाम शीघ्र देखने को मिलेगा। गृहस्थ जीवन मे आज धैर्य की कमी रहेगी फिर भी वातावरण काम निकालने लायक रहेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज दिन के पूर्वार्ध में अशुभ समाचार मिलने से बेचैन रह सकते है। मध्यान तक आपसी व्यवहार में विशेष सावधानी रखें किसी से मामूली बात का बतंगड़ बन सकता है हास परिहास भी मर्यादा में रहकर ही करें आपकी बाते किसी को चुभने से माहौल गरम होने की सम्भावना है। मध्यान के बाद का समय परिस्थितियों में धीरे-धीरे सुधार लाएगा। धार्मिक भावनाएं आज बलवती रहेंगी। धर्म के कामो में समय एवं धन व्यय करेंगे। आर्थिक रूप से आज का दिन आपके बौद्धिक एवं शारीरिक परिश्रम पर ज्यादा निर्भर करेगा। आज परिजनों की समस्या का समाधान अवश्य करें।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन का आरंभिक भाग धन लाभ करेगा किसी अधूरे कार्य के पूर्ण होने से धनागम सुनिश्चित होगा परन्तु इसमे विलम्ब हो सकता है। आज आपके सामाजिक व्यवहारों में वृद्धि होगी प्रथम दृष्टया यह झंझट ही लगेगा परन्तु बाद में लाभ दायक सिद्ध होगा। व्यावसायिक अथवा किसी अन्य कार्य को लेकर उच्च प्रतिष्ठित लोगो के साथ भेंट होगी इसका परिणाम आपके पक्ष में परन्तु विलम्ब से आएगा। मध्यान के बाद परिस्थिति प्रतिकूल बनने लगेंगी सेहत के साथ साथ कार्य क्षेत्र पर भी अधिक ध्यान देना पड़ेगा। परिजनों से किसी विषय को लेकर मतभेद होंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज दिन के पूर्वार्ध में आप कार्यो को लेकर आलस्य दिखाएंगे परन्तु इसके बाद का समय पूरी निष्ठा एवं तैयारी के साथ अधूरे कार्य पूर्ण करने में लग जाएंगे सहकर्मियों का सहयोग अपेक्षा से कम ही रहेगा फिर भी धन लाभ में ज्यादा व्यवधान नही आएंगे। व्यवसायी वर्ग नगद व्यवहार को अधिक महत्त्व देंगे जिससे आर्थिक आयोजनों में स्पष्टता रहने के साथ ही ज्यादा मगजमारी नही करनी पड़ेगी। परिवार मे किसी बाहरी व्यक्ति के दखल देने से आपसी विश्वास की कमी रह सकती है। सुखोपभोग की वस्तु खरीदने की योजना बनेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन आपकी सुख शांति में वृद्धि करेगा परन्तु किसी के उकसावे में आकर कुछ समय के लिए विवेक पर नियंत्रण खो सकते है भ्रामक बातो में ना आये सुख शांति के लिए आज आवश्यक है। व्यापार व्यवसाय में आकस्मिक लाभ के सौदे मिलने से भविष्य की योजनाएं गति लेंगी। नौकरी पेशा जातको को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा जिससे सम्मान की प्राप्ति भी होगी। परिवारक दायित्वों की पूर्ति करने में थोड़े असहज रह सकते है लेकिन ले देकर इससे भी पर पा लेंगे। स्वास्थ्य आज सामान्य बना रहेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आप अधिक परिश्रम के कारण शारीरिक शिथिलता अनुभव करेंगे लेकिन परिश्रम का सकारात्मक फल मिलने से उत्साहित भी रहेंगे। कार्य व्यवसाय में आज थोड़े व्यवधान रहेंगे फिर भी आवश्यकता अनुसार धन की आमद हो ही जाएगी। आज किसी पारिवारिक सदस्य के विपरीत व्यवहार पर क्रोध आएगा जिससे कुछ समय के लिए वातावरण अशांत रहेगा। उधार दिए धन की वसूली की लिए समय उपयुक्त है परंतु आर्थिक व्यवहारों में आज गरमा गर्मी से बचे उधार आज किसी से ना लें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज दिन का पहला भाग शांति से बिताएंगे लेकिन इस अवधि में लाभ की आशा आलस्य-प्रमाद की भेंट चढ़ेगी। इसके बाद का समय कष्टकारी रहने वाला है। आज आपके स्वभाव में थोड़ी उद्दंडता रहेगी एवं आपको भी अन्य लोगो ऐसे ही व्यवहार का सामना करना पड़ेगा जिससे दिनचार्य खराब होगी। कार्य स्थल पर कोई भी काम मन के अनुसार नही होगा। नौकरी वाले जातक अधिकारी एवं सहकर्मियों के स्वभाव में अचानक परिवर्तन आने से परेशान होंगे। किसी से काम निकालना आज अत्यंत मुश्किल रहेगा। धन लाभ के लिये तरस सकते है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन आपकी महात्त्वकांक्षाये बढ़ चढ़ कर रहेंगी दिखावे की प्रवृति रहने के कारण अन्य लोगो को अपने आगे तुच्छ मानेंगे जिससे स्नेहीजन आपसे दूरी बना कर रहेंगे। कार्य व्यवसाय में मनमानी एवं जल्दबाजी करने से हानि हो सकती है। आर्थिक रूप से दिन उठापटक वाला रहेगा। अचानक लाभ होता दिखाई देगा अगले पल निराशा मिलेगी लेकिन फिर भी मध्यान के बाद कही से अकस्मात लाभ होने की संभावना है। पारिवारिक सदस्य आज आपके स्वभाव से परेशान होने की जगह मजाक में लेंगे। सेहत थोड़ी गड़बड़ रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन मध्यान से पहले आपको कोई लाभदायक समाचार मिलेगा धन कोष में भी आकस्मिक वृद्धि होगी। कार्य व्यवसाय से दिन के पहले भाग में अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक लाभ कमा लेंगे इसके बाद का समय उदासीन रहेगा। सरकारी कार्य आज करने से सफलता की संभावनाएं अधिक रहेंगी। परन्तु आज किसी से भी किसी भी प्रकार के उधारी व्यवहार ना करें बाद में पछतावा होगा। धर्म कर्म में रुचि लेंगे पौराणिक धार्मिक स्थल की यात्रा होगी। आज कोई मनोकामना घरेलू कारणों से पूर्ण नही होने पर दुख होगा। दाम्पत्य जीवन का सुख सामान्य रहेगा।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏*

*भारत की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है पूर्वोत्तर में धर्मांतरण माफिया**

पिछले वर्ष एक साप्ताहिक अंग्रेजी अखबार ने एक लेख प्रकाशित किया था कि कैसे जर्मनी और यूरोप के अन्य देशों के चर्च असम में धर्मांतरण के लिए भारी मात्रा में धन का निवेश कर रहे हैं। यह मामला एक प्रशंसा पत्र के माध्यम से प्रकाश में आया, जो असम में तेजपुर के एक सूबा द्वारा जर्मन चर्च के पादरी को भेजा गया था।

इस पत्र को बाद में लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी (LRO) द्वारा एक्सेस किया गया, जिसमें जर्मन पादरी को संबोधित करते हुए COVID प्रतिबंधों के बीच 18 जनवरी, 2021 को तेजपुर डायोकेसन खाते में 7500 यूरो (6,55,000 INR) दान करने के लिए धन्यवाद दिया था।

इस पत्र में आगे लिखा गया है कि धन का उपयोग “ईसाई धर्म के प्रचार से संबंधित विभिन्न कार्यों, विश्वास निर्माण, और अन्य सामाजिक कल्याण गतिविधियों के लिए किया जाएगा।” पत्र में असम के विभिन्न गांवों और विशेष रूप से चाय बागान क्षेत्रों में अपनी प्रचार गतिविधियों को करने के लिए जाने का भी उल्लेख किया गया था।

असम की हिंदू आबादी के धर्मांतरण के लिए मिशनरियों का विशिष्ट लक्ष्य गुवाहाटी, तेजपुर और डिब्रूगढ़ में स्थित तीन अलग-अलग पादरी / प्रशासनिक प्रभागों के माध्यम से हो रहा है। वे असम मिशन फील्ड (एएमएफ) का एक हिस्सा हैं जो केसी दास रोड, सतरीबाड़ी, गुवाहाटी में स्थित मिजो प्रेस्बिटेरियन चर्च परिसर से संचालित होता है।

तीन पादरीयों में एएमएफ के विभिन्न मिशन स्टेशन/फील्ड कार्यालय आम तौर पर चर्चों, मिशनरी स्कूलों और अन्य प्रशासनिक कार्यालयों के रूप में छद्म भेष में चल रहे हैं। ये एजेंटों के एक नेटवर्क के माध्यम से संचालित होते हैं, जो ज्यादातर नए शामिल किए गए स्थानीय धर्मान्तरित होते हैं। उनकी निगरानी अच्छी तरह से प्रशिक्षित मिज़ो अधिकारियों द्वारा की जाती है जिन्हें फील्ड सचिव के रूप में नामित किया जाता है।

परिवर्तन के उद्देश्य के लिए कुछ विशिष्ट मापदंडों के आधार पर मिशन स्टेशनों के भीतर स्थानीय समुदायों / व्यक्तियों की पहचान मैप बनाकर की जाती है। इस अभ्यास के पीछे मुख्य तर्क यह है कि इससे जनसंख्या की उन श्रेणियों का निर्धारण करना होता है, जो धर्मांतरण के प्रति संवेदनशील या उदार हैं। इसमें प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित, आर्थिक या चिकित्सा आपदाओं से प्रभावित, अविकसित/दूरस्थ इलाकों के रहवासी, एकल माता-पिता, अनाथ आदि शामिल होते हैं।

यहां यह जानना जरूरी है कि पहले काफी लंबे समय तक ऊपरी असम और पूर्वी अरुणाचल मिशन फील्ड को एएमएफ में मिला दिया गया था, जो उस समय एक फील्ड डायरेक्टर के अकेले पर्यवेक्षण के लिए एक बहुत बड़ा क्षेत्र था। 7 अप्रैल, 2017 को ऊपरी असम और पूर्वी अरुणाचल मिशन फील्ड नाम से एक नया मिशन फील्ड बनाया गया था, जिसका मुख्यालय ऊपरी असम के डिब्रूगढ़ जिले में बनाया गया। यहां प्रत्येक पादरी के क्षेत्र और अधिकार क्षेत्र के साथ-साथ मिशनरियों की पोस्टिंग को सावधानीपूर्वक चिह्नित किया जाता है।

इस संदर्भ में एक प्रश्न, जो सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील है, वो ये कि क्या धार्मिक रूपांतरण जबरन और पूर्व-नियोजित यानी किसी विशेष उद्देश्य से किए गए हैं, या क्या वे सच में वास्तविक हैं? अगर हैं तो इसके तरीके क्या हैं? हमें इन पहलुओं को समझने की जरूरत है ताकि इस मुद्दे के अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच सकें।

उदाहरण के लिए, शैक्षणिक संस्थानों, विशेष रूप से कॉन्वेंट और मिशनरी स्कूलों ने लगातार हिंदू धर्म के प्रतीक चिन्हों का अपमान किया है। कई उदाहरणों में, हिंदू छात्रों को उनके विश्वास के प्रतीकों को प्रदर्शित करने के लिए उनका मजाक भी बनाया गया है।

ऐसे कई मामले हमने सुने और पढ़े होंगे, जहां इन स्कूलों ने बच्चों को अपने विश्वास के लिए शर्मिंदगी महसूस कराने और इसके खिलाफ जहर उगलने का काम किया है। गरीब, बीमार और जरूरतमंद हमेशा इस ईसाई धर्मांतरण माफिया के सबसे प्रमुख लक्ष्य रहे हैं। उदाहरण के लिए भारत के कई हिस्सों से हमने बार-बार ऐसी खबरें पढ़ी हैं, जहां गरीब और बीमार मरीजों को धर्म परिवर्तन के लिए पैसे का लालच दिया गया था।

भारत ईसाई मिशनरियों और उनके गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ अपनी सुरक्षा को कभी कम क्यों नहीं कर सकता, ये संस्थागत धर्मांतरण के स्पष्ट उदाहरण हैं, जो बड़े पैमाने पर अच्छी तरह से वित्त पोषित मिशनरियों द्वारा किए जा रहे हैं। धर्मांतरण माफिया बहुत सुव्यवस्थित है और लंबे समय से कई स्तरों पर काम कर रहा है। इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि इस देश की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए एक व्यवस्थित प्रयास हमेशा से चला आ रहा है।

समस्या की जड़ गहरी है। भारत में ईसाई शिक्षण संस्थानों की लोकप्रियता के पीछे मुख्य कारक इन स्कूलों में शिक्षा की प्राथमिक भाषा के रूप में अंग्रेजी का उपयोग है। भारत के ब्रिटिश उपनिवेश काल के दौरान अंग्रेजी भाषा को दिया गया महत्व हमारे देश में लगातार बढ़ता गया। 1947 के बाद यह भाषा एक जुनून बन गई, क्योंकि यह भारतीय संभ्रांत वर्ग के उपनिवेशवादी दिमागों के अनुकूल थी, जाहिर तौर पर इस तरह की व्यवस्था से अर्जित सामाजिक और राजनीतिक पूंजी के अपार लाभों के कारण यह हमेशा चलन में रही।

अंग्रेजों द्वारा छोड़े गए सत्ता ढांचे ने भारतीयों के दैनिक जीवन में अपना प्रभुत्व कायम किया। एक नई प्रणाली तैयार करने के बजाय, उसी पुरानी प्रणाली को जारी रखना बहुत आसान हो गया। इसलिए हम भारत के लगभग सभी प्रमुख सामाजिक-राजनीतिक संस्थानों में आज तक औपनिवेशिक मानसिकता की गहरी जड़ता को समझ सकते हैं। इसलिए, भारत से अंग्रेजों के जाने के बाद, ईसाई मिशनरियों ने भारतीय समाज के उभरते हुए नए बुद्धिजीवी वर्ग में अपना आसान प्रतिस्थापन पाया। नतीजतन, भारत में ईसाई शिक्षण संस्थानों के माध्यम से मौजूदा शिक्षा प्रणाली का सूक्ष्म और आक्रामक तरीके से उपयोग किया गया है

इस तरह के धर्मांतरण के परिणाम खतरनाक और विनाशकारी रहे हैं। हमारे पास पंजाब का मामला है जहां मिशनरियों द्वारा लगातार सिखों को निशाना बनाया जा रहा है, दक्षिण में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के बड़े बेल्ट पहले ही परिवर्तित हो चुके हैं।

उत्तर-पूर्वी भारत के विभिन्न वनवासी समुदायों की पारंपरिक आस्था-प्रणालियों ने इस धार्मिक धर्मांतरण के कुछ सबसे बुरे प्रभावों को झेला है। असम के डिब्रूगढ़ में मोरन में विश्व उपचार प्रार्थना केंद्र में रंजन चुटिया की अध्यक्षता में, उनका नापाक एजेंडा कैसे काम करता है, इसका एक बहुत अच्छा उदाहरण है।

लेकिन, धार्मिक रूपांतरण के ऐसे अधिकांश मामलों में एक दिलचस्प पैटर्न देखा जा सकता है कि वे भारत के भू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील सीमा क्षेत्रों और साथ ही रणनीतिक रूप से स्थित तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर केंद्रित हैं।

ऊपरी असम के विभिन्न जिलों में फैला है, जो कैथोलिक ईसाई बहुल राज्यों नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश से सटा हुआ है। पंजाब, केरल, तमिलनाडु, या यहां तक कि ओडिशा की भी बात करें तो यही पैटर्न देखने को मिलता है। इसलिए हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि भारत की सीमाओं के साथ एक बहुत ही सुनियोजित जनसांख्यिकीय बदलाव कई ब्रेकिंग-इंडिया ताकतों के हाथों संचालित किया जा रहा है।

इसका उद्देश्य न केवल भारतीय समाज की समग्र सामाजिक-सांस्कृतिक संरचना को बदलना है, बल्कि सीमा पार हमारे दुश्मनों को हमारे देश के रणनीतिक स्थानों पर कब्जा करने में सक्षम बनाना है। उदाहरण के लिए उत्तर-पूर्व हमेशा इन प्रचारकों के निशाने पर क्यों रहा है?

ऐसा इसलिए है क्योंकि यह क्षेत्र म्यांमार, बांग्लादेश और चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाएं साझा करता है। यानी वे देश जहां से आज उत्तर-पूर्व को प्रभावित करने वाली विशिष्ट समस्याएं भी उत्पन्न हुई हैं, जैसे म्यांमार से अवैध ड्रग्स और हथियारों की तस्करी, बांग्लादेश से घुसपैठ के माध्यम से धार्मिक जनसांख्यिकीय परिवर्तन, चीन द्वारा वित्त पोषित माओवाद, आदि।

इससे कभी न खत्म होने वाले टकराव और आंतरिक अस्थिरता की स्थिति पैदा हो गई है। इसकी दुर्गंध हर जगह फैली हुई है। हालांकि, सबसे चिंताजनक बात इसकी पहुंच की तीव्रता है जो दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। धर्म परिवर्तन का एजेंडा निस्संदेह एक भयानक वास्तविकता है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा भी है।

**The Narrative World-11-Dec-2023**

पपीते के पत्ते की चाय –

 किसी भी स्टेज के कैंसर को सिर्फ 60 से 90 दिन में जड़ से खत्म किया जा सकता है

 पपीते के पत्ते –

 तीसरी और चौथी स्टेज का कैंसर सिर्फ 35 से 90 दिनों में ठीक हो सकता है।

 अब तक –

 हम इंसानों ने पपीते के पत्तों का इस्तेमाल बहुत ही सीमित तरीके से किया होगा…

 (खासतौर पर प्लेटलेट कम करने या त्वचा संबंधी या अन्य किसी छोटे या बड़े प्रयोग के लिए)

 लेकिन,

 आज हम आपको क्या बताने जा रहे हैं 

 ये वाकई आपको हैरान कर देगा.

 आप सिर्फ पांच हफ्ते में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म कर सकते हैं।

 यह प्रकृति की एक शक्ति है

 अनेक प्रकार की वैज्ञानिक खोजों से बहुत सारा ज्ञान प्राप्त हुआ जो –

 पपीते के हर भाग जैसे फल, तना, बीज, पत्तियां, जड़ सभी में कैंसर कोशिकाओं को मारने और उसके विकास को रोकने के लिए शक्तिशाली औषधि होती है।

 विशेष रूप से –

 पपीते की पत्तियों में कैंसर कोशिकाओं को मारने और उनकी वृद्धि को रोकने के गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

 तो आइए जानें…

 यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा (2010) और अमेरिका तथा जापान के अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरों और शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध से यह पता चला है कि –

 पपीते की पत्तियों में कैंसर कोशिकाओं को मारने का गुण पाया जाता है।

 श्री। नाम डांग – एमडी, पीएचडी जो एक आविष्कारक हैं,

 उसके अनुसार –

 पपीते की पत्तियां सीधे कैंसर का इलाज कर सकती हैं,

उसके अनुसार –

 पपीते की पत्तियां करीब 10 तरह के कैंसर को खत्म कर सकती हैं।

 इनमें से प्रमुख हैं-

 स्तन कैंसर,

 फेफड़े का कैंसर,

 यकृत कैंसर,

 अग्न्याशय का कैंसर,

 गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर,

 इसमें जितनी ज्यादा पपीते की पत्तियां डाली जाएंगी.

 परिणाम उतना ही बेहतर होगा.

 पपीते की पत्तियां कैंसर का इलाज कर सकती हैं

 और,

 कैंसर को बढ़ने से रोकता है।

 तो आइए जानें-

 पपीते की पत्तियां कैंसर का इलाज कैसे करती हैं?

 (1) पपीता कैंसर रोधी अणुओं Th1 साइटोकिन्स के उत्पादन को बढ़ाता है।

 जो इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है.

 जिससे कैंसर कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।

 (2) पपीते के पत्ते में पपेन नमक है –

 प्रोटियोलिटिक एंजाइम पाए जाते हैं,

 जो कैंसर कोशिकाओं पर प्रोटीन कोटिंग को तोड़ देता है…

 इससे कैंसर कोशिकाओं का शरीर में जीवित रहना मुश्किल हो जाता है।

 इस प्रकार,

 पपीते के पत्ते की चाय-

 रोगी के रक्त में मिलकर मैक्रोफेज को उत्तेजित करता है…

 प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करके,

 कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देता है।

कीमोथेरेपी/रेडियोथेरेपी और पपीते के पत्तों से उपचार के बीच मुख्य अंतर यह है –

 कीमोथेरेपी में –

 प्रतिरक्षा प्रणाली ‘दबी हुई’ है।

 जबकि पपीता निकलता है –

  प्रतिरक्षा प्रणाली को ‘उत्तेजित’ करता है,

 कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी में सामान्य कोशिकाएं भी ‘प्रभावित’ होती हैं।

 पपीता केवल कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करता है।

 सबसे बड़ी बात यह है कि –

 कैंसर के इलाज में पपीते की पत्तियों का भी कोई ‘साइड इफेक्ट’ नहीं होता है।

 *कैंसर में पपीते का सेवन नियम:

 कैंसर के लिए सर्वोत्तम पपीते की चाय :-

 दिन में 3 से 4 बार बनाएं पपीते की चाय

 यह आपके लिए बहुत फायदेमंद है.

 आइए अब जानते हैं –

 पपीते की चाय कैसे बनाएं:-

 (1) सबसे पहले 5 से 7 पपीते के पत्तों को धूप में अच्छी तरह सुखा लें।

 तब,

 इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ लें.

 आपके पास 500 मि.ली. पानी में –

 कुछ सूखे पपीते के पत्ते डालें और अच्छी तरह उबालें।

 इतना उबालें कि –

 यह आधा रह गया है.

 आप इसे 125 ml दे सकते हैं. दिन में 2 बार करी पियें।

 और,

 अगर ज्यादा बनता है तो इसे दिन में 3 से 4 बार पियें।

 बचे हुए तरल को फ्रिज में रखें और आवश्यकतानुसार उपयोग करें।

 इसका रखें ख्याल-

 इसे दोबारा गर्म न करें.

 (2) 7 ताजी पपीते की पत्तियां लें,

 – इसे हाथ से अच्छी तरह गूंथ लें.

 अब इसे 1 लीटर पानी में उबालें.

 जब यह 250 मि.ली. यदि यह बढ़ जाए तो इसे छानकर 125 मि.ली. इसे 2 टाइम यानि सुबह और शाम पियें।

 इस प्रयोग को आप दिन में 3 से 4 बार कर सकते हैं।

 आप जितना अधिक पपीते के पत्तों का उपयोग करेंगे…

 उतनी ही जल्दी आपको लाभ मिलेगा.

 टिप्पणी :-

 इस चाय को पीने के आधे घंटे तक आपको कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए।

 *कब तक करना है यह प्रयोग?

 तो यह प्रयोग आपको 5 सप्ताह में अपना परिणाम दिखा देगा…

 हालाँकि

 हम आपको इसे 3 महीने तक इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।

 और,

 ये लोग जो समझ गए हैं,

 उन लोगों ने उन लोगों का भी भला किया है,

 जिनका कैंसर ‘तीसरे’ या ‘चौथे’ चरण का था।

 

 ये संदेश –

 सभी को भेजने हेतु एक विनम्र अनुरोध।

 एक कतरा चाहिए…

 ताकि अन्य जरूरतमंदों तक पहुंचा जा सके।

 डॉ. धनेश सूरत _/कनाडा मोबाइल 99796 18999

 कैंसर में 25 वर्ष का अनुभव

कृपया इस मेसेज को आपके सभी समुहो मे भेजे हो सके किसी का भला हो जाये और आपको उसका आशीर्वाद मील जाये

**भारत में बनेंगे हर वर्ष 5 करोड़ आईफोन, एपल के इस बड़े प्लान ने चीन को दिया भारी झटका**

*अमेरिकी टेक्नोलॉजी कम्पनी एप्पल आगामी वर्षों में भारत में 5 करोड़ आईफोन (एप्पल का स्मार्टफोन) का निर्माण करेगी। यह उसके कुल वार्षिक निर्माण का 25% होगा। इस प्रकार दुनिया उपयोग होने वाले एक चौथाई आईफोन भारत में निर्मित होंगे।*

◆ भारत में मोबाइल फोन की जमकर मैन्युफैक्चरिंग हो रही है।
◆ चालू वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 24 में 50 अरब डॉलर की मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग होगी और इस कैटेगरी से करीब 15 अरब डॉलर का निर्यात भी किया जाएगा।
◆ भारत की सबसे बड़ी आईफोन-फैक्ट्री​​​​​​​ लगाएगा टाटा ग्रुप
◆ 50 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
◆ एपल का भारत में हर साल 5 करोड़ से अधिक आईफोन मैन्यूफैक्चर करने का टार्गेट
◆ दुनिया में आईफोन प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी एक चौथाई हो जाएगी
◆ अप्रैल-अगस्त में भारत में 5.5 बिलियन डॉलर के मोबाइल फोन निर्यात हुए

*वर्तमान में एप्पल सालाना 20 करोड़ आईफोन का निर्माण करता है। इनमें से अधिकाँश का निर्माण चीन में होता आया है। बीते कुछ वर्षों से यह तस्वीर बदलना चालू हो गई है।*

■ एपल का टार्गेट भारत में हर साल 5 करोड़ से अधिक आईफोन निर्माण करने का है। उसका फोकस कुछ प्रोडक्शन चीन से बाहर शिफ्ट करना है।
■ एपल अगले दो से तीन वर्षों के भीतर यह टार्गेट हासिल करना चाहती है। इसके बाद एक्स्ट्रा दसियों लाख आईफोन्स मैन्यूफैक्चर करने की योजना बनाई जाएगी।
■ अगर एपल इस टार्गेट को हासिल कर लेता है, तो दुनिया में आईफोन प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी एक चौथाई हो जाएगी।
■ चीन अभी भी सबसे बड़ा आईफोन निर्माता बना रहेगा। एपल को एक कठिन लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वह अपना प्रोडक्शन चीन से बाहर शिफ्ट करने की योजना बना रहा है।
■ एपल का प्रमुख सप्लायर फॉक्सकॉन भारत में और अधिक कारखाने लगाने की योजना बना रहा है। क्योंकि टाटा ग्रुप अब भारत की सबसे बड़ी आईफोन असेंबली प्लांट्स में से एक का निर्माण करने के लिए तैयार है।
■ चालू वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल-अगस्त की अवधि में भारत में 5.5 बिलियन डॉलर (45,000 करोड़ रुपये से अधिक) का मोबाइल फोन निर्यात हुआ।
■ अप्रैल-अगस्त की अवधि में 5.5 अरब डॉलर का मोबाइल फोन निर्यात हुआ, जबकि वित्त वर्ष 22-23 की समान अवधि में यह 3 अरब डॉलर (लगभग 25,000 करोड़ रुपये) था।
■ अप्रैल-अगस्त की अवधि में भारत निर्मित फोन निर्यात में एपल सबसे आगे रहा और पहली बार कुल अनुमानित आंकड़े के 50 प्रतिशत से अधिक को पार कर गए। इसके बाद सैमसंग रहा।

*जून तिमाही में, एपल ने सैमसंग के 45 प्रतिशत निर्यात की तुलना में देश के कुल 12 मिलियन स्मार्टफोन शिपमेंट में से लगभग 50 प्रतिशत का निर्यात किया। भारत चालू वित्त वर्ष में मोबाइल फोन निर्यात में 1,20,000 करोड़ रुपये को पार करने के लिए तैयार है, जिसमें एपल वित्त वर्ष 2023-24 में 50 प्रतिशत से अधिक के साथ बाजार में आगे रहेगा।*