आज का पंचाग आपका राशि फल, जीवन घड़ी की सुइयों जैसा है चरैवैति चरैवैति

 *༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​​*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*

 *सुप्रभातम* *आज का पञ्चाङ्ग*

*_मंगलवार, २७ फरवरी २०२४_*

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सूर्योदय: 🌄 ०७:५७, सूर्यास्त: 🌅 ०६:२३

चन्द्रोदय: 🌝 २०:४५, चन्द्रास्त: 🌜०८:११

अयन 🌘 उत्तरायण (दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🌳 वसंत शक सम्वत:👉१९४५(शोभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)

मास 👉 फाल्गुन, पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि 👉 तृतीया (२५:५३ से चतुर्थी)

नक्षत्र 👉 हस्त (पूर्ण रात्रि)

योग 👉शूल(१६:२५ से गण्ड)

प्रथम करण👉वणिज(१२:३५तक

द्वितीय करण👉विष्टि(२५:५३तक

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॥ गोचर ग्रहा: ॥

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सूर्य 🌟 कुम्भ

चंद्र 🌟 कन्या

मंगल🌟मकर(उदित,पूर्व,मार्गी)

बुध🌟कुम्भ (अस्त, पूर्व, मार्गी)

गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र🌟मकर(उदित,पश्चिम,मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ 

(अस्त, पश्चिम, मार्गी)

राहु 🌟 मीन 

केतु 🌟 कन्या  

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०७ से १२:५३

अमृत काल 👉 २४:४७ से २६:३६

विजय मुहूर्त 👉 १४:२४ से १५:१०

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:११ से १८:३६

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:१४ से १९:२९

निशिता मुहूर्त 👉 २४:०४ से २४:५४

राहुकाल 👉 १५:२२ से १६:४८

राहुवास 👉 पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०९:३८ से ११:०४

होमाहुति 👉 मंगल

दिशाशूल 👉 उत्तर

अग्निवास 👉 पाताल (२५:५३ से पृथ्वी)

भद्रावास 👉 पाताल (१२:३५ से २५:५३)

चन्द्रवास 👉 दक्षिण

शिववास 👉 क्रीड़ा में (२५:५३ से कैलाश पर)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – रोग २ – उद्वेग

३ – चर ४ – लाभ

५ – अमृत ६ – काल

७ – शुभ ८ – रोग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – काल २ – लाभ

३ – उद्वेग ४ – शुभ

५ – अमृत ६ – चर

७ – रोग ८ – काल

नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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दक्षिण-पूर्व (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ३०:५९ तक जन्मे शिशुओ का नाम हस्त नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (पू, ष, ण, ठ) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

कुम्भ – ३०:०८ से ०७:३४

मीन – ०७:३४ से ०८:५८

मेष – ०८:५८ से १०:३२

वृषभ – १०:३२ से १२:२६

मिथुन – १२:२६ से १४:४१

कर्क – १४:४१ से १७:०३

सिंह – १७:०३ से १९:२२

कन्या – १९:२२ से २१:४०

तुला – २१:४० से २४:०१

वृश्चिक – २४:०१ से २६:२०

धनु – २६:२० से २८:२३

मकर – २८:२३ से ३०:०५

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०६:४६ से ०७:३४

मृत्यु पञ्चक – ०७:३४ से ०८:५८

रोग पञ्चक – ०८:५८ से १०:३२

शुभ मुहूर्त – १०:३२ से १२:२६

मृत्यु पञ्चक – १२:२६ से १४:४१

अग्नि पञ्चक – १४:४१ से १७:०३

शुभ मुहूर्त – १७:०३ से १९:२२

रज पञ्चक – १९:२२ से २१:४०

शुभ मुहूर्त – २१:४० से २४:०१

चोर पञ्चक – २४:०१ से २५:५३

शुभ मुहूर्त – २५:५३ से २६:२०

रोग पञ्चक – २६:२० से २८:२३

शुभ मुहूर्त – २८:२३ से ३०:०५

मृत्यु पञ्चक – ३०:०५ से ३०:४५

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन आपको मिश्रित फलदायी रहेगा। दिन के आरंभ में किसी शुभाशुभ समाचार मिलने से दुविधा में रहेंगे। व्यवसाय अथवा महत्त्वपूर्ण पारिवारिक निर्णय आज किसी की सलाह से ही लें स्वयं लिए निर्णय गलत होने की संभावना ज्यादा है। मध्यान बाद स्वभाव में चंचलता रहेगी गंभीर कार्यो में लापरवाही दिखाएंगे जिसके परिणाम निराशाजनक ही रहेंगे। आज आप आस आस के लोगो को हल्के में लेंगे इसका प्रतिकूल प्रभाव व्यक्तिगत संबंधों के साथ ही आय पर भी पड़ेगा। धन लाभ संध्या के आस-पास कामचलाऊ हों जायेगा। परिजन आपकी बातों को ज्यादा महत्त्व नही देंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आप अपनी विद्या बुद्धि के बल पर धन कमाएंगे। पारिवारिक प्रतिष्ठा भी आज आपके आधे काम आसान बनाएगी। व्यवसायी वर्ग आज निसंकोच होकर निवेश का जोखिम ले सकते है लाभ ही होगा। नौकरी पेशा जातक भी अधिकारियों की कृपादृष्टि रहने से ज्यादा बेहतर काम करेंगे अपना काम भी आसानी से निकाल सकेंगे। आज परिवार के लोग भी आपकी प्रसंशा करेंगे संताने आज्ञा का पालन करेंगी। परिवार के बुजुर्ग किसी बात पर नाराज होंगे लेकिन बाद में अपनी गलती भी मान लेंगे। महिलाये दाम्पत्य को खुशहाल बनाने का हरसंभव प्रयास करेंगी लेकिन थोड़ी मनमानी भी करेंगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आप जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसके आरम्भ में अवश्य कुछ ना कुछ विघ्न अथवा देरी होगी। फिर भी आज व्यवहारिकता के बल पर अपना काम निकाल ही लेंगे। स्वभाव में थोड़ी तल्खी अवश्य रहेगी जिससे आस पास के लोग गलत फहमी में पड़ेंगे। आज किसी का रूखा व्यवहार आपके अहम को ठेस पहुंचा सकता है। कार्य करते हुए भी मन कहीं अन्य जगह भटकने के कारण गलती होगी। आर्थिक रूप से दिन सामान्य रहेगा आय व्यय समान रहने पर बचत नही कर सकेंगे। आज घर की महिलाये आर्थिक रूप से मदद करेंगी जिसे चुकाना लगभग असंभव रहेगा। सेहत संबंधित शिकायत रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज दिन का आरंभिक भाग धन लाभ कराएगा व्यापार में कही से आकस्मिक धन मिलने से प्रसन्नता रहेगी। परिजन भी लाभ दिलाने में सहयोगी बनेंगे अतिमहत्त्वपूर्ण कार्य मध्यान से पहले कर लें इसके बाद स्थिति प्रतिकूल हो जाएगी। आप जो चाहेंगे उसका उल्टा ही होगा परिजनों खास कर स्त्री अथवा भाई-बंधुओ से किसी वजह से कलह होने की संभावना है। व्यवसाय में भी आपकी मेहनत का लाभ कोई अन्य ही ले जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र पर उटपटांग बयानबाजी से बचना होगा मान भंग के प्रसंग बनेंगे। घर मे महिलाये उग्र माहौल बना सकती है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज दिन के आरंभिक भाग में उदासीनता छाई रहेगी। किसी भी कार्य के प्रति उत्साह नही रहेगा परिजन भी दैनिक कार्यो के लिए एक दूसरे का मुंह ताकते रहेंगे। घर एवं कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था पसरेगी। दोपहर के बाद स्थिति सुधरने लगेगी कार्य व्यवसाय में लाभ के सौदे मिलने से धन संबंधित उलझनों का समाधान होने से अन्य रुके कार्य भी गति पकड़ेंगे। नये कार्य का आरंभ भी कर सकते है निकट भविष्य में लाभ देगा। जोखिम वाले कार्य भी जल्द ही लाभ देने वाले रहेंगे। परिवार का वातावरण भी मुराद पूरी होने से प्रसन्न बनेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन आपमे दिखावे की मनोवृत्ति रहेगी। दिनचार्य में भी आडम्बर अधिक रहेगा। आज जिस भी कार्य को करेंगे बेमन से ही लोक लाज के कारण ही करेंगे। धार्मिक कार्यो में भी सम्मिलित होंगे परन्तु मन कही और ही भटकेगा। धार्मिक क्षेत्र की यात्रा मंदिर में पूजा पाठ के अवसर मिलेंगे। सेहत में सुधार रहेगा लेकिन कार्यो के प्रति आलस्य दिखाएंगे। व्यवसायी वर्ग देर से निर्णय लेने के कारण हाथ आये लाभ के अवसर गंवा देंगे। फिर भी आज खर्च निकालने लायक धन कही ना कही से मिल ही जायेगा। परिवार की महिलाओं से सहायता मिलेगी साथ ही ताने भी सुनने पड़ेंगे। घर मे आवश्यकता पड़ने पर ही बोले शान्ति बनी रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज दिन के आरंभ में आप अपनी व्यवहार कुशलता एवं सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रयोग कर लाभ पाएंगे। व्यवसाय में आरम्भ में सुव्यवस्था रहेगी लाभ के अवसर मिलेंगे। रुके कार्यो में भी गति आएगी परन्तु दोपहर के बाद स्थिति एकदम उलट हो जाएगी जहां लाभ की संभावना थी वहां भी हानि होगी। आज किसी कारणवश महत्त्वपूर्ण कार्य को बीच मे ही छोड़ना पड़ेगा। हाथ आये अनुबंद निरस्त हो सकते है। महिलाये भी घरेलू कार्य मे नुकसान होने से दुखी होंगी। नौकरी व्यवसाय से जुड़ी महिलाये आज ज्यादा सतर्क होकर काम करें मामूली गलती विपत्ति ला सकती है। घर मे संध्या से उथलपुथल रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन सार्वजनिक क्षेत्र पर आपकी छवि धनवानों जैसी बनेगी भले ही अंदर से कुछ और ही रहे। उच्चाधिकारियों अथवा उच्चप्रतिष्ठित लोगो से संपर्क बनेंगे इनका व्यक्तिगत लाभ भी आपको शीघ्र ही मिलने वाला है। मध्यान के बाद भाग्योदय की स्थिति रहेगी। जिस भी कार्य मे हाथ डालेंगे सफलता थोड़े विलम्ब से ही सही अवश्य मिलेगी। सहकर्मी आपकी बातों को विश्वास से मानेंगे जिससे कार्य सुचारू रूप से चलते रहेंगे। परिवार की महिलाये भी आज काम पड़ने पर सहयोग करेंगी। स्त्री पक्ष से आर्थिक लाभ भी हो सकता है। परिवार के साथ पर्यटन की योजना बनेगी। खर्च भी आज बेहद रहेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

दिन का पूर्वार्ध आपकी आशाओ के अनुरूप ही रहेगा रुपये पैसे के प्रति विशेष गंभीर रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी पुराने अनुबंद से धन लाभ होगा नए अनुबंद मिलने की संभावना भी है लेकिन इसमें व्यवधान भी आएंगे। मध्यान बाद प्रत्येक कार्य मे उलझने पड़ने से विलम्ब होगा। ज्यादा कमाने के चक्कर में अनैतिक कार्य भी करेंगे जिससे हाथ आया धन भी नष्ट हो सकता है प्रलोभनों से बचें आज संध्या तक आपको पर्याप्त धन मिल जाएगा। व्यावसायिक अथवा अन्य कारणों से यात्रा हो सकती है। घरेलू माहौल सामान्य रहेगा महिलाओ की सलाह महत्त्वपूर्ण कार्यो में असरदार रहेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज दिन के आरंभ में आपको प्रतिकूल वातावरण का सामना करना पड़ेगा। घर मे व्यर्थ की बातों पर बहस हो सकती है जिससे परिजनों के प्रति मन खराब होगा। कार्य क्षेत्र पर भी आरम्भ में मंदी रहने से निराश रहेंगे। सेहत भी खराब रहने से कार्य मे उत्साह नही रहेगा। मध्यान से स्थिति में सुधार आने लगेगा आपका विरोध करने वाले सांत्वना दिखाएंगे। व्यवसाय में मेहनत का फल मिलने लगेगा। फिर भी आज दिन भर किसी के साथ बहस में ना उतरे हानि ही होगी। संध्या का समय व्यवसायियों को खुशखबरी देगा। 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन मिला जुला रहेगा। दिन के पहले भाग में मन इच्छित कार्य होने से संतोष रहेगा। धन भी मिलने की संभावना बनेगी। दूर रहने वाले स्नेहीजन से शुभ समाचार मिलेंगे। परिवार में भी सुख शांति रहेगी। परन्तु मध्यान के बाद का समय विपरीत फल देने लगेगा लाभ की जगह आकस्मिक हानि के योग बनेंगे बनते कामो में विघ्न आने से कार्यो में जोखिम लेने से डरेंगे धन की आमद भी अल्प रह जायेगी। परिवार में किसी के साथ कोई दुर्घटना घट सकती है यात्रा अथवा बिजली के उपकरणों में अत्यंत सावधानी बरतें। आकस्मिक खर्च भी बढ़ेंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन आपकी आशाओ पर खरा उतरेगा आज आप प्रत्येक कार्य को ज्यादा चौकन्ने होकर करेंगे फिर भी अगर आप किसी कार्य मे असफल होते है तो इसका कारण किसी अन्य व्यक्ति की कमी ही रहेगी। कार्य के साथ ही आज मनोरंजन भी करते रहने से स्वय के साथ ही सहकर्मियों को भी प्रसन्न रखेंगे पर्यटन की योजना अंत समय पर निरस्त हो सकती है जिससे कुछ समय के लिए मन खिन्न रहेगा। धन लाभ के लिए परिश्रम थोड़ा ज्यादा करना पड़ेगा लेकिन सफलता अवश्य मिलेगी। पारिवारिक वातावरण लगभग शांत ही रहेगा बुजुर्गो का सहयोग एव आशीर्वाद गृहशांति में उपयोगी बनेगा।

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*जीवन घड़ी की सुइयों जैसा है चरैवैति चरैवैति*

रामु अपने छोटे से कमरे में गहरी नींद में सोया हुआ था। कमरे के शांत वातावरण में केवल घडी की टिक-टिक की आवाज गूंज रही थी।

टेबल पर रखी घड़ी की बड़ी सुई जैसे ही छोटी सुई से आकर मिली, उसने पूछा-“अरी कैसी हो छोटी सुई?”

“ठीक हूँ बहन, तुम कैसी हो?” अंगड़ाई लेकर छोटी सुई बोली।

“मैं तो चलते-चलते तंग आ गयी हैं। एक पल के लिये भी मुझे आराम नहीं मिलता। एक ही दायरे में घूमते-घूमते में तो अब ऊब गई हु। रामू का कुत्ता कालू तक सो रहा है, मगर हमें आराम नहीं।”

“तुम ठीक कहती हो बहन। रामू को देखो, वह भी कैसे घोड़े बेचकर सो रहा है। खुद को सुबह उठाने का काम तक हमें सौंप रखा है। सुबह पाँच बजे जब हम अलार्म बजायेंगी, तब कहीं जाकर उठेगा क्या फायदा ऐसी जिन्दगी से ?”

“हाँ बहन.क्यों न हम भी चलना बन्द कर दें?” बड़ी सुई ने अपना सुझाव दिया। 

छोटी सुई को भी बड़ी सुई का यह सुझाव पसन्द आ गया और दोनों चुपचाप जहां की तहाँ ठहर गयीं।

सुबह जब रामू की आंख खुलीं तो कमरे में धूप देखकर वह चौंक उठा। टेबल पर रखी घड़ी की ओर देखा तो उसमें अभी तक दो ही बज रहे थे।

रामू घबराकर बोला-“ओह आज तो इस घड़ी ने मुझे धोखा दे दिया। कितनी देर हो गयी उठने में? अब कैसे पढ़ाई पूरी होगी?” घड़ी को कोसता हुआ रामू कुछ ही देर में कमरे से चला गया ।

उसे इस तरह बड़बड़ाता और गुस्से क कारण कमरे से बाहर जाता देख छोटी सुई हँसकर बोली-“आज पता चलेगा बच्चू को हमारा महत्व क्या है?” 

रामू के पिता ने जब घड़ी को बन्द देखा तो वे उसे उठाकर घड़ीसाज़ के पास ले गये।

घड़ीसाज़ ने उसे खोलकर अन्दर बारीकी से निरीक्षण किया। लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आया ।

और कुछ देर तक घड़ी को सही करने के प्रयास के बाद वह रामू के पिता से बोला-“श्रीमान जी, इस घड़ी में खराबी तो कोई नज़र नहीं आ रही। शायद यह बहुत पुरानी हो गयी है। अब आप इसे आराम करने दीजिये।”

रामू के पिता उसे वापस ले आये और उन्होंने उसे कबाड़े के बक्से में डाल दिया।

फिर उन्होंने बक्से को बन्द कर दिया और बाहर आ गये। बक्से में अन्य टूटी-फूटी वस्तुएं पड़ी थीं।

बक्सा बन्द होते ही छोटी सुई घबरा गयी। वह बोली-“बहन! यह हम कहाँ आ गये हैं? यहाँ तो बहत अंधेरा है ।”

अरी मेरा तो दम ही घुट रहा है।”. बड़ी सुई कराहती हुई बोली-“ये किस कैद खाने में बन्द हो गये हम? कोई हमें खुली हवा में ले जाये ।”

किन्तु उनकी बात को सुनने वाला कोई नहीं था। 

अब दोनों को वह समय याद आ रहा था जब वे राजू के खुले हवादार कमरे में टेबल पर बिछे मेजपोश के ऊपर शान से इतराया करती थीं।

पास ही गुलदस्ते में ताजे फूल सजे होते थे। चलते रहने के कारण उनके शरीर में चुस्ती फुर्ती बनी रहा करती थी। कितनी कद्र थी उनकी आते जाते सब उनकी ओर देखते थे।

रामू बड़े प्यार से अपने रूमाल से घड़ी साफ किया करता था। अब दोनों सुइयाँ टिक-टिक करके चलने लगी थीं। क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि कुछ ना करने से बेहतर है, कुछ करते रहना।

निकम्मों और आलसियों को दुनिया में कोई काम नहीं। 

अब दोनों अपने किये पर पछता रही थीं और इस आशा में चल रही थीं कि शायद कोई इधर आये हमारी टिक-टिक की आवाज सुने और हमें इस कैद से निकालकर फिर मेज पर सजा दे। 

*💐💐शिक्षा💐💐*

मित्रों“ चलना ही जिन्दगी है।” यानी जब तक आप क्रियाशील हैं तभी तक आपकी उपयोगिता बनी हुई है। तभी आपका जीवन सफल माना जायेगा और स्वयं भी आपको उस जीवन का आनन्द आयेगा। जिस प्रकार घड़ी की सुइयाँ बन्द हो गयीं तो उनके मालिक ने उन्हें व्यर्थ समझकर बॉक्स में बन्द कर दिया और फिर वे अपनी करनी पर कितनी पछताईं। अतः किसी को भी अपने जीवन को स्थिर नहीं रखना चाहिए इसी को चरैवैति चरैवैति कहा गया है जीवन चलने का ही नाम है ठहरे हुए तो पानी भी में भी काई जम जाती है सड़ांध आ जाती है और सोचो सांसें चल रही है तो जीवन है हृदय स्पंदित हो रहा तो जीवन है ये दोनों रूक जाय तो देह ही व्यर्थ है लोग उठा कर जला देते हैं गाड़ देते हैं। इसलिए शरीर को चलाईए हिलाइए डुलाईए और नंगे पैर पैदल चलते रहने से हमारे पैर मिट्टी से पोषण और औषधि लेते हैं इससे आरोग्य और लम्बी आयु भी मिलता है ये राज बहुत कम लोगों को पता है। 🙏🙏🙏🙏

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