भारतीय दल ने एशियन खेलों में पहली बार 100 मेडल से ज्यादा जीते हैं,ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम न्यूज संस्थान की ओर से शुभकामनाएं । भारत माता की जय
🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻रविवार, ०८ अक्टूबर २०२३🌻
सूर्योदय: 🌄 ०६:२६
सूर्यास्त: 🌅 ०६:०३
चन्द्रोदय: 🌝 ०१:०८
चन्द्रास्त: 🌜१४:४४
अयन 🌖 दक्षिणायणे (दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🏔️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 नवमी (१०:१२ से दशमी)
नक्षत्र 👉 पुष्य (०२:४५ से आश्लेशा)
योग 👉 सिद्ध (पूर्ण रात्रि)
प्रथम करण 👉 गर (१०:१२ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज (२३:२२ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 कर्क
मंगल 🌟 तुला (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कन्या (अस्त, पूर्व, वक्री)
गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)
शुक्र 🌟 सिंह (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४१ से १२:२८
अमृत काल 👉 १९:३६ से २१:२३
रविपुष्य योग 👉 ०६:१४ से ०२:४५
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०६:१४ से ०२:४५
विजय मुहूर्त 👉 १४:०१ से १४:४८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५५ से १८:१९
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:५५ से १९:०९
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४० से ००:२९
ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:३६ से ०५:२५
प्रातः सन्ध्या 👉 ०५:०० से ०६:१४
राहुकाल 👉 १६:२७ से १७:५५
राहुवास 👉 उत्तर
यमगण्ड 👉 १२:०४ से १३:३२
दुर्मुहूर्त 👉 १६:२१ से १७:०८
होमाहुति 👉 राहु
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पाताल (१०:१२ से पृथ्वी)
भद्रावास 👉 मृत्यु (२३:२२ से)
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 सभा में (१०:१२ से क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – उद्वेग २ – चर
३ – लाभ ४ – अमृत
५ – काल ६ – शुभ
७ – रोग ८ – उद्वेग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – शुभ २ – अमृत
३ – चर ४ – रोग
५ – काल ६ – लाभ
७ – उद्वेग ८ – शुभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (पान का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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दशमी तिथि का श्राद्ध आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २६:४५ तक जन्मे शिशुओ का नाम पुष्य नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (हू, हे, हो, डा) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम आश्लेषा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (डी) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – ०४:४४ से ०७:०२
तुला – ०७:०२ से ०९:२३
वृश्चिक – ०९:२३ से ११:४२
धनु – ११:४२ से १३:४६
मकर – १३:४६ से १५:२७
कुम्भ – १५:२७ से १६:५३
मीन – १६:५३ से १८:१६
मेष – १८:१६ से १९:५०
वृषभ – १९:५० से २१:४५
मिथुन – २१:४५ से २४:००
कर्क – २४:०० से ०२:२१
सिंह – ०२:२१ से ०४:५०
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:१४ से ०७:०२
रज पञ्चक – ०७:०२ से ०९:२३
शुभ मुहूर्त – ०९:२३ से १०:१२
चोर पञ्चक – १०:१२ से ११:४२
शुभ मुहूर्त – ११:४२ से १३:४६
रोग पञ्चक – १३:४६ से १५:२७
शुभ मुहूर्त – १५:२७ से १६:५३
मृत्यु पञ्चक – १६:५३ से १८:१६
रोग पञ्चक – १८:१६ से १९:५०
शुभ मुहूर्त – १९:५० से २१:४५
मृत्यु पञ्चक – २१:४५ से २४:००
अग्नि पञ्चक – २४:०० से ०२:२१
शुभ मुहूर्त – ०२:२१ से ०२:४५
रज पञ्चक – ०२:४५ से ०४:४०
शुभ मुहूर्त – ०४:४० से ०६:१५
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन से आप काफी आशाएं लगा कर रहेंगे परन्तु एक समय मे अधिक कार्य करने पर मतिभ्रम का शिकार बनेंगे। कार्य व्यवसाय सामान्य रहेगा लेकिन आकस्मिक कार्य आने पर उचित समय नही दे पाएंगे अधीनस्थ सहकर्मियों का ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा। यात्रा की योजना दिन के आरंभ से ही बनेगी इस पर व्यर्थ खर्च भी करना पड़ेगा। घर मे संतान के कारण कोई नई परेशानी खड़ी होगी लेकिन उच्च पदस्थ लोगों का सहयोग मिलने से राहत मिल जाएगी सरकार संबंधित कार्य संध्या से पहले पूर्ण करने का प्रयास करे अन्यथा कुछ समय के लिये लंबित रह जायेगा। परिवार की महिलाए विशेष कर स्त्री वर्ग मानसिक तनाव से ग्रसित रहेंगी। कंधे कमर अथवा अन्य शारीरिक जोड़ो में दर्द रह सकता है।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप सुनेंगे सबकी लेकिन करेंगे अपने ही मन की फिर भी आज व्यवसाय से आकस्मिक लाभ होने पर स्थिति बिगड़ने नही पाएगी दिन के आरंभ में जो लोग आपके निर्णयों के विरोध कर रहे थे सफर बाद वे ही समर्थन करते दिखेंगे। घर मे भाई बंधुओ से किसी पुश्तैनी अथवा व्यावसायिक बात को लेकर कहा सुनी हो सकती है। भागीदारी के कार्यो में निवेश से बचे अन्यथा हानि ही होगी इसके विपरीत एकल कार्यो में लाभ आवश्यकता से अधिक ही होगा। परिवार का वातावरण पल पल में बदलने पर असमंजस में रहेंगे संताने जिद पर अडेंगी मांगे मनवाकर ही शांत होंगी। मुह पर मीठा बोलने वालों से सतर्क रहें खास कर धनु एवं कुम्भ राशि जातको पर जल्दी से विश्वास ना करें। मानसिक संतुष्टि नही रहेगी।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन भी शांति से बिताने की आवश्यकता है आज आप स्थित को भांप कर ही व्यवहार करेंगे परन्तु सामने वाला आपकी परिस्थिति का खयाल नही करेगा धन सम्बन्धित मामले किसी ना किसी रूप में कलह का कारण बनेंगे इन्हें प्रेम से निपटाने का प्रयास करें। कार्य व्यवसाय से धन की आमद तो होगी लेकिन कोई न कोई खर्च लगा रहने से संध्या बाद हाथ खाली ही रह जायेगा। पति पत्नी की घरेलू कलह बाहर के लोगो तक न पहुचे इसका विशेष ध्यान रहे लोग सुलझाने की जगह आनंद लेंगे। संतानो का व्यवहार भी अनापेक्षित रहने से अंदर ही अंदर परेशान रहेंगे कहल बढ़ने के डर से विरोध भी नही कर पाएंगे। सेहत ठीक ही रहेगी। मध्य रात्रि बाद स्थिति में सुधार आने लगेगा।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन पहले की तुलना में सुधार वाला रहेगा लेकिन आज धन की प्राप्ति केवल जोखिम लेकर ही हो सकेगी। कार्य क्षेत्र पर हानि के भय से जल्दी से कोई बड़ा निर्णय नही लेंगे भयभीत ना हो निसंकोच होकर किसी भी प्रकार का जोखिम विशेष कर निवेश करें वरना निकट भविष्य में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। व्यवसाय में आज किया निवेश तुरंत लाभ तो नही देगा लेकिन आने वाले दिनों में इसका सकारत्मक परिणाम अवश्य मिल सकेगा। धर्म कर्म टोन टोटको में भी रुचि रहेगी इनपर समय और अल्प धन भी व्यय होगा। भाई बंधु और स्त्री वर्ग का मिजाज चढ़ा रहेगा सतर्क रहकर व्यवहार करें। सेहत में कुछ ना कुछ नुक्स लगा रहेगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज भी आपका हठीला स्वभाव बनते कार्यो में विलंब करेगा लोग आपसे व्यवहार तो करेंगे लेकिन केवल स्वार्थ पूर्ति के लिए ही अंदर से आदर का भाव नही रहेगा। कार्य क्षेत्र पर सहयोग की कमी रहेगी जिससे अधिकांश कार्य अपने ही बल करने ओढ सकते है। नौकरी पेशा लोग भी अधिकारियों से नाराजगी के चलते कार्यो को मनमाने ढंग से जल्दबाजी में करेंगे। धन की आमद आज जिस समय उम्मीद नही होगी तब अकस्मात ही होगी। आज विवेकी सोच रखें अन्यथा आने वाले दिनों में इसका अशुभ परिणाम अवश्य भोगना पड़ेगा। घर के सदस्य विशेष कर स्त्री अथवा संताने अपनी मांगे मनवाने के लिये अशांति फैलाएंगी इन्हें समय पर पूरा करे वरना आने वाले कल शांति से बैठना मुश्किल होगा। संध्या बाद किसी अरिष्ट की आशंका से मन भयभीत रहेगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन बीते कल की तुलना में बेहतर रहेगा। समाज से सम्मान तो मिलेगा इसके लिए व्यस्तता से समय भी निकालना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय में भी प्रगति होगी लेकिन धन लाभ के समय आश्वाशन ही मिलने से निराश रहेंगे। पूजा पाठ के लिए समय कम ही मिलेगा फिर भी परोपकार के अवसर खाली नही जाने देंगे जरूरतमंदो को आप जितना हो सके उतना सहयोग करेंगे। व्यवसायी वर्ग कार्य स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करें निकट भविष्य में आगजनी अथवा अन्य किसी प्रकार से सामान अथवा आर्थिक क्षति होने की संभावना है। विरोधी पक्ष प्रबल रहेगा लेकिन परोपकार का पुण्य हानि नही होने देगा। संतानों अथवा घर के किसी सदस्य की गलत आदत से मन आहत होगा। घुटनो अथवा अन्य शारीरिक अंगों में निर्बलता रहेगी।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपका मन काल्पनिक दुनिया की सैर करेगा मन मे खयाली पुलाव पकाएंगे लेकिन कर्म करने में लचीले रहेंगे। आज आप जिस भी कार्य को करेंगे उसकी सफ़लता असफ़लता किसी अन्य के हाथ मे रहेगी विशेष कर पति अथवा पति से बनाकर चले अन्यथा अंत समय मे सारी योजना रखी रह जायेगी। मध्यान के आस पास अकस्मात ही कही से धन की प्राप्ती होगी इसी से दैनिक खर्च के साथ भविष्य के खर्च चलाने पड़ेंगे इसलिए फिजूल खर्ची पर नियंत्रण लाये। आज व्यसन अथवा दुराचरण से बच कर रहे पारिवारिक मान हानि के साथ शारीरिक रूप से भी नुकसान देह रहेगा। कमर से नीचे के भाग में कोई नया रोग उभरने की संभावना है।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आपमे धार्मिक भावनाए जागृत होंगी पूजा पाठ के लिए समय तो निकालेंगे लेकिन मन टोन टोटको पर ज्यादा विश्वाश करेगा लेकिन इनको करना ना करना एक बराबर ही है समय और धन की बर्बादी ही होगी। कार्य व्यवसाय से बीते दिनों की तुलना में लाभ में वृद्धि होगी। व्यवसाय में विस्तार के अवसर भी मिलेंगे परन्तु गलत मार्गदर्शन के कारण कर नही पाएंगे वर्तमान परिस्थित अनुसार आज काम मे विस्तार ना कर पाना अखरेगा लेकिन बाद में संतोष भी देगा। परिवार में बड़े बुजुर्गों से भाई बंधुओ को लेकर वैचारिक मतभेद रहेंगे। आवश्यक कार्य कल के लिए ना टाले संध्या बाद से सेहत में नरमी आने के कारण अधूरे रह सकते है।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन परिस्थितियां उलझन में डालने वाली बन रही है। आज कोई भी कार्य करने से पहले उसकी रूप रेखा अवश्य बना कर चले साथ ही हानि लाभ की समीक्षा भी पहले ही कर ले अन्यथा समय और धन की बर्बादी हो सकती है। दिनचर्या दिशाहीन रहने के कारण जिस भी कार्य को करेंगे उसे बीच मे ही अन्य काम पड़ने पर छोड़ना पड़ेगा। व्यवसाय में भी लाभ के पास पहुचते पहुचते भ्रमित हो जाएंगे। संध्या के आस पास ही थोड़ा बहुत धन लाभ हो सकेगा। नौकरी वाले जातक आज जल्दी से काम करने के मूड में नही रहेंगे। घरलू खर्चो में संकीर्णता दिखाना कलह का कारण बनेगा। महिलाए ईर्ष्या भाव से ग्रसित रहेंगी किस्मत को दोष देंगी। अकस्मात यात्रा के योग बन रहे है।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन पिछले दिनो की अपेक्षा बेहतर रहेगा सेहत में सुधार अनुभव करेंगे। प्रातः काल से ही व्यवसाय अथवा किसी आवश्यक घरेलू कार्य में विलंब होने की चिंता रहेगी लेकिन दोपहर बाद सही कार्य स्वतः ही व्यवस्थित होने लगेंगे। कार्य क्षेत्र पर अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा लेकिन आज आप दिन के आरम्भ में जो भी योजना बनाएंगे उसमे आज नही तो कल सफलता अवश्य मिलेगी इसलिये मेहनत में कमी ना रखे। धन के व्यर्थ कार्यो पर खर्च को रोकने में असमर्थ रहने के कर आर्थिक कारणों से असंतुष्ट ही रहेंगे कल से परिस्थिति हर प्रकार से पक्ष में रहेगी। सरकार संबंधित उलझनों में फंसने की भी संभावना है अनैतिक कार्यो से दूर रहे। धर्म कर्म में कम रुचि रहेगी। घर की बड़ी महिलाओ से कहा सुनी हो सकती है।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन परिस्थितियां पहले से बेहतर बनेगी। आज आप किसी भी हालत में समझौता करने के पक्ष ने नही रहेंगे चाहे नुकसान ही क्यो ना हो। दिनचर्या कुछ मामलों को छोड़ सुव्यवस्थित रहेगी। काम धंधा भी मध्यान बाद अकस्मात गति पकड़ेगा लेकिन स्वभाव में नरमी रखे किसी व्यावसायिक अथवा अन्य प्रतिस्पर्धी से गरमा गरमी होने का असर व्यापारिक प्रतिष्ठा पर होगा। धन की आमद आज सहज रूप से ही हो जाएगी फिर भी असंतुष्टि में भाग दौड़ करेंगे खर्च अनियंत्रित होंगे बचत ना के बराबर ही रहेगी। कन्या राशि के लोगो से बहस से बचे। घर मे किसी न किसी से रूठना मनाना लगा रहेगा संतान का सहयोग मिलेगा। गठिया अथवा जननेन्द्रिय संबंधित समस्या उभरेगी।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आप पिछली गलतियों से सीख लेकर ही सभी क्षेत्र पर व्यवहार करेंगे इससे मान सम्मान में वृद्धि के साथ ही नुकसान में भी कमी आएगी। कार्य व्यवसाय अथवा सामाजिक क्षेत्र पर विरोधियो के प्रति नरम व्यवहार रखना आज कुछ ना कुछ लाभ ही देकर जाएगा। आज की मेहनत निकट भविष्य में धन लाभ के नए मार्ग खोलेगी इसमे कमी ना रखे। आज भी धन लाभ आशानुकूल रहेगा फिर भी धन संबंधित प्रसंग आने पर दिमाग गर्म होगा इससे बचे। महिला वर्ग कार्य समय पर करेंगी लेकिन अहसान भी जताएंगी। भाई बंधुओ को आपके अथवा आपको उनसे उनके सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी व्यवहारिक रहे ईर्ष्या बनते कामो की बिगाड़ेगी। सेहत लगभग सामान्य ही रहेगी।
〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏🙏
श्री बदरीनाथ धाम में योगी आदित्यनाथ।
उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल शनिवार 7 अक्टूवर को बदरीनाथ धाम पहुंचे। भारत- तिब्बत सीमा माणा पास बार्डर घसतोली में सेना के जवानों के बीच गये।
देर शाम भगवान बदरीविशाल की शयन आरती में शामिल हुए तथा श्री बदरीनाथ धाम में प्रवास किया। आज वह कुछ समय पश्चात श्री केदारनाथ धाम दर्शन हेतु जायेंगे।
इससे पहले आज 8 अक्टूबर रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पितरों को तर्पण हेतु ब्रह्मकपाल जा रहे है।
साथ ही श्री बदरीनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे। बदरीनाथ धाम दर्शन के पश्चात योगी आदित्यनाथ श्री केदारनाथ धाम दर्शन हेतु प्रस्थान करेंगे।
बता दें कि कल चीन सीमा पर ITBP जवानों से मिले योगी आदित्यानाथ, बदरी विशाल के किये दर्शन,योगी आदित्यनाथ आज बदरीनाथ धाम पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद योगी आदित्यनाथ सीधे माणापास गये. जहां योगी आदित्यनाथ ने भारत चीन बॉर्डर पर तैनात जवानों से मुलाकात की. इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने राज्य अतिथि गृह का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद योगी आदित्यनाथ ने बदरी विशाल के दर्शन किये. इस दौरान उन्होंने मंदिर मे पूजा-अर्चना भी की
यूपी अतिथि गृह का किया निरीक्षण योगी आदित्यनाथ आज बदरीनाथ धाम पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद योगी आदित्यनाथ सीधे माणापास गये. जहां योगी आदित्यनाथ ने भारत चीन बॉर्डर पर तैनात जवानों से मुलाकात की. चीन सीमा पर ITBP जवानों से मिले योगी आदित्यानाथ, बदरी विशाल के किये दर्शन, यूपी अतिथि गृह का किया निरीक्षण
योगी आदित्यनाथ आज बदरीनाथ धाम पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद योगी आदित्यनाथ सीधे माणापास गये. जहां योगी आदित्यनाथ ने भारत चीन बॉर्डर पर तैनात जवानों से मुलाकात की.चीन सीमा पर ITBP जवानों से मिले योगी आदित्यानाथ, बदरी विशाल के किये दर्शन, यूपी अतिथि गृह का किया निरीक्षण योगी आदित्यनाथ आज बदरीनाथ धाम पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद योगी आदित्यनाथ सीधे माणापास गये. जहां योगी आदित्यनाथ ने भारत चीन बॉर्डर पर तैनात जवानों से मुलाकात की. इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने राज्य अतिथि गृह का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद योगी आदित्यनाथ ने बदरी विशाल के दर्शन किये। उन्होंने मंदिर मे पूजा-अर्चना भी की
गृह मंत्री अमित शाह ने नक्शल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में महत्वपूर्ण घोषणा की उन्होंने कहा अगले 2 साल के भीतर देश से नक्सली हिंसा को जड़ से मिटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले कुछ सालों में वामपंथी उग्रवाद पर नकेल कसा गया है और अब इस लड़ाई निर्णायक दौर में आ चुकी है।*की जनता को यदि इस ऐलान से खुशी है और वो चाहते हैं की देश से अंदरूनी समस्याएं खत्म हों ताकि देश आगे बढ़े तो देश की जनता को सही नेतृत्व के हाथ में देश की कमान रखनी होगी, अन्यथा ये बात किसी से छुपी नहीं हैं की नक्सलवाद, खालिस्तान वाद, जेहाद आदि जैसे जैसे अंदरूनी आतंकी नेताओं, द्वारा पोषित भी होते हैं… सही चुनेगा भारत तो आगे बढ़ेगा भारत अन्यथा ऐसे ही अंदरूनी समस्याओं से जूझते रह जाएगा भारत। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सली हिंसा से जूझ रहे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग की। इस मीटिंग में एनएसए अजीत डोभाल के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए।
*🙏🌺ॐ सुर्यदेवाय् नम् 🌺🙏*
*रवि मंत्र: जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम्।*
*तमोरिसंर्वपापध्नं प्रणोतोsस्मि दिवाकरम्।।*
*ऊँ: ह्मां ह्मीं ह्मों स: सूर्याय नम:*
*ॐ सूर्य देवं नमस्ते स्तु गृहाणं करूणा करं।*
*ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:।।।*
*विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि।।।*
*ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।।ः*
*ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।।*ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।।।*
*आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।*
*दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥*
*ॐ हृीं रवये नम:…*
*ॐ हूं सूर्याय नम: …*
*ॐ ह्रां भानवे नम: ..*
*ॐ हृों खगाय नम: …*
*ॐ हृ: पूषणे नम: …*
*ॐ ह्रां हिरण्यगर्भाय नमः …*
*ॐ मरीचये नमः*
*ऊँ नम: शिवाय*
सौराष्ट्रे *सोमनाथं* च *श्रीशैले* मल्लिकार्जुनम्।
उज्जैनियाम् *महांकालम्* च ओंकारम् *ममलेश्वरम्।*
परंल्याम् *वैद्यनाथम्* च डाकिन्याम् *भीमशंकरम्।*
सेतुबंधे तु *रामेशम् नागेशम्* दारूकावने।
वाराण्श्याम तु *विश्वेशम् , त्रयंबकम्* गौतमी तटे।
हिमालये तु *केदारम् , घुश्मेशंम्* च शिवालये
*एतानि ज्योति लिंघांनि सायंप्रातः पठेन नर:।*
*सप्त जन्म कतम् पापम् स्मरणेन विन:श्यति।।*
*” ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् “*
निम्नलिखित दो यक्ष प्रश्न साहित्यिक गुरुप में पूछे गए, जिनका मैंने सारगर्भित शास्त्रार्थ जवाब देने की प्रयास किया है-
1) क्या ‘पजल’ गढ़वाली शब्द है?
2) क्या ‘पजल विधा में महाकाव्य’ हो सकता है?
आदरणीय पजल श्रेष्ठ श्री चौबे (जैसे द्विवेदी दो, त्रिवेदी तीन और वैसे ही *’चौबे चार वेदों के ज्ञाता’*) जी, आपके मुखारविन्द से पजल महाकाव्य के ब्रह्मवाक्य निकले हैं, और मैं बचपन से ब्रह्ममुहूर्त का साधक रहा हूँ, मैंने ब्रह्ममुहूर्त की इस साधना में लगभग 450 पजल रच दी हैं, एक से लेकर 450 तक एक मानक, एक गीतिकाव्यात्मक छंदबद्ध शैली, प्रथम चरण में भूमीगत शैली, दूसरे चरण में भ्रामकतक शैली, तीसरे चरण में संवेदनात्मक एवं भावनात्मक शैली और चौथे अंतिम निर्णायक चरण में संरचनात्मक गुणात्मक विश्लेषणात्मक एवं प्रश्नात्मक सारगर्भित शैली। यानी चार अष्टपादी छंदों में चार वेदों का सारगर्भित ज्ञान स्वाभाविकता से अंतर्निहित है। जब अमुक पात्र ओपन चैलेंज के साथ अपने मुखारविन्द पर क्षीरसागर का श्रीमयी (तीन देवियों पार्वतीमयी, सरस्वतीमयी, लक्ष्मीमयी), यानी अमृतमयी पार्वतीमय, ज्ञानमयी सरस्वतीमय, धनधान्यमयी लक्ष्मीमय) माखन लगाए छिपा बैठा है, इसका मतलब *पजलकार ने ब्रह्ममुहूर्त में अपनी तीनों माताओं के सान्निध्य में अपने दिमाग की दही बनाई होगी, तभी अंत में माखनलाल को माखन मिला होगा*, यानी सुबह-सुबह का नाश्ता अगर आपको पजल रूपी माखन के साथ परोसा जा रहा है, तो चौबे जैसे ब्रह्ममुहूर्त के जागृत सिद्धहस्त देवतुल्य पुरुष अगर अपने नाम स्वरूप तथाकथित एवं बहुचर्चित पजल में ‘चौबे’ स्वरूप चारों वेदों के ज्ञान का ‘परमानन्द’ ले रहे हैं, तो यह इस पजल की सतत सत्यता सतसत नमन का प्रमाणित द्योतक है।
ब्रह्ममुहूर्त सिद्धहस्त रचनाकार/पजलकार में ब्रह्मज्ञान के रूप में दो आखर ‘ब्रह्म’ और त्रिदेव स्वरूप तीन आखर ‘ब्रह्मास्त्र’, तो आएंगे ही। पजल में ‘ब्रह्म’ और ‘ब्रह्मास्त्र’ की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक, भौगोलिक, दार्शनिक एवं वैचारिक संपदा ताकत और सत्यता आत्मसात है।
यानी पजल विधा सारी विधाओं से ऊपर का सिद्धहस्त फारमेट नजर आता दिखाई दे रहा है, आदरणीय चौबे जी जैसे, इस पजल विधा के ऐसे सिद्धहस्त शेरदिल पाठकगण हर शोशल गुरुप में हैं, जो कहते हैं कि उन्हें पहेलियों से प्यार हो गया है, उनका अवसाद (डिप्रेशन) समूल समाप्त हो गया है, मैंने भी पजल विधा से खुद के अवसाद को समूल नष्ट किया है, सफेद दागों की वजह से मैं भी तीन साल पहले अवसाद से ग्रसित हुआ, ड्यैढ़ साल मैंने कलम तक नहीं चलाई, यानी पांच साल पहले शुरू की हुई मेरी साहित्यिक यात्रा में *’ड्येढ साल का काला पीरियड’* भी रहा है, जिससे पार पाने का नतीजा पजल विधा का सृजन है, जो आज सबके सामने सागरमंथन का मुद्दा बना हुआ है। सागर मंथन की प्रक्रिया में विष (विष्णु में विष अंतर्निहित है) समेत चौदह कला सिद्धहस्त चौदह अनमोल रत्न लोक कल्याण को प्राप्त हुए, जिनका लाभ विश्व के पूरे लोक समाज को मिल रहा है।
*’पजल की अंग्रेज़ियत’* पर बहुत सारे विद्वान डॉक्टर श्री से सम्मानित गणमान्य लोगों को ऐतराज है, पजल के गढवाली करण की बात पर बेमतलब माथापच्ची कर रहे हैं, इतनी माथापच्ची अगर पजल हल करने में लगाते, तो मैं दावे से कहता हूँ, वे भी सरस्वती स्वरूपा आदरणीय श्रीमती शशि जोशी (जिन्हे गढ़वाली/कुमाउंनी नहीं आती) की तरह कह उठते कि *’उन्हें पहेलियों से प्यार हो गया है’*, ऐसी कोई पहेली नहीं, जो उन्होंने बेनागा आदरणीय परमानन्द चौबे जी की तरह शोशल गुरुप में हल नहीं की है, अगर आदरणीय चौबे जी किसी पजल में खूब खिलखिलाते हुए हंसते हैं, तो किसी को ब्रह्मज्ञानी देवतुल्य इंसान में असुरी हंसी दिखाई देती है, जबकि *’जिसकी जैसी सोच, उसके वाणी में वैसी मोच’* , सिद्धहस्त कथन है।
अंग्रेजियत पर इतना बवाल खड़ा करने वाले तथाकथित आदरणीय डाक्टर डिग्रीधारी पद प्रतिष्ठित साहित्यकार अगर अपने नाम के आगे *’डाक्टर की जगह वैद्य’* लिखना शुरू कर दें, तो हम भी पजल को आणा लिखने की सोच सकते हैं। लेकिन कथनी और करनी में फरक तो है ही।
किसी जिज्ञासु आमजन गढ़वाली भ्राताश्री ने कहा कि *क्या ‘पजल गढ़वाली शब्द है?* तो मैंने जवाब देते हुए कहा कि पजल बिल्कुल एक गढ़वाली सिद्धहस्त शब्द है, तो उन्होंने कहा कि कैसे? अंततः मैंने उनकी
जिज्ञासा शांत करने हेतु पजल शब्द की व्याख्या इस तरह बताई-
*पजल शब्दार्थ*
*प*- पुंगड़ि (खेत)
*ज*- जलड़ि (जल सींचित जड़)
*ल*- लगुळि (बेल)
यानी पजल के ये तीन ‘सशक्त समृद्ध, सांस्कृतिक’ शब्द तीन पत्र धारी *बेलपत्र* को परिभाषित करते है, त्रिदेव, त्रिशूल जैसे क्षीरसागर सिद्धहस्त चौदह रत्नों को परिभाषित करते हैं। इसके बाद भी किसी को कोई संदेह है, तो मैंने *गुरुप के सभी सम्मानित गुरुजनों को शास्त्रार्थ विचार विमर्श का विनीत आग्रह किया है*।
अंततः महाकाव्य का ब्रह्मवाक्य ब्रह्मस्वरुप देवतुल्य आदरणीय चौबे जी के मुखारविन्द से निकला है, तो बात दूर तक जाएगी ही। मैंने पजल विधा को 36 गुण सिद्धहस्त परिभाषित किया है (हालांकि भाषाविद एडमिन आदरणीय श्री ने पजल पुस्तकों लुणत्यळि और दुणत्यळि की पोस्ट पर बुलडोजर चलाते हुए कल की पजल नंबर 446 का पंचपरमेश्वर जैसा सही उत्तर *’बुलडोजर’* देकर कम से कम 446 में से एक पजल तो हल करने की सार्थक कोशिश की), जबकि महाकाव्य की परिभाषा को 22 गुण सिद्धहस्त बताया जा रहा है। इससे यह भी दिख रहा है कि जब नई पजल विधा 36 गुण सिद्धहस्त है तो, पजल विधा को महाकाव्य की श्रेणी से बाहर रखने के लिए महाकाव्य को 44 गुण सिद्धहस्त होना चाहिए।
उपरोक्त मेरे ये विचार ब्रह्ममुहूर्त के दार्शनिक विचार हैं, भविष्य के गर्भ में यक्ष प्रश्न रूपी पजल का महाकाव्य छिपा हुआ है, गर्भ को नौ महीने बाद उजागर होना ही होता है। *देखते हैं सरस्वती माता के गर्भ में पल रहा पजलरूपी बालक विश्वगुरु बनने के गुण से कब परिपूर्ण होता है?* हम सरस्वती माता के साधक हैं। माता के पजल (आज दिनांक 07-10- 2023 से गढ़वाली शब्द) विधा के गर्भ की सुरक्षा संवर्धन हेतु हम छप्पन इंची सीने के शेरदिल प्रधान सेवक मात्र हैं, आप सब गुरजनों की सेवा में हाज़िर। इति।
*जगमोहन सिंह रावत ‘जगमोरा’*
*प्रथम गढ़गीतिकाव्य पजलकार*
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