आज का पंचाग, आपका राशि फल, इसलिए किया जाता है यज्ञोपवित संस्कार, आखिर कोरोना का कहर भारत पर ही क्यों?

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

यत्र यत्र रघुनाथ कीर्तनं*
*तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिम्।*
*भाष्पवारि परिपूर्ण लोचनं*
*मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ।।*

अर्थ : जहां – जहां भगवान श्रीरघुनाथकी संकीर्तन होता है, वहां शरणागत मस्तक, जुडे हुए हस्त कमल और नेत्रोंमें भावपूर्ण आनंद अश्रुके साथ उपस्थित होते हैं , ऐसे राक्षसोंका संहार करनेवाले, श्रीहनुमानको हमारा कोटिश: प्रणाम ✍️ पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री ✡️


⛅ *दिनांक 29 अप्रैल 2021*
⛅ *दिन – गुरुवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)*
⛅ *शक संवत – 1943*
⛅ *अयन – उत्तरायण*
⛅ *ऋतु – ग्रीष्म*
⛅ *मास – वैशाख (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – चैत्र)*
⛅ *पक्ष – कृष्ण*
⛅ *तिथि – तृतीया रात्रि 10:09 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
⛅ *नक्षत्र – अनुराधा दोपहर 02:29 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
⛅ *योग – वरीयान् सुबह 11:49 तक तत्पश्चात परिघ*
⛅ *राहुकाल – दोपहर 02:13 से शाम 03:50 तक*
⛅ *सूर्योदय – 06:10*
⛅ *सूर्यास्त – 19:01*
⛅ *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण –
💥 *विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए* 🌷
👉 *30 अप्रैल 2021 शुक्रवार को कृष्ण पक्ष की चतुर्थी  इसे शंकट मोचक चतुर्थी भी कहा जाता है है*
🙏🏻 *शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :*
🌷 *ॐ गं गणपते नमः ।*
🌷 *ॐ सोमाय नमः ।*
🙏🏻 *-
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

‪🌷 *चतुर्थी‬ तिथि विशेष* 🌷
🙏🏻 *चतुर्थी तिथि के स्वामी ‪भगवान गणेश‬जी हैं।*
📆 *हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।*
🙏🏻 *पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥*
➡ *“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *कोई कष्ट हो तो* 🌷
🙏🏻 *हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |*
👉🏻 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –*
🌷 *ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।*
🌷 *ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।*
🌷 *ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।*
🌷 *ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।*
🌷 *ॐ अविघ्नाय नम:*
🌷 *ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:*
🙏🏻
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

आज का पंचांग
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29 अप्रैल, 2021
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तिथि   तृतीया  22:12
नक्षत्र   अनुराधा  14:30
करण   वणिज  11:51
           विष्टि    22:12
पक्ष  कृष्ण
योग  वरियान  11:48
वार  गुरुवार 
सूर्योदय  05:42
सूर्यास्त  18:54
चन्द्रमा   वृश्चिक
राहुकाल  13.57 – 15.36
विक्रमी संवत्  2078
शक सम्वत 1943 (प्लव)
मास वैशाख 
शुभ मुहूर्त 
अभिजीत  11: 52 – 12: 45

🙏🏻🌷🌸🌼💐☘🌹🌻🌺🙏पंचक

: 4 मई रात्रि 8.41 बजे से 9 मई सायं 5.30 बजे तक
: 1 जून रात्रि 3.57 बजे से 5 जून रात्रि 11.27 बजे तक
: 28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक
एकादशी
23 अप्रैल, शुक्रवार कामदा एकादशी

07 मई, शुक्रवार वरुथिनी एकादशी
23 मई, रविवार मोहिनी एकादशी

06 जून, रविवार अपरा एकादशी
21 जून, सोमवार निर्जला एकादशी
प्रदोश

08 मई: शनि प्रदोष

24 मई: सोम प्रदोष व्रत

07 जून: सोम प्रदोष व्रत

22 जून: भौम प्रदोष
अमावस्या
वैशाख अमावस्या- मंगलवार, 11 मई 2021

ज्येष्ठ अमावस्या- बृहस्पतिवार, 10 जून 2021
पूर्णिमा

26 मई, बुधवार: बुद्ध पूर्णिमा

🌺उत्तराखंड का दैनिक पंचांग🌺

✡️बैशाख मासे ✡️
✡️16 प्रविष्टे गते ✡️
Date :29 – 04 – 2021(गुरुवार)
सूर्योदय :05.58 am
सूर्यास्त :06.49 pm
सूर्य राशि :मेष
चन्द्रोदय :09.33 pm
चंद्रास्त :08.33 am
चन्द्र राशि :वृश्चिक
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2078
अमांत महीना :चैत्र 17
पूर्णिमांत महीना :बैशाख 2
पक्ष :कृष्ण 3
तिथि :द्वितीया 1.34 amतक, बाद में तृतीया 10.10 pm तक, बाद में चतुर्थी
नक्षत्र :अनुराधा 2.29 pm तक, बाद में ज्येष्ठा
योग :वरीयान 11.48 am तक, बाद में परिघ
करण :वणिज 11:49 am तक, बाद में विष्टि 10:10 pm तक, बाद में बव
राहु काल :2.11 pm – 3.51 pm
कुलिक काल :9.09 am – 10.50 am
यमगण्ड :5.48 am – 7.29 am
अभिजीत मुहूर्त :11.58 AM – 12.49 PM
दुर्मुहूर्त :10:15 am – 11:07 am, 03:24 pm – 04:15 pm

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[29/4, 08:12] चक्रधर प्रसाद शास्त्री: 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️

✡️आज के लिए राशिफल ✡️✡️(29-04-2021) ✡️

✡️मेष✡️
29-04-2021
खुद के काम पर ध्यान देंगे, जिससे काम में रुकी हुई रफ्तार वापस लौट आएगी और आपको लाभ होगा। आज अपने ऊपर अजीब सा अभिमान हो सकता है, इससे बचना ही अच्छा होगा। दूसरों को भी महत्व दें। समाज में लोकप्रियता बढ़ेगी और सम्मान मिलेगा। अच्छा भोजन करेंगे। नए वस्त्र खरीदने का विचार कर सकते हैं। यात्रा में समस्या होगी। व्यापार में नए अनुबंध के लिए प्रयास करेंगे। प्रेम जीवन सामान्य रहेगा। दांपत्य जीवन जीने वालों को तनाव का सामना करना पड़ेगा।
भाग्यशाली दिशा : पूर्वोत्तर
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : ग्रे रंग
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✡️वृष ✡️
29-04-2021
आज आपको कोई शुभ समाचार मिलेगा, जिससे आपका मन पुरे दिन प्रसन्न रहेगा। वाहन खरीदने के योग बन रहे है, लेकिन अभी कुछ दिन रुक जाना अच्छा रहेगा। आज आप पेंटिंग बना कर समय बितायेंगे। व्यापार को बढ़ाने के लिए आज आप कुछ नया प्लान बनायेंगे, जिसमे जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। बुजुर्गों के सेहत का खास ध्यान दें। राजनीति से जुड़े लोग आज सामाजिक कार्यों में सहयोग करेंगे। माता दुर्गा की आरती करें, हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : हल्का नीला
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✡️मिथुन 🕉️
29-04-2021
बिजनेस और नौकरी में परिवार से सहयोग मिलेगा। कार्यस्थल पर सोच-समझकर बोलें। उन्नति के रास्ते खुलेंगे। बिजनेस में फायदा होने के योग बन रहे हैं। घर में उपयोग होने वाली वस्तुएं खरीद सकते हैं। अपनी सोच सकारात्मक रखें। विश्वसनीय व्यक्ति का सहयोग भी मिलसकता है। आपका पार्टनर संवेदनशील मूड में रहेगा। आपकी भावनाओं का सम्मान होगा। आपको अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : गहरा हरा
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✡️कर्क ✡️
29-04-2021
तेजी से बदलते विचारों के कारण निर्णय लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। मातहत साथ देंगे। बातों को शांतिपूर्वक सुलझाने का प्रयास करें। आज कुछ नया करने का मौका मिलेगा, इससे पीछे न हटें। आर्थिक जीवन सामान्य से बेहतर रहेगा। पारिवारिक जीवन सुखमय होगा। रिश्तों में मधुरता आएगी। मित्रों के सहयोग से आय वृद्धि के साधन विकसित हो सकते हैं। संतान सुख में वृद्धि होगी।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : मोर नीला
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✡️सिंह ✡️
29-04-2021
खर्चों में अधिकता होने से मन पर एक बोझ बढ़ेगा। मानसिक चिंताएं बढ़ेंगी। सेहत भी कमजोर रहेगी। किसी काम में मन कम लगेगा लेकिन भाग्य के सहारे कई काम बन जाएंगे। पिता का साथ मिलेगा। काम के सिलसिले में आपको अच्छे लाभ की उम्मीद करनी चाहिए। प्रेम जीवन परेशानी जनक हो सकता है ।अपने प्रिय को मिलने के लिए आप काफी उत्सुक रहेंगे लेकिन यह मुलाकात अभी संभव नहीं होगी। दांपत्य जीवन ठीक-ठाक रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण-पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️कन्या✡️
29-04-2021
आज कारोबार में लाभ होने के योग बन रहे हैं। कार्यों में भाई-बहन का सहयोग प्राप्त होगा। आज सही योजना के तहत करियर में बदलाव लायेंगे। परिवार में अविवाहित लोगों के विवाह की बात होगी। विद्यार्थियों को और मेहनत करने की जरुरत है। दाम्पत्य जीवन खुशियों आयेंगी। किसी से चल रहा मन मुटाव आज समाप्त होगा। लवमेटस एक दुसरे पर विश्वास बनायें रखें, नहीं तो रिश्तें में खटास आयेगी। धरती मां को छूकर प्रणाम करें, लोगों का सहयोग प्राप्त होता रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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✡️तुला ✡️
29-04-2021
कर्ज से छुटकारा मिल सकता है। अपने काम पर पूरी नजरे रखें। अधिकारियों से सहयोग मिलेगा। आज आपके लिए योजना बनाना मेहनत करने से भी ज्यादा कारगर साबित हो सकता है। आपके लिए परिवार, जमीन-जायदाद के मामले, दोस्त और रिश्तेदार बहुत खास होसकते हैं। आपका व्यवहार पार्टनर को खुशी देगा। कुछ नया और सकारात्मक काम करेंगे, तो आप अपने जीवन में अच्छा खासा सुधार कर सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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✡️वृश्चिक ✡️
29-04-2021
दोस्त, प्रेमी या जीवनसाथी के साथ संबंधों में सुधार होगा। आपकी सेहत भी खराब हो सकती है। अपनी गलतियों को स्वीकार करें, उन्हें नकारने की बजाय उनसे सीख लें। शब्दों का गलत चुनाव आपको परेशानी में डाल सकता है। कुसंगति से हानि होगी। पुरानी व्याधि उठ सकती है। नए कार्य में हाथ न डालें। स्वास्थ्य बहुत परेशान कर सकता है। मन अशांत रहेगा। धैर्यशीलता में कमी आएगी।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : हल्का लाल
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✡️धनु ✡️
29-04-2021
मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी लेकिन भोजन के प्रति अनियमितता आपको बीमार बना सकती है। अपने गले में दर्द या गले का इन्फेक्शन या टॉन्सिल अथवा गला खराब होने से यह मुंह के छालों से परेशान हो सकते हैं। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। काम के सिलसिले में किए गए प्रयास सफल रहेंगे। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा। प्रेम जीवन में तनाव बना रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : पूर्वोत्तर
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग
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✡️मकर ✡️
29-04-2021
आज आर्थिक उतार-चढ़ाव की स्थिति बनेगी। स्टूडेंट्स आज जितना ही ज्यादा प्रयास करेंगे, वो उतना ही अपने करियर को अच्छी दिशा देने में सफलता होंगे। आज आप कोई सामान घर में ही रख कर भूल जायेंगे। इस राशि के महिलाओं के लिए दिन अच्छा रहने वाला है, घर के सारे काम जल्दी पूरा हो जाने से, थोडा रिलैक्स होने का समय मिलेगा। लवमेटस के लिए दिन सामान्य रहने वाला है। मां दुर्गा को मिश्री का भोग लगाएं, समस्याओं का समाधान मिलेगा।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : हल्का हरा
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✡️कुंभ ✡️
29-04-2021
बिजनेस में आत्मनिर्भरता रहेगी। नए लोगों से कॉन्टैक्ट बनेंगे। कामकाज बढ़ेगा। साथ के लोगों से सहयोग मिल सकता है। नए लोगों से भी अच्छे संबंध बनेंगे, जो आपकी आर्थिक स्थिति में जल्दी ही सुधार लाने में सफल रहेंगे। आपके सोचे हुए काम समय पर पूरे हो जाएंगे। पुरानी समस्याओं का समाधान मिल सकता है। मौसमी बीमारियां भी हो सकती हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिणपूर्व
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️मीन 🕉️
29-04-2021
आज छोटे व्यापारी अधिक मुनाफा ले सकेंगे तथा अपनी आय में वृद्धि भी कर पाएंगे। आप अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आयें और कोई कदम उठायें। शुरुआत में इससे कुछ परेशानियां हो सकती हैं, लेकिन यह आपके भविष्य में लाभकारी रहेगा। अपने प्रियजनों से दूरी आपको बेचैन करेगी। परिश्रम तो अधिक करेंगे परंतु फल कम मिलेगा। नौकरी में संभलकर रहें। अपने सभी सामान्य कार्यों में आप पूरी तरह सफल रहेंगे।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
——————-😘 पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर – 8449046631,9149003677✡️✡️

जनेऊ को #संस्कृत भाषा में #यज्ञोपवीत कहा जाता है। यह तीन धागों वाला सूत से बना पवित्र धागा होता है, जिसे व्यक्ति बाएं कंधे के ऊपर तथा दाईं भुजा के नीचे पहनता है। अर्थात् इसे गले में इस तरह डाला जाता है कि वह बाएं कंधे के ऊपर रहे। जनेऊ में तीन सूत्र –  त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक – देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण के प्रतीक – सत्व, रज और तम के प्रतीक होते है। साथ ही ये तीन सूत्र गायत्री मंत्र के तीन चरणों के प्रतीक है तो तीन आश्रमों के प्रतीक भी। जनेऊ के एक-एक तार में तीन-तीन तार होते हैं। अत: कुल तारों की संख्‍या नौ होती है। इनमे एक मुख, दो नासिका, दो आंख, दो कान, मल और मूत्र के दो द्वारा मिलाकर कुल नौ होते हैं। इनका मतलब है – हम मुख से अच्छा बोले और खाएं, आंखों से अच्छा देंखे और कानों से अच्छा सुने। जनेऊ में पांच गांठ लगाई जाती है जो ब्रह्म, धर्म, अर्ध, काम और मोक्ष का प्रतीक है। ये पांच यज्ञों, पांच ज्ञानेद्रियों और पंच कर्मों के भी प्रतीक है।
जनेऊ की लंबाई : जनेऊ की लंबाई 96 अंगुल होती है क्यूंकि जनेऊ धारण करने वाले को 64 कलाओं और 32 विद्याओं को सीखने का प्रयास करना चाहिए। 32 विद्याएं चार वेद, चार उपवेद, छह अंग, छह दर्शन, तीन सूत्रग्रंथ, नौ अरण्यक मिलाकर होती है। 64 कलाओं में वास्तु निर्माण, व्यंजन कला, चित्रकारी, साहित्य कला, दस्तकारी, भाषा, यंत्र निर्माण, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, दस्तकारी, आभूषण निर्माण, कृषि ज्ञान आदि आती हैं।
जनेऊ धारण के समय बालक के हाथ में एक दंड होता है। इस दौरान वो बगैर सिला एक ही वस्त्र पहनता है और उसके गले में पीले रंग का दुपट्टा होता है। मुंडन के बाद शिखा रखी जाती है। पैर में खड़ाऊ होती है। मेखला, कोपीन, दंड : कमर में बांधने योग्य नाड़े जैसे सूत्र को मेखला कहते हैं। मेखला को मुंज और करधनी भी कहते हैं। कपड़े की सिली हुई सूत की डोरी, कलावे के लम्बे टुकड़े से मेखला बनती है। कोपीन लगभग 4 इंच चौड़ी डेढ़ फुट लम्बी लंगोटी होती है। इसे मेखला के साथ टांक कर भी रखा जा सकता है। दंड रूप में लाठी या ब्रह्म दंड जैसा रोल भी रखा जा सकता है। यज्ञोपवीत को पीले रंग में रंगकर रखा जाता है।
बिना सिले वस्त्र पहनकर, हाथ में एक दंड लेकर, कोपीन और पीला दुपट्टा पहनकर विधि-विधान से जनेऊ धारण किया जाता है। जनेऊ धारण करने के लिए एक यज्ञ होता है, जिसमें जनेऊ धारक अपने संपूर्ण परिवार के साथ भाग लेता है। यज्ञ द्वारा संस्कार किए गए जनेऊ को विशेष विधि से ग्रन्थित करके बनाया जाता है। इसे गुरु दीक्षा के बाद ही धारण किया जाता है। अपवित्र होने पर इसे बदल लिया जाता है।
गायत्री मंत्र से शुरू होता है ये संस्कार : यज्ञोपवीत संस्कार गायत्री मंत्र से शुरू होता है। गायत्री- उपवीत का सम्मिलन ही द्विजत्व है। यज्ञोपवीत में तीन तार हैं,
गायत्री में तीन चरण हैं।
‘तत्सवितुर्वरेण्यं’ प्रथम चरण, ‘भर्गोदेवस्य धीमहि’ द्वितीय चरण, ‘धियो यो न: प्रचोदयात् ’
तृतीय चरण है।
गायत्री महामंत्र की प्रतिमा – यज्ञोपवीत, जिसमें 9 शब्द, तीन चरण, सहित तीन व्याहृतियां समाहित हैं। इस मन्त्र से करते हैं यज्ञोपवीत संस्कार : यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात् । आयुष्यमग्रं प्रतिमुञ्च शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।।
 यज्ञोपवित संस्कार प्रारम्भ करने के पूर्व यज्ञोपवीत का मुंडन करवाया जाता है। संस्कार के मुहूर्त के दिन लड़के को स्नान करवाकर उसके सिर और शरीर पर चंदन केसर का लेप करते हैं और जनेऊ पहनाकर ब्रह्मचारी बनाते हैं। फिर हवन करते हैं। विधिपूर्वक गणेशादि देवताओं का पूजन, यज्ञवेदी एवं बालक को अधोवस्त्र के साथ माला पहनाकर बैठाया जाता है। इसके बाद दस बार गायत्री मंत्र से अभिमंत्रित करके देवताओं के आह्‍वान के साथ उससे शास्त्र शिक्षा और व्रतों के पालन का वचन लिया जाता है। गुरु मंत्र सुनाकर कहता है कि आज से तू अब ब्राह्मण हुआ अर्थात ब्रह्म (सिर्फ ईश्वर को मानने वाला) को माने वाला हुआ। इसके बाद मृगचर्म ओढ़कर मुंज (मेखला) का कंदोरा बांधते हैं और एक दंड हाथ में दे देते हैं। तत्पश्चात्‌ वह बालक उपस्थित लोगों से भीक्षा मांगता है।
 जनेऊ धारण करने की उम्र  : जिस दिन गर्भ धारण किया हो उसके आठवें वर्ष में बालक का उपनयन संस्कार किया जाना चाहिए। जनेऊ पहनने के बाद ही विद्यारंभ होना चाहिए, लेकिन आजकल गुरु परंपरा के समाप्त होने के बाद अधिकतर लोग जनेऊ नहीं पहनते हैं तो उनको विवाह के पूर्व जनेऊ पहनाई जाती है। लेकिन वह सिर्फ रस्म अदायिगी से ज्यादा कुछ नहीं, क्योंकि वे जनेऊ का महत्व नहीं समझते हैं। किसी भी धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ, यज्ञ आदि करने के पूर्व जनेऊ धारण करना जरूरी है। हिन्दू धर्म में विवाह तब तक पूर्ण नहीं होता जब तक कि जनेऊ धारण नहीं किया जाए।
मल-मूत्र विसर्जन के दौरान जनेऊ को दाहिने कान पर चढ़ा लेना चाहिए और हाथ स्वच्छ करके ही उतारना चाहिए। इसका मूल भाव यह है कि जनेऊ कमर से ऊंचा हो जाए और अपवित्र न हो। यह बेहद जरूरी होता है।
2. अगर जनेऊ का कोई तार टूट जाए या 6 माह से अधिक समय हो जाए, तो बदल देना चाहिए। खंडित प्रतिमा शरीर पर नहीं रखते। धागे कच्चे और गंदे होने लगें, तो पहले ही बदल देना उचित है।
3. घर में जन्म-मरण के सूतक के बाद इसे बदल देने की परम्परा है। 
4. जनेऊ शरीर से बाहर नहीं निकाला जाता। साफ करने के लिए उसे कण्ठ में पहने रहकर ही घुमाकर धो लेते हैं। भूल से उतर जाए, तो प्रायश्चित की एक माला जप करने या बदल लेने का नियम है।
5. बालक जब इन नियमों के पालन करने योग्य हो जाएं, तभी उनका यज्ञोपवीत संस्कार करना चाहिए।
जनेऊ का वैज्ञानिक महत्व 
1. बार-बार बुरे स्वप्न आने की स्थिति में जनेऊ धारण करने से ऐसे स्वप्न नहीं आते।
2. जनेऊ के हृदय के पास से गुजरने से यह हृदय रोग की संभावना को कम करता है, क्योंकि इससे रक्त संचार सुचारू रूप से संचालित होने लगता है।
3. जनेऊ पहनने वाला व्यक्ति सफाई नियमों में बंधा होता है। यह सफाई उसे दांत, मुंह, पेट, कृमि, जीवाणुओं के रोगों से बचाती है।
4. जनेऊ को दायें कान पर धारण करने से कान की वह नस दबती है, जिससे मस्तिष्क की कोई सोई हुई तंद्रा कार्य करती है।
5. दाएं कान की नस अंडकोष और गुप्तेन्द्रियों से जुड़ी होती है। मूत्र विसर्जन के समय दाएं कान पर जनेऊ लपेटने से शुक्राणुओं की रक्षा होती है।
6. कान में जनेऊ लपेटने से मनुष्य में सूर्य नाड़ी का जाग्रण होता है।
7. कान पर जनेऊ लपेटने से पेट संबंधी रोग एवं रक्तचाप की समस्या से भी बचाव होता है।
8. जनेऊ धारण करने से विद्युत प्रवाह रेखा नियंत्रित रहती है जिससे काम-क्रोध पर नियंत्रण रखने में आसानी होती है।
9. जनेऊ से पवित्रता का अहसास होता है। यह मन को बुरे कार्यों से बचाती है।
10. जनेऊ से कब्ज, एसीडीटी, पेट रोग, मूत्रन्द्रीय रोग, रक्तचाप, हृदय के रोगों सहित अन्य संक्रामक रोग नहीं होते।
सत्य सनातन धर्म की जय
🙏 🙏

*आखिर कोरोना की कहर भारत पर ही क्यों?* *भारत को कमजोर करने के आंतरिक व बाह्य षडयंत्रों से सावधान रहना होगा* 

भारत में वर्तमान में फैली हुई *महामारी* की *दूसरी लहर* वायरस के सामान्य रूप से फैलने के कारण आई है? एक पखवाड़े पहले तक कोई यह नहीं मानता था कि यह *दूसरी लहर* है, पर अब बहुत गहरा संदेह घर कर गया है ।

आप संपूर्ण *भारतीय उपमहाद्वीप* की स्थिति देखिए।‌ *पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान।* इन देशों में या *एशिया* के किसी अन्य देश में कोई *दूसरी लहर* नहीं आई। आज वहाँ वैसी ही स्थितियाँ हैं जैसी स्थितियाँ दो-ढाई महीने पहले भारत में थीं। फिर यह *बम* भारत में ही कैसे फटा? क्या उन सभी देशों के नागरिक *भारतीयों* से बहुत अधिक *अनुशासित* हैं? क्या वे *महामारी* से बचने के लिए चौबीस घंटे *मास्क* पहने रहते हैं? नहीं! क्या उनकी *भौगोलिक स्थिति* भारत से *भिन्न* है? नहीं! फिर, *दूसरी लहर* इन देशों को छू भी नहीं सकी और भारत को *तोड़* रही है, क्यों?

*आईसीएमआर* पहली वेव के समय कह चुकी है कि भारत में करोड़ों लोगों को यह *बीमारी* हो गई और उन्हें पता भी नहीं चला तो जब *करोड़ों लोग* इसे झेल गए, उनमें *रोग प्रतिरोधक क्षमता* बन गई तब *दूसरी लहर* इतनी *खतरनाक* कैसे हो गई ? और केवल *भारत में ही* क्यों हुई?

आप इस *महामारी* के पश्चात् की *वैश्विक परिस्थितियों* को देख लीजिए। *दवा, वैक्सीन* से लेकर *अर्थव्यवस्था प्रबंधन* तक। *भारत* ने पूरी *दुनिया* को चकित किया। और अब *चीन* की *असल चिंता* को समझिए।‌ *चीन* आज *भारत* को *मदद* की बात कर रहा है। पिछले साल *महामारी काल* में भी *घुसपैठ* कर रहा था। वहाँ *लात* खाने के पश्चात् वह इतना *सुधर* गया कि हमारी *मदद* करने लगा????

*पाकिस्तान* जैसा *चिरशत्रु* और *लंगड़ा* मदद की बात कर रहा है।

एक अत्यंत महत्वपूर्ण कारण यह दिखाई दे रहा है कि भारत की राष्ट्रवादी सरकार देश देशद्रोहियों के सामने झुक नहीं रही है।

विश्व की *फार्मा लाॅबी, ऑयल लाॅबी और आर्म्स लॉबी* ने इस *महामारी* और
*BlackLivesMatter* तथा
*जॉर्ज फ्लाॅयड* मुद्दों का *मीडिया* में भयानक उफान मचाकर जैसे अमेरिकन राष्ट्रवादी *ट्रंप* को हराया। क्योंकि *ट्रंप* इन *लॉबीज* के सामने खुलकर आ खड़े हुए थे। आज वही लोग *मोदी* के पीछे लगे हैं।

जानते है क्यों? क्योंकि…
… *फार्मा कंपनियों* का *बिजनेस* कम से कम *4 से 6 ट्रिलियन डॉलर (सालाना)* का है। कम से कम *1.25 ट्रिलियन डॉलर* का *वैक्सीन बिजनेस* जीरो कर दिया गया। *500 बिलियन डॉलर* का *PPE Kit* और *मास्क* का *बिजनेस* लगभग जीरो कर दिया गया।

*भारत* की *मेडिकल* के क्षेत्र में *आत्मनिर्भरता* से किसको *हानि* हो रही थी। हमेशा हाथ फैलाने वाला देश *वैक्सीन* बाँटने वाला देश कैसे हो गया, किसे यह बात पच नहीं रही थी ? *जर्मनी* जैसे देश की यह *पीड़ा* जानिए कि *ड्रग* के क्षेत्र में *भारत* ने हमें कैसे *पछाड़* दिया, फिर विचारिये।

और आगे चलें…
…अगले 2 – 3 सालों में भारत में *इलॅक्ट्रिक वाहनों* के लिए *75000 से 100000 चार्जिंग स्टेशन* बनाए जा रहे हैं जिससे *तेल* की खपत *30%* तक कम हो जाएगी। *वैश्विक ऑयल लॉबी* के मुँह पर यह करारा तमाचा है।

यही नहीं…
…भारत ने *LCA लड़ाकू विमानों* का व *ब्रह्मोस मिसाइल* का *निर्यात* चालू कर दिया है जो *वैश्विक आर्म्स लॉबी* के लिए *तगड़ा झटका* साबित हो रहा है।

*वर्तमान राष्ट्रवादी सरकार इन सभी की राह में बहुत बड़ा *काँटा* है…
…और यह मानकर चला जा रहा है कि इस *काँटे* को *जनता के गुस्से* से ही हटाया जा सकता है।

एक और पहलू…

*पश्चिम बंगाल* में *1.5 करोड़ बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं* व *असम* में भी कई *लाख घुसपैठिये* मेहमान बनाये जा चुके हैं।

*असम* व *बंगाल* भारत के लिए *कश्मीर* की तरह, शायद उससे भी *अधिक महत्वपूर्ण* है।

गूगल पर *“चिकन नेक”* सर्च करिए।

“आप मानें या ना मानें पर भारत में *चीनी बीमारी* की *दूसरी लहर* राष्ट्रवादी सरकार को हर मोर्चे पर *विफल* करने और देश में *सिविल वार* करवाने के लिए ही तो नहीं लायी गयी है??”

यह *चीन* और भारत में छिपे बैठे उसके *स्लीपर सेल* के *माओवादियों* का *खतरनाक खेल* भी हो सकता है??? 

*विपक्षनीत* सरकारों की *राष्ट्रवादी* सरकार के विरुद्ध *महामारी* सम्बन्धी *नीच राजनीति* व *मीडिया* का *24×7 लाशें व ऑक्सीजन की कमी* बढ़ा चढा कर दिखाना इस *षड्यंत्र* का ही हिस्सा हो सकता है?? 

शोशल मीडिया एपों पर एक ही *माँ* सैकड़ों की *माँ* बन कर क्यों मर रही है ?

केवल *श्मशान* में ही *भीड़* क्यों ??

एक ही जैसे *सैकड़ों ट्वीट* क्यों- कि हमारी *अम्मा* मर गयी *बिना ऑक्सीजन* के ??

*टूल किट गैंग* फिर से *सक्रिय* किसके *इशारे* पर ??

केवल हरिद्वार महाकुंभ और बंगाल की चुनावी रैलियों से ही कोरोना फैलाने की चर्चाएं क्यों?? 

कोरोना बहुत भीषण है राष्ट्रीय आपदा है। तो अचानक से *किसान* क्यों लौट आये *बॉर्डर* पर ?

जैसे ही महाराष्ट्र में *वसूली कांड* सामने आया, राष्ट्रवादी *बंगाल* जीतते लगे…
… *महामारी* फिर से *प्रकट* हो गयी ??? इस राष्ट्रीय आपदा में सब सहयोग करने की बजाय इस नकारात्मक रवैया के पीछे न केवल चीन जैसी ताकतें हो सकती हैं वरन् हमारे देश में भी मोदी को बदनाम करने की भरसक कोशिश में जुटे आन्दोलन जीवी एवं राजनीतिज्ञ भी कोरोना को हथियार के रूप में भरपूर उपयोग करते दिख रहे हैं। …मोदी के प्रधानमंत्री रहते जिन लुटेरों की दुकानें बंद हुई हैं, नफरत की आग मे जलते वे लोग भी हर कीमत पर जनता को भड़का कर वापसी करने की मनसा नहीं रखते हैं?? यही नहीं …भारत में कोरोना से व्याप्त इस संक्रामक महामारी की अव्यवस्था के जो चित्र पूरी दुनियां में भेजे जा रहे हैं उससे क्या भारत की छवि खराब नहीं हो रही है? 

यह एक गहरा *षड्यंत्र* हो सकता है, !!

यह एक *बहुत बड़ा युद्ध* हो सकता है! यह कोई *विशेषज्ञ* राय नहीं पर *स्थितियाँ* देखिए और सोचिए कि *अचानक* यह केवल *भारत* के साथ ही क्यों हुआ…

यह एक *विकट जैविक अस्त्र* हो सकता है!!!

थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद यह *लड़ाई* बहुत आगे तक जाने वाली है।

यदि अगली *पीढ़ी* को *गुलाम* नहीं बनाना है तो इस कठिन घड़ी में निर्णय धैर्य से लेना होगा। 
*अब भी समय है समझ जाओ यह सब राष्ट्रवादी आंदोलन को रोक कर भारत को तोड़ने का षड्यंत्र हो सकता है!!