आज का पंचाग आपका राशि फल, छोटी वय की बड़ी गायिका मैथली ठाकुर, यदि हिन्दू इतिहास से सीख नहीं लेगा तो इतिहास बन जायेगा

‌‌   *༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​​*
*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*

*सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*
*_शुक्रवार, २४ मई २०२४_*
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सूर्योदय: 🌄 ०५:३०सूर्यास्त: 🌅 ०७:०५
चन्द्रोदय: 🌝 २०:१४, चन्द्रास्त: 🌜०५:२७
अयन 🌘 उत्तरायणे(उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🎋 ग्रीष्म
शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)
विक्रम सम्वत:👉२०८१ (काल)
मास 👉 ज्येष्ठ, पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 प्रतिपदा (१९:२४ से द्वितीया)
नक्षत्र 👉 अनुराधा (१०:१० से ज्येष्ठा)
योग 👉शिव(११:२२ से सिद्ध)
प्रथम करण👉बालव(०७:२७ तक
द्वितीय करण 👉 कौलव(१९:२४ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 वृष
चंद्र 🌟 वृश्चिक
मंगल 🌟 कुम्भ(उदित,पूर्व,मार्गी)
बुध 🌟 मेष (उदित, पूर्व, वक्री)
गुरु 🌟 वृष(अस्त,पश्चिम,मार्गी)
शुक्र 🌟 वृष (अस्त, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मीन
केतु 🌟 कन्या
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४६ से १२:४२
अमृत काल 👉 २५:३८ से २७:१६
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:१९ से १०:१०
विजय मुहूर्त 👉 १४:३२ से १५:२८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०८ से १९:२८
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:०९ से २०:१०
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५३ से २४:३४
राहुकाल 👉 १०:३० से १२:१४
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १५:४२ से १७:२५
दुर्मुहूर्त 👉 ०८:०५ से ०९:००
होमाहुति 👉 चन्द्र (१०:१० तक)
दिशाशूल 👉 पश्चिम
नक्षत्र शूल 👉पूर्व (१०:१० से)
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 गौरी के साथ (१९:२४ से सभा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष आरम्भ, गृह प्रवेश मुहूर्त प्रातः ०५:३७ से १०:४१ तक, भूमि-भवन क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:२५ से ०२:०६ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १०:१० तक जन्मे शिशुओ का नाम अनुराधा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ने) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (नो, या, यी, यू) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
वृषभ – २८:४९ से ०६:४४
मिथुन – ०६:४४ से ०८:५९
कर्क – ०८:५९ से ११:२१
सिंह – ११:२१ से १३:४०
कन्या – १३:४० से १५:५८
तुला – १५:५८ से १८:१८
वृश्चिक – १८:१८ से २०:३८
धनु – २०:३८ से २२:४१
मकर – २२:४१ से २४:२२+
कुम्भ – २४:२२+ से २५:४८+
मीन – २५:४८+ से २७:१२+
मेष – २७:१२+ से २८:४६+
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:१९ से ०६:४४
चोर पञ्चक – ०६:४४ से ०८:५९
शुभ मुहूर्त – ०८:५९ से १०:१०
रोग पञ्चक – १०:१० से ११:२१
शुभ मुहूर्त – ११:२१ से १३:४०
मृत्यु पञ्चक – १३:४० से १५:५८
अग्नि पञ्चक – १५:५८ से १८:१८
शुभ मुहूर्त – १८:१८ से १९:२४
रज पञ्चक – १९:२४ से २०:३८
शुभ मुहूर्त – २०:३८ से २२:४१
चोर पञ्चक – २२:४१ से २४:२२+
शुभ मुहूर्त – २४:२२+ से २५:४८+
रोग पञ्चक – २५:४८+ से २७:१२+
चोर पञ्चक – २७:१२+ से २८:४६+
शुभ मुहूर्त – २८:४६+ से २९:१८+
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन विपरीत फल देने वाला रहेगा। पूर्व निर्धारित योजनाएं अधूरी या असफल हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर मनमानी के कारण आर्थिक हानि होगी। आज आप बिना विचारे कोई भी कार्य ना करें स्वाभाव मे जल्दबाजी अधिक रहेगी। सरकारी कार्यो में भी विलम्ब होगा। सामाजिक क्षेत्र पर अधिक बोलने से बचें। विरोधी आज आपकी गलती खोजने के लिए तैयार रहेंगे। स्त्री-संतान से भी संबंधो में कड़वाहट आ सकती है। सेहत को लेकर अशांकित रहेंगे बाहर के खान पान से परहेज करें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन राहत का अनुभव करेंगे। कार्यो को लेकर पहले थोड़ा आशंकित रहेंगे परन्तु एक बार सफलता मिलने पर यही क्रम दिन भर बना रहेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन बेहद खास रहेगा परन्तु उधार के व्यहार आज ना ही करें तो बेहतर रहेगा। नौकरी पेशा जातक आज भी व्यस्तता के चलते घर में आलोचना का शिकार बनेंगे लेकिन सामाजिक स्तर पर आपकी छवि निखरेगी। स्वास्थ्य थोड़ा नरम रहेगा। लम्बी यात्रा की योजना बनाएंगे इसपर खर्च भी होगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपका आज का दिन छोटी मोटी उलझनों को छोड़ सामान्य ही रहेगा। व्यवस्तता अधिक रहने से पारिवारिक आवश्यकताओ पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। सेहत की अनदेखी करना आगे भारी पड़ सकता है। काम धंधा मे पहले से सुधार आएगा धन सम्बंधित कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे परंतु इसके लिए दिमागी कसरत करनी पड़ेगी। विपरीत लिंगीयो से किसी ग़लतफ़हमी के कारण मतभेद होंगे। धन से अधिक संबंधो को प्राथमिकता दें।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन भी आप कार्यो के प्रति लापरवाही दिखाएंगे फलस्वरूप महत्त्वपूर्ण कार्य अधूरे रहंगे एवं लाभ के अवसर हाथ से निकल सकते है। मौज-शौक के प्रति आज अधिक आकर्षण रहेगा फिजूल खर्च बढ़ेंगे। सरकार की तरफ से कोई परेशान करने वाला समाचार मिल सकता है। यात्रा-पर्यटन की योजना बनेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से आज अन्य के ऊपर निर्भर रहेंगे। चोरी एवं दुर्घटना के योग है सावधानी बरतें। संध्या के समय स्वास्थ्य मे विकार आने की संभावना है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन अशुभ फलदायी रहेगा। घर एवं बाहर आज विवेक से कार्य करें। आर्थिक समस्याओं को लेकर भविष्य की चिंता सताएगी। परिजन भी आज आपके रूखे व्यवहार के कारण दूरी बना कर रखेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी व्यवहारिकता की कमी के चलते लाभ होते होते हाथ से निकल जाएगा। दवाओं पर खर्च करना पड़ेगा। छाती में संक्रमण अथवा गले सम्बंधित परेशानी रहेगी। सन्तानो से स्वार्थयुक्त सम्बन्ध रहेंगे। आज किसी के भी ऊपर आँख बंदकर विश्वास ना करें।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपमें उतावलापन अधिक रहेगा जिसके कारण समस्याएं सुधरने की जगह और गहरी हो सकती है। नए कार्य का आरम्भ आज ना करें। किसी के जमानती भी ना बने। सेहत में उतार चढ़ाव आने से कार्य क्षेत्र पर उदासीनता रहेगी फिर भी खर्च लायक लाभ होने से स्थिति बराबर रहेगी। परिवार के बुजुर्गो की राय अवश्य लें। किसी पारिवारिक सदस्य के कारण सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। सन्तानो पर विशेष नजर रखे। धार्मिक यात्रा के अवसर मिलेंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज दिन का पहला भाग आलस्य के कारण बेकार हो सकता है। लेट-लतीफी के कारण कार्य बिगड़ने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर अधूरे कार्यो को लेकर परेशानी में पड़ सकते है फिर भी धन लाभ के योग है मध्यान के बाद अधिकांश कार्य आपके परिश्रम से सुधरने लगेंगे। रिश्तेदारी के व्यवहार से लाभ होने की सम्भवना है परन्तु पहले खर्च भी करना पड़ेगा। सहकर्मियों से पहले नाराजगी रहेगी बाद में स्थिति सामान्य हो जायेगी। सेहत मे कुछ विकार आने की सम्भावना है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज भी परिस्थितियां आपकी आशाओं के अनुकूल रहेंगी परन्तु आज किसी विशेष व्यक्ति द्वारा भ्रम की स्थिति बनाने से असमंजस में पड़ सकते है। बिना विचारे कोई भी कार्य ना करें छोटी सी भूल लाभ को हानि में बदल सकती है। संध्या के समय स्वजनों के सहयोग से भ्रम से बाहर निकलेंगे। आर्थिक आयोजन करने के लिए भी यह समय उपयुक्त रहेगा आकस्मिक लाभ होगा। महिला मित्रो के साथ नजदीकियां बढ़ेंगी। अनीतिक कार्यों से बचे मान भंग होने के योग भी है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन का पूर्वार्ध भी परेशानी वाला रहेगा। कहीं से कोई भी आशा नहीं दिखने से बेचैन रहेंगे। घर का वातावरण अशान्त रहने से मानसिक स्थिति बिगड़ेगी क्रोध में आकर कोई निर्णय ना ले बाद में पश्चाताप होगा। दोपहर के बाद स्थिति में सुधार आने लगेगा। परिजनों की ही सहायता अथवा मार्गदर्शन से बिगड़े काम बनेंगे। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग मिलने से आर्थिक समस्या सुलझेंगी लेकिन आज खर्च सोच समझ कर ही करें। खान-पान में संयम बरतें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन सभी प्रकार से लाभ देने वाला रहेगा परन्तु आज आपको किसी अच्छे मार्गदर्शक की आवश्यकता पड़ेगी। व्यवहार में गर्मी रहने से बीच-बीच में वातावरण अशान्त भी हो सकता है। सहकर्मियों की लापरवाही भी विवाद का कारण बनेगी परन्तु धन लाभ आज अवश्य होगा। परिजनो की इच्छा पूर्ती करने से घर में सुख शांति रहेगी।
लंबी यात्रा यथासंभव टालें स्वास्थ्य बिगड़ने की संभावना है। विरोधी आपसे बच कर रहेंगे। किसी दूर रहने वाले स्वजन से मनमुटाव हो सकता है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज भी दिन आपकी आशाओं की पूर्ति कराने वाला रहेगा। दिन भर मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। झगड़ो को टालने के लिए छोटी-मोटी बातों को अनदेखा करें। कार्य क्षेत्र पर परिश्रम के अनुसार लाभ मिलेने से संतोष रहेगा। नए कार्यो में निवेश कर सकते है। पैतृक संपत्ति के मामलो में उलझने रहेंगी परन्तु पारिवारिक सदस्यों में आपसी सामंजस्य बना रहेगा। किसी से बहस ना करें। यात्रा की योजना अंत समय मे टल सकती है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आपका स्वास्थ्य उत्तम रहने से मानसिक रूप से किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगे। अपनी पुरानी योजनाओं को सिरे चढ़ायेंगे परिस्थितियां भी आपके साथ रहने से कार्यो में सफलता सुनिश्चित रहेगी। व्यवहार में थोड़ा रूखापन रहने से बीच-बीच में व्यवधान भी आएंगे परन्तु इनसे पार पा लेंगे। आज कम् साधन होने पर भी कार्यो को आत्मविश्वास से करेंगे। घरेलु दिनचर्या सामान्य रहेगी। उत्तम भोजन वाहन का सुख मिलेगा।
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मैथिली ठाकुर (जन्म 25 जुलाई 2000) एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं जो भारतीय शास्त्रीय संगीत और लोक संगीत में प्रशिक्षित हैं। उन्होंने हिंदी , बंगाली , मैथिली , उर्दू , मराठी , भोजपुरी , पंजाबी , तमिल , अंग्रेजी और अधिक इंडिक भाषाओं में मूल गीत, कवर और पारंपरिक लोक संगीत प्रमुखता से गाया है।

*बहुत सटीक व तार्किक विश्लेषण*

कभी-कभी विचार आता है कि
1500 ई. के बाद के ब्रिटिश कितने
साहसी और बुद्धिमान रहे होंगे, जिन्होंने
एक ठण्डे प्रदेश से निकलकर,
अनजान रास्ते और अनजान जगहों पर
जाकर लोगों को गुलाम बनाया.

अभी भी देखा जाए तो
ब्रिटेन की जनसंख्या और क्षेत्रफल
गुजरात के बराबर है, लेकिन उन्होंने
दशकों नहीं शताब्दियों तक
दुनिया को गुलाम बनाए रखा.

भारत की करोड़ों की जनसंख्या को
मात्र कुछ लाख या हजार लोगों ने
गुलाम बनाकर रखा, और केवल
गुलाम ही नहीं बनाया बल्कि
खूब हत्यायें और लूटपाट भी की.

उनको अपनी कौम पर
कितना गर्व होगा
कि मुठ्ठी भर लोग
दुनिया को नाच नचाते रहे.

भारत के एक जिले में शायद ही
50 से ज्यादा अंग्रेज रहे होंगे लेकिन
लाखों लोगों के बीच, अपनी धरती से
हजारों मील दूर आकर, अपने से
संख्या में कई गुना अधिक लोगों को
इस तरह गुलाम रखने के लिए
अद्भुत साहस रहा होगा.

अगर इतिहास देखते हैं तो
पता चलता है
कि उनके पास हम पर
अत्याचार करने के लिए लोग भी नहीं थे
तो उन्होंने हम में से ही कुछ लोगों को
भर्ती किया था,
हम पर अत्याचार करने के लिए,
हमें लूटने के लिए.
🤔
सोचकर ही अजीब लगता है कि
हम लोग अंग्रेजों के सैनिक बन कर,
अपने ही लोगों पर अत्याचार करते थे.
चंद्रशेखर, बिस्मिल जैसे मात्र कुछ
गिनती के लोग थे, जिन्हें
हमारा ही समाज
हेय दृष्टि से देखता था.

आज वही नपुंसक समाज
उन चंद लोगों के नाम के पीछे
अपना कायरतापूर्ण इतिहास छुपाकर
झूठा दम्भ भरता है.

*अरब के रेगिस्तान से कुछ भूखे*
*जाहिल, आततायी लोग आए,*
*और उन्होंने भी हमको लूटा, मारा,*
*बलात्कार किया. और हम*
*वहाँ भी नाकाम रहे.*

उन्होंने हमारे मन्दिर तोड़े,
हमारी स्त्रियों से बलात्कार किये, लेकिन
हमने क्या किया ?
वो दिन में विवाह में लूटपाट करते हैं,
◆ तो रात को चुपचाप विवाह करने लगे,
जवान लड़कियों को उठा ले जाते हैं,
◆ तो बचपन में ही शादी करने लगे और
अगर उसमें ही असुरक्षा हो, तो
◆ बेटी पैदा होते ही मारते रहे.
बुरा लगता तो ठीक है, लेकिन
★ यही हमारी सच्चाई है. ★

*हमने 1000 सालों की दुर्दशा से*
*कुछ नहीं सीखा.*

आज एक जनसँख्या
उन्हीं अरबी अत्याचारियों को
अपना पूर्वज मानने लगी है.

कुछ उन ईसाइयों को
अपना पूर्वज मानने लगी है,
यानि हम स्वाभिमानहीन लोग हैं,
स्वतंत्रता मिलने पर भी
हम मानसिक गुलाम ही रहे.

दूसरी तरफ हमारी व्यवस्थाएं भी
सड़ी हुई हैं , जिन्होंने इन सभी
नाकामियों का कभी
मंथन ही नहीं किया.
हमारे ऊपर जब आक्रमण हो रहे थे
और हम जब एक युद्धकाल से
गुजर रहे थे,
हमारी बहुसंख्यक जनसँख्या
इस मानसिकता में थी कि
*”कोउ नृप हो हमें का हानि”*

मतलब उनको युद्ध से,
राज्य से, राजा से
कोई मतलब नहीं था.
ये सब बस क्षत्रिय के काम थे.
उनको करना है तो करें,
नहीं करना तो नहीं करें.

यही कारण था कि मुस्लिम आक्रमण से
राजस्थान क्षेत्र छोड़कर समस्त भारत
धराशाही हो गया था, क्योंकि
राजस्थान में क्षत्रिय जनसँख्या
अधिक थी तो संघर्ष करने में सफल रहे.
ऐसे ही कुछ क्षेत्र और थे
जो इसमें सफल हुए.

आज इजरायल बुरी तरह शत्रुओं से
घिरा हुआ है लेकिन सुरक्षित है ,
क्योंकि .. वहाँ के प्रत्येक व्यक्ति की
देश और धर्म की सुरक्षा की जिम्मेदारी है
लेकिन हमने ये कार्य केवल
क्षत्रियों पर छोड़ दिया था, जबकि
फ़ौज में भी युद्ध के समय
माली, नाई, पेंटर, रसोइया आदि
सभी लड़ाका बनकर तैयार रहते हैं.

लेकिन हमने युद्धकाल में भी
परिस्थितियों को नहीं समझा और
अपनी योजनायें नहीं बनाई
अपनी व्यवस्थाएँ नहीं बदली.

जरा विचार करके देखिए कि
मुस्लिमों एवं अंग्रेजों से जिस तरह
क्षत्रिय लड़े, अगर पूरा हिन्दू समाज
क्षत्रिय बनकर, लड़ा होता तो क्या
हम कभी गुलाम हो सकते थे ?

सामान्य परिस्थिति में
समाज को चलाने के लिए
उसको वर्गीकृत किया ही जाता है ,
लेकिन
विपत्तिकाल में नीतियों में परिवर्तन भी
किया जाता है, लेकिन हम इसमें
पूरी तरह नाकाम लोग हैं. इसलिए
1000 सालों से दुर्भाग्य
हमारे पीछे पड़ा है.

अटल जी एक भाषण में कहते हैं कि
एक युद्ध जीतने के बाद जब
1000 अंग्रेजी सैनिकों ने
विजय-जुलूस निकाला था, तो
सड़क के दोनों तरफ 20000 लोग
देखने आए थे.

अगर ये 20000 लोग
पत्थर-डण्डे से भी मारते, तो
1000 सैनिकों को भागते भी नहीं बनता,
लेकिन ये 20 हजार लोग
केवल युद्व के मूक दर्शक थे.

आज भी कुछ खास नहींं बदला है.
मुगलों और अंग्रेजों का स्थान
एक खास dynasty ने ले लिया और
वामपंथियों/सेकुलरों के रूप में
खतरनाक गद्दारों की फौज भी
पैदा हो गई.

लेकिन सबसे बड़ी विडंबना
यह है कि हम आज भी बंटे हुए हैं.
100 करोड़ होकर भी
मूक दर्शक बने हुए हैं.

भले ही कुछ लोग
कुछ जागृति पैदा करने में
सफल हुए हों,
पर बिना संपूर्ण जागृति
इस देश के दुर्भाग्य का
अंत नहींं होगा.

सही है कि हम …
इतिहास से सीखने वाले नहीं हैं,
चाहे खुद इतिहास बनकर रह जाएं.

*इस संदेश को कम से कम पांच ग्रुप मैं जरूर भेजे*🙏🙏🙏🙏