आज का पंचाग आपका राशि फल, स्त्री और पुरूष समान नहीं अपितु स्त्री कोटिगुना महान है, सोम लताओं से निकला अमृत ‘सोमरस’ देवों का पेय था जबकि सुरा या मदिरा असुरों का

तिरूपति बाला जी

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻मंगलवार, २१ मार्च २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:२७

सूर्यास्त: 🌅 ०६:२7

चन्द्रोदय: 🌝 ❌️❌️❌️

चन्द्रास्त: 🌜१८:११

अयन 🌖 उत्तरायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🎋 बसंत

शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (राक्षस)

मास 👉 चैत्र 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 अमावस्या (२२:५२ से प्रतिपदा)

नक्षत्र 👉 पूर्वाभाद्रपद (१७:२५ से उत्तराभाद्रपद)

योग 👉 शुभ (१२:४२ से शुक्ल)

प्रथम करण 👉 चतुष्पाद (१२:१७ तक)

द्वितीय करण 👉 नाग (२२:५२ तक)

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 मीन 

चंद्र 🌟 मीन (११:५७ से)

मंगल 🌟 मिथुन (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 मीन (अस्त, पूर्व, मार्गी)

गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)

शुक्र 🌟 मेष (उदित, पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

शुभाशुभ मुहूर्त विचार

⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०० से १२:४९

अमृत काल 👉 १०:१० से ११:३७

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 १७:२५ से ३०:१९

विजय मुहूर्त 👉 १४:२६ से १५:१४

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:२७ से १८:५१

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:२८ से १९:३९

निशिता मुहूर्त 👉 २४:०० से २४:४७

राहुकाल 👉 १५:२६ से १६:५७

राहुवास 👉 पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०९:२२ से १०:५३

होमाहुति 👉 केतु (१७:२५ तक)

दिशाशूल 👉 उत्तर

नक्षत्र शूल 👉 दक्षिण (१७:२५ तक)

अग्निवास 👉 पाताल (२२:५२ तक)

चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर ११:५७ से) 

शिववास 👉 गौरी के साथ (२२:५२ से श्मशान में)

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

☄चौघड़िया विचार☄

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – रोग २ – उद्वेग

३ – चर ४ – लाभ

५ – अमृत ६ – काल

७ – शुभ ८ – रोग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – काल २ – लाभ

३ – उद्वेग ४ – शुभ

५ – अमृत ६ – चर

७ – रोग ८ – काल

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

शुभ यात्रा दिशा

🚌🚈🚗⛵🛫

उत्तर-पश्चिम (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

तिथि विशेष

🗓📆🗓📆

〰️〰️〰️〰️

देव-पितृ कार्ये भौमवती अमावस्या, श्री विक्रम संवत २०७९ समाप्त आदि।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

आज १७:२५ तक जन्मे शिशुओ का नाम पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (द, दी) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (दू, थ, झ) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

उदय-लग्न मुहूर्त

मीन – ३०:०७ से ०७:३०

मेष – ०७:३० से ०९:०४

वृषभ – ०९:०४ से १०:५९

मिथुन – १०:५९ से १३:१४

कर्क – १३:१४ से १५:३५

सिंह – १५:३५ से १७:५४

कन्या – १७:५४ से २०:१२

तुला – २०:१२ से २२:३३

वृश्चिक – २२:३३ से २४:५२

धनु – २४:५२ से २६:५६

मकर – २६:५६ से २८:३७

कुम्भ – २८:३७ से ३०:०३

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०६:२० से ०७:३०

शुभ मुहूर्त – ०७:३० से ०९:०४

चोर पञ्चक – ०९:०४ से १०:५९

शुभ मुहूर्त – १०:५९ से १३:१४

रोग पञ्चक – १३:१४ से १५:३५

शुभ मुहूर्त – १५:३५ से १७:२५

मृत्यु पञ्चक – १७:२५ से १७:५४

अग्नि पञ्चक – १७:५४ से २०:१२

शुभ मुहूर्त – २०:१२ से २२:३३

रज पञ्चक – २२:३३ से २२:५२

अग्नि पञ्चक – २२:५२ से २४:५२

शुभ मुहूर्त – २४:५२ से २६:५६

रज पञ्चक – २६:५६ से २८:३७

शुभ मुहूर्त – २८:३७ से ३०:०३

चोर पञ्चक – ३०:०३ से ३०:१९

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन विषम परिस्थितियों वाला रहेगा मन मे बड़ी बड़ी योजनाए बनती रहेंगी लेकिन सहयोग की कमी और धन के अभाव के कारण इन्हें साकार नही कर पाएंगे। धन संबंधित समस्या आज मुख्य रूप से दिनचार्य को प्रभावित करेगी धन लाभ होगा लेकिन आवश्यकता की तुलना में ना के बराबर ही। अपनी भावनाओं को किसी के आगे सांझा करने से कतराएंगे आपसी संबंध को बचाना इसका मूल उद्देश्य रहेगा। लोगो की उद्दंडता को मजबूरन नजरअंदाज करना पड़ेगा। खर्च करने में भी मितव्ययता बरतेंगे। जिस भी कार्य को लेकर निश्चिन्त रहेंगे उसी में कुछ ना कुछ विघ्न उपस्थित होगा। सरकारी कार्य लंबित रहेंगे नौकरी में भी उत्साह की कमी रहेगी। पेट संबंधी व्याधि से परेशानी होगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आपके साथ आकस्मिक घटनाएं घटित होंगी इनका फल मिला जुला रहेगा। सामाजिक क्षेत्र पर सम्मान तो बढ़ेगा लेकिन किसी स्वयं जन के कारण शर्मिंदगी भी देखनी पड़ेगी। आप दिन भर किसी ना किसी कारण से व्यस्त ही रहेंगे व्यस्तता को धन के साथ ना जोड़े। आज संबंधों को ज्यादा महत्त्व दें निकट भविष्य में ये ही धन लाभ कराएंगे। कार्य व्यवसाय से काम चलाऊ आय आसानी से हो जाएगी निवेश बेझिझक होकर कर सकते है। घरेलू कार्य समय से करने पर भी परिजन किसी न किसी कारण से नाराज ही रहेंगे। गृहस्थ की बाते मित्र स्नेही जन से भी ना बांटे हानिकर हो सकता है। किसी के ऊपर छींटा कशी करने से बचे। 

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन कार्य सफलता वाला रहेगा लेकिन आज आपको लक्ष्य बनाए कर कार्य करना पडेगा तभी सफलता निश्चित होगी। मार्ग से भ्रमित करने वाले प्रसंग उपस्थित होंगे लाभ की जगह है वाले कार्य ज्यादा आकर्षित करेंगे दुविधा की स्थिति में जानकारों से सलाह लेकर ही कदम बढ़ाए अन्यथा लाभ होते होते हानि हो सकती है। उच्च प्रतिष्ठित लोगो की सहायता सरकारी क्षेत्र के काम आसान बनाएगी लेकिन इसके लिये अनैतिक मांगे भी माननी पड़ेंगी। पारिवारिक वातावरण शंकालु रहेगा घर के सदस्य एक दूसरे के कामो में कमियां निकालेंगे। सेहत मध्यान तक ठीक रहेगी इसके बाद हाथ पैरों में शिथिलता आएगी।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन बीते कुछ दिनों की अपेक्षा में राहत प्रदान करेगा। दिन का आरम्भ घर मे धार्मिक कार्यो से होगा इसके कारण चहल पहल भी रहेगी आध्यात्मिक पक्ष आज प्रबल रहेगा। कार्य क्षेत्र पर अन्य दिन की अपेक्षा कार्य विलंब से चलेंगे मंदी भी रहेगी। आर्थिक स्थिति धन की आमद कम एवं खर्च अधिक होने से सोचनीय रहेगी। आज आपके द्वारा कोई परोपकार भी होगा जसका लाभ सम्मान के रूप में लंबे समय तक मिलेगा लेकिन विरोधियों की बातों का बुरा नही मानने से शत्रु पक्ष आगे ज्यादा उदंडता कर सकता है। महिलाये आज धैर्य रहने पर भी मन का गुबार छुपा नही सकेंगी महात्त्वकांक्षाये अधिक रहने के कारण दुखी होंगी। 

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन स्वास्थ्य के लीये हानि कारक रहेगा दिन के आरम्भ से ही सेहत में गिरावट अनुभव होगी लेकिन कार्य भर के कारण अनदेखी करेंगे बाद में रोग बढ़ने पर ज्यादा परेशानी होगी कार्य भी अधूरे रह सकते है बेहतर रहेगा आज ज्यादा परिश्रम करने से बचे जोखिम वाले कार्य पानी अथवा उपकरणों से सावधानी रखें। कार्यो में उत्साहहीनता रहने के कारण पूर्व निर्धारित योजनाएं टालनी पड़ सकती है। व्यवसायिक स्थल पर प्रतिस्पर्धा के कारण टकराव की स्थिति बनेगी। आज के दिन शालीनता के साथ व्यवहार करना फायदेमंद रहेगा। अधिक क्रोध एवं ईर्ष्या की प्रवृति धन के साथ आपसी व्यवहार बिगाड़ेगी। लाभ हानि बराबर रहेंगे धन को लेकर भाग दौड़ व्यर्थ जाएगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज आपका स्वभाव संपर्क में आने वालों को आश्चर्य चकित करेगा। अपना मतलब साधने के लिये किसी की चापलूसी करने से भी परहेज नही करेंगे। लोगो को आपका व्यवहार हितैषी लगेगा लेकिन अंदर स्वार्थ सिद्धि की भावना रहेगी। धन संबंधित परेशानी आज नही रहेगी। दिन आपकी मनोकामनाओ की पूर्ति कराने वाला रहेगा। कार्य क्षेत्र पर परिश्रम के अनुसार लाभ मिलेने से संतोष रहेगा। नए कार्यो में निवेश कर सकते है। पैतृक संपत्ति के मामलो में उलझने रहेंगी परन्तु परिवार के सदस्यों में आपसी सामंजस्य बना रहेगा। फिर भी झगड़ो को टालने के लिए छोटी-मोटी बातों को अनदेखा करें। दिन भर मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आप मानसिक रूप से दुविधा में रहेंगे जिस भी कार्य को करने का प्रयास करेंगे उसमे कोई ना कोई व्यवधान आने से मन खिन्न होगा। कार्य क्षेत्र पर सहयोग की कमी नही रहेगी लेकिन भाग्य का साथ ना मिलने से अधिक संघर्ष करना पड़ेगा। अपने बड़बोले पन के कारण स्वयं ही मुसीबतों को न्योता देंगे। परिजनो से आज अधिकतर कार्यो में वैचारिक मतभेद रहेंगे। महिलाये गलती करने पर लीपापोती करेंगी लेकिन सफल नही होंगी। नौकरी पेशाओ को लापरवाह होकर कार्य करने पर अधिकारियो की डांट सुन्नी पड़ेगी। स्वभाव में भी आज सुस्ती अधिक रहेगी। धन लाभ के अवसर हाथ से निकलने की संभावना है। 

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज आपका विवेकी व्यवहार कार्य क्षेत्र पर सम्मान दिलाएगा लेकिन घर के सदस्यों के प्रति सनकी मिजाज रहने के कारण आपसी मतभेद रहेंगे। नए कार्य का आरंभ फिलहाल टालें पुराने अधूरे कार्य पूर्ण करने पर अधिक ध्यान दे समय पर कार्य पूरे ना करने पर सम्मान हानि हो सकती है। व्यावसायिक काम काज को लेकर अन्य लोगो के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा अवकाश भी लेना पड़ सकता है। लाभ आशानुकूल ना होने से थोड़ी निरशा भी रहेगी। महिलाये वाणी के प्रयोग में संतुलन बरते बेवजह कलह के प्रसंग बनने से रंग में भंग वाली स्थिति बन सकती है। संध्या के आस-पास थकान के कारण किसी काम मे मन नही लगेगा।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन आपके लिये प्रतिकूल रहेगा। कार्य क्षेत्र पर धीमी गति से कार्य करने पर लोगो की आलोचना सुन्नी पड़ेगी आर्थिक कारण से भी किसी से तकरार होने की सम्भावना है। आप जो भी कार्य करेंगे उसका विपरीत फल ही मिलेगा। अतिरिक्त आय कमाने के प्रलोभन में हाथ लगी पूंजी ना चली जाए इसका ध्यान रखें। गलत निर्णय अवश्य हानि का कारण बनेगा। परिजनो से मतभेद रहेंगे घरेलू झगड़े से बचने के लिये मौन धारण उत्तम उपाय है। मित्र परिचितों से भी संबंधों में उदासीनता अधिक रहेगी। धार्मिक पूजा पाठ के प्रसंग बनेंगे। दवाओं पर खर्च करना पड़ सकता है।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन भाग-दौड़ वाला रहेगा व्यस्तता के चलते शरीर की उपेक्षा बाद में भारी पड़ेगी लेकिन आशाजनक ना सही लाभ मिलते रहने से निराश नही होंगे। कार्य व्यवसाय में उन्नति के योग बन रहे है आज की मेहनत निकट भविष्य में धन-धान्य की वृद्धि करायेगी। नौकरी वाले लोग भी कई दिनों से खल रही साधनो की कमी को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे लेकिन अभी नई वस्तुओ पर खर्च ना करें। आज के दिन आकस्मिक घटनाएं अधिक घटित होंगी चाहे वो आर्थिक या पारिवारिक हों लाभ ही देंगी। बेरोजगारों को थोड़ा प्रयास करने पर रोजगार उपलब्ध हो सकता है। खर्च भी अचानक होने से थोड़ी असहजता रहेगी। परिवार में किसी ना किसी कारण से मतभेद रहेंगे।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन आप बेहतर रूप से व्यतीत करेंगे दिन के पूर्वार्ध में घर के किसी आवश्यक कार्य मे व्यस्त रहेंगे इससे कार्य क्षेत्र पर थोड़ा विलम्ब होगा फिर भी आज का दिन नौकरी पेशा और व्यवसायी दोनो के लिये विजय दिलाने वाला रहेगा। जिस भी कार्य मे हाथ डालेंगे वहां से पहले निराश होंगे लेकिन प्रयास करते रहने पर आश्चर्यजनक सफलता मिल सकती है। व्यवसाय में बेजिझक निवेश करे शीघ्र ही इसका लाभ मिलेगा। आपकी अथवा किसी सहकर्मी की गलती से हानि होने की भी सम्भावना है परंतु इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। घर के सदस्य आपसे कई उम्मीदे लगाए रहेंगे संभवतः उन्हें निराश नही करेंगे। स्त्रीवर्ग आपकी मनोदशा को भली भांति समझेगी।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आपके लिये आज का दिन शुभ रहेगा दिन के आरंभ में स्वास्थ्य चुस्त रहेगा मन मे धन संबंधित उलझन रहेगी लेकिन अकस्मात लाभ के समाचार मिलने से उत्साह बढ़ेगा रुके कार्यो में गति आएगी। कुछ दिनों से टल रही मनोकामना की पूर्ति आज कर सकेंगे। व्यवसाय में नए अनुबंध मिलेंगे लेकिन नए कार्य का आरंभ आज ना करें। धन का निवेश शीघ्र ही फलदायी होगा। नौकरी वाले लोग मध्यान तक कार्य के प्रति कम ही गंभीरता दिखाएंगे। मित्र अथवा रिश्तेदारों के कारण कुछ समय के लिये परेशानी में पड़ेंगे। किसी पर भी आवश्यकता से अधिक विश्वास ना करें ना ही किसी को मन के राज बताये।

         🙏 राधे राधे 🙏 

एक क्षण में पुरूष की निवृत्ति और स्त्री की फिर नौ महीने की तपस्या .. क्या आपको हमें यह दोनों घटनाएँ जो एक साथ घटती है , कहीं से भी समान लगती हैं ? क्या कोई समानता है दोनों घटनाओं में ?

केवल एक दिन में 86400 सेकेंड होते हैं । अब इस नौ महीने से गुणा कर लीजिए ।

तकनीकी रूप से एक पुरूष नौ महीने में सैकड़ों स्त्रियों को गर्भवती कर सकता है पर नौ महीने में स्त्री केवल एक बार गर्भ धारण कर सकती है ।

सैकड़ों स्त्रियों को गर्भ धारण कराने के पश्चात भी क्या पुरूष के जीवन पर कोई संकंट आता है ? क्या कोई कष्ट तपस्या उसे करनी पड़ती है ?

पर स्त्री के लिए नौ महीने न केवल अपने प्राणों की रक्षा करनी होती है बल्कि गर्भ की भी ।

अतः पुरूष और स्त्री की सतही समानता वाली बात करने वाले ढोंगी हैं ।

आज मैं जन्तु जगत के सबसे बदनाम जीव भेड़िये के बारे में कुछ बतलाता हूँ..

चित्र में वर्णित भेड़िया , ९०% से अधिक की संख्या में अपने एक जीवन में केवल एक साथी चुनते हैं और उस संबंध को निभाते हैं .. उसका सबसे बड़ा लाभ क्या होता है ? उसका लाभ होता है बच्चा पैदा करने के पश्चात भेड़िए के बच्चे के देखभाल की ज़िम्मेदारी उसके पिता की भी हो जाती है । आपने हमने स्वयम् देखा है कि कुत्ते में या अन्य अनेक जानवरों में केवल माता का काम बच्चों का पालन होता है ।

लिव-इन-रिलेशनसिप में लूज़र कौन है ? लूज़र है बच्चा क्योंकि बहुत संभावना है कि आगे चलकर बाप की छाया ही उसे न मिले । माँ , कदाचित् प्राकृतिक प्रेम के कारण निभा भी ले पर यदि वह दूसरे पार्टनर के साथ जाती है तब व लिव इन रिलेशन वाला बाप क्रूर होगा कि अक्रूर , ईश्वर जाने ।

और जब तक यह घटना इक्का दुक्का होती हों तब तक समाज नहीं बिगाड़ता पर यदि ज़कात के धन पर हमारी किशोरियों को औद्योगिक स्तर पर फँसा कर उनके ३५ टुकड़े किए जा रहे हैं तब यह भयावह है ।

हम गाँठ बाँध लें । विवाह शब्द को निकाह या मैरिज से अनुवादित करके कलंकित न करें । यह कांट्रैंक्ट नहीं बल्कि एक ऐसा दैवीय संबंध है जो कि परिवार का और अन्ततः समाज का कल्याण उद्धार करता है ।

निकाह तब तक पूरा नहीं माना जाता जब तक मेल फ़ीमेल शारीरिक संबंध न बना लें पर क्या विवाह की भी यही परिभाषा है ?

एक कथा पढ़िए ..

एक बार अद्वैत वेदान्त के आचार्य वाचस्पति मिश्र के पास कोई दरिद्र ब्राह्मण आया और उसने अपनी बेटी के विवाह के लिए सहायता माँगी । वाचस्पति मिश्र के निकट एक स्त्री ने झट अपना मंगलसूत्र उसे दे दिया ।

वाचस्पति मिश्र ने पूछा देवि तुम कौन हो तब पता चला कि वह उनकी पत्नी थी और पिछले कई वर्षों से उनकी सेवा में थीं । वाचस्पति मिश्र ने पूछा कि तुम्हें क्या चाहिए? उनकी पत्नी ने कहा कि “ नाम “ । उनका आशय वंश से था पर वाचस्पति मिश्र बोले क्या नाम है तुम्हारा । उन्होंने बताया “ भामती “ और वाचस्पति मिश्र की अगली पुस्तक का नाम भामती हो गया ।

मैं यह नहीं कह रहा कि सभी लोग वाचस्पति मिश्र बन जाए पर विवाह रूपी पवित्र संस्था को नष्ट न होने दें अन्यथा भारत के संपूर्ण नाश से फिर कोई नहीं बचा सकता ।

श्रद्धा की मृ्त्यु , हमारी हार है । कहीं न कहीं हमारी कमियों के कारण , विधर्मी घात लगाकर हमारी बच्चियाँ उठा रहे हैं । मैंने पूर्व में #कपट के बारे में लिखा है । हर घर में बच्चियों को इन दानवों से बचाया जाए । हर घर में इन घटनाओं की चर्चा हो ।

सनातन धर्म में सोमरस का आशय मदिरा नही है ना ही सोमरस नशीला पदार्थ है,,,

“देवता शराब नही पीते थे”

सोमरस सोम के पौधे से प्राप्त था , आज सोम का पौधा लगभग विलुप्त है ,

शराब पीने को सुरापान कहा जाता था , सुरापान असुर करते थे , ऋग्वेद में सुरापान को घृणा के तौर पर देखा गया है ,

टीवी सीरियल्स ने भगवान इंद्र को अप्सराओं से घिरा दिखाया जाता है और वो सब सोमरस पीते रहते हैं , जिसे सामान्य जनता शराब समझती है ,

सोमरस , सोम नाम की जड़ीबूटी थी जिसमे दूध और दही मिलाकर ग्रहण किया जाता था , इससे व्यक्ति बलशाली और बुद्धिमान बनता था ,

जब यज्ञ होते थे तो सबसे पहले अग्नि को आहुति सोमरस से दी जाती थी ,

ऋग्वेद में सोमरस पान के लिए अग्नि और इंद्र का सैकड़ो बार आह्वान किया गया है ,

 

आप जिस इंद्र को सोचकर अपने मन मे टीवी सीरियल की छवि बनाते हैं वास्तविक रूप से वैसा कुछ नही था ,

जब वेदों की रचना की गयी तो अग्नि देवता , इंद्र देवता , रुद्र देवता आदि इन्ही सब का महत्व लिखा गया है ,

मन मे वहम मत पालिये ,

आज का चरणामृत/पंचामृत सोमरस की तर्ज पर ही बनाया जाता है बस प्रकृति ने सोम जड़ीबूटी हमसे छीन ली

तो एक बात दिमाग मे बैठा लीजिये , सोमरस नशा करने की चीज नही थी ,

आपको सोमरस का गलत अर्थ पता है अगर आप उसे शराब समझते हैं।

शराब को मदिरा या उर्दू में शराब कहिए सोमरस नहीं। 

सोमरस का अपमान मत करिए , सोमरस सोम लताओं से शोधन विधि ने निकाला गया आरोग्य स्फूर्ति व कांति दायक अमृत था। आज इस रस की किंचित मात्रा अमृता लता यानी गिलोय और घृतकुमारी यानी ऐलोवेरा में मिलती है। सोमरस उस समय का चरणामृत/पंचामृत था ।🚩🚩