आज का पंचाग आपका राशि फल, सुदर्शन चक्र की विशेषता और महात्म्य, भारत से सीधे होंगे कैलाश पर्वत के दर्शन, चीन से होकर जाने का झंझट समाप्त, मोदी सरनेम वाले प्रकरण में राहुल को सुप्रीम कोर्ट से तात्कालिक रिलीफ नहीं, ‘अजमेर सेक्स स्कैंडल’ पर बनी फिल्म Ajmer92 फिल्म २५० से अधिक हिन्दू लडकियों के साथ हुए बलात्कार की सच्चाई को हर एक देशवासी को जानना चाहिए

 ।। *ॐ* ।। 

     🚩🌞 *सुप्रभातम्*🌞🚩

📜««« *आज का पंचांग*»»»📜

कलियुगाब्द…………………….5125

विक्रम संवत्……………………2080

शक संवत्………………………1945

रवि…………………………दक्षिणायन

मास……………………अधिक श्रावण

पक्ष………………………………शुक्ल

तिथी……………………………सप्तमी

दोप 03.04 पर्यंत पश्चात अष्टमी

सूर्योदय(इंदौर)……प्रातः 05.55.27 पर

सूर्यास्त (इंदौर)…..संध्या 07.11.57 पर

सूर्य राशि………………………….कर्क

चन्द्र राशि………………………..कन्या

गुरु राशि……………………………मेष

नक्षत्र……………………………..चित्रा

रात्रि 11.53 पर्यंत पश्चात स्वाति

योग……………………………….सिद्ध

दोप 02.49 पर्यंत पश्चात साध्य

करण…………………………….वणिज

दोप 03.04 पर्यंत पश्चात विष्टि

ऋतु…………………………(नभ:) वर्षा

दिन……………………………मंगलवार

 

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-

25 जुलाई सन 2023 ईस्वी ।

 

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त* :-

दोप 12.06 से 12.59 तक ।

 

👁‍🗨 *राहुकाल* :-

दोप 03.50 से 05.28 तक ।

 

☸ शुभ अंक………………..7

🔯 शुभ रंग……………केसरिया

 

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*

*कर्क* 

05:22:38 07:38:47

*सिंह* 

07:38:47 09:50:36

*कन्या* 

09:50:36 12:01:15

*तुला* 

12:01:15 14:15:53

*वृश्चिक* 

14:15:53 16:32:03

*धनु* 

16:32:03 18:37:40

*मकर* 

18:37:40 20:24:47

*कुम्भ* 

20:24:47 21:58:20

*मीन* 

21:58:20 23:29:32

*मेष* 

23:29:32 25:10:16

*वृषभ* 

25:10:16 27:08:55

*मिथुन* 

27:08:55 29:22:38

 

🚦 *दिशाशूल* :-

उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

 

✡ *चौघडिया* :-

प्रात: 09.11 से 10.51 तक चंचल

प्रात: 10.51 से 12.31 तक लाभ

दोप. 12.31 से 02.11 तक अमृत

दोप. 03.50 से 05.30 तक शुभ

रात्रि 08.30 से 09.51 तक लाभ । 

 

📿 *आज का मंत्र* :-

।। ॐ प्रतापवते नमः ।।

 

📯 *संस्कृत सुभाषितानि :-*

*श्रीमद्भगवतगीता (द्वितीयोऽध्यायः – सांख्ययोगो) -*

कामात्मानः स्वर्गपरा जन्मकर्मफलप्रदाम्‌।

क्रियाविश्लेषबहुलां भोगैश्वर्यगतिं प्रति॥४३॥ 

अर्थात :

जिनके लिए स्वर्ग ही परम प्राप्य है, जो कि जन्मरूप कर्मफल देने वाली एवं भोग तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए नाना प्रकार की बहुत-सी क्रियाओं में रूचि रखने वाले हैं, ॥43॥ 

 

🍃 *आरोग्यं :*-

बाल झड़ने की समस्या :-

 

1. नीम का पेस्ट सिर में कुछ देर लगाए रखें। फिर बाल धो लें। बाल झड़ना बंद हो जाएगा।

 

2. चाय पत्ती के उबले पानी से बाल धोएं। बाल कम गिरेंगे।

 

3. बेसन मिला दूध या दही के घोल से बालों को धोएं। फायदा होगा।

 

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*

(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। बाहर सहायता से काम होंगे। प्रसन्नता रहेगी। संतान के संबंध में संतोष रहेगा। व्यावसायिक अथवा आजीविका संबंधी समस्या का समाधान हो सकेगा। पुरुषार्थ का पूर्ण फल मिलेगा। थकान रहेगी। शत्रु भय रहेगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*

(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

संतान पक्ष की चिंता रहेगी। चोट व दुर्घटना से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। खर्च का बोझ बढ़ेगा। किसी पर अत्यधिक भरोसा न करें। व्यापार, नौकरी में अड़चनें आने से मनोबल में कमी आ सकती है।

 

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*

(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

सुख के साधन जुटेंगे। भूमि व भवन की योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। संतान की प्रगति होगी। व्यापार-व्यवसाय में प्रगतिकारक वातावरण का सृजन होगा। पारिवारिक स्थिति आनंददायक रहेगी। मन प्रफुल्लित रहेगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*

(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

विवाद व जल्दबाजी से बचें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। अधूरे काम समय से पूरे होने के योग हैं। नए कार्यों से लाभ के मार्ग प्रशस्त होंगे। धन का संग्रह होगा।

 

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*

(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

यात्रा में सावधानी रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। दु:खद समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर संयम रखें। विरोधियों से सावधान रहें। परिवार की परेशानी का हल संभव है। भागीदारी के कामों में सफलता मिलेगी।

 

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*

(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

प्रेम में सफलता मिलेगी। प्रयास सफल रहेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। मान-सम्मान मिलेगा। धनार्जन होगा। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सुख एवं पत्नी के सहयोग से मन प्रसन्न रहेगा। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। किसी से बहस न करें। काम-धंधे में सफलता के शुभ संकेत हैं।

 

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*

(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम उठाएं। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। सोच-समझकर कार्य करना लाभप्रद रहेगा। पुरुषार्थ सफल होगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखना चाहिए। व्यापार में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे।

 

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*

(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

अतिथियों का आवागमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। आत्मसम्मान बना रहेगा। सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभा सकेंगे। पारिवारिक सुख-शांति बरकरार रहेगी। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। यात्रा होगी।

 

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*

(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)

कुसंगति से बचें। फालतू खर्च होंगे। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें। संतान की गतिविधियों पर नजर रखना होगी। कामकाज का बोझ बढ़ने से व्यापार पर विपरीत असर हो सकता है। वाद-विवाद से दूर रहें।

 

🏹 *राशि फलादेश मकर :-*

(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

लेनदारी वसूल होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। राज्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विशेष लाभ का योग है। आर्थिक उन्नति होगी। सामाजिक उत्तरदायित्व की पूर्ति करेंगे। ईश्वर के प्रति श्रद्धा बढ़ेगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*

(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

तीर्थयात्रा हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। वरिष्‍ठजनों का सहयोग मिलेगा। नवीन योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए दिन अच्छा होने की संभावना है। प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। परिवार में मेल-मिलाप बढ़ेगा। अधिकारी वर्ग में महत्व बढ़ेगा।

 

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*

नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। रुके कार्यों में गति आएगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। माता के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना आवश्यक। पुराने रुके कामों, लेनदेन में सफलता की संभावना है। रोमांस में सफलता मिलेगी। विद्यार्थियों को शिक्षा में उपलब्धि हासिल होने के योग हैं।

☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩‘श्रीसुदर्शन-चक्र’ 

🔸🔸🔹🔸🔸

सुदर्शन चक्र भगवान् विष्णु का प्रमुख आयुध है, जिसके माहात्म्य की कथाएँ पुराणों में स्थान-स्थान पर दिखाई देती है। 

‘मत्स्य-पुराण’ के अनुसार एक दिन दिवाकर भगवान् ने विश्वकर्मा जी से निवेदन किया कि‘कृपया मेरे प्रखर तेज को कुछ कम कर दें,क्योंकि अत्यधिक उग्र तेज के कारण प्रायः सभी प्राणी सन्तप्त हो जाते हैं।’ विश्वकर्मा जी ने सूर्य को ‘चक्र-भूमि’ पर चढ़ा कर उनका तेज कम कर दिया। उस समय सूर्य से निकले हुए तेज-पुञ्जों को ब्रह्माजी ने एकत्रित कर भगवान् विष्णु के‘सुदर्शन-चक्र’ के रुप में, भगवान् शिव के ‘त्रिशूल′-रुप में तथा इन्द्र के ‘वज्र’ के रुप में परिणत कर दिया।

‘पद्म-पुराण’ के अनुसार भिन्न-भिन्न देवताओं के तेज से युक्त ‘सुदर्शन-चक्र’ को भगवान् शिव ने श्रीकृष्ण को दिया था। ‘वामन-पुराण’ के अनुसार भी इस कथा की पुष्टि होती है। ‘शिव-पुराण’ के अनुसार ‘खाण्डव-वन’ को जलाने के लिए भगवान् शंकर ने श्रीकृष्ण को ‘सुदर्शन-चक्र’ प्रदान किया था। इसके सम्मुख इन्द्र की शक्ति भी व्यर्थ थी।

‘वामन-पुराण’ के अनुसार दामासुर नामक भयंकर असुर को मारने के लिए भगवान् शंकर ने विष्णु को ‘सुदर्शन-चक्र’ प्रदान किया था। बताया है कि एक बार भगवान् विष्णु ने देवताओं से कहा था कि ‘आप लोगों के पास जो अस्त्र हैं, उनसे असुरों का वध नहीं किया जा सकता। आप सब अपना-अपना तेज दें।’ इस पर सभी देवताओं ने अपना-अपना तेज दिया। सब तेज एकत्र होने पर भगवान् विष्णु ने भी अपना तेज दिया। फिर महादेव शंकर ने इस एकत्रित तेज के द्वारा अत्युत्तम शस्त्र बनाया और उसका नाम ‘सुदर्शन-चक्र’ रखा। भगवान् शिव ने‘सुदर्शन-चक्र’ को दुष्टों का संहार करने तथा साधुओं की रक्षा करने के लिए विष्णु को प्रदान किया।

‘हरि-भक्ति-विलास’ में लिखा है कि ‘सुदर्शन-चक्र’ बहुत पुज्य है। वैष्णव लोग इसे चिह्न के रुप में धारण करें। ‘गरुड़-पुराण’ में ‘सुदर्शन-चक्र’का महत्त्व बताया गया है और इसकी पूजा-विधि दी गई है। ‘श्रीमद्-भागवत’ में ‘सुदर्शन-चक्र’ की स्तुति इस प्रकार की गई है- ‘हे सुदर्शन! आपका आकार चक्र की तरह है। आपके किनारे का भाग प्रलय-कालीन अग्नि के समान अत्यन्त तीव्र है। आप भगवान् विष्णु की प्रेरणा से सभी ओर घूमते हैं। जिस प्रकार अग्नि वायु की सहायता से शुष्क तृण को जला डालती है, उसी प्रकार आप हमारी शत्रु-सेना को तत्काल जला दीजिए।’

‘विष्णु-धर्मोत्तर-पुराण’ में ‘सुदर्शन-चक्र’ का वर्णन एक पुरुष के रुप में हुआ है। इसकी दो आँखें तथा बड़ा-सा पेट है। चक्र का यह रुप अनेक अलंकारों से सुसज्जित तथा चामर से युक्त है।

वल्लभाचार्य कृत ‘सुदर्शन-कवच’

🔸🔸🔹🔸🔸

वैष्णवानां हि रक्षार्थं, श्रीवल्लभः-निरुपितः। सुदर्शन महामन्त्रो, वैष्णवानां हितावहः।।

मन्त्रा मध्ये निरुप्यन्ते, चक्राकारं च लिख्यते। उत्तरा-गर्भ-रक्षां च, परीक्षित-हिते-रतः।।

ब्रह्मास्त्र-वारणं चैव, भक्तानां भय-भञ्जनः। वधं च सुष्ट-दैत्यानां, खण्डं-खण्डं च कारयेत्।।

वैष्णवानां हितार्थाय, चक्रं धारयते हरिः। पीताम्बरो पर-ब्रह्म, वन-माली गदाधरः।।

कोटि-कन्दर्प-लावण्यो, गोपिका-प्राण-वल्लभः। श्री-वल्लभः कृपानाथो, गिरिधरः शत्रुमर्दनः।।

दावाग्नि-दर्प-हर्ता च, गोपीनां भय-नाशनः। गोपालो गोप-कन्याभिः, समावृत्तोऽधि-तिष्ठते।।

वज्र-मण्डल-प्रकाशी च, कालिन्दी-विरहानलः। स्वरुपानन्द-दानार्थं, तापनोत्तर-भावनः।।

निकुञ्ज-विहार-भावाग्ने, देहि मे निज दर्शनम्। गो-गोपिका-श्रुताकीर्णो, वेणु-वादन-तत्परः।।

काम-रुपी कला-वांश्च, कामिन्यां कामदो विभुः। मन्मथो मथुरा-नाथो, माधवो मकर-ध्वजः।।

श्रीधरः श्रीकरश्चैव, श्री-निवासः सतां गतिः। मुक्तिदो भुक्तिदो विष्णुः, भू-धरो भुत-भावनः।।

सर्व-दुःख-हरो वीरो, दुष्ट-दानव-नाशकः। श्रीनृसिंहो महाविष्णुः, श्री-निवासः सतां गतिः।।

चिदानन्द-मयो नित्यः, पूर्ण-ब्रह्म सनातनः। कोटि-भानु-प्रकाशी च, कोटि-लीला-प्रकाशवान्।।

भक्त-प्रियः पद्म-नेत्रो, भक्तानां वाञ्छित-प्रदः। हृदि कृष्णो मुखे कृष्णो, नेत्रे कृष्णश्च कर्णयोः।।

भक्ति-प्रियश्च श्रीकृष्णः, सर्वं कृष्ण-मयं जगत्। कालं मृत्युं यमं दूतं, भूतं प्रेतं च प्रपूयते।।

“ॐ नमो भगवते महा-प्रतापाय महा-विभूति-पतये, वज्र-देह वज्र-काम वज्र-तुण्ड वज्र-नख वज्र-मुख वज्र-बाहु वज्र-नेत्र वज्र-दन्त वज्र-कर-कमठ भूमात्म-कराय, श्रीमकर-पिंगलाक्ष उग्र-प्रलय कालाग्नि-रौद्र-वीर-भद्रावतार पूर्ण-ब्रह्म परमात्मने, ऋषि-मुनि-वन्द्य-शिवास्त्र-ब्रह्मास्त्र-वैष्णवास्त्र-नारायणास्त्र-काल-शक्ति-दण्ड-कालपाश-अघोरास्त्र-निवारणाय, पाशुपातास्त्र-मृडास्त्र-सर्वशक्ति-परास्त-कराय, पर-विद्या-निवारण अग्नि-दीप्ताय, अथर्व-वेद-ऋग्वेद-साम-वेद-यजुर्वेद-सिद्धि-कराय, निराहाराय, वायु-वेग मनोवेग श्रीबाल-कृष्णः प्रतिषठानन्द-करः स्थल-जलाग्नि-गमे मतोद्-भेदि, सर्व-शत्रु छेदि-छेदि,मम बैरीन् खादयोत्खादय, सञ्जीवन-पर्वतोच्चाटय, डाकिनी-शाकिनी-विध्वंस-कराय महा-प्रतापाय निज-लीला-प्रदर्शकाय निष्कलंकृत-नन्द-कुमार-बटुक-ब्रह्मचारी-निकुञ्जस्थ-भक्त-स्नेह-कराय दुष्ट-जन-स्तम्भनाय सर्व-पाप-ग्रह-कुमार्ग-ग्रहान् छेदय छेदय, भिन्दि-भिन्दि, खादय, कण्टकान् ताडय ताडय मारय मारय, शोषय शोषय, ज्वालय-ज्वालय, संहारय-संहारय, (देवदत्तं) नाशय नाशय, अति-शोषय शोषय, मम सर्वत्र रक्ष रक्ष,महा-पुरुषाय सर्व-दुःख-विनाशनाय ग्रह-मण्डल-भूत-मण्डल-प्रेत-मण्डल-पिशाच-मण्डल उच्चाटन उच्चाटनाय अन्तर-भवादिक-ज्वर-माहेश्वर-ज्वर-वैष्णव-ज्वर-ब्रह्म-ज्वर-विषम-ज्वर-शीत-ज्वर-वात-ज्वर-कफ-ज्वर-एकाहिक-द्वाहिक-त्र्याहिक-चातुर्थिक-अर्द्ध-मासिक मासिक षाण्मासिक सम्वत्सरादि-कर भ्रमि-भ्रमि,छेदय छेदय, भिन्दि भिन्दि, महाबल-पराक्रमाय महा-विपत्ति-निवारणाय भक्र-जन-कल्पना-कल्प-द्रुमाय-दुष्ट-जन-मनोरथ-स्तम्भनाय क्लीं कृष्णाय गोविन्दाय गोपी-जन-वल्लभाय नमः।।

पिशाचान् राक्षसान् चैव, हृदि-रोगांश्च दारुणान् भूचरान् खेचरान् सर्वे, डाकिनी शाकिनी तथा।।

नाटकं चेटकं चैव, छल-छिद्रं न दृश्यते। अकाले मरणं तस्य, शोक-दोषो न लभ्यते।।

सर्व-विघ्न-क्षयं यान्ति, रक्ष मे गोपिका-प्रियः। भयं दावाग्नि-चौराणां, विग्रहे राज-संकटे।।

।।फल-श्रुति।।

व्याल-व्याघ्र-महाशत्रु-वैरि-बन्धो न लभ्यते। आधि-व्याधि-हरश्चैव, ग्रह-पीडा-विनाशने।।

संग्राम-जयदस्तस्माद्, ध्याये देवं सुदर्शनम्। सप्तादश इमे श्लोका, यन्त्र-मध्ये च लिख्यते।।

वैष्णवानां इदं यन्त्रं, अन्येभ्श्च न दीयते। वंश-वृद्धिर्भवेत् तस्य, श्रोता च फलमाप्नुयात्।।

सुदर्शन-महा-मन्त्रो, लभते जय-मंगलम्।।

सर्व-दुःख-हरश्चेदं, अंग-शूल-अक्ष-शूल-उदर-शूल-गुद-शूल-कुक्षि-शूल-जानु-शूल-जंघ-शूल-हस्त-शूल-पाद-शूल-वायु-शूल-स्तन-शूल-सर्व-शूलान् निर्मूलय, दानव-दैत्य-कामिनि वेताल-ब्रह्म-राक्षस-कालाहल-अनन्त-वासुकी-तक्षक-कर्कोट-तक्षक-कालीय-स्थल-रोग-जल-रोग-नाग-पाश-काल-पाश-विषं निर्विषं कृष्ण! त्वामहं शरणागतः। वैष्णवार्थं कृतं यत्र श्रीवल्लभ-निरुपितम्।। ॐ

इसका नित्य प्रातः और रात्री में सोते समय पांच – पांच बार पाठ करने मात्र से ही समस्त शत्रुओं का नाश होता है और शत्रु अपनी शत्रुता छोड़ कर मित्रता का व्यवहार करने लगते है.

शुभमस्तु!

🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸भारत से सीधे होंगे कैलाश पर्वत के दर्शन, चीन से होकर जाने का झंझट समाप्त 

नईदिल्ली 21 जुलाई । भगवान शिव के श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। अब उनकी कैलाश पर्वत की यात्रा आसान होने वाली है। उन्होंने अपने अराध्य के दर्शन के लिए चीन जानी की आवश्यक्ता नहीं पड़ेगी। 

अब शिव भक्त इस साल सितंबर से श्रद्धालु भगवान शिव का निवास स्थान के रूप में विख्यात माने जाने वाले कैलाश पर्वत का भारत से ही दर्शन कर सकेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने पिथौरागढ़ जिले के नाभीढांग में केएमवीएन हट्स से भारत-चीन सीमा पर लिपुलेख दर्रे तक सड़क निकालने का काम शुरू कर दिया है, जो सितंबर तक पूरा हो जाएगा।

बीआरओ के डायमंड प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता विमल गोस्वामी ने कहा, ”हमने नाभीढांग में केएमवीएन हट्स से लिपुलेख दर्रा तक लगभग साढ़े छह किलोमीटर लंबी सड़क काटने का काम शुरू कर दिया है। सड़क पूरी होने के बाद सड़क के किनारे ‘कैलाश व्यू प्वाइंट’ तैयार हो जाएगा।”

भारत सरकार द्वारा हीरक प्रोजेक्ट को ‘कैलाश व्यू प्वाइंट’ विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है। गोस्वामी ने कहा कि सड़क कटिंग का काफी काम हो चुका है और अगर मौसम अनुकूल रहा तो सितंबर तक इसे पूरा कर लिया जायेगा।

लिपुलेख दर्रे के माध्यम से कैलाश-मानसरोवर यात्रा की यात्रा कोरोना महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी। यह फिलहाल शुरू नहीं हुई है। यदि आपको कैलाश पर्वत पर जाना है तो आपको चीन का पासपोर्ट, VISA लेना होगा। 1965 मैं नेहरू की गलतियों के कारण बहुत बड़ी हार हुई थी भारत की भारत ने अपना सबसे मूल्यवान कैलाश मानसरोवर को खो दिया था।

मेरे पिता और भाई कांग्रेस में, क्या केस से हट जाऊं; राहुल गांधी की अपील पर बोले SC जज

नई दिल्ली 21 जुलाई ।सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस बीआर गवई ने खुद को केस से अलग करने की एक मासूम सी पेशकश कर दी और पूछा कि उनके पिता कांग्रेस की विचारधारा के रहे और मेरे भाई कांग्रेस में नेता हैं क्या मैं इस केस से हट जाऊँ ? दरअसल, उन्होंने इसके लिए कांग्रेस के साथ अपने पारिवारिक रिश्ते होने का हवाला दिया।

न्याय के सिद्धांत के अनुसार ऐसा कई बार हुआ है कि न्याय की निष्पक्षता के चलते कई जजों ने इसी आधार पर कोर्ट में चल रही सुनवाई से या बैंच से खुद को अलग कर लिया। यह भी कहा जाता है कि न्याय होते हुए दिखना भी चाहिए और उसकी पवित्रता बनी रहनी चाहिए।

बहरहाल, शीर्ष न्यायालय की तरफ से राहुल गांधी के खिलाफ केस करने वाले भारतीय जनता पार्टी नेता पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस भेजा है। इस मामले पर 4 अगस्त को सुनवाई होगी।

जस्टिस वीआर गवई ने कहा, ‘मेरे पिता इससे (कांग्रेस) से जुड़े हुए थे। वह कांग्रेस के सदस्य नहीं थे, लेकिन इससे जुड़े हुए थे। सिंघवी जी आप भी कांग्रेस के साथ 40 सालों से ज्यादा समय से हैं और मेरे भाई अब भी राजनीति में हैं और कांग्रेस में हैं। कृपया आप लोग फैसला लें कि मुझे इस सुनवाई में शामिल करना चाहते हैं या नहीं।’

हालांकि, दोनों ही पक्षों ने जस्टिस गवई के मौजूद रहने पर कोई आपत्ति नहीं जताई। इसके बाद बेंच की तरफ से नोटिस जारी किए गए। शुक्रवार को जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।

कोर्ट का तुरंत राहत देने से इनकार

एडवोकेट सिंघवी की तरफ से कहा गया, ‘याचिकाकर्ता 111 दिनों से भुगत रहे हैं। वह पहले संसद का एक सत्र गंवा चुके हैं और एक और गंवा रहे हैं। वायनाड संसदीय क्षेत्र के लिए चुनाव जल्द होंगे। जेठमलानी जी अयोग्यता को लेकर चिंतित नहीं होंगे। अयोग्यता को अंतरिम रूप से निलंबित किया जा सकता है।’ इस पर कोर्ट ने कोई भी आदेश जारी करने से इनकार कर दिया और कहा कि दूसरे पक्ष को भी सुना जाना जरूरी है।

क्या था मामला

साल 2019 में कर्नाटक में एक रैली के दौरान ‘मोदी सरनेम’ को लेकर राहुल ने टिप्पणी कर दी थी। सूरत की कोर्ट की तरफ से उन्हें आपराधिक मानहानि का दोषी पाया गया था। साथ ही उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी।फाइल फोटो

क्या आप जानना चाहते हैं कि ये तस्वीर किसकी है..⁉️

ये वो युवा पत्रकार थे जो ‘अजमेर सेक्स स्कैंडल’ पर अपने अख़बार ‘लहरों की बरखा’ में 76 किस्तें प्रकाशित कर चुके थे। कई सफेदपोशों की पोल खोली थी। ⭕

नतीजा क्या हुआ, वो तस्वीर में दिख रहा है। रात के समय उनपर गोलियाँ बरसाई गईं। किसी तरह नाले में बच कर जान बचाई। अस्पताल में भर्ती हुए। कई दिनों तक इलाज चला। एक दिन अचानक कुछ हत्यारे आए और अस्पताल में ही गोलियों से भून डाला। माँ की आँखों के सामने उसके चिराग को बुझा दिया गया।

हत्यारों में एक कॉन्ग्रेस का विधायक था, जो आज भी मजे में घूम रहा है। सभी आरोपितों को कोर्ट ने बरी कर दिया। जजों ने कहा कि माँ झूठ बोल रही हैं, बयान बदल रही हैं, उनके बयानों में विरोधाभास है…

एक भरा-पूरा परिवार उजड़ गया। आज भी इनकी पत्नी कहती हैं कि उनके पति को बेबस लड़कियों की दास्ताँ दुनिया के सामने लाने की सज़ा मिली, इनका नाम है मदन सिंह।

क्या आप जानते हैं कि उस समय राजस्थान की पुलिस ने इस मामले को किस तरह रफा-दफा किया था?

कहा गया था कि मदन सिंह अपराधी था, इनका पूरा परिवार अपराधी था। उस समय के SP ने इसे गैंगवॉर बता कर इतिश्री कर ली। पहले हमले के बाद इन्होंने अस्पताल में ही बिस्तर से बयान दिया था जिसमें कॉन्ग्रेस के पूर्व विधायक का नाम लिया था। कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जानते हैं पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस ने कहा कि ये आदमी एक नेता को फँसा रहा है प्रतिद्वंद्विता के कारण। आखिरकार अस्पताल में ही भून डाला गया इन्हें।

आपने अगर #Ajmer92 का ट्रेलर देखा है तो उसमें अस्पताल में जिस व्यक्ति को गोली मारे जाते हुए दिखाया गया है वो इन से ही प्रेरित है। #Ajmer92 फिल्म के बहाने ही सही, इस सच्चाई को हमें हर एक देशवासी को बताना चाहिए कि जब खादिमों ने 250 हिन्दू लड़कियों का बलात्कार किया तो इन हैवानों को बचाने के लिए कॉन्ग्रेस नेताओं की छत्रछाया थी। (साभार)