आज का पंचाग आपका राशि फल, आने वाले समय में पूरा विश्व हमसे हाइड्रोजन फ्यूल खरीदेगा, जाने उत्तराखंड के बावन गढ़ कहाँ कहाँ थे और उनके राजाओं के नाम

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*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*

*सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*
*_सोमवार, २७ मई २०२४_*
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सूर्योदय: 🌄 ०५:२९, सूर्यास्त: 🌅 ०७:०६
चन्द्रोदय: 🌝 २३:०३, चन्द्रास्त: 🌜०८:१६
अयन 🌘 उत्तरायणे(उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🎋 ग्रीष्म
शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)
विक्रम सम्वत:👉२०८१ (काल)
मास 👉 ज्येष्ठ, पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 चतुर्थी (१६:५३ से पञ्चमी)
नक्षत्र 👉 पूर्वाषाढ (१०:१३ से उत्तराषाढ)
योग 👉 शुभ(०६:३७ से शुक्ल)
प्रथम करण👉बव(०५:३२ तक
द्वितीय करण 👉 बालव(१६:५३ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 वृष, चंद्र 🌟 मकर (१६:०३ से)
मंगल 🌟 कुम्भ(उदित,पूर्व,मार्गी)
बुध 🌟 मेष (उदित, पूर्व, वक्री)
गुरु 🌟 वृष(अस्त,पश्चिम,मार्गी)
शुक्र 🌟 वृष
(अस्त, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मीन
केतु 🌟 कन्या
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४६ से १२:४२
अमृत काल 👉 ०५:३० से ०७:०४
विजय मुहूर्त 👉 १४:३३ से १५:२९
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:१० से १९:३०
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:११ से २०:१२
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५४ से २४:३४
राहुकाल 👉 ०७:०२ से ०८:४६
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:३० से १२:१४
दुर्मुहूर्त 👉 १२:४२ से १३:३८
होमाहुति 👉 मंगल
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पाताल (१६:५३ से पृथ्वी)
चन्द्वास 👉 पूर्व (दक्षिण १६:०५ से)
शिववास 👉 कैलाश पर (१६:५३ से नन्दी पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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गृह प्रवेश मुहूर्त+विधा एवं अक्षर आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०९:०१ से १०:४२ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १०:१३ तक जन्मे शिशुओ का नाम पूर्वाषाढ नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ढा) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराषाढ नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (भे, भो, ज, जी) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
वृषभ – २८:३८ से ०६:३३
मिथुन – ०६:३३ से ०८:४७
कर्क – ०८:४७ से ११:०९
सिंह – ११:०९ से १३:२८
कन्या – १३:२८ से १५:४६
तुला – १५:४६ से १८:०७
वृश्चिक – १८:०७ से २०:२६
धनु – २०:२६ से २२:३०
मकर – २२:३० से २४:११+
कुम्भ – २४:११+ से २५:३७+
मीन – २५:३७+ से २७:००+
मेष – २७:००+ से २८:३४+
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:१७ से ०६:३३
रोग पञ्चक – ०६:३३ से ०८:४७
शुभ मुहूर्त – ०८:४७ से १०:१३
मृत्यु पञ्चक – १०:१३ से ११:०९
अग्नि पञ्चक – ११:०९ से १३:२८
शुभ मुहूर्त – १३:२८ से १५:४६
रज पञ्चक – १५:४६ से १६:५३
शुभ मुहूर्त – १६:५३ से १८:०७
चोर पञ्चक – १८:०७ से २०:२६
शुभ मुहूर्त – २०:२६ से २२:३०
रोग पञ्चक – २२:३० से २४:११+
शुभ मुहूर्त – २४:११+ से २५:३७+
मृत्यु पञ्चक – २५:३७+ से २७:००+
रोग पञ्चक – २७:००+ से २८:३४+
शुभ मुहूर्त – २८:३४+ से २९:१७+
आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आप सुख शांति से बितायेंगे। सेहत भी सामान्य बनी रहेगी। घर में मांगलिक कार्य के कारण अथवा अन्य घरेलु कार्यो में अधिक व्यस्त रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी आशा के अनुरूप व्यवसाय होने से धन लाभ होगा लेकिन किसी पुरानी देनदारी के चलते कहा सुनी होने की सम्भवना है यहां धैर्य का परिचय दे अन्यथा धन अथवा किसी कीमती सामान के डूबने की सम्भवना है। सुख के ऊपर फिजूल खर्च भी अधिक रहेंगे। घर में मेहमानों के आने से चहल-पहल रहेगी। आज किसी के ऊपर अतिविश्वास हानि भी करा सकता है। आय के नविन साधनों की प्राप्ति होगी। घर में आनंद का वातावरण रहेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन परिवार में अप्रिय घटना घटित होने से दुख के प्रसंग बनेंगे। प्रातः काल का समय आलस्य में बीतेगा। किसी आस-पडोसी से वर्चस्व को लेकर टकराव की स्थिति भी बनेगी। वाणी एवं व्यवहार से किसी का अहित ना हो इसका विशेष ध्यान रखें। आज परिजनों के साथ यात्रा पिकनिक पर भी खर्च करेंगे परन्तु गलतफहमी के कारण सामंजस्य बैठाना मुश्किल साबित होगा। कार्य क्षेत्र पर अनैतिक साधनों से कमाने का प्रयास करेंगे इससे धन लाभ आकस्मिक होगा और जरूरत के अनुसार ही। आध्यात्म से जुड़ेंगे। घर मे बीमारी अथवा अन्य कारण से किसी न किसी को शारीरिक कष्ट होने की सम्भवना है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपकी आशाओं पर खरा उतरेगा। घर एवं बाहर अनुकूल वातावरण मिलने से मनचाहा कार्य करने में सुविधा रहेगी। धार्मिक गतिविधयों में जाने से मानसिक शांति मिलेगी। विदेश अथवा दूर रहने वाले किसी स्वजन से आनंद दायक समाचार मिलने की संभावना है अथवा विदेश जाने में आ रही बाधा शांत होने से राहत मिलेगी। घर में सुख के साधनो की खरीददारी पर खर्च करेंगे। आर्थिक रूप से भी आज का दिन शुभ रहेगा कार्य व्यवसाय में मध्यान तक कोटा पूरा कर लेंगे। संध्या का समय शारीरिक रूप से थकान अथवा अन्य प्रकार से कष्टदायक रह सकता है फिर भी परिवार का साथ मिलने से मानसिक रूप से मजबूत रहेंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपकी दिनचार्य अव्यवस्थित रहेगी काम के समय भी दिमाग मे विपरीत विचार लगे रहेंगे जिसके परिणामस्वरूप आज के दिन से कुछ ना कुछ कमी रहेगी। दोपहर के बाद कुछ समय निकालकर मित्र परिवार के साथ मनोरंजन में व्यतीत करेंगे परन्तु आज दुर्व्यसनों से दूर रहना अति आवश्यक है शरीर के साथ मान हानि भी होने की संभावना है हालांकि आज परोपकार का शुभ फल भी मिलने की आशा है। कार्य क्षेत्र पर कम व्यवहार होने के बाद भी संतोषजनक धन लाभ हो जाएगा। दाम्पत्य जीवन पहले से बेहतर रहेगा। सन्तानो की प्रगति से आत्मसंतोष होगा। सेहत को लेकर कुछ समय आशंकित रहेंगे।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन सामान्य फलदायक रहेगा। कुछ विशेष कार्य नहीं रहने दिन भर आलस्य करेंगे। सेहत भी थोड़ी प्रतिकूल रहेगी पिंडली में अकड़न अथवा शरीर में निष्क्रियता रहने की सम्भवना है। घर में व्यर्थ के विवाद रहने से गृहस्थ से भी मन ऊबने लगेगा। आज कोई आपकी चुगली भी कर सकता है परंतु इसका आपके व्यक्तित्त्व पर असर नहीं पड़ेगा। प्रातः काल पूर्व में किये गए अनुबंधों से थोड़ा लाभ हो सकता है इसके बाद धन लाभ की इच्छा पूर्ण होने मुश्किल है। परिजनों से विचारो में मतभेद रह सकता है। खाली दिमाग मे कुछ न कुछ विपरीत विचार आते रहेंगे बेहतर है स्वयं की किसी न किसी कार्य मे व्यस्त रखें।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप बे फिजूल की बातों पर मानसिक तनाव अनुभव करेंगे। घरेलु वातावरण पहले ही अशान्त रहेगा बाहर भी किसी से धन या अन्य विषयों को लेकर बहस हो सकती है। पुर्व नियोजित पर्यटन की योजना भी बिगड़ सकती है। घर के सदस्य की सेहत आकस्मिक ख़राब होने की संभावना है। आर्थिक लेन देन आज ना करें धन के किसी न किसी रूप में क्षति होने या लंबे समय तक रुकने के योग है। पुराने रुके कार्य असफल होने से धन अटक सकता है। प्रेम-प्रसंगों से दूरी बनाए रखें अन्यथा मायूसी मिलेगी धन की कमी रहेने से महत्त्वपूर्ण योजनाएं लटकेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन भी आपके लिए अनुकूल रहेगा। किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए थोड़ा इन्तजार करना पड़ सकता है परंतु मध्यान के आस-पास इसके पूर्ण होने से ख़ुशी मिलेगी। काम धंधा अपेक्षा अनुसार रहने से धन लाभ सामान्य से अधिक होगा लेकिन आज प्रलोभन में आकर गलत कार्यो में धन फंस सकता है इसका ध्यान रहे। परिजनों के साथ भावनात्मक सम्बन्ध जुड़ेंगे अधिक भावनाओ में बहकर सामर्थ्य से अधिक खर्च करने के कारण आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। पारलौकिक रहस्यों को जानने में भी रूचि दिखाएँगे। धार्मिक क्षेत्र की लघु यात्रा हो सकती है। सेहत संबंधित छोटी मोटी समस्या लगी रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन मिला-जुला फल देने वाला रहेगा। आर्थिक रूप से मध्यान तक का समय ठीक रहेगा इसके बाद धन लाभ की अपेक्षा खर्च अधिक रहेंगे। परिवार में पैतृक संपत्ति अथवा अन्य कारणों से अहम् को लेकर टकराव हो सकता है। यहां विवेक से काम लें कही सुनी बाती में न आये जिन्हें आज आप अपना शत्रु समझेंगे निकट भविष्य में वे ही लोग सहायक बनेंगे इसबात को ध्यान में रखकर ही व्यवहार करें। निजी व्यवसाय अथवा नौकरी में अतिरिक्त कार्य मिलने से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद्द करने पड़ेंगे। आज किसी के बीच बचाव अथवा जमानती ना बने परोपकार का भी उल्टा इल्जाम लग सकता है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आप महत्त्वपूर्ण कार्यो को भी दरकीनार करके मौज-शौक में दिन व्यतीत करना अधिक पसंद करेंगे उसी के अनुसार दिनचर्या को बदल लेंगे। कार्य स्थल पर पहले से व्यवस्था करने से निर्धारित योजनाओं में विघ्न नहीं आ पाएंगे। आज किसी वरिष्ठ सामाजिक व्यक्ति से भेंट होने से भविष्य के लिए लाभ के द्वार खुलेंगे लेकिन यहां ज्यादा बोलने की आदत परेशानी में डाल सकती है इसका ध्यान रहे। कार्य क्षेत्र अथवा रिश्तेदारी से शुभ समाचार मिलेंगे। दोपहर के बाद के समय उत्तम भोजन वाहन सुख मिलेगा। अपव्यय भी अधिक रहेंगे। आज स्वाभाविक ही लाभदायीं दिन है इसलिए प्रलोभनों से बचें। दोपहर के आसपास किसी न किसी रूप में थोड़ा शारीरिक कष्ट हो सकता है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आपको अपने किसी गलत निर्णय या किसी अन्य के गलत मार्गदर्शन के कारण थोड़ा कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार अथवा सामाजिक क्षेत्र में धोखा होने की अधिक संभावना है सतर्क रहें। पूर्ण अनुबंध अचानक निरस्त होने से धन की समस्या खड़ी होगी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन आने से घर बाहर का वातावरण अशान्त बनेगा। किसी षड्यंत्र में फंसने की संभावना है। किसी भी अनैतिक गतिविधि से बचकर रहें। मित्र प्रियजनों के साथ ख़ुशी के पल अचानक गम में बदल सकते है। बेहतर रहेगा आज का दिन घर में ही ईश्वरीय आराधना में व्यतीत करें। सेहत ठीक रहेगी कुछ समय के लिये कमजोरी अथवा ठंड की शिकायत रह सकती है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन बेहतर रहने वाला है परंतु विदेश सम्बंधित कार्यो में व्यवधान आने अथवा विदेश स्थित जातको को आकस्मिक कष्ट देखना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर आज अधिक ध्यान ना देने पर भी आशा से अधिक लाभ होगा। सामाजिक रूप से भी दिन अच्छा रहेगा मान बढ़ने से गर्वित अनुभव करेंगे। व्यवसाय के सिलसिले से बन रही यात्रा की योजना अचानक बदलने से के दिनों से रुके घरेलू अथवा अन्य आवश्यक कार्य पूर्ण कर सकते है। ख़राब पेट के कारण थोड़ा असहज रहेंगे। खान-पान में सावधानी रखें अन्यथा समस्या बढ़ भी सकती है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन पिछले कल से थोड़ा बेहतर रहेगा परन्तु बीच-बीच में वातावरण ख़राब होने से क्रोध आएगा। काम धंधे की गति धीमी रहने के कारण आर्थिक विषय आज खास परेशान करेंगे। भागीदारी के कार्य में हानि होने की संभावना भी है। लंबी यात्रा होने की संभावना है परंतु इससे कोई विशेष प्रयोजन सिद्ध नहीं कर पाएंगे। आज किसी सरकारी उलझन में भी फंस सकते है कोई भी ऐसा कार्य करने से बचे जिससे प्रतिष्ठा खराब हो। वाहन चलाते समय भी सावधानी रखें। सर्जरी अथवा अन्य महंगे इलाज अधिक छान-बीन के बाद ही कराये।
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गढवाल को कभी 52 गढ़ों का देश कहा जाता था। असल में तब गढ़वाल में 52 राजाओं का आधिपत्य था। उनके अलग अलग राज्य थे और वे स्वतंत्र थे। इन 52 गढ़ों के अलावा भी कुछ छोटे छोटे गढ़ थे जो सरदार या थोकदारों (तत्कालीन पदवी) के अधीन थे। चीनी यात्री ह्वेनसांग ने इनमें से कुछ का जिक्र किया था। ह्वेनसांग छठी शताब्दी में भारत में आया था। इन राजाओं के बीच आपस में लड़ाई में चलती रहती थी। माना जाता है कि नौवीं शताब्दी लगभग 250 वर्षों तक इन गढ़ों की स्थिति बनी रही लेकिन बाद में इनके बीच आपसी लड़ाई का पवांर वंश के राजाओं ने लाभ उठाया और 15वीं सदी तक इन गढ़ों के राजा परास्त होकर पवांर वंश के अधीन हो गये। इसके लिये पवांर वंश के राजा अजयपाल सिंह जिम्मेदार थे जिन्होंने तमाम राजाओं को परास्त करके गढ़वाल का नक्शा एक कर दिया था।

श्रीनगर गढ़वाल का महल (1882) सौजन्य : भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण
गढ़वाल में वैसे आज भी इन गढ़ों का शान से जिक्र होता और संबंधित क्षेत्र के लोगों को उस गढ़ से जोड़ा जाता है। मैं बचपन से इन गढ़ों के आधार पर लोगों की पहचान सुनता आ रहा हूं। गढ़वाल के 52 गढ़ों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है …
पहला … नागपुर गढ़ : यह जौनपुर परगना में था। यहां नागदेवता का मंदिर है। यहां का अंतिम राजा भजनसिंह हुआ था।
दूसरा … कोल्ली गढ़ : यह बछवाण बिष्ट जाति के लोगों का गढ़ था।
तीसरा … रवाणगढ़ : यह बद्रीनाथ के मार्ग में पड़ता है और रवाणीजाति का होने के कारण इसका नाम रवाणगढ़ पड़ा।
चौथा … फल्याण गढ़ : यह फल्दकोट में था और फल्याण जाति के ब्राहमणों का गढ़ था। कहा जाता है कि यह गढ़ पहले किसी राजपूत जाति का था। उस जाति के शमशेर सिंह नामक व्यक्ति ने इसे ब्राह्मणों का दान कर दिया था।
पांचवां … वागर गढ़ : यह नागवंशी राणा जाति का गढ़ था। इतिहास के पन्नों पर झांकने पर पता चलता है कि एक बार घिरवाण खसिया जाति ने भी इस पर अधिकार जमाया था।
छठा … कुईली गढ़ : यह सजवाण जाति का गढ़ था जिसे जौरासी गढ़ भी कहते हैं।
सातवां … भरपूर गढ़ : यह भी सजवाण जाति का गढ़ था। यहां का अंतिम थोकदार यानि गढ़ का प्रमुख गोविंद सिंह सजवाण था।
आठवां … कुजणी गढ़ : सजवाण जाति से जुड़ा एक और गढ़ जहां का आखिरी थोकदार सुल्तान सिंह था।
नौवां … सिलगढ़ : यह भी सजवाण जाति का गढ़ था जिसका अंतिम राजा सवलसिंह था।
दसवां … मुंगरा गढ़ : रवाई स्थित यह गढ़ रावत जाति का था और यहां रौतेले रहते थे।
11वां … रैका गढ़ : यह रमोला जाति का गढ़ था।
12वां … मोल्या गढ़ : रमोली स्थित यह गढ़ भी रमोला जाति का था।
13वां … उपुगढ़ : उद्येपुर स्थित यह गढ़ चौहान जाति का था।
14वां … नालागढ़ : देहरादून जिले में था जिसे बाद में नालागढ़ी के नाम से जाना जाने लगा।
15वां … सांकरीगढ़ : रवाईं स्थित यह गढ़ राणा जाति का था।
16वां … रामी गढ़ : इसका संबंध शिमला से था और यह भी रावत जाति का गढ़ था।
17वां … बिराल्टा गढ़ : रावत जाति के इस गढ़ का अंतिम थोकदार भूपसिंह था। यह जौनपुर में था।
18वां … चांदपुर गढ़ : सूर्यवंशी राजा भानुप्रताप का यह गढ़ तैली चांदपुर में था। इस गढ़ को सबसे पहले पवांर वंश के राजा कनकपाल ने अपने अधिकार क्षेत्र में लिया था।
19वां … चौंडा गढ़ : चौंडाल जाति का यह गढ़ शीली चांदपुर में था।
20वां … तोप गढ़ : यह तोपाल जाति का था। इस वंश के तुलसिंह ने तोप बनायी थी और इसलिए इसे तोप गढ़ कहा जाने लगा था। तोपाल जाति का नाम भी इसी कारण पड़ा था।
21वां … राणी गढ़ : खासी जाति का यह गढ़ राणीगढ़ पट्टी में पड़ता था। इसकी स्थापना एक रानी ने की थी और इसलिए इसे राणी गढ़ कहा जाने लगा था।
22वां … श्रीगुरूगढ़ : सलाण स्थित यह गढ़ पडियार जाति का था। इन्हें अब परिहार कहा जाता है जो राजस्थान की प्रमुख जाति है। यहां का अंतिम राजा विनोद सिंह था।
23वां … बधाणगढ़ : बधाणी जाति का यह गढ़ पिंडर नदी के ऊपर स्थित था।
24वां … लोहबागढ़ : पहाड़ में नेगी सुनने में एक जाति लगती है लेकिन इसके कई रूप हैं। ऐसे ही लोहबाल नेगी जाति का संबंध लोहबागढ़ से था। इस गढ़ के दिलेवर सिंह और प्रमोद सिंह के बारे में कहा जाता था कि वे वीर और साहसी थे।
25वां … दशोलीगढ़ : दशोली स्थित इस गढ़ को मानवर नामक राजा ने प्रसिद्धि दिलायी थी।
26वां … कंडारागढ़ : कंडारी जाति का यह गढ़ उस समय के नागपुर परगने में थे। इस गढ़ का अंतिम राजा नरवीर सिंह था। वह पंवार राजा से पराजित हो गया था और हार के गम में मंदाकिनी नदी में डूब गया था।
27वां … धौनागढ़ : इडवालस्यू पट्टी में धौन्याल जाति का गढ़ था।
28वां … रतनगढ़ : कुंजणी में धमादा जाति का था। कुंजणी ब्रहमपुरी के ऊपर है।
29वां … एरासूगढ़ : यह गढ़ श्रीनगर के ऊपर था।
30वां … इडिया गढ़ : इडिया जाति का यह गढ़ रवाई बड़कोट में था। रूपचंद नाम के एक सरदार ने इस गढ़ को तहस नहस कर दिया था।
31वां … लंगूरगढ़ : लंगूरपट्टी स्थिति इस गढ़ में भैरों का प्रसिद्ध मंदिर है।
32वां … बाग गढ़ : नेगी जाति के बारे में पहले लिखा था। यह बागूणी नेगी जाति का गढ़ था जो गंगा सलाण में स्थित था। इस नेगी जाति को बागणी भी कहा जाता था।
33वां … गढ़कोट गढ़ : मल्ला ढांगू स्थित यह गढ़ बगड़वाल बिष्ट जाति का था। नेगी की तरह बिष्ट जाति के भी अलग अलग स्थानों के कारण भिन्न रूप हैं।
34वां … गड़तांग गढ़ : भोटिया जाति का यह गढ़ टकनौर में था लेकिन यह किस वंश का था इसकी जानकारी नहीं मिल पायी थी।
35वां … वनगढ़ गढ़ : अलकनंदा के दक्षिण में स्थित बनगढ़ में स्थित था यह गढ़।
36वां … भरदार गढ़ : यह वनगढ़ के करीब स्थित था।
37वां … चौंदकोट गढ़ : पौड़ी जिले के प्रसिद्ध गढ़ों में एक। यहां के लोगों को उनकी बुद्धिमत्ता और चतुराई के लिये जाना जाता था। चौंदकोट गढ़ के अवशेष चौबट्टाखाल के ऊपर पहाड़ी पर अब भी दिख जाएंगे।
38वां … नयाल गढ़ : कटुलस्यूं स्थित यह गढ़ नयाल जाति था जिसका अंतिम सरदार का नाम भग्गु था।
39वां … अजमीर गढ़ : यह पयाल जाति का था।
40वां … कांडा गढ़ : रावतस्यूं में था। रावत जाति का था।
41वां … सावलीगढ़ : यह सबली खाटली में था।
42वां … बदलपुर गढ़ : पौड़ी जिले के बदलपुर में था।
43वां … संगेलागढ़ : संगेला बिष्ट जाति का यह गढ़ यह नैल चामी में था।
44वां … गुजड़ूगढ़ : यह गुजड़ू परगने में था।
45वां … जौंटगढ़ : यह जौनपुर परगना में था।
46वां … देवलगढ़ : यह देवलगढ़ परगने में था। इसे देवलराजा ने बनाया था।
47वां … लोदगढ़ : यह लोदीजाति का था।
48वां … जौंलपुर गढ़
49वां … चम्पा गढ़
50वां … डोडराकांरा गढ़
51वां … भुवना गढ़
52वां … लोदन गढ़ ✍️मनोज गौड़(मन्नू भाई जौनपुरी )

लिक्विड गोल्ड यानी कि क्रूड ऑयल

काला सोना यानी कि कोयला

नीला सोना❓

यार यह नाम तो पहली बार सुन रहे हैं यह नीला सोना क्या हुआ भाई❗

मैं बताता हूं आपको नीला सोना यानी कि हाइड्रोजन फ्यूल ❗

पूरे विश्व में हाइड्रोजन फ्यूल के ऊपर विभिन्न तरह के प्रयोग और रिसर्च हो रही है. हाइड्रोजन फ्यूल दो तरह से बनाया जा सकता है एक तो फॉसिल हाइड्रोजन फ्यूल और दूसरा ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल। इन दोनों में से ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल ही संसार की पहली और आखिरी पसंद है लेकिन इसको बनाने में बहुत खर्चा आता है और शायद यही कारण है कि यह फ्यूल आज तक जनमानस और आम साधारण लोगों के प्रयोग में नहीं आ पाया। लेकिन अब भारत ने पानी से हाइड्रोजन बनाने का फार्मूला ढूंढ लिया है और इसे पेटेंट भी करा लिया है। जिसका मतलब आने वाले समय में पूरा विश्व हमसे हाइड्रोजन फ्यूल खरीदेगा। सरल शब्दों में कहा जाए तो आने वाले समय में भारत विश्व भर में पानी बेचेगा और वह भी तेल {सोने} के दाम ❗✍️अवधेश प्रताप सिंह

** *पाईल्स** *बवासीर* *का दवाई* *बनाते हैं*
**सभी राज्यों में जा रही है*
*रिजल्ट अच्छा है*
*99% प्रतिशत रोगी *ऐक कोर्स* *दवाई* *खाकर *रोगमुक्त* *हो** *जातेहैं**
*कौई कौई रोगी दूसरा कोर्स मंगाकर* *खाकर रोगमुक्त हो जातेहैं*
*मैं जड़ीबूटी को कूट पीसकर दवा बनती है 
*इस दवाई से *गुदा सम्बन्धित* */शिकायत नहीं रहती हैं*
*पाईल्स बवासीर // गुदा मार्ग से खून गिरना* // *गुदापर मस्से हो* *जातेहैं // *अँगूर के गुच्छे जैसे मस्से* *हो** *जातेहैं*
*लेटरीन (शौच) के समय भयंकर पीड़ा होना*
*गुदा बाहर निकलना*
*इस दवाई को हम लागत मूल्य पर* *इसलिए सभी को भेजता रहते हैं *//* *ताकि कोई गरीब बंचित नहीं रह** *जाऐ**
*रोगमुक्त हो जाने पर प्रायः सभी* *पारितोषिक इनाम मेरे ऐकाऊन्टमें* *डालते रहते हैं* 👉
🔑 *इस दवाई को बनाने में 1100/* *रूपया खर्च पड़ता है*
🔑 *डाक खर्च 50/ रूपया पड़ता है*
🔑 *पेसेंट *1150* */ रूपया मेरे** *ऐकाऊन्टमें डालते रहते हैं और* *वो* *रशीद मेरे वार्टसप पर शैयर कर देतेहै* *और अपना ऐड्रेस (पता) मेरे वार्टसप* *पर लिखकर भेज देते हैं*
🔑 *पोस्टाफिस* *का** *पिनकोड* *नम्बर* *सहित**
🙏 *और मैं तुरंत पार्सल लगा देताहुं* *जी**
👉 *स्पीडपोस्ट मंगाना होता है वो 50/ ऐक्स्ट्रा भेजता है ( यानि 1150) 
🔑 *मेरा* *फोन पे* *तथा* *गुगल पे* *नम्बर है* 👉
👉 *9634342461* .

👉 *यह दवाई खायें तबतक इमली* *कि** *खटाई तथा केरी का अच्चार नहीं* *खाना है जी***
🔑 *दवाई पुरा दिन में ऐक टाईम लेनी* *है*
👉 *सुबह खाली पेट दवाई लेनी चाहिए*
🔑 *मामुली दो ग्राम दवाई लेनी है*
👉 *दो ग्राम दवाई अलग पाउच में* *डाला हुआ रहता है*
👉 *समझने के लिए कि दो ग्राम दवाई* *इतनी होतीहै*
👉 *चुर्ण रुपी दवाई को दही के साथ* *डालकर गटका जाऐं*
👉 *दवाई लेने के बाद आधा घंटा कुछ* *नहीं खाऐं*
👉 *दही ऐवलेबल नहीं रहने पर पानी* *के* *साथ गटका जाऐं*
👉 *वैसे आम मना नही है🔑 निम्बु* *मना नही है🔑 दही मना नही* *है🔑 टमाटर मना नही है* 
👉 *हाँ दवाई खाने के दो घंटे तक* *आम निम्बु टमाटर नहीं खाना चाहिए*

गर्म मशाले मीट अंडे शराब का परहेज है जो ये कर सकते हैं वही व्यक्ति दवा मंगाये। 
🔑 *कृपया और कुछ पूछना हो तो* *वटसैप पर पूछें 9634342461* 🔑
🔑 *जो बवासीर पिड़ित हो वही पूछे*