आज का पंचाग आपका राशि फल, शारदीय नवरात्रि की तिथियां एवं महात्म्य, आयुर्वेद में स्वर्ण (सोना) बनाने की इस विधि जिसे स्वर्ण निक्षेपण कहा जाता हैं, नये संसद भवन में पदार्पण से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सांसदों को दी संविधान की मूल प्रति देकर दिखाया सत्य का दर्पण

‌‌   *༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​​*

*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*

*सुप्रभातम*
*आज का पञ्चाङ्ग*
*_सोमवार, २५ सितम्बर २०२३_*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:२०
सूर्यास्त: 🌅 ०६:१८
चन्द्रोदय: 🌝 १५:४१
चन्द्रास्त: 🌜०२:१३
अयन 🌖 दक्षिणायणे
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🏔️ शरद
शक सम्वत:👉१९४५ (शोभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)
मास 👉 भाद्रपद
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 दशमी (०७:५५ से
एकादशी)
नक्षत्र 👉 उत्तराषाढ
(११:५५ से श्रवण)
योग 👉 अतिगण्ड (१५:२३
से सुकर्मा)
प्रथम करण👉गर(०७:५५ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज
(१८:३१ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 मकर
मंगल🌟कन्या(अस्त,पश्चिम,मार्गी
बुध🌟सिंह(उदित,पश्चिम,वक्री)
गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)
शुक्र🌟कर्क(उदित,पश्चिम,मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४४ से १२:३३
अमृत काल 👉 ००:१५ से ०१:४२
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ११:५५ से ०६:०७
रवियोग 👉 ०६:०६ से ११:५५
विजय मुहूर्त 👉 १४:०९ से १४:५७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१० से १८:३४
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:१० से १९:२२
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४५ से ००:३३
ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:३१ से ०५:१९
राहुकाल 👉 ०७:३७ से ०९:०७
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:३८ से १२:०८
होमाहुति 👉 शनि
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 आकाश (०५:०० से पृथ्वी)
भद्रावास 👉 पाताल (१८:३१ से ०५:००)
चन्द्रवास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 सभा में (०७:५५ से क्रीड़ा में, ०५:०० से कैलाश पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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तेजा जयन्ती (रामदेव जी), पद्या जलझूलनी (परिवर्तनी) एकादशी (स्मार्त), धूप दशमी (जैन), एकादशी तिथि क्षय, विवाहादि मुहूर्त हिमाचल-कश्मीर-हरियाणा-पंजाब आदि प्रांतो के लिये कन्या- मेष लग्न (प्रात: ०६:२० से सायं ०६:३१) कन्या- तुला लग्न (अंतरात्रि ०५:०० से ०६:११) तक, व्यवसाय आरम्भ+वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०९:१८ से १०:४९ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ११:५५ तक जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराषाढ नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ज, जी) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम श्रवण नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (खी, खू, खे) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – ०५:३५ से ०७:५३
तुला – ०७:५३ से १०:१४
वृश्चिक – १०:१४ से १२:३३
धनु – १२:३३ से १४:३७
मकर – १४:३७ से १६:१८
कुम्भ – १६:१८ से १७:४४
मीन – १७:४४ से १९:०७
मेष – १९:०७ से २०:४१
वृषभ – २०:४१ से २२:३६
मिथुन – २२:३६ से ००:५१
कर्क – ००:५१ से ०३:१२
सिंह – ०३:१२ से ०५:३१
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:०६ से ०७:५३
रज पञ्चक – ०७:५३ से ०७:५५
शुभ मुहूर्त – ०७:५५ से १०:१४
चोर पञ्चक – १०:१४ से ११:५५
शुभ मुहूर्त – ११:५५ से १२:३३
रोग पञ्चक – १२:३३ से १४:३७
शुभ मुहूर्त – १४:३७ से १६:१८
मृत्यु पञ्चक – १६:१८ से १७:४४
अग्नि पञ्चक – १७:४४ से १९:०७
शुभ मुहूर्त – १९:०७ से २०:४१
मृत्यु पञ्चक – २०:४१ से २२:३६
अग्नि पञ्चक – २२:३६ से ००:५१
शुभ मुहूर्त – ००:५१ से ०३:१२
शुभ मुहूर्त – ०३:१२ से ०५:००
रज पञ्चक – ०५:०० से ०५:३१
शुभ मुहूर्त – ०५:३१ से ०६:०७

आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन भी आपके लिए शुभ रहेगा। दिन के आरंभ में दैनिक अथवा घरेलू कार्यो को लेकर व्यस्त रहेंगे इसके बाद व्यावसायिक कारणों से परिश्रम करना पड़ेगा। मेहनत का फल थोड़ी विलम्ब से लेकिन अवश्य मिलेगा। किसी सौदे की बात पक्की होने से व्यवसायी वर्ग प्रसन्न होंगे। नौकरी पेशा लोग जल्दबाजी में कार्य पूर्ण करेंगे जिससे छोटी मोटी भूल हो सकती है लेकिन नुकसानदायी नही रहेगी। परिवार में आज एक साथ कई फरमाइशें मिलने से परेशानी होगी किसी सदस्य द्वारा इसका निराकरण भी शीघ्र ही हो जाएगा। आज अन्य लोगो के कारण आपके मन की इच्छाएं अधूरी रह सकती है। फिजूल खर्ची करेंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। दिन काफी व्यस्तता भरा रहेगा आप काम की आपाधापी में शरीर की अवहेलना करेंगे लेकिन परिणाम अनुकूल मिलने से सभी परेशानियां भुला देंगे। सरकारी अथवा अन्य कागजी कार्यो के लिये आज दिन उपयुक्त है इसके बाद विघ्न आने लगेंगे। कार्य व्यवसाय में भी बड़ो का सहयोग मिलने से आसानी रहेगी। पैतृक संपत्ति से लाभ होगा पारिवारिक माहौल में धैर्य की कमी के कारण थोड़ी तना-तनी हो सकती है फिर भी स्थिति नियंत्रण में ही रहेगी। विरोधी आपको हराने का हर संभव प्रयास करेंगे परन्तु सफल नही ही सकेंगे। संध्या का समय ज्यादा थकान भरा फिर भी दिन की अपेक्षा शांति से व्यतीत होगा। धार्मिक कार्यो में रुचि बढ़ेगी लेकिन पूरा समय नही दे पाएंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज भी दिनचार्य संघर्ष वाली रहेंगी लेकिन हिम्मत नही हारेंगे दिन के आरंभ से मध्यान तक का समय उदासीन रहेगा इसके बाद अन्य लोगो का आश्रय छोड़ स्वयं के पराक्रम से हानि को लाभ में बदलेंगे। आपका काफी समय दुविधा में भी बीतेगा। कार्य क्षेत्र और घर में तालमेल बैठाने में असफल रहेंगे एक काम करने के लिए किसी अन्य काम के बिगड़ने का डर सताएगा फिर भी आज जरूरत अनुसार धन लाभ कही ना कही से हो ही जायेगा। व्यवसाय की व्यस्तता के चलते परिजनों की कामना पूर्ति करने में असमर्थ रहेंगे। भाई बंधुओ को आपकी मदद की आवश्यकता पड़ेगा अथवा आपको इनसे लेनी पड़ सकती है इसमे भी कुछ ना कुछ विघ्न आएंगे। आपका कोई भी कार्य बिना भाग-दौड़ के पूर्ण नही हो सकेगा। निवेश से बचें हानि के योग है। सेहत का साथ भी कम ही रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन भी विजय दिलाने वाला है आज आलस्य से बचें अन्यथा संध्या बाद परिस्थिति प्रतिकूल होने लगेगी। लाभ के अवसर मध्यान से सायं तक मिलते रहेंगे। आपको अपने कार्यो के साथ ही किसी परिचित के कार्य से भी भागदौड़ करनी पड़ेगी। लोग अपना भार आपके ऊपर डालेंगे इस वजह से दिनचार्य में तालमेल बैठाना मुश्किल होगा। कार्य क्षेत्र पर आज पुराने सामान अथवा पुराने अनुबंध से धन लाभ होगा। नए कार्य का आरंभ आज सोच विचार कर ही करें। आर्थिक स्थिति आज बेहतर रहेगी लेकिन किसी को ना चाहते हुए भी उधार देना पड़ेगा। महिलाये आज घर को व्यवस्थित करने में व्यस्त रहेंगी हल्की थकान एवं कमजोरी की समस्या से परेशान होंगी। गृहस्थ सुख अन्य दिनों की अपेक्षा उत्तम रहेगा भाई बंधुओ से प्रेमपूर्ण व्यवहार करेंगे लेकिन आस पड़ोसियों से आज ज्यादा व्यवहार ना बढ़ाये दुखदायी हो सके है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज दिन आशानुकूल रहेगा लेकिन आज लक्ष्य के पास पहुचकर दिग्भ्रमित होंगे फिर भी दोबार प्रयास असफल नही जाएगा। धन लाभ की कामना संध्या के आस पास अवश्य पूर्ण होगी। मध्यान तक कार्य क्षेत्र पर परिश्रम की अधिकता रहेगी इसके बाद मेहनत का फल धन लाभ के रूप में मिलने लगेगा यह क्रम संध्या बाद तक रुक रुक कर चलता रहेगा। संध्या के समय कहीं से अचनाक लाभदायक समाचार मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। आज आप लंबी यात्रा की योजना बनाएंगे इसमे विघ्न भी आ सकते है। सहकर्मी या परिजन कुछ अनैतिक माग करेंगे इससे थोड़ी देर के लिए दुविधा होगी। मध्यान बाद का समय अधिकांश कार्यो में सफलता दायक रहेगा लेकिन सतर्क रहें हित शत्रु कोई गड़बड़ कर सकते है। आवश्यक कार्य आज पहले करें कल के चक्कर मे अधूरे रह जाएंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन भाग्य का साथ कम ही मिलेगा। जो योजना बनाएंगे उसमे कुछ ना कुछ कमी रहेगी कारण कोई अन्य व्यक्ति ही रहेगा। बौद्धिक एवं तार्किक क्षमता आज बढ़ी रहेगी लेकिन अन्य लोगो की बात ना मानने का पश्चाताप बाद में होगा। दिन के पूर्वार्ध में घर एवं कार्य क्षेत्र में तालमेल बैठाने में परेशानी होगी नौकरी वाले लोग अधिकांश कार्य बाद के लिए टालेंगे इससे प्रतिष्ठा में कमी आएगी। आर्थिक मामलों को मध्यान पूर्व ही निपटाने के प्रयास करें इसके बाद कार्य तो चलते रहेंगे लेकिन संतोष कम ही होगा। घरेलू वातावरण मध्यान तक ठीक रहेगा इसके बाद किसी गलतफहमी अथवा मांग पूरी ना होने पर अशांति हो सकती है। संध्या के आसपास सेहत में नरमी आएगी किसी भी कार्य मे उत्साह नही रहेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन मानसिक तनाव को छोड़ अन्य सभी कार्यो के लिये बेहतर रहेगा आज किसी भी कार्य मे ज्यादा परिश्रम नही करना पड़ेगा। आज आप जिस किसी का भी पक्ष लेंगे अथवा जो भी निर्णय लेंगे उसमे अवश्य ही सफलता मिलेगी। काम-धंधा भी अन्य लोगो से बेहतर रहेगा। व्यवसाय में आज लिए निर्णय एवं निवेश निकट भविष्य में धन लाभ कराएंगे। आज भी धन लाभ आशानुकूल रहेगा। सरकारी कार्य मध्यान से पहले उलझेंगे इसके बाद करना ही बेहतर रहेगा। नए कार्य आज आरंभ ना करें। नौकरी पेशा जातक लंबी यात्रा की योजना बनाएंगे। पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति पर एवं मनोरंजन पर खर्च होगा। घर मे मांगलिक कार्यक्रम की रूप रेखा बनेगी। मामूली बहस हो सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज परिस्थिति पिछले दिनों की अपेक्षा बेहतर रहेगी। शारीरिक रूप से पहले से ठीक रहेगी। आज आर्थिक लाभ की संभावनाएं भी रहेंगी परन्तु आप अपने मन के विचार अथवा व्यवसाय का प्रचार संकोची वृति रहने के कारण खुल कर नही कर सकेंगे फिर भी आज आप दिन भर की गतिविधियों से संतोषी रहेंगे। आर्थिक विषयो को लेकर ज्यादा सरदर्दी नही लेंगे आवश्यकता अनुसार आसानी से हो जाएगा। संतोषी स्वभाव रहने के कारण मानसिक रूप से भी शांत ही रहेंगे परन्तु किसी आवश्यक कार्य को करने में हड़बड़ी अवश्य करेंगे उसके बाद भी कार्य लंबित रहने पर निराशा होगी। महिलाये आज अपने मे ही मगन रहेंगी जिससे घरेलू कार्य थोड़े अस्त-व्यस्त होंगे। आकस्मिक कार्य पड़ने पर दिनचार्य में बदलाव करना पड़ेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन प्रातः काल से ही किसी विशेष कार्य को लेकर दौड़-धूप करनी पड़ेगी लेकिन आज की गई मेहनत व्यर्थ नही जाएगी देर अबेर ही सही परिणाम लाभदायक रहेंगे। सरकारी क्षेत्र से आश्चर्यजनक परिणाम मिलने से उत्साह बढेगा लेकिन अधिकारी वर्ग से बना कर रहें अन्यथा परिणाम उल्टे हो सकते है।
कार्य क्षेत्र पर आज स्थिति आपकी पकड़ में रहेगी मनचाहा लाभ मिलने से उत्साह वृद्धि होगी। परोपकार की भावना भी बनी रहेगी मांगने वालों को मना नही कर सकेंगे इससे आपको आर्थिक परेशानी भी हो सकती है परन्तु कुछ समय के लिए ही। पारिवारिक जीवन उत्तम रहेगा लेकिन किसी सदस्य की मांग समय पर पूरी ना करने से नारजगी का सामना करना पड़ेगा। सेहत सामान्य रहेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आप सुनेंगे सबकी लेकिन करेंगे अपने मन की ही लोगो से बिना सोचे वायदे करेंगे बाद में इन्हें पूरा करने में आनाकानी करेंगे। काम-धंधा मध्यान तक मंदा रहेगा इसके बाद आशानुसार व्यवसाय होने से धन की आमद होगी।
आपका मतलबी व्यवहार किसी ना किसी से मतभेद बढ़ायेगा। आध्यात्मिक पक्ष एवं परोपकार की भावना भी प्रबल रहेगी धार्मिक क्षेत्र की यात्रा दान पुण्य के अवसर मिलेंगे। स्वभाव में दिखावा अधिक रहेगा सार्वजिनक कार्यो में प्रतिस्पर्धा के कारण सहयोग करेंगे। मध्यान बाद का समय अधिक खर्चीला रहेगा मनोरंजन के लिए आंख बंद कर खर्च करेंगे। परिजन आपकी किसी बुरी आदत से परेशान होंगे। भाई बंधुओ से तकरार होने की संभावना है धर्य का परिचय दें।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन भी आपको घरेलू एवं व्यावसायिक कारणों से संधर्ष करना पड़ेगा। दिन का आरंभ आज भी बेचैनी भरा रहेगा मन सही कार्यो को छोड़ अनैतिक गतिविधियों में भटकेगा लेकिन मध्यान बाद से स्थिति सामान्य बनने लगेगी कार्य क्षेत्र से व्यवसाय बढ़ने से धन की आमद होगी। महिलाये हर काम मे नखरे करेंगी। मध्यान के बाद का कुछ समय रुके धन को प्राप्त करने में व्यतीत होगा। कार्य क्षेत्र पर आज मनमानी ज्यादा करेंगे जिससे सहकर्मियों को असुविधा होगी फिर भी आज आप अपने व्यवहार में सुधार करने का प्रयास करेंगे। पारिवारिक स्थिति भी संध्या से बेहतर बनेगी। घर के बुजुर्गों से थोड़ी अनबन रहने की संभावना है फिर भी आज संध्या का समय परिजनों के साथ आनंद से बिताएंगे। पेट की परेशानी अथवा हाथ पैरों में शिथिलता रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपको कार्य व्यवसाय के साथ सामाजिक क्षेत्र से भी उन्नति के अवसर मिलेंगे। अपनी वाणी एवं व्यवहार से प्रभावित कर किसी से भी आसानी से काम निकाल लेंगे। कार्य क्षेत्र पर किसी से किये वादे पूर्ण करने में असमर्थ रहेंगे थोड़ी गरमा गरमी भी होगी फिर भी स्वयं ही शांति से इसका समाधान निकाल लेंगे। आप अपनी भावनाओं को किसी के आगे सांझा करने से कतराएंगे आपसी संबंध को बचाना इसका मूल उद्देश्य रहेगा। लोगो की उद्दंडता को मजबूरन नजरअंदाज करना पड़ेगा। आर्थिक रूप से दिन सामान्य ही रहेगा। खर्च लायक आय आसानी से हो जाएगी। खर्च करने में भी मितव्ययता बरतेंगें। जिस भी कार्य को लेकर निश्चिन्त रहेंगे उसी में विघ्न उपस्थित होगा। गले अथवा छाती संबंधी व्याधि से परेशानी होगी।
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*💐जय भगवती चंडिका माता💐*

*शारदीय नवरात्रि 2023 कैलेंडर*

*15 अक्टूबर 2023- मां शैलपुत्री की पूजा*

*16 अक्टूबर 2023- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा*

*17 अक्टूबर 2023- मां चंद्रघंटा की पूजा*

*18 अक्टूबर 2023- मां कूष्मांडा की पूजा*

*19 अक्टूबर 2023- मां स्कंदमाता की पूजा*

*20 अक्टूबर 2023- मां कात्यायनी की पूजा*

*21 अक्टूबर 2023- मां कालरात्रि की पूजा*

*22 अक्टूबर 2023- मां सिद्धिदात्री की पूजा*

*23 अक्टूबर 2023- मां महागौरी की पूजा*

*24 अक्टूबर 2023- विजयदशमी (दशहरा)*

*शारदी नवरात्रि 2023 महत्व*

*हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इन 9 दिनों में मां दुर्गा की विशेष उपासना की जाती है और अखंड ज्योत जलाई जाती है। ऐसा करने से मां की कृपा सदैव बनी रहती है। शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि एवं धन-धान्य की प्राप्ति होती है।*

*💐जय माता दी जी💐

ॐ नमः शिवाय मित्रो…!!!

क्या प्राचीन भारत में वैदिक मंत्र से धातु में से सोना बनाने की कोई कला का जिक्र है? क्योकि प्राचीन भारत में इतना सोना आता कहाँ से था?
हाँ!! आयुर्वेद में वर्णित स्वर्ण (सोना) बनाने की कला का वर्णन है!! और उसे कहते है स्वर्ण निक्षेपण।

क्या आप जानते है वैदिक मंत्र से धातु उत्पादन शक्ति ?

भारत को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। भारत पर लगभग 1200 वर्षों तक मुग़ल, फ़्रांसिसी, डच, पुर्तगाली, अंग्रेज और यूरोप एशिया के कई देशों ने शासन किया एवं इस दौरान भारत से लगभग 30 हजार लाख टन सोना भी लूटा ! यदि यह कहा जाए कि आज सम्पूर्ण विश्व में जो स्वर्ण आधारित सम्रद्धि दिखाई दे रही है वह भारत से लुटे हुए सोने पर ही टिकी हुई है तो गलत न होगा। यह एक बड़ा रहस्यमय सवाल है कि आदिकाल से मध्यकाल तक जब भारत में एक भी सोने की खान नहीं हुआ करती थी तब भी भारत में इतना सोना आता कहाँ से था?

सबसे रहस्यमय प्रश्न यह है कि आखिर भारत में इतना स्वर्ण आया कहाँ से ? इसका एकमात्र जवाब यह है कि भारत के अन्दर हमारे ऋषि मुनियों ने जो आयुर्वेद विकसित किया उसमे औषधिय उपचार के लिए स्वर्ण भस्म आदि बनाने के लिए वनस्पतियों द्वारा स्वर्ण बनाने की विद्या विकसित की थी।

आयुर्वेद में स्वर्ण बनाने की विधि

पवित्र हिन्दू धर्म ग्रन्थ ऋग्वेद पर ही पूरे विश्व का सम्पूर्ण विज्ञान आधारित है। ऋग्वेद के उपवेद आयुर्वेद में स्वर्ण बनाने की विधि बताई गयी है ! राक्षस दैत्य दानवों के गुरु जिन्हें शुक्राचार्य के नाम से भी संबोधित किया जाता है उन्होंने ऋग्वेदीय उपनिषद की सूक्त के माध्यम से स्वर्ण बनाने की विधि बतायी है ! श्री सूक्त के मंत्र व प्रयोग बहुत गुप्त व सांकेतिक भाषा में बताया गया है।

सम्पूर्ण सूक्त में 16 मंत्र है !

श्रीसूक्त का पहला मंत्र

ॐ हिरण्य्वर्णां हरिणीं सुवर्णस्त्र्जां।

चंद्रां हिरण्यमणीं लक्ष्मीं जातवेदो मआव॥

शब्दार्थ – हिरण्य्वर्णां- कूटज, हरिणीं- मजीठ, स्त्रजाम- सत्यानाशी के बीज, चंद्रा- नीला थोथा, हिरण्यमणीं- गंधक, जातवेदो- पाराम, आवह- ताम्रपात्र।

श्रीसूक्त का दूसरा मंत्र

तां मआवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीं।

यस्या हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहं॥

शब्दार्थ – तां- उसमें, पगामिनीं- अग्नि, गामश्वं- जल, पुरुषानहं- बीस।

श्रीसूक्त का तीसरा मंत्र

श्रीसूक्त का तीसरा मंत्र

अश्व पूर्णां रथ मध्यां हस्तिनाद प्रमोदिनीं।

श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवीजुषातम॥

शब्दार्थ – अश्वपूर्णां- सुनहरी परत, रथमध्यां- पानी के ऊपर, हस्तिनाद- हाथी के गर्दन से निकलने वाली गंध, प्रमोदिनीं- नीबू का रस, श्रियं- सोना, देवी- लक्ष्मी, पह्वये- समृद्धि, जुषातम- प्रसन्नता।

(विशेष सावधानियां – इस विधि को करने से पहले पूरी तरह समझ लेना आवश्यक है। इसे किसी योग्य वैद्याचार्य की देख रेख में ही करना चाहिए ! स्वर्ण बनाने की प्रक्रिया के दौरान हानिकारक गैसें निकलती है जिससे असाध्य रोग होना संभव है अतः कर्ता को अत्यंत सावधान रहना आवश्यक है।)

एक दिन में 100 किलो सोना बनाते थे महान रसायन आयुर्वेदाचार्य नागार्जुन

नागार्जुन का जन्म सन 931 में गुजरात में सोमनाथ के निकट दैहक नामक किले में हुआ था! नागार्जुन एक प्रसिद्द रसायनज्ञ थे।

उनके बारे में लोगों में यह विश्वास था कि वह ईश्वर के सन्देशवाहक है। नागार्जुन ने रस रत्नाकर नामक पुस्तक लिखी ! इस पुस्तक की ख़ास बात यह है कि नागार्जुन ने यह पुस्तक उनके और देवताओं के बीच बातचीत की शैली में लिखी थी। इस पुस्तक में रस (पारे के यौगिक) बनाने के प्रयोग दिए गए है।

इस पुस्तक में देश में धातु कर्म और कीमियागिरी के स्तर का सर्वेक्षण भी दिया गया था। इस पुस्तक में सोना, चांदी, टिन और ताम्बे की कच्ची धातु निकालने और उसे शुद्ध करने के तरीके भी बताये गए है।

पारे से संजीवनी और अन्य पदार्थ बनाने के लिए नागार्जुन ने पशुओं, वनस्पति तत्वों, अम्ल और खनिजों का भी उपयोग किया !

पुस्तक में विस्तार पूर्वक दिया गया है कि अन्य धातुएं सोने में कैसे बदल सकती है ! यदि सोना न भी बने तो रसागम विशमन द्वारा ऐसी धातुएं बनायी जा सकती है जिनकी पीली चमक सोने जैसी ही होती है।

नागार्जुन ने “सुश्रुत संहिता” के पूरक के रूप में “उत्तर तंत्र” नामक पुस्तक भी लिखी। इसके अलावा उन्होंने कक्षपूत तंत्र, योगसर एवं गोपाष्टक पुस्तकें भी लिखी।

कहा जाता है कि नागार्जुन एक दिन में 100 किलो सोना बनाया करते थे और उनको सोना बनाने में इस स्तर की महारत थी कि वह वनस्पतियों के अलावा अन्य पदार्थों तक से सोना बना देते थे। लेकिन दुर्भाग्य है कि मूर्ख मुग़ल लुटेरों ने तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों के रहस्यपूर्ण ग्रंथों को जला दिया।

गाँधी जी के सम्मुख कृष्णपाल शर्मा ने दो सो तोला सोना बनाकर स्वतंत्रता आन्दोलन हेतु दान कर दी राशि !

बनारस के आयुर्वेदाचार्य श्री कृष्णपाल शर्मा ने गांधी के समक्ष स्वर्ण बनाने की आयुर्वेदिक प्रक्रिया का वर्णन किया तो गांधी ने सार्वजनिक रूप से उनका उपहास कर दिया, जिससे वह अपनी व आयुर्वेद की प्रतिष्ठा को दाव पर लगा हुआ देख तत्काल बनारस गए और वहां से कुछ वनस्पति पदार्थों को लेकर पुनः दिल्ली के बिरला मंदिर के अतिथि गृह में वापस आये और दिनांक 26 मई 1940 को गांधीजी, उनके सचिव श्री महादेव देसाई तथा विख्यात व्यवसाई श्री युगल किशोर बिडला की उपस्तिथि में उन पदार्थों के समिश्रण को बनाकर गाय के उपले में पकाकर मात्र 45 मिनट में स्वर्ण बना दिया। जिसका शिलालेख आज भी बिरला मंदिर के अतिथि गृह पर लगा हुआ है।

इसी तरह 6 नवम्बर 1983 के हिन्दुस्तान समाचार पत्र के अनुसार सन 1942 ई. में श्री कृष्णपाल शर्मा ने ऋषिकेश में मात्र 45 मिनट में पारा से दो सौ तोला सोने का निर्माण करके सबको आश्चर्य में डाल दिया। उस समय वह सोना 75 हजार रुपये में बिका जो धनराशि स्वतंत्रता आन्दोलन के लिए दान कर दी।#आध्यात्मिक जीवन

*संविधान की मूल प्रति*

 पुरानी संसद को छोड़़ते हुए और नई संसद में जाते हुए सरकार ने हर सांसद को एक गिफ्ट पैक दिया था जिसमें भारतीय संविधान की कॉपी भी थी। 

देर रात विपक्षियों ने हंगामा मचाया कि जो कॉपी सभी सांसदों को दी गयी है *उसमें सेकुलर व सोशलिस्ट शब्द नही हैं,* जो कई सालों बाद संविधान में संसोधन कर जोड़े गए थे।

हंगामा मचा तो सरकार ने जवाब दिया कि सांसदों को जो कॉपी दी गयी है वह संविधान की मूल प्रति की कॉपी है।

*हमारा मूल संविधान यही है।*

🇮🇳

_इसका तात्पर्य समझते हैं आप ?_

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सरकार विपक्ष और देश का तापमान माप रही है, देश की जनता को खींच कर इस मुद्दे पर ला रही है कि देश में चर्चा हो की भारत के मूल संविधान में क्या था और अब क्या है।

ताकि कल को सरकार ठीक वैसे ही कोई सविधान संशोधन कर “सेकुलर और सोशलिस्ट” शब्द हटाए जैसे कि इंदिरा गांधी ने एमरजेंसी में *(तानाशाही के दौर में)* संविधान संशोधन से जोड़ा था तब विपक्ष के हंगामे में जनता न आए और जनता को पता हो कि *संविधान को उसी मूल रूप में वापस लाया जा रहा है जैसा कि वो मूल रूप में बनाया गया था।*

वैसे तो *मोदी के मन की थाह* लेना असम्भव सी बात है मगर कभी कभी सोचता हूंँ कि इस आदमी का सपना क्या होगा? जिसके लिए ये इस उम्र में भी दिनरात एक किये है…

नये संसद भवन में पदार्पण से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सांसदों को दी संविधान की मूल प्रति देकर दिखाया सत्य का दर्पण! और जताया कि तुष्टिकरण के लिए और बामपंथियों के दबाव में अब तक संविधान संशोधन के नाम पर कितने टल्ले थिगले लगा चुके हैं मूल संविधान को सैक्युलरिज्म और शोशलिस्ट के बहाने कितना विकृत कर चुके हैं!! 

*क्या केवल विकसित और सुखमय भारत??*

या

*विकसित, विशाल, सुखमय, शक्तिशाली और सनातन भारत ??*

मोदी की मंशाओं पर शक करना खुद पर थूकना है।

जिसे आप सपने में भी नहीं सोच सकते वो उसके लिए भी पूरी प्लानिंग किये बैठा है।

*🕉 जय सनातन जय भारत 🕉*