ऐसे भी हो सकती है अपनों की मदद 06/10/2017 breakinguttarakhand संस्कृति कहीं ऐसा तो नहीं कि देश की बेटियां तुम्हारे लिए मिट्टी के दिये बनाते बनाते धूप में सूख जांय और तुम चायना मेड दिये और लडि़यां खरीद लाओ। अबकी बार शुद्ध भारतीय दिये लायें, इससे जरूरतमंदों की मदद का संतोष भी मिलेगा और देश का पैंसा देश में रहेगा। Share