मोदी ने देश को पहली भारतीय सरकार दी

डाॅ हरीश मैखुरी

भारत में पहली बार स्वविचारित सुविचारित और देश की जरूरत के हिसाब से प्लानिंग बन रही है अन्यथा पहले भारत सरकार की प्राथमिकता और प्लानिंग आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक अपने हिसाब से डिजाइन कराते । देश में पहली बार सैन्य जरूरतों के हिसाब से फाईटर प्लैन हथियार बुलेटप्रूफ जैकेट इत्यादि आ रहे हैं पहले दूसरे देशों के निष्प्रोज्य स्क्रैब रखने के लिए विवश थे। पहले बड़े पैमाने पर मिले कर्जे को उपलब्धि और सहायता बताया जाता था अब कर्जे की जरूरत नहीं रही बल्कि मेक इन इंडिया के तहत इन्वेस्टमेंट करने वाले पैंसा लगाते हैं, जिसमें घाटा होगा तो इन्वैस्टर का और लाभ में देश की भागीदारी तो पूर्व निर्धारित रहती ही है। पहले जनसंख्या को समस्या बताया जाता था आज वही 125 करोड़ लोग देश की टीम ईंडिया ताकत है। देश पहली बार घोटालों से मुक्ति के पथ पर अग्रसर है। नरेन्द्र मोदी दुनियां के सबसे प्रभावशाली इमानदार और दूरदर्शी नेता बन कर उभरे हैं जिसने भारत को विदेशों में नयीं ऊंचाई दी, और अपने देश को आंतरिक मामलों में भ्रष्टतंत्र से उबारने व आत्मनिर्भर बनाने दिशा में बुनियादी कार्य किया है । मोदी अत्यधिक संवेदनशीलता और साहसिक निर्णय के लिए जाने जायेंगे। योजना आयोग की जगह नीति आयोग, रेल बजट का  मुख्य बजट में समायोजन, डिजिटलाइजेशन, नोट बदली, जीएसटी, बुलेट-ट्रेन, सर्जिकल स्ट्राईक, आतंकवादियों का सफाया, आतंकवादी विस्फोटकों से राहत, स्वच्छ भारत अभियान जैसे हजारों कार्यक्रम उनके साहसिक निर्णय लेने की क्षमता दिखाते हैं, करोड़ों लोगों को सीधा निजी लाभ देने वाले शौचालय विजली स्वच्छता बैंक खाते आसान लोन छोटे छोटे दिखने वाले ये काम जब हम राष्ट्रीय पैमाने पर देखते हैं तो इनका वोल्यूम बहुत बड़ा है। इनसे  मोदी घर घर की उम्मीदों के प्रधानमंत्री बन गये हैं। जिन साहसिक निर्णयों के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों को सालों लग जाते थे,  मोदी के लिए वे रोजमर्रा के काम बन गये हैं। सच कहें तो मोदी को रूटीन वर्क के लिए चुना भी नहीं गया है। मोदी नित नये निर्णयों के प्रधानमंत्री हैं, वे जन नेता प्लानर और कुशल एडमिस्ट्रेटर एक साथ हैं। मोदी को इसी कार्यकाल में कश्मीर में 370, समान नागरिक संहिता , राम मंदिर, मथुरा, काशी, तीन तल्लाक, जनसंख्या नियंत्रण, आरक्षण और देश के इस्लामिकरण विषय पर निर्णय लेलेना चाहिए। गरीबी, मंहगाई और विकास भले ये घर घर की समस्या है, लेकिन अब ये चुनावी मुद्दे नहीं रहे। ये मुद्दे 60 साल से वोट लूटने का उपक्रम बने हुए हैं, जनता ये जान गई है। आज मोदी ने राजनीतिक दलों को मुद्दा विहीन कर दिया है। अब इन दलों के पास मोदी के कपड़े विदेश यात्रा, मोदी के भाषण ही मुद्दा रह गया है। मन बात कार्यक्रम की निरंतरता और नित नयापन आज तो उपयोगी है ही, भविष्य की पीढ़ी के लिए अनुसंधान के  लिए विषय बन रहे हैं । मोदी का होमवर्क बेजोड़ है। उन्होंने भारत सरकार की बजाय देश को पहली भारतीय सरकार दी है