आतंक का अंत : खुंखार अपराधी मुख्तार अंसारी की हृदयाघात से मृत्यु पर कुछ राजनीतिज्ञों का विलाप लोकतांत्रिक है!

*दिनांक 28.03.24 को बांदा उतर प्रदेश में माफिया मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मृत्यु।*बाँदा चिकित्सालय के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा, DGP मुख्यालय की हालात पर नज़र, मऊ-ग़ाज़ीपुर जिलों में विशेष सतर्कता* अनेक राजनीतिक व्यक्तियों का विधवा विलाप शुरू, उठाई मुख्तार अंसारी की मृत्यु की जांच की मांग, मुख्तार की मौत पर योगी आदित्यनाथ  सरकार ने दिए न्यायिक जांच के आदेश। 

*मुख्तार अंसारी पर दर्ज थे 65 केस, कुछ लोगों के बीच थी रॉबिनहुड जैसी इमेज; पढ़ें आतंकी मुख्तार की पूरी क्राइम हिस्ट्री

मुख्तार अंसारी को 7 मामलों में सजा मिल चुकी थी, जबकि 8 मामले में वह दोषी करार दिया गया था. अप्रैल 2023 में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में उसे 10 साल की सजा हुई. 13 मार्च 2024 को एक आर्म्स लाइसेंस केस में अंसारी को उम्रकैद की सजा मिली.

बांदा: उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन और 5 बार के विधायक रहे मुख्तार अंसारी (Mukhar Ansari Death News) की मौत की खबर है. बताया जा रहा है कि बांदा जेल में गुरुवार दिनांक 28 मार्च 2024 को उसे हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी थी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मौत की वजह कार्डिएक अरेस्ट बताई जा रही है. मुख्तार अंसारी को अलग-अलग मामलों में 2 बार आजीवन कारावास की सजा हुई, वह 2005 से सजा काट रहा था। 

मुख्तार अंसारी को 7 मामलों में सजा मिल चुकी थी, जबकि 8 मामले में वह दोषी करार दिया गया था. अप्रैल 2023 में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में उसे 10 साल की सजा हुई. 13 मार्च 2024 को एक आर्म्स लाइसेंस केस में अंसारी को उम्रकैद की सजा मिली.

*आइए जानते हैं कैसी थी मुख्तार अंसारी की क्रिमिनल हिस्ट्री और कैसा रहा उसका पॉलिटिकल करियर:-**

*ऐसे अपराध की दुनिया में रखा कदम**

गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की है. पहली बार मुख्‍तार ने अपराध की दुनिया में साल 1988 में कदम रखा था. 25 अक्टूबर 1988 को आजमगढ़ के ढकवा के संजय प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्‍या की कोशिश का मुकदमा दर्ज कराया था. हालांकि, अगस्‍त 2007 में इस मामले में मुख्‍तार दोषमुक्‍त हो गया था.  

*1990 के दशक में बना लिया अपना गैंग**

1990 के दशक में मुख्तार अंसारी ने अपना गैंग बना लिया. उसने कोयला खनन, रेलवे जैसे कामों में 100 करोड़ का कारोबार खड़ा कर लिया. फिर वो गुंडा टैक्स, जबरन वसूली और अपहरण के धंधे में भी आ गया. उसका सिंडिकेट मऊ, गाजीपुर, बनारस और जौनपुर में एक्टिव था. पूर्वांचल में उस वक्त दो बड़े गैंग थे- ब्रजेश सिंह और मुख्तार अंसारी गैंग. 

*ब्रजेश सिंह गैंग से शुरू हुई दुश्मनी**

1990 में गाजीपुर में तमाम सरकारी ठेकों पर ब्रजेश सिंह गैंग ने कब्जा करना शुरू कर दिया था. इस दौरान उनका मुख्‍तार गैंग से सामना हुआ. यहीं से ब्रजेश सिंह से दुश्‍मनी शुरू हो गई. ब्रजेश सिंह ने मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमले भी कराए थे. 

*मुख्तार अंसारी पर दर्ज थे 65 केस**

मुख्‍तार अंसारी पर हत्‍या, हत्‍या के प्रयास, धमकी, धोखाधड़ी और कई अन्‍य आपराधिक कृत्‍यों में कुल 65 मामले दर्ज थे. इनमें से 18 मामले हत्या के थे. उसके खिलाफ लखनऊ, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, सोनभद्र, मऊ, आगरा, बाराबंकी, आजमगढ़ के अलावा नई दिल्‍ली और पंजाब में भी मुकदमे दर्ज थे. 

अंसारी के खिलाफ 2010 में कपिल देव सिंह की हत्या और 2009 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में मीर हसन नामक व्यक्ति की हत्या के प्रयास मामले में आरोप साबित हो चुके थे. 

*मुख्तार अंसारी के खिलाफ ये है चर्चित केस**

-24 जुलाई 1990 को शिवपुर के देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ बड़ागांव थाने में डकैती और अपहरण का मामला दर्ज कराया. इस मामले में सितंबर 1990 को पुलिस ने कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी. 

-इसके बाद 3 अगस्त 1991 को अवधेश राय हत्‍याकांड में मुख्‍तार अंसारी के खिलाफ चेतगंज वाराणसी थाने में पूर्व विधायक अजय राय ने मुकदमा दर्ज कराया. 

– 23 जनवरी 1997 को अपहरण के मामले में वाराणसी के भेलूपुर थाने में मुख्‍तार अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. इस मामले में वह निचली अदालत में दोषमुक्‍त हो चुका है.  

– 6 फरवरी 1998 को भेलूपुर वाराणसी थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ NSA लगाया गया. 

– 1 दिसंबर 1997 को मुख्‍तार के खिलाफ धमकाने का मामला दर्ज किया गया. 

– 17 जनवरी 1999 को भेलूपुर वाराणसी थाने में मुख्तार के खिलाफ धमकाने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया. 

– 20 जुलाई 2022 को वाराणसी कैंट थाने में आपराधिक साजिश समेत अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया. 

*कुछ लोगों के बीच थी रॉबिनहुड की इमेज**

मुख्तार अंसारी की मऊ में कुछ लोगों के बीच रॉबिनहुड की इमेज थी. मऊ के मुस्लिम लोग कहते हैं कि बतौर विधायक मुख्तार अंसारी ने अपने इलाके में विकास के कई काम किए. सड़कों की मरम्मत कराई. स्कूल बनवाएं. अस्पताल खोले, बिजली-पानी का इंतजाम किया. गरीबों की मदद की. बताया जाता है कि विधायक रहते हुए मुख्तार अंसारी अपने क्षेत्र में विधायक निधी से 20 गुना ज़्यादा पैसा खर्च करता था…!!*मुख्तार अंसारी पर 61 गंभीर आपराधिक मामले थे । 

उनके बड़े भाई और विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी पर 3,

उनके छोटे भाई और सांसद अफ़ज़ल अंसारी पर 7,

उनकी पत्नी और पार्षद अफ्शा अंसारी पर 11,

उनके बेटे और विधायक अब्बास अंसारी पर 8,

उनके दूसरे चचेरे भाई और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर 0कहानी #माफिया_मुख्तार अंसारी की… !

बनारस के जवाहर एक्सटेंशन में 26 साल पहले हुए नंद किशोर रुंगटा हत्याकांड ने पूरे देश को हिला दिया था. 

विश्व हिन्दू परिषद के सक्रिय कार्यकर्ता और मशहूर कोयला व्यापारी नंद किशोर रुंगटा का पहले अपहरण हुआ, फिर फिरौती वसूली गई और शव को कई टुकड़ों में काट कर (इलाहाबाद) प्रयागराज में गंगा में बहा दिया गया था !

2005 के मऊ दंगे खुली जीप पर घूम-घूमकर हिंदुओं पर हमले करवाने और दुकानें जलवाने वाला… मुख़्तार अंसारी

29 नवंबर 2005 भाजपा के मुहम्मदाबाद से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की गोलियों से भूनकर हत्या करने वाला मुख़्तार अंसारी। 

इसी दुष्चरित्र को कुछ सपाई और कांग्रेसी अपना आदर्श मान रहे हैं 

इतने खुंखार अपराधी आतंकी की मृत्यु पर कुछ राजनीतिक व्यक्ति ऐसे शोक संतृप्त हैं जैसे उनका कोई सगा चल बसा और वे अनाथ हो गये।उसकी मृत्यु पर विधवा विलाप क्या लोकतांत्रिक है! जिनलोगों को लालबहादुर शास्त्री की मौत में कोई गड़बड़ी नहीं दिखी सुभाष चंद्र बोस की मौत पर कोई सवाल पूछने की ज़रूरत नहीं लगी ललित नारायण मिश्र की मौत में कोई साज़िश नहीं दिखी उनको मुख़्तार अंसारी की मौत में बड़ी साज़िश देश का बड़ा नुक़सान और सेकुलरिज्म पर भारी ख़तरा तुरंत दिख गया 😳🧐

*माफियाओं की मसीहा मुलायम सरकार में मुख्तार अंसारी के घर छापा मारकर सेना की मशीन गन बरामद करने पर डिप्टी SP शैलेन्द्र सिंह पर जुल्म की यह तस्वीर है।*

*देखिये, कैसे सरकार के कहने पर तब उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने ही ईमानदार साथी की शर्ट फाड़कर गिरफ्तार करके फर्जी मुकदमे में जेल भेजा था।*

*कुसूर यह कि मुलायम सरकार में उस मुख़्तार के खिलाफ पोटा लगा दिया, जिसके आगे सब नतमस्तक थे, यूं ही नहीं शैलेन्द्र ने नौकरी को ठोकर मारी होगी।*

*मुख़्तार अंसारी के गुर्गों द्वारा सेना की लाइट गन मशीन चुराने का पर्दाफाश करने पर जिस अफसर को मेडल मिलना था उस अफसर को मुलायम सरकार में इस तरह जलील कर जेल में डाला गया था।*

*क्या गुजरी होगी शैलेन्द्र सिंह पर….*

*इस केस के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस का मोरल इतना टूट गया कि जब तक मुलायम सिंह मुख्यमंत्री रहे पुलिस ने किसी भी अपराधी पर कोई कार्रवाई नहीं की और जैसे लालू का कार्यकाल बिहार के लिए जंगल राज है वैसे ही मुलायम सिंह यादव का कार्यकाल उत्तर प्रदेश के लिए गुंडाराज कहा जाता है।

*उन्होंने अटल जी की मृत्यु का जश्न मनाया – जनरल बिपिन रावत – लता दीदी – सुषमा जी – मनोहर पर्रिकर – रोहित सरदाना – उन्होंने अफजल गुरु – बुरहान वानी – याकूब मेनन – अतीक अहमद – मुख्तार अंसारी की मृत्यु पर शोक जताया मानसिकता… और हां “वे” उनमें धर्मनिरपेक्ष हिंदू भी शामिल हैं..

देश के हर राज्य मे योगीजीं जैसे मुख्यमंत्री चाहिये 🚩