*म्यांमार में फंसे उत्तराखण्ड के लोगों की सुरक्षित वापसी का मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्री से किया अनुरोध*
*मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्री से फोन पर वार्ता कर दी घटना की जानकारी*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विदेश मंत्री डॉ.एस. जयशंकर से म्यांमार में फंसे उत्तराखण्ड के लोगों की सुरक्षित वापसी का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को फोन पर विदेश मंत्री से वार्ता की तथा उन्हे स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि म्यांमार के कॉल सेंटरों द्वारा उत्तराखंड के 15 से अधिक पुरुषों और नौ महिलाओं को अगवा कर उन्हें म्यांमार में कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से पीड़ितों के परिजन परेशानी और मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना से उत्तराखंड के लोगों में भी भय बना हुआ है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने 31 जुलाई, 2024 के टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित समाचार का उल्लेख करते हुए उत्तराखंड के नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विदेश मंत्री से सहायता की अपेक्षा की है।
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केदारघाटी में अत्यधिक बारिश के कारण जगह जगह भारी भूस्खलन और बाढ़ का प्रकोप बना हुआ है। गौरीकुंड में महत्त्वपूर्ण गर्म पानी का श्रोत गौरीकुंड बुरीतरह क्षतिग्रस्त हो गया केदारनाथ यात्री जगह जगह फंसे हुए हैं। स्थानीय लोग भी अपनी क्षमता के अनुरूप भोजन आदि में सहयोग कर रहे हैं।
जिला प्रशासन द्वारा पूरी शक्ति से रेस्क्यू कर यात्रियों को लगातार सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। अब तक 375 यात्रियों का हैली के माध्यम से तथा 1460 यात्रियों का सफल मैनुअल रेस्क्यू किया जा चुका है। इनमें 40 महिलाएं तथा 25 बच्चे भी सम्मिलित हैं। घटनास्थल पर उप जिलाधिकारी ऊखीमठ सहित एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें विद्यमान हैं जिनके द्वारा लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है। वहीं अतिवृष्टि के बाद तीर्थ यात्रियों ने सरकार व जिला प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराई सहायता की सराहना की है।
दिल्ली के दिलशाद गार्डन शहर से श्री केदारनाथ धाम की यात्रा पर आए ललित ने बताया कि वो दर्शन के बाद लौट रहे थे। उन्होंने बताया कि गौरीकुंड पहुंचने के बाद रात्रि को हुई अत्यधिक बारिश व अतिवृष्टि के बाद उन्हें 2013 का आपदा जैसा मंजर याद आ गया लेकिन उन्होंने प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि अतिवृष्टि के बाद जिला प्रशासन द्वारा काफी सक्रियता दिखाते हुए मदद की गई। बताया कि लगभग 3 किमी तक प्रशासन की टीमों द्वारा सफल रेस्क्यू किया गया जो अत्यंत सराहनीय है।
नेपाल से श्री केदारनाथ धाम के दर्शन को पहुंचे तारकेश्वर सिंह ने बताया कि वह बीती सायं को गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए निकले थे तथा कुछ ही दूरी पर जाने के बाद पहले हल्की तथा फिर भारी बारिश होने से वह वहीं पर रुक गए। इसके बाद भीषण बाढ़ आने से वह रात भर वहीं रूक गए। उन्होंने बताया कि आज सुबह एनडीआरएफ की टीम के पहुंचते ही रेस्क्यू किया गया। जिला प्रशासन एवं रेस्क्यू टीमों की सराहना करते हुए कहा कि प्रशासन व रेस्क्यू की टीमें पूरी तत्परता से राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन एवं रेस्क्यू में लगी समस्त रेस्क्यू टीमों को धन्यवाद ज्ञापित किया है। बारिश का एलर्ट पहले से ही जारी कर दिया गया था।
केदारनाथ गौरीकुंड में आयी आपदा से त्रस्त लोगों को चौमासी गांव के लोगों ने भी अपने सीमित संसाधनों से यात्रियों को भोजन करवाया ।
उत्तराखंड का विपक्षी दल कांग्रेस तो फिलहाल चुनाव के मोह में केदारनाथ मंदिर बचाने की यात्रा निकाल रही है। जबकि उसके नेताओं को भी केदारनाथ गौरीकुंड में राहत बचाव कार्य में होना चाहिए ✍️हरीश मैखुरी
breakinguttarakhand.com