‘हिन्दी’ को कौन लील रहा है!, हिन्दी संस्कृत के अगाध सागर में असंख्य शब्दों के सुन्दर मोती हैं उन्हें अपनी रचनाओं में पिरोया करें रचना दिव्य होगी, हिन्दी को उर्दू ना बनायें

✍️डाॅ0 हरीश मैखुरी हमारे हिन्दी लेखन में उर्दूमय या आंग्ल शब्द ना दिखें या अति न्यूनतम दिखें यह प्रयास निरंतर करना चाहिए। अभ्यास करें कि

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