नहीं रहे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहनसिंह गावंवासी

भारतीय जनता पार्टी के आरंभिक नेताओं में रहे मोहनसिंह गांववासी जी आज सुबह आठ बजे गो लोक गमन कर गये। वे विद्यार्थी जीवन से ही वे मेरे भी अभिन्न मित्र रहे।
विद्यार्थी जीवन में गोपेश्वर में अनेक बार खिचड़ी खिलाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। कहते थे वैसे मैं काली साधक हूंँ इधर उधर भोजन कम ही गृहण करता हूँ लेकिन तू भूदेव है इसलिए तेरे यहां खिचड़ी खाने में कोई दोष नहीं। एक बामपंथी शिक्षक भी मेरे मित्र थे इसलिए भूदेव जैसे संस्कृत के लाखों महान शब्दों की गहनता मैं कम ही समझ पाता लेकिन, बाद में पता चला ये कल:ब्रह्म भूदेव: का हिन्दी अनुवाद था।  तब एक बार तो उन्होंने कर्णप्रयाग विधानसभा से भाजपा से विधायक का चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी दिया। लेकिन तब डाॅ0 शिवानंद नौटियाल के विरूद्ध चुनाव लड़ने का सोचना बड़ा कठिन निर्णय था। उन्होंने हरीश पुजारी मंगला कोठियाल से भी इसी संदर्भ में बात किए। उन दिनों रमेश पोखरियाल निशंक शिशु मंदिर में आचार्य थे तब गांव वासी जी ने उन्हें न केवल तैयार किया बल्कि टिकट भी दिलाया और आश्चर्यजनक रूप से डाॅ निशंक राम लहर के चलते चुनाव जीत भी गये।

  अब लम्बे समय बाद पांच छ माह पहले दून मेडिकल कॉलेज देहरादून में भेंट हुई।
उन दिनों शूगर अधिक होने के कारण उनके पैरों के तलवों में नान हिलींग अल्सराईटिस हो गया था। खूब बातें हुई। कहने लगे अंग्रेजी दवा लेता भी कम हूँ और मुझे असर भी कम ही करती हैं। 
फिर मैने उन्हे शूगर के लिए अपना बनाया हुआ कटुकी जटामासी गिलोय चिरायता मधुनाशनी फार्मूला दिया। करीब दस दिनों बाद कह रहे थे आपके पाउडर से नब्बे प्रतिशत हील हो गया है। उसके बाद फोन आया कि विंडलास फ्लैट में हूंँ थोड़ा दवाई और देदो ताकि नवरात्रि के लिए पौड़ी किंकालेश्वर जा रहा हूं।  जब मैं सुविख्यात ज्योतिषाचार्य डाॅ0 रमेश पांडे जी के साथ उनके विंडलास फ्लैट पर गया तो बहुत प्रसन्न हुए। अपने सतोपंथ यात्रा का एक गोपनीय संस्मरण भी सुनाया। कह रहे थे इस वर्ष मेरा प्रबल मार्केस है इसलिए नवरात्रि कर लूँ। संभव है जनवरी से पहले आप लोगों से विदा हो जाऊंगा। आज सुबह सूचना मिली कि आठ बजे देहरादून के एक कार्पोरेट चिकित्सालय में अंतिम सांस ली। उनकी ज्योतिष काल गणना सही निकली। आज उनके देहावसान के पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्ररद्धांजलि अर्पित की। देख रहा हूं कि सोशल मीडिया पर उनके कुछ निजी मित्रों को छोड़कर बाकी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं या नई पीढ़ी के नेताओं के शोक संदेश कम ही दिख रहे हैं। दुनियां की यही रीत है। भारतीय सनातन धर्म संस्कृति के ऐसे घुमंतू उद्भट विद्वान को गो लोक गमन पर भावभीनी श्रध्दांजलि और नमन् राम राम 🌹🌹✍️हरीश मैखुरी
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