सतपाल महाराज के धमाके से व्यूरोक्रेसी में हड़कंप, सौरभ बहुगुणा एवं प्रेमचन्द अग्रवाल भी महाराज के समर्थन में

✍️हरीश मैखुरी

उत्तराखंड सरकार में वरिष्ठ काबीना मंत्री सतपाल महाराज के धमाकेदार बयान के बाद उत्तराखंड की व्यूरोक्रेसी में हड़कंप है। सोमवार को महाराज ने विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि उन्होंने पहली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध किया है कि आईएएस अफसरों जिसमें सचिव व अपर सचिव स्तर स्तर के लोग होते हैं उनके विभागों को जो मंत्री है उन मंत्रियों द्वारा उन अधिकारीयों की गोपनीय आख्या लिखने का प्रावधान होना चाहिए, महाराज ने कहा कि पूर्व में नारायण दत्त तिवारी सरकार में यह व्यवस्था थी, जो बाद में समाप्त हो गई। इसे पुन: लागू करना आवश्यक है क्योंकि सेना व दूसरे संस्थानों में भी ऐसी व्यवस्था होती है इससे कार्यप्रणाली सुधरती है और व्यवस्था सुचारू होती है। महाराज के इस वक्तव्य के उपरांत बयान से अधिकांश अधिकारीयों में हड़कंप है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कहना है की अन्य राज्यों में इस तरह की व्यवस्था है। इसे उत्तराखंड में दुबारा शुरू किया जाना चाहिए। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और प्रेमचंद अग्रवाल ने भी उनकी मांग का समर्थन करते हुए इसे आवश्यक बताया। मंत्रियों ने कहा पहली कैबिनेट में इसे माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया है उन्हें ही इस संबध में उचित निर्णय लेना है।

          बता दें इसके पीछे कार्यों में और अधिक पारदर्शिता और प्रशासन पर नियंत्रण माना जा रहा है। पूर्व में भी इस तरह के विषय सामने आए हैं जब मंत्रियों की सचिवों के साथ जवाबदेही को लेकर अनबन रही। उत्तराखंड में अधिकारी बे लगाम हैं वहां के लिए एक निर्णय बहुत व्यवहारिक हो सकता है। सतपाल महाराज उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वरिष्ठ और निरंतर अनुभवी कैबिनेट मंत्री रहे हैं उनकी बात का असर भी होता है।