अब तक नहीं उठाया तराई की राइस मिलों ने खराब चावल

हल्द्वानी में खराब चावल भेजने वाली राइस मिलों से आरएफसी को चावल की रिकवरी का नोटिस जारी होने के बाद राइस मिलों ने तो तेजी दिखाई, लेकिन अभी तक आरएफसी को तराई की मिलों ने चावल की एक भी खेप नहीं भेजी है। घटिया चावल भेजने पर आरएफसी के द्वारा नोटिस जारी होने के बावजूद राइस मिलें संज्ञान नहीं ले रही हैं। तराई की इन मिलों से तकरीबन 67,500 क्विंटल चावल की रिकवरी की जानी हैं।

हल्द्वानी केंद्र की देवभूमि एग्रो नयागांव, महालक्ष्मी राइस व बोरा राइस मिलें रिकवरी के तौर पर तकरीबन 900 क्विंटल चावल की खेप आरएफसी को भेज चुकी हैं। मिलों की ओर से भेजी गई चावल की खेप की सैंपलिंग व जांच के बाद इन्हें मानकों के अनुरूप पाया गया है। सैंपल पास होने के बाद चावल की खेप महात्मा गांधी इंटर कॉलेज रोड स्थित पीडीएस गोदाम भेजी जा रही है। जहां से इसे शहर की सस्ते गल्ले की दुकानों में भेजा जा रहा है।

शहर में 90 प्रतिशत चावल राशन की दुकानों में पहुंचाया जा चुका है, लेकिन 20 प्रतिशत दुकानों में अब भी चावल पहुंचाने का काम बाकी है। जैसे-जैसे आरएफसी से पीडीएस गोदाम को जितना चावल मिल रहा है उसे दुकानों में भेजा जा रहा है। कमलुवागांजा स्थित स्टेट पूल के गोदाम से पहाड़ के लिए चावल भेजा जाता है, लेकिन अभी तराई की मिलों से चावल की रिकवरी न होने से पूरी सप्लाई नहीं हो पा रही है। सूत्रों की मानें तो अभी तराई की राइस मिलों को नोटिस रिसीव नहीं हुए हैं। इसलिए चावल रिकवरी में देरी हो रही है।

गोदाम पहुंचा 350 क्विंटल चावल

शनिवार को राइस मिलों से 350 क्विंटल चावल की खेप स्टेट वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के मंडी स्थित गोदाम पहुंची। चावल के अलग-अलग 300 कट्टों से परखी के जरिये खाद्य विभाग की सेग्रीगेशन कमेटी ने चावल के सैंपल लिए। चावल में नमी की जांच के लिए भी मशीन का इस्तेमाल किया गया। मौके पर ही सैंपल की तकनीकी उपकरणों से जांच की गई। मानकों के अनुसार चावल में नमी 15 प्रतिशत होनी चाहिए। इससे अधिक नमी का चावल खराब माना जाता है। सैंपल की जांच करने के बाद चावल में ब्रोकन प्रतिशत का आंकलन किया गया, जो 24 और 22.5 प्रतिशत निकला। इसे भी आरएफसी के मानकों के अनुरूप पाया गया। टीम ने सैंपल जांच के बाद चावल सही पाए। सैंपल लेने और जांच की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई।