पुलिस की बजाय माफिया से मांगी मदद

हरिद्वार। कनखल के जिस किराना व्यापारी के पैसों की लेन देन के लिए कुख्यात का साहारा लिया जाना इन दिनों खासा चर्चा का विषय बना हुआ हैं। दरअसल किराना व्यापारी राम प्रकाश गोयल के मोबाईल नम्बर पर विगत वर्ष कुख्यात का 20 लाख की रंगदारी के लिए फोन आया था और पैसा न मिलने पर बीच सड़क गोली मारने की धमकी के बाद ही बदमाश के खौफ के चलते किराना व्यापारी कुख्यात से मिलने के लिए गया था। यह बात खुद किराना व्यापारी ने ‘उत्तराखण्ड स्तम्भ’ से बयां की हैं। लाला राम प्रकाश का कहना हैं कि ‘मरता क्या न करता’ कि स्थिति में ही वो कुख्यात से मिलने गया था। लाला राम प्रकाश का कहना हैं कि उसका मोबाईल नम्बर कुख्यात तक कैसे पहंुचा? और किसने पहुंचाया? पुलिस इस मामले में जांच करें। हलांकि पुलिस ने रंगदारी में कुख्यात की मददगारी किए जाने के आरोपों में महानिर्वाणी अखाड़े के संत सुधीर गिरि की हत्याकंाड में मास्टर माइंड हत्यारोपित आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली को जेल भेज दिया हैं। परन्तु अभी टुल्ली से कुख्यातों के संबंध व रंगदारी के मामलों में पुलिस को टुल्ली की तह तक जाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ेगी तब कहीं जाकर मामला पूरी तरह से पुलिस की पकड़ में आ पाऐगा। क्योंकि न सिर्फ टुल्ली की जड़े कुख्यातों में मजबूत हैं बल्कि खाकी से लेकर खादी तक उसकी खासी पकड़ हैं और कहीं न कहीं इसी पकड़ परिणाम स्वरूप सुधीर गिरि की हत्या का खुलासा 26 महीनों बाद हो पाया था। कप्तान द्वारा बदमाशों के खौफ को समाप्त करने के लिए की जा रही कारवाई को आमजन ने खूब सराहा हैं।
सूत्रों के मुताबिक कनखल के ही चर्चित भू व्यवसाई द्वारा किराना व्यापारी सहित पार्षद पति व रानीपुर स्थित होटल संचालक के मोबाईल नम्बर कुख्यात तक रंगदारी मांगने के लिए पहुंचाए गए थे। विश्वस्त सूत्रों कि मानें तो विगत वर्षो संत हत्यारोपित प्रोपर्टी डीलर कनखल दक्ष रोड़ स्थित एक विवादित संपत्ति के मामले से कुख्यात जीवा के संपर्क में आया था। इसी संपत्ति विवाद में कुख्यातों की दखल होने के बाद मामले में हुए समझौते में एक कुख्यात 15 लाख तो दूसरे कुख्यात के जीजा को इंदु एन्क्लेव में प्लाट दिया गया था। उस दौरान यह मामला काफी चर्चा में भी रहा हैं। बदमाशों तक पहले नम्बर पहंुचाना और चैथ वसूली की धमकी मिलने के बाद कुख्यातों से अवैध वसूली में मध्यस्थता करने का कार्य अगर देखा जाए तो पौराणिक दक्ष नगरी में यह इकलौता मामला नहीं हैं। इससे पूर्व भी कनखल के व्यापारियों से चैथ वसूली होती आई हैं। सीमेन्ट व्यापारी सहित बिल्डर , भूव्यवसाई व कनखल के वैद्य रंगदारी का दंश इस ताजे मामले से पूर्व भुगत चुके हैं। मगर ‘जान हैं तो जहान हैं’ के चलते पुलिस के पास मदद के लिए नहीं गए और कुख्यात द्वारा मांगी गई रकम को कम ज्यादा कर चुपचाप दे दी गई। पूर्व में हुई रंगदारी के मामलों में कनखल के ही लम्बे ऊंचे व चैड़ी कदकाठी के नेता पीसी का नाम भी खासा चर्चित रहा हैं। सेवानिवृत्त भेलकर्मी अम्बरीश रस्तोगी को मिली धमकी प्रकरण के बाद से पुलिस ने लाला प्रद्युम्न व लाला रामप्रकाश से जो जानकारियां जुटाई वो कड़ी दर कड़ी जुड़ती चली गई। इन्हीं कड़ियों के परिणाम स्वरूप पुलिस आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली तक पहुंच गई। उत्तराखण्ड स्तम्भ ने अपनी खोजी पत्रकारिता के दम पर पूर्व में प्रकाशित अंकों में इस रंगदारी के खेल शामिल आरोपी के विषय में खबर के माध्यम से संकेत भी दिए थे। खैर कोई ‘‘देर आयद दुरूस्त आयद’’। फिलहाल मामला सुर्खियांे में आने के बाद से विगत वर्षो कनखल के सीमेन्ट व्यापारी सहित बिल्डर व वैद्य से खासी मोटी रकम पीसी के मार्फत कुख्यात तक पहंुचाए जाने का मामला भी स्थानीय व्यापारियांे में टुल्ली प्रकरण में की जाने वाली चर्चाओं सें ताजा हो चला हैं। सैनी गिरोह , नाजिम से लेकर जीवा तक इन नेता जी की खासी उठ बैठ रही हैं। अब देखना हैं कि पीसी पर भी रंगदारी के मामले में कारवाई होती हैं या फिर नेता जी की कारगुजारियां राजनितिक प्रभाव के कारण चर्चा तक ही सीमित रह जाऐंगी । बरहाल पीसी के इसी डर्रे पर चर्चित महंत हत्यारोपित पूर्ण रूप से अग्रसर हैं और लेन देन से लेकर चैथ वसूली के मामलों में कुख्यात को माध्यम बना व्यापारियों को चूना लगाने में लगा हैं।