डॉ0 हरीश मैखुरी
रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गौरखपुर में उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मुलाकात की और गोरक्षनाथ के दर्शन किए। उम्मीद है कि परिसंपत्तियों के बंटवारे और रोडवेज परिवहन के मसले पर भी चर्चा की गई होगी। उत्तराखंड स्थित परिसंपत्तियां उत्तराखंड की ही हों, इस पर सैद्धान्तिक सहमति पहले से ही है। इन मामलों में क्या प्रगति हुई वार्ता कहां तक पहुंची? ये मामले 17 सालों से उत्तराखंड के माननीयों के निकम्मे पन और बौनेपन के चलते लटके हुए हैं। पूरा उत्तराखंड जानना चाहता है कि कब तक हमारा हक बहाल होगा? उत्तराखंड देश का एक मात्र राज्य है जिसकी भूमि और परिसंपत्तियों पर दुसरे राज्य का कब्जा है। इस समय केन्द्र, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में एक ही पार्टी की सरकार होने से परिस्थितियां सर्वश्रेष्ठ हैं इसलिए परिस्थितियों का मामला हल कर दिया जाना चाहिए। समझ लो अभी नहीं तो कभी नहीं। तभी मुख्यमंत्रियों की मुलाकात की सार्थकता है
Dr. Harish makhuri
On Sunday, Chief Minister Trivandrum Singh Rawat met the Chief Minister Yogi Aditya Nath of Uttar Pradesh and met Gorshnath in Gorkhpur. It is hoped that the issue of sharing of assets and roadways transport has also been discussed. Uttarakhand’s assets belong to Uttarakhand only, there is already a consensus on this. Where did the progress reached in these cases reached? These cases have been hanging for 17 years due to scarcity and dwarfism of the people of Uttarakhand. The entire Uttarakhand wants to know how long our rights will be restored? Uttarakhand is the only state in the country whose land and assets are occupied by another state.At present the situation is best because of the government of one party in the Center, Uttarakhand and Uttar Pradesh, therefore the case should be resolved. Do not understand now or never. Only then the Chief Ministers have the significance of meeting