गुलदार से भी ज्यादा खतरनाक हुए बंदर

उत्तराखंड में बंदर अब गुलदार से भी ज्यादा खतरनाक हो गए हैं. घर के अंदर हों या बाहर. या फिर गली या बाजार में. इन बंदरों की दहशत हर जगह है. खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में तो ये बंदर अब नफरत की वजह बन गए हैं। लोगों को डराते, नुकसान पहुंचाते और खेती को तबाह करने वाले बंदर अब जनता के लिए मुसीबत बन गए हैं. बस्ती में डेरा डाल चुके ये बंदर अब शायद इंसान की काबिज होते दिख रहे हैं. देवप्रयाग, कीर्तिनगर और खिर्सू ब्लाक के दर्जनों गांवों में बंदरों का डर अब गुलदार से भी ज्यादा है. बच्चे स्कूल जाने में डर रहे हैं और बड़े घर से निकलने में. अब तक बंदर बच्चों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों को अपना शिकार बना चुके हैं।

गांव वाले ना तो पानी भरने जा सकते हैं, ना ही अपने रोजमर्रा के काम कर पा रहे हैं. बंदरों की दहशत का आलम ये है कि कई किसानों ने तो खेती करना ही छोड़ दिया है. बंदर ना केवल फसल चैपट कर रहे हैं बल्कि किसानों पर हमला कर देते हैं. कभी लोग, बंदरों को हनुमान का वशंज मानकर इनकी पूजा करते थे. लेकिन इनके हमलों और हरकतों ने इन्हें नायक की जगह खलनायक बना दिया है।