रवि रावत
एक मुस्लिम मित्र का मासूम सवाल… ” हिंदु शरणार्थियों पर तो आप खुश थे.. रोहिंग्या मुसलमानों पर आपत्ति क्यों..???”
पहली बात.. हिंदु, सिक्ख, जैन, बोद्ध धर्म के लोगों की जननी है भारत भूमि.. उनका नैसर्गिक घर है भारत..।
दूसरी बात.. ये लोग किसी भी देश में इस वजह से कतई नहीं निकाले जाएंगे कि ये आतंक फैला रहे थे….!
तीसरी बात..पाकिस्तान के हिंदू सिक्ख शरणार्थियों के साथ अत्याचार की हद पार कर दी गई थी पाकिस्तान में.. और इन शरणार्थियोंं की संख्या सैंकडों में थी.. लाखों में नहीं…!
चौथी बात..रोहिंग्या मुसलमान इश्यू भारत में हिंदु मुसलमान की खाई को और चौड़ा कर रहे है.. जो भारत के सेकुलरिज़्म पर स्वाभाविक खतरा है….
पाँचवी बात.. भारत के बोद्ध लोगों पर इन रोहिंग्या द्वारा खतरा बढ़ने के अवसर हैं.. जिससे विरोध में यदि करोड़ों बोद्ध म्यांमार के बोद्धों की तरह खूँखार हो गए तो देश के 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों का जीवन खतरे में पड़ सकता है… और सभी जानते हैं कि बाकि देश उन्हें शरण देने से रहे क्योंकि जगज़ाहिर है कि भारतीय मुसलमानों की बाकि मुल्कों में इतनी इज़्जत है कि पाकिस्तान तक उन्हें मुहाज़िर समझता है…..
छठी बात.. .मुसलमानों के 84 देश हैं…तो रोहिंग्या मुसलमानों के लिए कमी नहीं है….शरण लेने वाले देशों में…
सातवीं बात…. भारत में मुसलमानों के लिए माहौल ठीक नहीं है…
आखिरी बात…. बेचारे मोदी अँधविरोधी ..15 लाख का रोना रोते रहते हैं… रोहिंग्या के आने से इन अँधविरोधियों की ये उम्मीद भी खत्म हो जाएगी क्योंकि भिखारियों की संख्या बढ़ जाएगी।