रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रही वोट बैंक की राजनीति!

केंद्र सरकार के म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों को शरण न दिए जाने को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विभिन्न राजनीतिक दल ने इसका विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार, भाजपा और मोदी विरोधियों ने नया मुद्दा पकड़ लिया है। ये सभी दल रोहिंग्या मुसलमानों को अपना नया वोट बैंक बनाना चाहते हैं। रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में बसाने के लिए मानवाधिकार और सुप्रीमकोर्ट को उकसा रहे हैं। देश भर के मुसलमान रोहिंग्या मुसलमानों के पक्ष में आ कर खड़े हो गए हैं। सभी मुस्लिम वकील सरकार के खिलाफ कोर्ट में खड़े हैं।

भारत राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता की धज्जियां उड़ गई हैं। हर राजनीतिक दल का मुस्लिम रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत में बसाना चाहता है। भारतीय जनता पार्टी ने जीवीएल नरसिम्हा राव ने खुल कर कहा ‘माकपा के फवाद अली, मुस्लिम मजलिस के ओवेसी, कांग्रेस के रशीद अल्वी मुस्लिम पहले हैं, भारतीय बाद में ‘देश धार्मिक आधार पर दो हिस्सों में बंट गया है। हैरानी है कि कहाँ म्यांमार और कहाँ जम्मू। फिर भी म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान जम्मू पहुँच रहे हैं। जम्मू कश्मीर में रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश है।

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन आईएस इस साजिश में शामिल हैं। जिन रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश मुस्लिम देश होने के बावजूद पनाह देने को तैयार नहीं, सऊदी अरब और पाकिस्तान ने अपने यहाँ घुसने से मना कर दिया है। आखिर सवाल उठता है पड़ोसी देश जो कि मुस्लिम देश हैं इन्हें नहीं अपना रहे हैं उन्हें कांग्रेस व अन्य विभिन्न राजनीतिक दल शरण देने पर क्यों अड़े है ये सिर्फ वोट बैंक के लिए है या कुछ और समझ से परे है।