अब शराब के तस्करों की पौ बहार

 
इन्द्रेश मैखुरी
वैध-अवैध शराब के बीच की छिछली रेखा के कभी भी गायब होने की तस्दीक करता है, ये ट्रक:
आम तौर पर शराब की चर्चा होने पर यह हव्वा खड़ा किया जाता है कि वैध यानि सरकारी ठेके से बिकने वाली शराब न होगी तो अवैध शराब का कारोबार बढ़ जाएगा.सरकारी ठेकों के शराब कारोबारी तो अपने आप को अवैध शराब के खिलाफ लड़ाई के योद्धा की तरह प्रस्तुत करते हैं.हालांकि हकीकत तो यह है कि शराब का पूरा कारोबार ही कानून के हाथ-पाँव मरोड़ कर ही फल-फूल पाता है.वैध तरह से शराब का कारोबार करने वाले कानून के बाहें नहीं मरोड़ लेते तब तक वे अकूत मुनाफा नहीं कमा सकते हैं.वैध कही जाने वाली शराब में भी इतना ही वैध होता है कि उनके पास शराब बेचने का सरकारी लाईसेंस होता है.वरना कारनामा तो उनके सारे संदेहास्पद और अवैध प्रकृति के ही होते हैं।
 वैध-अवैध शराब का फर्क कितना छिछला है,यह कर्णप्रयाग कोतवाली में खड़े इस ट्रक को देख कर समझा जा सकता है.यह ट्रक जब शराब ले कर निकला तो यह वैध था,लेकिन पुलिस ने इस पकड़ा अवैध कारनामों के लिए.है ना अजीबोगरीब कि शराब भरा ट्रक गोदाम से निकले वैध और कुछ ही किलोमीटर जाते ही शराब का अवैध कारोबार करने के चलते पुलिस द्वारा कोतवाली में खड़ा कर दिया जाए !
 यह ट्रक,कर्णप्रयाग में शराब के सरकारी गोदाम-FL-2 से गैरसैण में सरकारी शराब की दुकान को शराब पहुंचाने निकला.लेकिन पुलिस के अनुसार इस ट्रक की शराब सिमली से ही बेची जानी शुरू हो गयी.शराब बेचने के कानूनों में स्पष्ट प्रावधान है कि शराब निर्धारित दुकान परिसर में ही बेची जायेगी.लेकिन यहाँ तो सरकारी गोदाम से निकली शराब को रास्ते में ही बेचने का कारनामा शुरू हो चुका था.पुलिस द्वारा पकड़ा नहीं जाता तो संभव था कि यह शराब कर्णप्रयाग और गैरसैण के बीच सभी पडावों पर बंटते हुए जाती.कर्णप्रयाग पुलिस द्वारा वैध गोदाम से निकल कर होने वाले शराब के इस अवैध कारोबार को पकड़ कर अच्छा काम किया गया है.लेकिन सिर्फ अकेले ट्रक ड्राईवर द्वारा इस तरह का कारनामा किया जा रहा हो,यह हजम नहीं होता.निश्चित तौर पर इस वैध शराब के अवैध कारोबार में और भी खिलाड़ी शामिल होंगे.इसकी गहराई से जांच हो तो मुमकिन है कि बड़े खिलाडियों के चेहरे सामने आ सकें।
लेकिन ये ट्रक कथा यह सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है कि अवैध शराब ही अवैध तरीके से नहीं बिकती.बल्कि वैध शराब का भी अवैध कारोबार खूब चलता है.वैध और अवैध शराब के कारोबारी,एक-दूसरे के विरोधी नहीं सहोदर हैं. संयुक्त रूप से ये पूरे पहाड़ को खोखला कर रहे हैं।