अब उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भी इंटरनेट स्पीड में तेजी आएगी, क्योंकि पावर कार्पोरेशन लिमिटेड ;यूपीसीएलद्ध अब बिजली वितरण के साथ इंटरनेट की सुविधा भी देगा। यूपीसीएल राज्यभर में फैले नेटवर्क को आधार बनाकर निजी कंपनी के साथ मिलकर एक योजना बना रहा है। लगातार इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों से बातचीत चल रही है। योजना परवान चढ़ी तो राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा मिलेगी।
टेलीकॉम कंपनियों का नेटवर्क पहाड़ के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बहुत कम है। साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी कई इलाके ऐसे हैंए जहां इंटरनेट की स्पीड तेज नहीं मिलती है। इसका कारण ये भी है कि लोग घरों की छतों पर टावर लगाने का विरोध करते हैंए क्योंकि उनका मानना है कि इसका स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ता है। लेकिन यूपीसीएल लाइने और पोल राज्यभर में हैं। इतना बड़ा नेटवर्क प्रदेश में किसी का नहीं।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा का कहना है कि बिजली लाइन के साथ ऑप्टीकल फाइबर केबल ;ओएफसीद्ध डालने की जरूरत है और विद्युत पोल पर इंटरनेट से संबंधित उपकरण लगाए जा सकते हैं। इससे बिजली आपूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम किया जा रहा है।
पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड ;पिटकुलद्ध भी ट्रांसमिशन लाइनों में अर्थ केबल की जगह ऑप्टिकल फाइबर केबल ;ओएफसीद्ध डाल रहा है। इसका उद्देश्य पिटकुल के सब स्टेशन को इंटरनेट से जोड़ने के साथ गांव.गांव तक इंटरनेट की सुविधा को पहुंचाना है। पहले चरण में 569 किमी लंबी लाइन के साथ ओएफसी डाली जा रही हैए जिससे 13 सब स्टेशन जुड़ जाएंगे।
पीएम मोदी के डिजिटल अभियान को मिलेगी तेजी
यूपीसीएल का प्रयास है कि बिजली की तरह सस्ती इंटरनेट सेवा भी दी जाए। इससे न सिर्फ सुदूरवर्ती क्षेत्रों में इंटरनेट अच्छी स्पीड से चलेगाए बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान को भी गति मिलेगी। इंटरनेट सेवा मिलने के बाद लोग बिजली बिल का भुगतान भी ऑनलाइन कर सकेंगे। जल्द ही यूपीसीएल की मोबाइल एप्लीकेशन की भी जांच की जाएगी। अगर यूपीसीएल की ये योजना कामयाब रही तो उत्तराखंड का हर गांव इंटरनेट की सुविधा से जुड़ जाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डिजिटल भारत का सपना साकार होने में एक और अध्याय जुड़ जाएगा।