यात्रियों से अधिक वसूली पर महाराज ने दिये कार्यवाही के आदेश, शोशल मीडिया पर चारधाम देवस्थानम बोर्ड पुनर्जीवित करने की उठ रही मांग

*यात्रियों से अधिक वसूली पर महाराज ने दिये कार्यवाही के आदेश*

*देहरादून।* चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों से निर्धारित दरों से अधिक धनराशि की वसूली की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए सोमवार को प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ऐसे लोगों पर कठोर कार्यवाही करने के अधिकारियों को आदेश दिये हैं।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों से हेलीकॉप्टर सेवा, टैक्सी सेवा होटल, गेस्ट हाउस एवं खान-पान सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं पर निर्धारित दरों से अधिक धनराशि वसूलने की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए सोमवार को जनपद चमोली के जिलाधिकारी हिमांशी खुराना एवं रुद्रप्रयाग जनपद के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से दूरभाष पर वार्ता कर ऐसे लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।उन्होने अधिकारियों से कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों से जो भी सेवा प्रदाता अतिरिक्त पैसा वसूलने का दुस्साहस कर रहा है ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध तत्काल कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए।

श्री महाराज ने कहा कि वहाँ घोड़ों के लिए फीड उपलब्ध करवाने के साथ-साथ उनके लिए गर्म पानी के हेतु सोलर हीटर लगाये जायें। उन्होने अधिकारियों को सिस्टम अपडेट करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि यात्रा के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटा जा सके। यात्रियों से आग्रह करते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण काफी लोगों के लंग्स प्रभावित हुए हैं इसलिए डॉक्टर से जांच करवा कर एवं अनुमति लेकर ही चारधाम यात्रा पर आएं।

उन्होने कहा कि यात्रा में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यात्रियों के अतिथि सत्कार और प्रबंधन का पूरा ध्यान रखा जाए। चारों धामों में क्षमता से अधिक यात्रियों का प्रवेश न हो इस बात का अधिकारी पूरा ध्यान रखें।
इधर शोशल मीडिया पर चारधाम देवस्थानम बोर्ड पुनर्जीवित करने की उठ रही मांग तेजी से उठ रही है देवस्थानम बोर्ड बना तो उम्मीद की जा रही थी कि उत्तराखंड के सौभाग्य इस महा तीर्थ यात्रा की व्यवस्था कुछ सुधरेगी, लेकिन तभी चारों धामों के पुरोहितों ने विरोध प्रदर्शन किया, और चुनावी वर्ष में बोर्ड को भंग कर दिया गया। एक-दो बार इस बोर्ड के स्ट्रक्चर बनता यात्रा का संचालन होता फिर भी व्यवस्था न सुधरती तो भंग कर लेते। जब व्यवस्थायें कम पड़ने लगी तो यात्रियों की संख्या को नियंत्रित करने हेतु अपंजीकृत यात्रियों को लौटाने की बात हुई होटल स्वामी जल समाधि की बात कर बबाल करने लगे।दो महिलाओं का वर्षों पुराना वीडियो भी ऐसे ही षड्यंत्र के अन्तर्गत इन धामों और पंडिताें को बदनाम करने के लिए इन दिनों प्रचारित किया जा रहा है, ताकि यात्रा टटकार की जा सके। आपको याद होगा भव्य कुंभ को बदनाम करने के लिए भी ठीक ऐसे ही कुत्सित कारनामें रचे गये थे। प्रश्न उठता है कि कहीं इस कृत्य के पीछे भी कोई टूलकिट गैंग तो सक्रिय नहीं! क्योंकि भगवान के द्वारे तो सब समान हैं, सच्चाई ये है कि उत्तराखंड सरकार ने इसी लिए वीआईपी दर्शनों की व्यवस्था समाप्त कर दी है। यात्रियों की सुविधा हेतु सभी धामों अभूतपूर्व अवस्थापना सुविधाओं का विकास हो रहा है नवनिर्माण कार्ये हो रहे हैं। आस्थावान लोग निसंकोच भारी संख्या में बद्रीविशाल, केदारधाम, गंगोत्री यमुनोत्री आयें, उत्तराखंड के इन चारों धामों में दिल्ली मुम्बई जैसी सुविधाएं भले ना हों लेकिन आलौकिक शांति और आध्यात्मिक उर्जा पर्याप्त है उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें। ये सभी पाप मोचक धाम हैं स्वयं पांडव इन धामों में पाप मुक्ति हेतु आये। यह परंपरा सतयुग से ही चली आ रही है। चारधाम में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने और उत्तराखंड में संस्कृत महाविद्यालयों के प्रबंधन हेतु उत्तराखंड सरकार यहां के हक हकूकधारियों वृतिधारकों पंडे पुजारियों से विचार विमर्श कर चारधाम देवस्थानम बोर्ड पुनर्जीवित करे। यह देश का सबसे समृद्ध बोर्ड होगा। बक्फबोर्ड हो सकता है पर देवस्थानम बोर्ड पर आपत्ति का क्या औचित्य! समझा जाता है कि चारधाम यात्रा प्रबंधन के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इस प्रदेश के सम्मान को अक्षुण्ण बनाये रखना है तो हम सभी को अपने निजी स्वार्थों को तिलांजलि देनी होगी, साथ ही कुछ त्यागने की प्रवृत्ति को भी आत्मसात करना होगी। तभी देवभूमि की गरिमा बनी रहेगी।