उत्तराखंड आयुर्वेद विश्विद्यालय में दिनांक 17 से 19 मार्च 2023 तक अंतर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी, दून विश्वविद्यालय में “इंडस्ट्रियल रोड मैप ऑफ उत्तराखंड विजन 2025” विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्विद्यालय में दिनांक 17 से 19 मार्च 2023 तक को आयोजित होने वाले अंतर राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी 2023 (International Ayurvet Conclave 2023) का आयोजन समिति की ओर से डा०राजीव कुरेले, एसोसिएट प्रोफेसर ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी 2023 , उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, आयोजन स्थल -उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, ऋषि कुल परिसर, हरिद्वार होगा। कल 18 माार्च का कार्यक्रम इस तरह है। 

 

सकारात्मक सोच, विचार और अवधारणा उत्तराखंड के विकास के लिए आवश्यक- राज्यपाल

दून विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है जिसकी थीम “इंडस्ट्रियल रोड मैप ऑफ उत्तराखंड विजन 2025” है. इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के सह आयोजक इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च और डायरेक्टरेट ऑफ इंडस्ट्रीज गवर्नमेंट ऑफ उत्तराखंड है
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल बताया कि इस संगोष्ठी में जिसमें 2 दिनों में 6 सत्र आयोजित होंगे जिसके अंतर्गत गवर्नेंस क्षेत्र, विनिर्माण, मानव संसाधन विकास, पर्यावरण, जीवन शैली, पर्यटन को सेवा क्षेत्र से जोड़ने आदि विभिन्न आयामों से जुड़े पत्रों के द्वारा शोधार्थी अपने विचारों को व्यक्त करेंगे. जिससे 2025 तक उत्तराखंड को अग्रणी राज्यों में सम्मिलित लाने में प्रयास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विभिन्न संस्थानों के शोधार्थी अपने उत्कृष्ट शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे।

इस संगोष्ठी के मुख्य समन्वयक प्रोफेसर अविनाश चंद्र जोशी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड से संबंधित इंडस्ट्रियल रोड मैप को डिवेलप करने के लिए क्योंकि उत्तराखंड में विकास की अपार संभावनाएं हैं.
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) श्री गुरमीत सिंह जी का संदेश दून विश्वविद्यालय की सुरेखा डंगवाल के द्वारा पढ़ा अपने संदेश में श्री राज्यपाल ने कहा कि सकारात्मक सोच, विचार और अवधारणा उत्तराखंड के विकास के लिए आवश्यक है।

इंडियन सोसायटी फॉर ट्रेंनिंग एंड डेवलपमेंट की नेशनल प्रेसिडेंट अनीता चौहान ने विकास में प्रशिक्षण के महत्व पर विस्तार से चर्चा की और उन्होंने कहा कि इसके लिए उत्तराखंड का वातावरण अनुकूल है

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के निदेशक एच आर श्री रंजन मोहपात्रा ने उत्तराखंड की बायोडायवर्सिटी, इकोलॉजी एवं वातावरण पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि जहां लघु एवं कुटीर उद्योग के ऊपर आवश्यकतानुसार विश्वास स्थापित करने की जरूरत है एवं ऐसे उद्योगों के लिए उत्तराखंड के लिए अनुकूलित है.

लबासना के पूर्व निदेशक डॉ संजीव चोपड़ा ने एग्रीकल्चर, टूरिज्म, प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, कौशल विकास पर विशेष जोर देते हुए उत्तराखंड को एक विकसित राज्य बनाने के लिए एक रोड में प्रस्तुत किया.
वीर माधो सिंह भंडारी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ओंकार सिंह ने कहा कि उत्तराखंड शिक्षा के लिए जाना जाता है यहां की माध्यमिक शिक्षा और दुनिया में अग्रणी रही है. शोध कार्यों का प्रोत्साहन एवं नवाचार में प्रयोग, युवाओं एवम विद्यार्थियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिए जाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड मानव संसाधनों से भरा हुआ है इसीलिए उन्हें सही कौशल विकास एवं प्रशिक्षण दिए जाने के लिए हर क्षेत्र में प्रयास किए जाने चाहिए।

अमेरिका से उत्तराखंड मूल के वैज्ञानिक और अमेरिकी उद्यमी डॉ शैलेश उप्रेती ने कहा कि विश्वविद्यालयों को विकास क्षेत्र में उद्यमिता विकास के क्षेत्र में आवश्यक पाठ्यक्रम एवं प्रशिक्षण को सम्मिलित करना चाहिए जिससे युवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान होगा एवं युवाओं को विकास उद्यमिता पर कार्य करने का अवसर मिलेगा और वे आत्मनिर्भर बन पाएंगे।

प्रोफेसर आर पी ममगई ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है और इस संगोष्ठी से नए विषय उभर कर सामने आएंगे जिन पर हम कार्य करेंगे।

कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर एचसी पुरोहित ने किया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रो कुसुम अरुणाचलम, प्रो हर्ष डोभाल, प्रो आशीष कुमार, प्रो अरुण कुमार, डॉ राजेश भट्ट, डॉक्टर सविता तिवारी कर्नाटक, प्रो जीपी पोखरियाल, डॉक्टर मनोज पंत, डॉक्टर अनिल बहुगुणा, शैलेंद्र हुड्डा संदीप सिंह अनिल कुमार अनिल कुमार, डॉक्टर कश्मीर सिंह, डॉक्टर चेतना पोखरियाल, डॉ रीना सिंह, डॉ सुनीत नैथानी, डॉ विजय श्रीधर, डॉ अर्चना शर्मा,, डॉ सुधांशु जोशी, डॉक्टर प्रीती मिश्रा आदि ने प्रतिभाग किया।