हालांकि अब इंडोनेशिया का करीब करीब इस्लामिकरण हो गया, परन्तु वहां अभी भी प्राचीन भारतीय संस्कृति के चिन्ह बाकी हैं। महीने का 1 दिन स्पेशल होता है जिस दिन सब बच्चों के माता पिता को स्कूल में बुलाया जाता है। और बच्चों से उनके माता पिता के पैर धुलवाए जाते हैं ताकि यह बच्चे अपने माता पिता की सेवा करना ना भूलें। जिसका नतीजा है कि आज इंडोनेशिया में एक भी वृद्ध आश्रम नहीं है। दूसरी ओर मामार्डन हो रहे भारत में बुजुर्गों की उपेक्षा के चलते जहाँ बड़ी संख्या में ओल्ड एज होम खुल रहे हैं, अब हमें इससे सीख लेने आवश्यकता है।