✍️ हरीश मैखुरी
पिछले पांच दिनों से बंद पड़े ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग के बंद होने से अब जनता में आक्रोश देखने को मिल रहा है। सड़क बंद होने से लोगों को आवश्यक सामग्री के साथ ही पट्रोल, डीजल नहीं मिल पा रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सीएम धामी ने खुद मोर्चा संभाला और आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का भ्रमण किया मुख्यमंत्री मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तोताघाटी, तीनधारा, शिव मूर्ति, कौड़ियाला का हवाई निरीक्षण किया। कैबिनेट मंत्री Dr Dhan Singh Rawat , BJP Uttarakhand प्रदेश अध्यक्ष Madan Kaushik तथा मुख्य सचिव श्री एसएस संधू के साथ मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी ने गढ़वाल मण्डल के देवप्रयाग, तोताघाटी, तीन धारा, कौड़ियाला, ऋषिकेश, रानीपोखरी, नरेन्द्रनगर, फकोट एवं चंबा के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। और संबंधित जनपदों के जिला प्रशासन को शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए। लेकिन, अभी तक जमीन पर स्थिति अलग है। श्रीनगर में लोग पेट्रोल -डीजल के लिए भटक रहे हैं, सड़क बंद होने के कारण आवश्यक वस्तुओं के ट्रक यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं, सड़क बंद होने से ट्रक जगह-जगह फंसे हैं, ऐसे में सुनसान पड़ी सड़कों पर ट्रक डाइवरों को खाने पीने की परेशानी रही है। वहीं देहरादून जाने के लिए 700 तक का किराया देना पड़ रहा है क्योंकि देहरादून जाने में जहां पहले पांच घंटे लगते थे अब ये समय बढ़कर 8 से 9 घंटे का हो गया है, स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क जगह-जगह टूटी हुई है, उन्हें अपने काम के लिए देहरादून जाना था, लेकिन वे नहीं जा पा रहे हैं। साथ ही श्रीनगर में पेट्रोल की भी कमी हो गई है, जिससे सभी लोग परेशान हैं।
वहीं आज एक अछा समाचार भी है कि सीमा सड़क संग़ठन नीति बॉर्डर हाईवे तमक मरखुडा के पास हो रहे भूस्खलन से बाधित राजमार्ग को खोल दिया गया है। बद्रीविशाल क्षेत्र के विधायक महेन्द्र भट्ट ने राजमार्ग खुलने पर बीआरओ का आभार व्यक्त किया।
राजनीतिक दल भी इस मुद्दे को तूल देने में लगे है, कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मंत्री प्रसाद नैथानी का कहना है कि सड़कों से लेकर पुल सभी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं,भाजपा सरकार का विकास लोगों को सुविधा के बजाय कष्ट दे रहा हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी आज रानीपोखरी के क्षतिग्रस्त पुराने पुल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि टूटने के दो ही कारण हो सकते हैं, एक उसके चारों तरफ हो रहा अवैध खनन और दूसरा यह हो सकता है कि उसकी सेफ्टी ऑडिट न हुआ हो और पुल कमजोर हो गया हो। लेकिन जहां तक मुझे लगता है, ये पुल खनन के कारण टूटे हैं। उन्होंने कहा कि एक पुल पहले गौला में भी टूटा था और भी बहुत सारे जगह जो पुलों को क्षति हुई है, हरीश रावत ने कहा कि अधिकांश मामलों में पुल क्षेत्र में हो रहे खनन के सामने आये हैं। हरीश रावत ने आरोप लगाया कि जिस तरह भाजपा राज में खनन का बोलबाला है, यह उसी की एक बानगी लगती है। हरीश रावत ने कहा कि इंजीनियर्स की जांच केवल आईवॉस न हो, इसलिये आवश्यक है कि किसी बाहरी एजेंसी से, जो उत्तर प्रदेश से बाहर की एजेंसी हो उससे जांच करवाई जाए ताकि एक बार यह तो पता चले कि टूटने का कारण क्या है! यदि खनन इसका कारण निकलता है, तो फिर एक बार जितने खनन पट्टे पुलों के नजदीक दिये गये हैं, उन पर पुनर्विचार करना आवश्यक है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी आज उत्तरकाशी प्रवास से लौटते ही रानीपोखरी पहुंचकर क्षतिग्रस्त हुए पुल का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को शीघ्रातिशीघ्र नव-निर्माण प्रक्रिया को आरंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह पुल केवल देहरादून ही नहीं अपितु समस्त गढवाल व बागेश्वर, पिथौरागढ जनपद को भी जोड़ता है।क्षतिग्रस्त पुल के नव-निर्माण हेतु जिलाधिकारी एवं संबंधित अधिकारियों को पहले ही निर्देशित किया जा चुका है। ताकि जनता को आवागमन में ज्यादा समय तक दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।