छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 22 जवानों के बलिदान एवं 31 घायलों से खून से धरती रक्तरंजित, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे, उत्तराखंड के संस्कृति मंत्री ने संवेदना प्रकट की

✍️हरीश मैखुरी

उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने “छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए वीर जवानों को विनम्र  श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ईश्वर शोक संतप्त परिजनों को दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। दु:ख की इस घड़ी में समस्त देश उनके साथ है। भगवान बद्री-केदारनाथ जी से प्रार्थना है कि घायल जवान शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें”

   बता दें कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर में कल शनिवार को माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए जवानों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है, नक्सल ऑपरेशन के डीजी अशोक जुनेजा ने बीबीसी से इसकी पुष्टि की है वहीं एक जवान शनिवार को मुठभेड़ के बाद से ही लापता है। गृहमंत्री अमित शाह ने मुठभेड़ के बाद की स्थितियों की दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा की है। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इससे पूर्व गृहमंत्री अमित शाह ने मीडिया से कहा, “मैं जवानों के परिवारों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा”

आज अमित शाह श्रध्दांजलि देने जगदलपुर पंहुचे छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का सामना करते वक्त शहीद हुए बहादुर सुरक्षाकर्मियों को जगदलपुर में श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने कहा कि देश आपके शोर्य और बलिदान को कभी भुला नहीं पाएगा। पूरा देश शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ा है। अशांति के विरुद्ध इस लड़ाई को हम अंतिम रूप देने के लिए संकल्पित हैं।

बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने कहा है कि अभी तक “22 जवानों के शव बरामद हो गए हैं 31 जवान घायल हैं जिन्हें चिकित्सालयों में भर्ती कराया गया है,उनकी हालत स्थिर बनी हुई है,एक कोबरा जवान लापता है, सर्च अभियान जारी है

नक्सली चारों तरफ से गोलियां बरसा रहे थे, SI दीपक अपने साथियों को बचाने में लगे थे.. तभी ब्लास्ट हुआ और वे वीरगति को प्राप्त हुए…
हरदम मुस्कुराने वाले छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के बेटे दीपक ने सभी की आंखे नम कर दी है। होली के समय अपने पिताजी से फोन पर बात करते हुए दीपक ने कहा था- पिताजी अभी बहुत बिजी हूँ, इसलिए बात नहीं कर पा रहा आजकल।
रुंधे हुए गले से एक पिता अपने बेटे के चेहरे को निहारते हुए बस रोता जा रहा है।
भगवान सभी शहीद जवानों के परिजनों को दुःख की इस घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
#नमन.. 🙏🏼🇮🇳

बीजापुर, छत्तीसगढ़ में नक्सल आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों के नाम हैं.

1. दीपक भारद्वाज (सब इंस्पेक्टर),
2. रमेश कुमार जुर्री (हेड कॉन्स्टेबल),
3. नारायण सोढ़ी (हेड कॉन्स्टेबल),
4. रमेश कोरसा (कॉन्स्टेबल),
5. सुभाष नायक (कॉन्स्टेबल),
6. किशोर एंड्रिक (असिस्टेंट कॉन्स्टेबल),
7. सनकूराम सोढ़ी (असिस्टेंट कॉन्स्टेबल),
8. भोसाराम करटामी (असिस्टेंट कॉन्स्टेबल),
9. श्रवण कश्यप (हेड कॉन्स्टेबल),
10. रामदास कोर्राम (कॉन्स्टेबल),
11. जगतराम कंवर (कॉन्स्टेबल),
12. सुखसिंह फरस (कॉन्स्टेबल),
13. रमाशंकर पैकरा (कॉन्स्टेबल),
14. शंकरनाथ (कॉन्स्टेबल),
15. दिलीप कुमार दास (इंस्पेक्टर),
16. राजकुमार यादव (हेड कॉन्स्टेबल),
17. शंभूराय (कॉन्स्टेबल),
18. धर्मदेव कुमार (कॉन्स्टेबल),
19. शखामुरी मुराली कृष्ण (कॉन्स्टेबल),
20. रथू जगदीश (कॉन्स्टेबल),
21. बबलू रंभा (कॉन्स्टेबल),
22. समैया माड़वी (कॉन्स्टेबल).

       शोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार  छत्तीसगढ़ के बीजापुर में माओवादी नक्सलियों के हमले में CRPF के 8 और पुलिस के 14 जवान बलिदान हुए। सूत्रों के अनुसार इस पर इंटेलीजेंस के पास पहले से इनपुट था कि टॉप नक्सली कमांडर हिड़मा सुकमा के जंगल में आया है। फोर्सेज ने घेरने की तैयारी कर ली लेकिन नक्सलियों के मातहतों के स्तर से सूचना लीक होने से यह दुर्दांत और दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। बताया जाता है ऐसे मातहतों में अधिकतर उसी चर्चित युनिवर्सिटी के पास होते हैंं जिसके कई छात्र इन जंंगलों में शोध आदि के बहाने घूमते रहते हैं और नक्सलियों की प्रकारांतर से सहायता करते हैं!! इसी पोस्ट में सुझाव दिया गया है कि छत्तीसगढ़ में तत्काल प्रेजिडेंट रूल लगाए और UP के पूर्व DGP विक्रम सिंह या अन्य नक्सली एक्सपर्ट आईपीएस को राज्यपाल का एडवाइजर बनाये।

     सुरक्षा मामलों से जुड़े एक पूर्व अधिकारी ने नक्सलियों द्वारा की गई हिंसा का वीडियो देखने के बाद सवाल किया “कैसे संभव है कि इतने आधुनिक लाईट वैपन से लैस नक्शल गैंग बिना  राज्य में इतनी बड़ी बारदात को अंजाम देदें और वहां की सरकार को भनक न हो !!” 

      ये कैसी विडम्बना है कि छत्तीसगढ़ के नक्सली रोटी कपड़े मकान के नाम पर ही गरीब घरों से आये हुए देश के सुरक्षा कर्मियों की हत्या कर रहे हैं!! रोटी-दाल की मांग करने वाले जनसंख्या नियंत्रण कानून की कभी मांग नहीं करते!! पुलवामा में RDX कहाँ से आया पूछने वाले छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा निर्दोष जवानों के नरसंहार पर पूछेंगे कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के पास अत्याधुनिक हथियार व रॉकेट लांचर इत्यादि कहाँ से आये!! नक्सली हिंसा को मजबूत करने वाले देश के गद्दार बेनकाब कब होंगे!!

    सभी 22 बलिदानी जवानों को breakinguttarakhand.com की ओर से नमन और भावभीनी श्रध्दांजलि तथा सभी ३१ घायलों के स्वास्थ्य लाभ की कामना ।