हरीश रावत बड़ा बयान कहा “हम भराड़ीसैंण को बनायेंगे उत्तराखंड की राजधानी” गैरसैंण सत्र के टाल-मटोल पर भी उठाये सवाल

✍️हरीश मैखुरी

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के उतराखंड विधानसभा चुनाव समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने सरकार से पूछा कि “गैरसैंण में विधानसभा सत्र होगा या नहीं! भराड़ीसैंण में विधानसभा बैठेगी या नहीं! सरकार कभी हां कर रही है, कभी ना कर रही है, बहाने कुछ भी बनाएं, सरकार भराड़ीसैंण में विधानसभा सत्र नहीं करना चाहती है, क्योंकि सरकार को ठंड लग जाती है। भराड़ीसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करते हैं, मगर उस राजधानी में घोषणा के 2 साल बाद भी अधिकारी तो छोड़िए, कोई चपरासी भी नहीं बैठ रहा है, कोई क्लर्क साहब भी नहीं बैठ रहे हैं। 25 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा की, वो पैकेज कहीं धरती पर नहीं है! यह डबल स्टैंडर्ड भारतीय जनता पार्टी का। आज शीतकालीन सत्र भराड़ीसैंण में, घोषित करने में भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है, बहाने ढूंढ रहे हैं। कांग्रेस हमेशा भराड़ीसैंण के पक्ष में खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी। हरीश रावत ने कहा कि “अवसर मिलेगा तो भराड़ीसैंण, राज्य की स्थाई राजधानी होगी”

     बता दें हरीश रावत जब मुख्यमंत्री थे तब भराड़ीसैंण में राजधानी भवन बनाने के बाबजूद वे वहां आहुत अपने अंतिम सत्र में स्थाई राजधानी की घोषणा करने की ऐतिहासिक चूक कर गये, यही टीस उन्हें सालती रहती है। अब वे अनेक बार कह चुके हैं उत्तराखंड की स्थाई राजधानी भराड़ीसैंण में ही बनायेंगे। निश्चित रूप से हरीश रावत ने न केवल गैरसैंण में तीन ऐतिहासिक सत्र किए अपितु भराड़ीसैंण में राजधानी भवन भी बनाया। गोविंद सिंह कुंजवाल, सतपाल महाराज, विजय बहुगुणा और डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी का गैरसैंण स्थाई राजधानी और भराड़ीसैंण भवन निर्माण में ऐतिहासिक महत्व की भूमिका रही। अपने मुख्यमंत्री काल में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा की और स्थाई राजधानी की दिशा में 25 हजार करोड़ के बजट की घोषणा की। वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल भी यथा संभव गैरसैंण सत्र के लिए प्रयास रत रहते हैं। अब युवा मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी के पास पहाड़ की उंचाईयों को छूने का ये सुनहरा अवसर है।