भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पंहुचे उत्तराखंड अल्मोड़ा स्थित अपने पैतृक गांव ल्वाली की चौखट पर, भारत चौथी बार वर्ल्ड कप फाइनल में

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उत्तराखंड अल्मोड़ा स्थित अपने पैतृक गांव ल्वाली पहुंचे। महेंद्र सिंह धोनी 20 वर्ष बाद पत्नी साक्षी, बेटी और अपने कुछ दोस्तों के साथ अपने पैतृक गांव ल्वाली पहुंचे। इस मध्य धोनी ने कुल देवता समेत गांव के चार मंदिरों में पूजा अर्चना कर परिवार के कल्याण की कामना की।  धोनी ने गांव के लोगों से आत्मीयता से बात की। गांव में धोनी का भव्य स्वागत हुआ। पत्नी साक्षी ने भी गांव की महिलाओं से आत्मीयता से बातचीत की। बता दें कि धोनी ग्रामीणों के साथ अपने पैतृक आवास पहुंचे। बताया गया कि जानकारी के अनुसार, महेंद्र सिंह धोनी इससे पहले अपने परिजनों के साथ 2003 में गांव आए थे। 20 साल बाद वह इस बार गांव आए हैं। महेंद्र सिंह धोनी व उनकी पत्नी के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों में हर्ष का वातावरण है। ग्रामीणों व युवाओं ने उनके साथ जमकर चित्र भी खींचे। बता दें भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने परिवार के साथ इन दिनों उत्तराखंड के दौरे पर हैं। महेंद्र सिंह धोनी बीते दिन ही पत्नी साक्षी और बेटी जीवा के साथ पंतनगर एयरपोर्ट पर उतरे थे। इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी नैनीताल के मेस आर्मी गेस्ट हाउस में रुके। इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी अल्मोड़ा पहुंचे। यहां से धोनी अपने पैतृक गांव ल्वाली पहुंचे। परिवार संग अपने पैतृक गांव ल्वाली पहुंचे महेंद्र सिंह धोनी ने इष्ट देव के दर्शन किया।

*जीवन में वो खिलाड़ी बनो, जो गोल करने के लिये दौड़ता है।*

*रेफरी मत बनो, जो गलतियाँ ढूँढने के लिये ही दौड़ता है।*

प्रसन्नता का विषय यह है कि भारत चौथी बार वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंच गया है। एक तरह से महेंद्र सिंह धोनी का गांव की चौखट पर पांव रखने से भारतीय क्रिकेट इतिहास के पन्नों में अंकित हो गया। ✍️हरीश मैखुरी