लाश के लिए ससुराली-मायके वाले भिड़े

सोमवार को विवाहिता की लाश लेने के लिए सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में ससुराल वाले और मायके वाले आपस में भिड़ गए। सिविल अस्पताल में सर्बजीत कौर के पोस्टमार्टम से पहले मायके वालों ने ससुरालियों पर उसकी हत्या का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मामला इतना बढ़ गया कि करीब 40 पुलिस मुलाजिमों को दोनों पक्षों को कंट्रोल करने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। आखिर पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर मायके वालों को सौंप दी। मायके वालों ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी ने ससुरालियों से परेशान होकर आग लगाई है। मामला बठिंडा का है। पीड़ित परिवार ने आरोपियों पर केस दर्ज करने की मांग को लेकर धरना देने की चेतावनी दी तो दयालपुरा पुलिस ने मृतका के भाई के बयानों पर आरोपी सास और पति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। जबकि जिस दिन विवाहिता जली थी। उस दिन उसने ड्यूटी मजिस्ट्रेट जेएमआईसी रवतेश इंद्रजीत सिंह को बयान दिया था कि वह अपने किए के लिए खुद जिम्मेवार है।

एएसआईनवयुगदीप सिंह ने बताया कि केसर सिंह वाला निवासी आरोपी धर्मजीत सिंह और उसकी मां गुरदयाल कौर पर केस दर्ज किया है। मृतका के भाई गुरप्रीत सिंह ने अपने बयान में बताया कि आरोपी धर्मजीत सिंह की गांव में करियाने की दुकान है। अपने पति सास से दुखी होकर सरबजीत कौर ने 11 दिसंबर को घर में खुद पर तेल डाल कर आग लगा ली थी। नवयुगदीप ने बताया कि झुलसी हालत में सरबजीत ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि दीमागी परेशानी के चलते लंबे समय से उसे नींद नहीं आती थी। उसी परेशानी में 11 दिसंबर को उसने घर में पड़ा डीजल उठा कर खुद पर उड़ेल लिया। उसी हालत में वो चाय बनाने लगी, जिससे उसके कपड़ों ने आग पकड़ ली और वो झुलस गई। नवयुगदीप ने कहा कि फिलहाल गुरप्रीत के बयान पर केस दर्ज कर लिया गया है।