ग्वाल्दम में वन विभाग बना देवदार का दुश्मन

हरीश मैखुरी 

उत्तराखंड में चमाेली जनपद के थराली तहसील में पर्यटन नगरी ग्वाल्दम क्षेत्र की नैसर्गिक सौन्दर्य को मटियामेट होते दिख रही है। यहां रक्षक ही भक्षक बन गया है,  ग्वालदम में वन विभाग द्वारा देवदार  के कच्चे पेड़ों का सफाया किया जा रहा है, दुर्लभ प्रजाति के देवदार की अधाधुन्ध  कटाई से यहां झील व जलश्रोतों  की  विलुप्ति का खतरा बढ़ गया है। 


अत्यधिक ऊंचाई पर होने के कारण देवदार के  पेड़ों की बढत बहुत कम होती है सालभर में आधा इंच भी नहीं। और अब बढते तापमान के कारण देवदार के नये पेड़ उगने ही बंद हो गये हैं। ऐसे में विभाग द्वारा इन दुर्लभ हरे भरे पेड़ों की कटाई का औचित्य क्या है?  यह एक बड़ा सवाल है। वन विभाग के गेस्ट हाउस के चारों ओर हजारों सालो से हरे भरे देवदार के पेड़ हैं। इन पेड़ो की सुंदरता देखने के लिए  देश विदेश से हर साल हजारों पर्यटक यहां आते हैं, लेकिन पेड़ों की निर्मम कटाई से ग्वालदम पयर्टन नगरी की  सुंदरता समाप्त हो रही है।

अब ग्वालदम के लोगो ने वन विभाग और B R O का जम कर  विरोध किया और नारेबाजी की, स्थानीय लोगों ने “पर्यावरण के साथ खिलवाड़ बन्द करो” के नारे लगाये।  पर्यावरण प्रेमी इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं और संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होने पर  कोर्ट जाने की धमकी दी है। 

वन विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है।  फोटो – गिरीश चंदोला थराली 

Harish makhuri

In the Tharali tehsil of Chameli district in Uttarakhand, the beauty of the tourist town of Gwaldam region seems to be diminishing. Here the protector has become the eater, in Gwalam, the deodar trees are being wiped by the forest department, the risk of extinction of the lake and water reservoirs has increased with the indiscriminate harvest of rare species of cedar.


Due to its high altitude, the incidence of pine trees is very low, not even half an inch a year. And now due to the rising temperature, new trees of paddy have stopped growing. In such a situation, what is the rightness of the department to harvest these rare green trees? This is a great question. Thousands of years around the forest house’s guest house are green pine trees. Thousands of tourists visit the country every year to see the beauty of these trees, but the beauty of the Gwalam Pyrtun city is ending with the ruthless harvest of trees.

Now the people of Gwalamam protested with the forest department and B R O and shouted slogans, local people called slogans “stop playing with the environment”. Environment lovers are demanding a high level inquiry into this matter and the concerned officials have threatened to go to court if the action is not taken.

Forest department officials have kept quiet in this matter.