नासा की वैज्ञानिक मिशन मंगल नेतृत्व कर डाॅ स्वाती ने रचा इतिहास, मार्स रोवर की लाल ग्रह मंगल पर कराई सफल लैंडिंग

टचडाउन कनफर्म्ड !” भारतीय मूल की डॉ. स्वाति मोहन की यह आवाज सुनते ही, नासा के मंगल मिशन कंट्रोल रूम में जोश और उत्साह फ़ैल गया! डॉ. स्वाति तक, भारतीय मूल की महिलाओं ने सदैव NASA में अपना झंडा लहराया है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) का पर्सेवरेंस (Perseverance) रोवर धरती से टेकऑफ करने के सात महीने बाद शुक्रवार को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर लैंड कर गया। नासा की कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रपल्सन लेबरोटरी में पर्सेवरेंस को लाल ग्रह की सतह पर उतारने को लेकर लोगों में उत्साह चरम पर था। भारतीय समय के अनुसार रात 2 बजकर 25 मिनट पर इस मार्स रोवर ने लाल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड किया। इसकी लैंडिंग के साथ ही नासा के वैज्ञानिकों व कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई। उनमें से, विशेष रूप से एक भारतीय मूल की वैज्ञानिक डॉ. स्वाति मोहन के लिए अधिक उत्साह का क्षण था। आपको बताते हैं भारतीय मूल के वैज्ञानिक डॉ. स्वाति मोहन के बारे में जिनकी बदौलत नासा को इतिहास रचने में सफलता मिली। डॉ. स्वाति मोहन एक भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक हैं, जो विकास प्रक्रिया के दौरान प्रमुख सिस्टम इंजीनियर होने के अलावा, टीम की देखभाल भी करती हैं और गाइडेंस, नेविगेशन और कंट्रोल (GN & C) के लिए मिशन कंट्रोल स्टाफिंग का शेड्यूल करती हैं। नासा की वैज्ञानिक डॉ. स्वाति तब सिर्फ एक साल की थीं जब वह भारत से अमेरिका गईं थी। उन्होंने अपना ज्यादातर बचपन उत्तरी वर्जीनिया-वाशिंगटन डीसी मेट्रो क्षेत्र में बिताया।

नौ साल की उम्र में उन्होंने पहली बार उन्होंने ‘स्टार ट्रेक’ देखी जिसके बाद वह ब्रह्मांड के नए क्षेत्रों के सुंदर चित्रणों से काफी चकित थीं। उन्होंने उस दौरान तुरंत महसूस किया कि वह ऐसा करना चाहती है और ‘ब्रह्मांड में नए और सुंदर स्थान ढूंढना चाहती हैं।’ वह 16 वर्ष की उम्र तक बाल रोग विशेषज्ञ बनना चाहती थीं।

डॉ. मोहन ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की और एयरोनॉटिक्स / एस्ट्रोनॉटिक्स में एमआईटी से एमएस और पीएचडी पूरी की।

कई अहम मिशनों का रही हैं हिस्सा

स्वाति पासाडेना, सीए में नासा के जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में शुरुआत से ही मार्स रोवर मिशन की सदस्य रही हैं, इसके साथ ही डॉ. स्वाति नासा के विभिन्न महत्वपूर्ण मिशनों का हिस्सा भी रही हैं। भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक ने कैसिनी (शनि के लिए एक मिशन) और ग्रेल (GRAIL) (चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उड़ाए जाने की एक जोड़ी) परियोजनाओं पर भी काम किया है

कल्पना चावला से लेकर डॉ. स्वाति तक, भारतीय मूल की महिलाओं ने सदैव NASA में अपना झंडा लहराया है।
सभी देशवासियों को आप पर गर्व है, डॉ. स्वाति!