चीन ने भारत के करीब 50 तीर्थयात्रियों को आगे बढने से रोक दिया, जो सिक्किम में नाथूला दर्रा होते हुए कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले थे। भारत ने नाथुला के रास्ते कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थ यात्रियों की यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। इसके बाद इन सभी यात्रियों को दिल्ली वापस लाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक यह फैसला चीन के अड़ियल रवैये को देखते हुए लिया गया है। इस मसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन से बात भी की, लेकिन उसका कोई हल नहीं नहीं निकला। चीन के इस अडियल रवैये के बाद ही इस यात्रा को रद कर देने की भी जानकारी मिली है। इससे वहां जाने वाले यात्रियों में काफी निराशा है। इस बीच तीसरे जत्थे के तीर्थयात्रियों दिल्ली पहुंच चुके हैं। इनको मेडिकल चेकअप के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट मिलने के बाद 27 जून को नाथूला भेजा जाना था।
कैलाश मानसरोवर यात्रा समिति के चेयरमैन कमल बंसल के अनुसार नाथुला के रास्ते जाने वाले तीर्थयात्रियों में ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक हैं। उनके मुताबिक नाथुला के रास्ते से कैलाश तक का रास्ता सड़क मार्ग से बसों के द्वारा पूरा किया जाता है। इसके बाद केवल लगभग कैलाश की 38 किमी की परिक्रमा ही शेष रह जाती है। उन्होंने यह भी बताया है कि नाथुला से वापस बुलाए गए तीर्थ यात्रियों को उत्तराखंड के रास्ते यात्रा पर भेजा जाना फिलहाल मुमकिन नहीं है क्योंकि यहां पर पहले से ही काफी वेटिंग चल रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली से दो अलग-अलग दिन करीब 90 तीर्थ यात्रियों का जत्था नाथुला के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए भेजा गया था। 15 जून को भेजे गए पहले जत्थे में करीब 47 तीर्थ यात्री थे जो गैंगटोक के रास्ते नाथुला बॉर्डर पहुंचे थे। लेकिन दो दिन वहां पर रहने के बाद भी चीन की तरफ से बॉर्डर खोलने से साफ इंकार कर दिया गया। इसके बाद इसकी जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय को भी दी गई थी। एमईए ने इस संबंध में चीन के अधिकारियों से बात भी की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस बीच 20 जून को दिल्ली से इस यात्रा के लिए भेजा गया दूसरा जत्था भी वहां पहुंच गया, लेकिन चीन के साथ मामले को सुलझाया नहीं जा सका। लिहाजा सभी तीर्थ यात्रियों को वापस गैंगटोक लाया गया है।
भारत ने इस मामले को बीजिंग के समक्ष उठाया है, वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि नाथूला के रास्ते तीर्थयात्रियों की आवाजाही में कुछ कठिनाइयां पेश आ रहीं हैं। इस बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नाथूला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्रियों के जाने में कुछ कठिनाइयां पेश आ रहीं हैं। इस बारे में चीनी पक्ष से बातचीत चल रही है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में सीपीईसी और भारत की एनएसजी की सदस्यता के प्रयास समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है।