बिगब्रेकिंग : पीएमओ के नेतृत्व में चल उत्तरकाशी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी 41 मजदूरों को निकाला टनल से बाहर मुख्यमंत्री धामी भी डटे रहे सिल्क्यारा

 ✍️हरीश मैखुरी

पीएमओ नेतृत्व में चल उत्तरकाशी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में मजदूरों का टनल से बाहर निकाला गया है। मुख्यमंत्री धामी भी डटे रहे सिल्क्यारा। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 18 दिनों से फंसे41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए किए जा रहे प्रयास रंग लाए हैं। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान सुरंग के अंदर पहुंच कर श्रमिकों को सुरंग से सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया है।

रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे पहले एक बुजुर्ग श्रमिक को सुरंग से बाहर निकाला गया, जिससे मजदूरों के परिवार वालों में खुशी की लहर है। प्रत्येक श्रमिक को बाहर निकालने में दो से तीन मिनट का समय लगा।

जवानों ने सुरंग के अंदर बने एस्केप टनल का उपयोग करते हुए श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए प्रयास किया, और इसका सफल परिणाम देखकर उनके परिवार वालों की खुशी का आभास हो रहा है। सुरंग से बाहर निकलने के बाद, श्रमिकों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थान पर रखा गया है । और उनका गहन स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। मजदूरों के बाहर निकलने की सूचना से मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी अवगत कराया।

सभी मजदूरों के बाहर निकले के बाद चैन की सांस लेते हुए मुख्यमंत्री  पुष्कर धामी ने कहा कि श्रमिकों व उनके परिजनों के चेहरे की ख़ुशी ही मेरे लिये इगास-बग्वाल है ..
उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में निर्माणाधीन टनल में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। सभी श्रमिक भाइयों का अस्थाई मेडिकल कैम्प में प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संचालित इस चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी ताक़त से जुटी केंद्रीय एजेंसियों, सेना, अंतर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट्स एवं प्रदेश प्रशासन की टीमों का हृदयतल से आभार। 
प्रधानमंत्री जी से हम सभी को एक अभिभावक के रूप में मिले मार्गदर्शन एवं कठिन से कठिन स्थिति में उनके द्वारा प्रदान की गई हर संभव सहायता, इस अभियान की सफलता का मुख्य आधार रही।
मुख्यमंत्री ने कहा “17 दिनों बाद श्रमिक भाइयों का अपने परिजनों से मिलना अत्यंत ही भावुक कर देने वाला क्षण है” ✍️हरीश मैखुरी