आज का पंचाग आपका राशि फल, भगवान केदारेश्वर की डोली आज पंहुचेगी फाटा, विमान शास्त्र के जनक महर्षि भारद्वाज ऋषि इसी आधार पर पंडित सुब्बाराय शास्त्री ने वह वैमानिका शास्त्र रचा जिसके कारण राईट ब्रदर्स से बहुत पहले ही शिवकर बापूजीतलपड़े ने1895 में ‘मरुत्सख’ नाम से अपनी उड़ान बनाई

।। *ॐ* ।।🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
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कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्………………………1946
रवि………………………….उत्तरायण
मास……………………………बैशाख
पक्ष………………………………कृष्ण
तिथी…………………………चतुर्दशी
प्रातः 11.42 पर्यंत पश्चात अमावस्या
सूर्योदय(इंदौर)……प्रातः 05.50.55 पर
सूर्यास्त (इंदौर)…..संध्या 06.56.28 पर
सूर्य राशि………………………….मेष
चन्द्र राशि…………………………मेष
गुरु राशि………………………….मेष
नक्षत्र………………………….अश्विनी
दोप 03.33 पर्यंत पश्चात भरणी
योग…………………………आयुष्मान
रात्रि 08.59 पर्यंत पश्चात सौभाग्य
करण……………………………शकुन
प्रातः 11.42 पर्यंत पश्चात चतुष्पद
ऋतु…………………..(माधव) वसंत
दिन………………………….मंगलवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
07 मई सन 2024 ईस्वी ।

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त* :-
दोप 11.57 से 12.49 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोप 03.38 से 05.15 तक ।

☸ शुभ अंक………………..7
🔯 शुभ रंग……………….लाल

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मेष*
04:37:54 06:19:14
*वृषभ*
06:19:14 08:17:27
*मिथुन*
08:17:27 10:31:09
*कर्क*
10:31:09 12:47:19
*सिंह*
12:47:19 14:59:07
*कन्या*
14:59:07 17:09:47
*तुला*
17:09:47 19:24:25
*वृश्चिक*
19:24:25 21:40:35
*धनु*
21:40:35 23:46:11
*मकर*
23:46:11 25:33:18
*कुम्भ*
25:33:18 27:06:51
*मीन*
27:06:51 28:37:54

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 09.07 से 10.45 तक चंचल
प्रात: 10.45 से 12.22 तक लाभ
दोप. 12.22 से 01.59 तक अमृत
दोप. 03.37 से 05.14 तक शुभ
रात्रि 08.14 से 09.37 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ आंजनेय नमः ।।

*संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (षष्ठोऽध्यायः – आत्मसंयमयोग:) -*
शुचौ देशे प्रतिष्ठाप्य स्थिरमासनमात्मनः।
नात्युच्छ्रितं नातिनीचं चैलाजिनकुशोत्तरम्॥६-११॥
अर्थात :
पवित्र स्थान में, क्रमशः कुशा, मृगचर्म और वस्त्र से बने स्थिर आसन की स्थापना कर , जो न अधिक ऊँचा है और न अधिक नीचा;॥11॥

🍃 *आरोग्यं :*-
एलोवेरा के फायदे :-

एलोवेरा का यह जूस हमारे लिये कितना उपयोगी हो सकता है-
✏1. तेज धूप में निकलने से पहले एलोवेरा का यह रस अच्छी तरह से अपनी त्वचा पर लगा लें। यह माइस्चराइजर के रुप में भी काम करता है और सनबर्न से त्वचा को बचाता भी है। यदि तेज गर्मी के कारण आपकी त्वचा झुलस चुकी हो तो दिन में तीन बार त्वचा पर इसका रस लगाने से शीघ्र ही आराम पा सकते हैं।

✏2. जलने या चोट लगने पर इसका जेल (गूदा) लगाने से बहुत आराम मिलता है। जलने के तुरन्त बाद उस जगह को ठण्डे पानी से धोकर यह जेल लगा लेने से फफोले भी नहीं निकलते और तीन-चार बार लगा लेने से जलन भी समाप्त हो जाती है।

✏3. एक अच्छे स्वास्थ्यवर्द्धक पेय के रुप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। एक गिलास नारियल पानी में चार चम्मच यह रस मिलाकर पीना शरीर को उर्जा प्रदान करने के साथ ही गर्मी में घर से बाहर होने पर लू से बचाव भी करता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझकर निवेश करें। कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। कुसगंति से हानि होगी। कम प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। आज के काम कल पर नहीं टालें। विवेक का प्रयोग करें। लाभ होगा। दुष्टजनों से सावधान रहें, हानि पहुंचा सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कहीं से बुरी खबर मिल सकती है।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
जल्दबाजी में कोई भी लेन-देन न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। फालतू खर्च होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
किसी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। समय नेष्ट है। नकारात्मकता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जीवनसाथी के स्वास्‍थ्य पर खर्च होगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। चिंता तथा तनाव में वृद्धि होगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
शत्रु शांत रहेंगे। धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग मिलेगा। नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा।

💁‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
संतान पक्ष से स्वास्थ्‍य तथा अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यशैली में परिवर्तन करना पड़ सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देंगे।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
थकान व कमजोरी रह सकती है। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। सुख के साधनों की प्राप्ति हो सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
प्रेम-प्रसंग में हड़बड़ी न करें। विवाद हो सकता है। नकारात्मकता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। युवक व युवती विशेष सावधानी बरतें। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। आय में निश्चितता रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
कानूनी बाधा संभव है। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। धनहानि किसी भी तरह हो सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ में वृद्धि होगी।

🏹 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
सुख के साधनों पर व्यय होगा। स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। प्रॉपर्टी के काम बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में सुख-शांति रहेंगे। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे अपमान हो। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे।

*राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
मनोरंजक यात्रा की आयोजना हो सकती है। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। मित्र व संबंधियों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। जोखिम न लें। आंखों को रोग व चोट से बचाएं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से खिन्नता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। भागदौड़ रहेगी। जोखिम न लें। कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। वाणी पर नियंत्रण रखें।

☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

 
ऐसे तो हजारों साल पहले भारत के ग्रन्थो में बिमान का जिक्र मिलता है और इस पर एक महान ग्रंथ बिमान शास्त्र भी है जो  महाऋषि भारद्वाज ने हजारों साल पहले लिख दी है जो कि आज भी प्रमाण के तौर पर मौजूद है लेकिन 
विमान का एक संभावित रेखाचित्र जिसकी कल्पना शिवकर तलपड़े ने की थी।
बचपन में आपकी इच्छा पक्षी की तरह उड़ने की रही होगी। सदियों पहले हमारे पूर्वजों ने भी ऐसा ही किया था। इसलिए, हमारे पूर्वजों ने यह देखने के लिए कि वे उड़ सकते हैं या नहीं, उनकी भुजाओं से जुड़े पंख या हल्के लकड़ी के पंख बनाए। मानवता को अंततः आसमान तक ले जाने में सक्षम बनाने के लिए धैर्य, दृढ़ता, जुनून और रचनात्मक दिमाग की आवश्यकता होती है।
विल्बर और ऑरविल राइट, जिन्हें राइट बंधुओं के नाम से जाना जाता है, विमान उड़ाने वाले पहले व्यक्ति के रूप में पहचाने जाते हैं। हालाँकि, भारत से शिवकर बापूजी तलपड़े अज्ञात रहे। उनकी विरासत को विभु पुरी द्वारा निर्देशित फिल्म हवाईज़ादा (जनवरी 2015 में रिलीज़) में दर्शाया गया है, जिसमें आयुष्मान खुराना और मिथुन चक्रवर्ती ने अभिनय किया है। आइए जानें तलपड़े की अनकही कहानी।  
 
वह भारतीय जिसने राइट ब्रदर्स से पहले हवाई जहाज का आविष्कार किया था 
1864 में दक्षिण बम्बई के पठारे प्रभु परिवार में असाधारण दृष्टि वाले एक बालक का जन्म हुआ। उनका नाम शिवकर बापूजी तलपड़े था। आर्य समाज से जुड़े होने के कारण तलपड़े को संस्कृत का अपार ज्ञान था। वेदों और संस्कृत के विद्वान, वह भारतीय वैमानिकी पर पुस्तकों से आकर्षित थे। बचपन से ही तलपड़े उड़ान भरने और अंतरिक्ष की खोज करने का सपना देखते थे। अपने जुनून से प्रेरित होकर, उन्होंने वेदों में उड़ान का उल्लेख ढूंढना शुरू कर दिया।  
इसी बीच तलपड़े की भेंट वैमानिका शास्त्र के रचयिता पंडित सुब्बाराय शास्त्री से हुई । शास्त्री ने कर्नाटक के कोलार में एक तपस्वी से विमान बनाने की कला सीखी। उन्होंने एक प्रशिक्षु इंजीनियर टीके एलापा से इसका चित्र बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने पांडुलिपि में निर्देश लिखने के लिए एक स्थानीय पुजारी जी. वी. शर्मा को भी नियुक्त किया। शास्त्री ने तलपदे को विमान बनाने के लिये शास्त्र दिये। 
उन्होंने दावा किया कि ये एक प्राचीन ऋषि भारद्वाज की शिक्षाएँ थीं। हालाँकि, यह दावा केवल पाठ्य संदर्भों पर आधारित है और अभी तक सत्यापित नहीं किया गया है। 
प्रथम भारतीय विमान का जन्म 
तलपड़े ने शास्त्री के निर्देश पर 1895 में ‘मरुत्सख’ नाम से अपनी उड़ान बनाई। मरुत्सख दो शब्दों से मिलकर बना है, मरुत, जिसका अर्थ है हवा की धारा, और सखा, जिसका अर्थ है मित्र। तलपड़े ने अपने विमान का नाम ऋग्वेद में वर्णित ज्ञान की देवी, सरस्वती के नाम पर रखा। 
मानवरहित और हवा से भी भारी मारुतसख ने बॉम्बे की चौपाटी से 1,500 फीट ऊपर उड़ान भरी। जमीन से टकराने से पहले यह मामूली ऊंचाई तक पहुंचा। विमान एक बांस का सिलेंडर था जो पारा आयन इंजन से संचालित होता था। नक्ष रस संचायक की शक्ति समाप्त होने से पहले यह 18 मिनट तक हवा में रहा।   
कहा जाता है कि बड़ौदा के तत्कालीन महाराजा एचएच सयाजी राव गायकवाड़ और प्रख्यात भारतीय न्यायाधीश महादेव गोविंद रानाडे ने इस उड़ान को देखा था। पं. के अनुसार तलपड़े के शिष्य एसडी सातवलेकर, मारुतसख, थोड़े समय के लिए उड़ान भर सकते थे। इस विमान पर मराठी अखबार केसरी में प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक द्वारा एक संपादकीय भी प्रकाशित किया गया था। दो और अंग्रेजी अखबारों ने इसका संक्षिप्त विवरण प्रकाशित किया.. दो और अंग्रेजी अखबारों ने इसका संक्षिप्त विवरण प्रकाशित किया। 
जिस दिन मारुतसख की उड़ान हुई, उस दिन तलपड़े की तकनीकी-प्रेमी पत्नी श्रीमती। लक्ष्मीबाई, उनके साथ थीं। लक्ष्मीबाई एक वैदिक विद्वान थीं और उन्हें वास्तुकला का बहुत ज्ञान था।