।। 🕉 ।। 🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पञ्चांग* »»»
कलियुगाब्द…………………….5126
विक्रम संवत्……………………2081
शक संवत्………………………1946
मास……………………………..बैशाख
पक्ष……………………………….कृष्ण
तिथी……………………………द्वादशी
संध्या 05.41 पर्यंत पश्चात त्रयोदशी
रवि……………………………उत्तरायण
सूर्योदय (इंदौर)….प्रातः 05.51.55 पर
सूर्यास्त…………..संध्या 06.56.00 पर
सूर्य राशि…………………………….मेष
चन्द्र राशि…………………………..मीन
गुरु राशि…………………………….मेष
नक्षत्र…………………….उत्तराभाद्रपद
संध्या 07.48 पर्यंत पश्चात रेवती
योग………………………………..वैधृति
प्रातः 07.27 पर्यंत पश्चात प्रीती
करण……………………………..कौलव
प्रातः 07.11 पर्यंत पश्चात तैतिल
ऋतु……………………..(माधव) वसंत
दिन……………………………….रविवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
05 मई सन 2024 ईस्वी ।
☸ शुभ अंक…………………….5
🔯 शुभ रंग…………………….नीला
*अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.57 से 12.49 तक ।
👁🗨*राहुकाल :-*
संध्या 05.14 से 06.51 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मेष*
04:45:53 06:26:59
*वृषभ*
06:26:59 08:25:20
*मिथुन*
08:25:20 10:39:02
*कर्क*
10:39:02 12:55:12
*सिंह*
12:55:12 15:07:00
*कन्या*
15:07:00 17:17:40
*तुला*
17:17:40 19:32:18
*वृश्चिक*
19:32:18 21:48:28
*धनु*
21:48:28 23:54:05
*मकर*
23:54:05 25:41:11
*कुम्भ*
25:41:11 27:14:44
*मीन*
27:14:44 28:45:53
🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर
यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.31 से 09.08 तक चंचल
प्रात: 09.08 से 10.45 तक लाभ
प्रात: 10.45 से 12.22 तक अमृत
दोप. 01.59 से 03.36 तक शुभ
सायं 06.50 से 08.13 तक शुभ
संध्या 08.13 से 09.36 तक अमृत
रात्रि 09.36 से 10.59 तक चंचल ।
💮 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ आदित्याय नम: ॥
*संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (षष्ठोऽध्यायः – आत्मसंयमयोग:) -*
सुहृन्मित्रार्युदासीन मध्यस्थद्वेष्यबन्धुषु।
साधुष्वपि च पापेषु समबुद्धिर्विशिष्यते ॥६-९॥
अर्थात :
सुहृद्, मित्र, वैरी, उदासीन, मध्यस्थ, द्वेष्य, बन्धु, धर्मात्मा और पापियों
में भी समान भाव रखने वाला अत्यन्त श्रेष्ठ है॥9॥
🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*कान का दर्द :–*
अदरक का रस कान में डालने से कान के दर्द, बहरेपन एवं कान के
बंद होनेपर लाभ होताहै।
*कान में आवाज होने पर :–*
लहसुन एवं हल्दी को एक रस करके कान में डालने पर लाभ होता है।
कान बंद होने पर भी यह प्रयोग हितकारक है।
*कान में कीड़े जाने पर :–*
दीपक के नीचे का जमा हुआ तेल अथवा शहद या अरण्डी का तेल या
प्याज का रस कान में डालने पर कीड़े निकल जाते हैं।
⚜ *आज का राशिफल :-*
*राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में संतोष रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। विरोध होगा। विवाद से क्लेश होगा, इससे बचें। पुराना रोग उभर सकता है। परिवार की चिंता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश मनोनुकूल लाभ देगा। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। शारीरिक कष्ट संभव है। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। प्रसन्नता रहेगी।
*राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। तनाव रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। किसी भी व्यक्ति की बातों में न आएं। महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें, लाभ होगा। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। बात बढ़ सकती है।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। धनहानि संभव है, सावधानी रखें। किसी व्यक्ति के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद से बचें। शत्रु शांत रहेंगे।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
धन प्राप्ति सुगम तरीके से होगी। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने में रुझान रहेगा। मान-सम्मान मिलेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा। कष्ट, तनाव व चिंता का वातावरण बन सकता है। शत्रु पस्त होंगे।
🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेंगे। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। लंबित कार्य पूर्ण होंगे। पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी साधु-संत का आशीर्वाद मिल सकता है। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें।कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। प्रमाद न करें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
व्यवसाय ठीक चलेगा। पुराना रोग उभर सकता है। दूर से दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। किसी व्यक्ति के व्यवहार से अप्रसन्नता रहेगी। अपेक्षित कार्य विलंब से होंगे। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। किसी व्यक्ति विशेष की नाराजी झेलना पड़ेगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। नौकरी में शांति रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग रहेगा। कार्य समय पर पूर्ण होंगे। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेगे। प्रमाद न करें। जल्दबाजी न करें। कोई समस्या खड़ी हो सकती है। शरीर शिथिल हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य प्रभावित होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। रुके कार्यों में गति आएगी। प्रसन्नता रहेगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। जोखिम न उठाएं।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। थकान व कमजोरी रह सकती है। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। नौकरी में कार्यभार रहेगा। भागदौड़ रहेगी। आय होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। जल्दबाजी से चोट लग सकती है। दूर से शोक समाचार मिल सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें।
*राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बेचैनी रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
बरगद एक लगाइये, पीपल रोपें पाँच।
घर घर नीम लगाइये,यही पुरातन साँच।।
यही पुरातन साँच,- आज सब मान रहे हैं।
भाग जाय प्रदूषण सभी अब जान रहे हैं ।
विश्वताप मिट जाये होय हर जन मन गदगद।
धरती पर त्रिदेव हैं- नीम पीपल और बरगद।।
यह पुरानी कविता आज अटपटी लगेगी , किन्तु यह सत्य है.. .*
*पिछले ७० वर्षों में पीपल, बरगद, आम, पंया जामुन, चंपा, कदम्ब, नीम और पारिजात के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया है*उसकी जगह कामर्शियल व्यापारिक पौधे चीड़ यूके लिप्टस टीक वुड अमेरिकन पाइन आदि रोपे जा रहे हैं
*पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजॉर्बर है, बरगद 80% और नीम 75 %*
*इसके बदले लोगो ने विदेशी यूकेलिप्टस पाईन आदि रूखे कामर्शियल पेड़ों को लगाना शुरू कर दिया, जो भूमि को जल विहीन कर रूक्ष्ण बना देता है*
*आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ों ने ले ली है*
*अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही*
*और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही*
*हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगायें*
*तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त हिन्दुस्तान होगा*
*वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए*
पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है
जिसकी वजह शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं।
वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है।
इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए-
*मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु,*
*सखा शंकरमेवच।*
*पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम,*
*वृक्षराज नमस्तुते।*
*अब करने योग्य कार्य*
*इसलिए तुलसी पौधा पीपल बर्गद आदि पंच वृक्षों, नवग्रह वृक्षों, नक्षत्र वाटिका के साथ ही संतरे लीची कटहल अखरोट, बांज भोज थुनेर साल, सागोन, चंदन जीवनदायी पेड़ों को अधिकाधिक लगाने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ायें*सरकार भी चीड़ और यूकेलिप्टस की जगह उक्तवत पेड़ों का निरूपण करे ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में एक वर्ष पहाड़ों में वर्षा जल संरक्षण के लिए केवल खंती तालाब चाल खाल खुदवायें,
पंच वृक्ष नवग्रह वाटिका नक्षत्र वृक्षों के निरूपण की समृद्ध परंपरा ही वनाग्नि सुरक्षा धरा में नमी और वातावरण नियमितीकरण का माध्यम हो सकता है, यदि भारतीय पद्धति से वनों का निरूपण नहीं होगा तो विदेशी आपरेटिंग सिस्टम सक्रिय हो सकता है ✍️हरीश मैखुरी
*सियालकोट की राह पर हम*
लाखो की आबादी वाले हिन्दू बहुल क्षेत्र सियालकोट को स्वयं ही निर्णय लेना था कि आज़ादी के बाद वो भारत मे बने रहना चाहते है या पाकिस्तान में। हिंदुओं की आबादी लगभग ढाई लाख से ऊपर थी। सभी प्रकार के साधन संपन्न, सुविधा सम्पन्न हिन्दू वर्ग का आधिपत्य था सियालकोट पर। एक-एक हिन्दू, दूसरे क़ौम के कई लोगो को रोजगार देता था। उन्हें भली-भांति ज्ञात था कि भारत के साथ रहे तो समय के साथ उनका व्यापार फलता रहेग। उनके सेवादार भी इस बात को समझतें थे।
नियत समय पर जनमत संग्रह शुरू हुआ। बहुसंख्यक वर्ग आश्वस्त था कि उनके ख़िदमतगार उनके साथ ही है। जीत उनकी ही तय है, भारत के साथ सियालकोट का विलय कोई नही टाल सकता। इसी खुशफ़हमी में वो घरों में दुबके रहे, आराम करते रहें। कुछ हिम्मत कर आये भी पर लंबी कतारें देख उल्टे पाँव लौट गए। सबने अपने-अपने खिदमतगारो को आँखो-आँखो में इशारा किया और अधिकतर बिना मताधिकार का प्रयोग किये ही अपने-अपने घरों में जीत की खुशफ़हमी लिए लौट गए।
सियालकोट आज पाकिस्तान का हिस्सा है। बहुसंख्यक वर्ग की अदूरदर्शिता और भाई-चारे के चक्कर मे आँख मूंदकर दूसरे पर भरोसा जताने की वंशानुगत प्रवृत्ति ने फिर से उसे हरा दिया।
आज सियालकोट में कुल लगभग 500 हिन्दू रहते है।
*आप मतदान अवश्य करें। यदि भारतीय सुविचारित स्व विचारित मतदान नहीं करेगा तो भारत की राजनीति पर विदेशी आपरेटिंग सिस्टम हावी हो सकता है (साभार)