आज का पंचाग आपका राशि फल, कपाट खुलने पर आज से भगवान केदारेश्वर की यात्रा आरंभ, अक्षय तृतीया का महापर्व एवं भगवान परशुराम का प्राकट्य, रुस का कहना है कि भारत के लोकसभा चुनावों में हस्तक्षेप कर रहा अमेरिका

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻शुक्रवार, १० मई २०२४🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:३८, सूर्यास्त: 🌅 ०६:५७

चन्द्रोदय: 🌝 ०६:४८, चन्द्रास्त: 🌜२१:४५

अयन 🌘 उत्तरायणे (उत्तरगोलीय), ऋतु: 🎋 ग्रीष्म 

शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८१ (पिंगल)

मास 👉 वैशाख, पक्ष 👉 शुक्ल 

तिथि 👉 तृतीया (२६:५० से चतुर्थी)

नक्षत्र 👉 रोहिणी (१०:४७ से मृगशिरा)

योग 👉 अतिगण्ड (१२:०७ से सुकर्मा)

प्रथम करण 👉 तैतिल (१५:२९ तक)

द्वितीय करण 👉 गर (२६:५० तक)

आज शुभ लग्न में खुलें भगवान केदारेश्वर के कपाट

॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 मेष 

चंद्र 🌟 मिथुन (२२:३० से)

मंगल 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

बुध 🌟 मेष (उदित, पूर्व, वक्री)

गुरु 🌟 वृष (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र 🌟 मेष (अस्त, पूर्व, मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मीन 

केतु 🌟 कन्या  

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४६ से १२:४१

अमृत काल 👉 ०७:४४ से ०९:१५

रवियोग 👉 १०:४७ से २९:२६

विजय मुहूर्त 👉 १४:२९ से १५:२३

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:५९ से १९:२०

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:०० से २०:०३

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५२ से २४:३४

राहुकाल 👉 १०:३२ से १२:१३

राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व

यमगण्ड 👉 १५:३७ से १७:१९

दुर्मुहूर्त 👉 ०८:०९ से ०९:०४

होमाहुति 👉 सूर्य – १०:४७ तक

दिशाशूल 👉 पश्चिम

नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (१०:४७ तक)

अग्निवास 👉 पाताल (२६:५०.से पृथ्वी)

चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम २२:२६ से)

शिववास 👉 सभा में (२६:५० से क्रीड़ा में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – चर २ – लाभ

३ – अमृत ४ – काल

५ – शुभ ६ – रोग

७ – उद्वेग ८ – चर

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – रोग २ – काल

३ – लाभ ४ – उद्वेग

५ – शुभ ६ – अमृत

७ – चर ८ – रोग

नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पश्चिम-दक्षिण (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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अक्षय तृतीया, भगवान परशुराम जयन्ती, श्री मांतगी जयन्ती, श्री बद्री-केदारनाथ यात्रा आरम्भ, बुध मेष में ३२:४० से, गृह प्रवेश मुहूर्त+विधा एवं अक्षर आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०५:४५ से १०:४१ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १०:४७ तक जन्मे शिशुओ का नाम रोहिणी नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (वू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (वे, वो, क, की) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

मेष – २८:११ से ०५:४५

वृषभ – ०५:४५ से ०७:३९

मिथुन – ०७:३९ से ०९:५४

कर्क – ०९:५४ से १२:१६

सिंह – १२:१६ से १४:३५

कन्या – १४:३५ से १६:५३

तुला – १६:५३ से १९:१४

वृश्चिक – १९:१४ से २१:३३

धनु – २१:३३ से २३:३६

मकर – २३:३६ से २५:१८

कुम्भ – २५:१८+ से २६:४३+

मीन – २६:४३+ से २८:०७+

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:२६ से ०५:४५

चोर पञ्चक – ०५:४५ से ०७:३९

शुभ मुहूर्त – ०७:३९ से ०९:५४

रोग पञ्चक – ०९:५४ से १०:४७

शुभ मुहूर्त – १०:४७ से १२:१६

मृत्यु पञ्चक – १२:१६ से १४:३५

अग्नि पञ्चक – १४:३५ से १६:५३

शुभ मुहूर्त – १६:५३ से १९:१४

रज पञ्चक – १९:१४ से २१:३३

शुभ मुहूर्त – २१:३३ से २३:३६

चोर पञ्चक – २३:३६ से २५:१८+

शुभ मुहूर्त – २५:१८+ से २६:४३+

रोग पञ्चक – २६:४३+ से २६:५०+

शुभ मुहूर्त – २६:५०+ से २८:०७+

शुभ मुहूर्त – २८:०७+ से २९:२६+

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आज का राशिफल

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आपका किसी भी कार्य को करने में मन नहीं लगेगा मध्यान्ह तक का समय व्यर्थ की कल्पनाओं में खराब करेंगे। घरेलू कार्य एक साथ सर पर आने पर बेमन से करने ही पड़ेंगे अपने कार्य अन्य किसी के ऊपर डालने पर नोकझोंक होगी। दैनिक उपभोग की वस्तुओं से जुड़े व्यवसाइयों के अतिरिक्त अन्य कोई भी कार्य क्षेत्र से मनचाही सफलता की आशा न रखें। मध्यान्ह के बाद का समय आनंद मनोरंजन में व्यतीत होगा इसके लिए अपने आवश्यक कार्यों को भी अनदेखा करेंगे। मित्र परिचितों के साथ किसी रमणीय स्थल की यात्रा होगी धार्मिक क्षेत्र पर आज चोरी होने का भय है सतर्क रहें। संतानों के ऊपर आज विशेष नजर रखें जाने अनजाने कोई गलती कर सकते हैं। जिसका पारिवारिक प्रतिष्ठा पर विपरीत असर पड़ेगा। रात्रि के समय उत्तम भोजन सुख मिलेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आप का मन आवश्यकता से अधिक चंचल रहेगा। मित्र मंडली में लंबी-लंबी डींगें हांकने पर हंसी के पात्र बनेंगे। अपनी उम्र से बड़े लोगों के सामने विवेक से पेश आएं अन्यथा मानहानि अवश्य हो कर रहेगी। सरकारी कर्मचारियों को पद प्रतिष्ठा का लाभ एवं सामान्य वर्ग को भी सरकार के द्वारा लाभ होने की संभावना है। व्यवसायी वर्ग को आशाजनक धन लाभ किसी ना किसी मार्ग से हो जाएगा। कार्यक्षेत्र पर ले देकर काम बनाने की मानसिकता हानि करा सकती है जो भी कार्य करें दृढ़ निश्चय हो कर करें परिणाम आपके पक्ष में ही रहेगा। घरेलू वातावरण में अपने विनोदी स्वभाव से तालमेल बनाए रखेंगे। लेकिन आज विपरीत लिंगीय आकर्षण मानहानि करा सकता है इसका विशेष ध्यान रखें। पेट संबंधित कुछ ना कुछ विकार बना रहेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आपको विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। दिन के आरंभ में जिन लोगों से आर्थिक अथवा अन्य प्रकार की मदद का आश्वासन मिलेगा मध्यान्ह आते आते सभी एक-एक करके साथ छोड़ते जाएंगे शारीरिक रूप से भी सामर्थ्य कम ही रहेगा फिर भी परिस्थितियों को देखकर भागदौड़ करनी ही पड़ेगी व्यवसायी वर्ग निवेश अथवा कोई महत्वपूर्ण सौदा करते हुए सतर्क रहें धोखा होने की संभावना है। उधार के व्यवहार भूलकर भी ना करें संध्या का समय दिन की अपेक्षा सुधार वाला रहेगा थोड़ी बहुत आय बनने से मानसिक राहत मिलेगी। घर में भी भाई बंधू अथवा अन्य पारिवारिक मामलों में बाहरी लोगों के दखल से आपसी फूट जैसी स्थिति बनेगी। स्त्री एवं संतान के अलावा अन्य किसी का सहयोग ना के बराबर ही रहेगा। यात्रा की योजना फिलहाल स्थगित करें सेहत एवं धन व्यर्थ खराब होंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन आप सार्वजनिक क्षेत्र पर बेहतर प्रदर्शन कर प्रशंसा के पात्र बनेंगे। जटिल कार्यो को भी अपने व्यवहार कुशलता से आसान बनाएंगे। दिन के आरंभ में थोड़ी बहुत शारीरिक समस्या बनेगी लेकिन कार्य व्यस्तता के चलते इनको अनदेखा करना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय में आज संभावनाएं तो काफी रहेगी लेकिन अंत समय में कुछ ना कुछ व्यवधान आने से लाभ के नजदीक पहुंचकर निराश हो सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों के लिए आज दिन शुभ ही रहेगा अपनी वाक पटुता से अधिकारियों को प्रसन्न कर सकेंगे। परिवार में छोटी मोटी नोकझोंक को छोड़ सुख शांति का अनुभव होगा। आज कुटुंब में किसी के अमर्यादित आचरण के कारण शर्मसार भी होना पड़ सकता है। संध्या बाद अत्यधिक थकान होने से मन में उच्चाटन आएगा। छोटी बड़ी यात्रा आनंद के साथ लाभ भी कराएगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन आपके लिए कार्य सफलता वाला रहेगा। आप दिन के प्रथम भाग के बाद पूर्वनियोजित योजनाओं में सफलता मिलने से उत्साहित रहेंगे। कई दिनों से चल रही आर्थिक मंदी अकस्मात धन लाभ होने से खत्म होगी। लेकिन भविष्य के लिए संचय आज भी नहीं कर पाएंगे धन हाथ में आते ही अक्समात खर्चों में भी वृद्धि होने से तुरंत निकल जाएगा। फिर भी सुख सुविधा जुटाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। आज परिजनों की बातों पर आंख बंद कर कर भरोसा करने पर हानि हो सकती है इसका विशेष ध्यान रखें। दांपत्य जीवन में अचानक परिवर्तन देखने को मिलेगा कई दिनों से चल रही खींचतान अकस्मात ही प्रेम में बदल जाएगी। इसके पीछे पति-पत्नी का व्यक्तिगत स्वार्थ भी हो सकता है। घरेलू खर्चों के अतिरिक्त बड़े बुजुर्गों पर खर्च करना पड़ेगा। लोहे के उपकरणों से कार्य करते समय सावधानी बरतें जलने कटने का भय रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन आप की धार्मिक भावनाओं में वृद्धि होगी। अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर पूजा पाठ आदि धार्मिक कृत्यों एवं परोपकार में लगेंगे। धन की आवश्यकता होने पर भी आप कार्य व्यवसाय के प्रति ज्यादा गंभीर नहीं रहेंगे। इसके फलस्वरुप सीमित आय से ही गुजारा करना पड़ेगा। कार्यक्षेत्र पर आज अधीनस्थ कर्मचारियों एवं सहकर्मियों के कहे अनुसार ही कार्य करना पड़ेगा। फिर भी अति आवश्यक निर्णय स्वयं के विवेक से ही लें अन्य लोगों के भरोसे रहने पर बाद में पश्चाताप होगा। पारिवारिक वातावरण भी धार्मिक रहेगा घर में पूजा पाठ आदि शुभ कर्म संपन्न होंगे। मित्र परिजनों के साथ धार्मिक क्षेत्र की यात्रा होगी। दान पुण्य पर भी थोड़ा बहुत खर्च करेंगे सेहत आज ठीक-ठाक ही रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन प्रातः काल से ही सेहत में नरमी बनेगी। असंयमित खान-पान अथवा अपच के कारण पेट दर्द के साथ शारीरिक अंगों में शिथिलता अनुभव करेंगे। कार्य व्यवसाय में तेजी रहने पर भी धन की आमद के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। कार्यक्षेत्र हो या घर परिवार सभी लोग आपसे स्वार्थ सिद्धि के लिए ही प्रेम करेंगे। दोपहर के आस-पास कोई नया कार्य हाथ लगेगा लेकिन इसमें भी आर्थिक लाभ होते होते टलेगा। आज किसी भी प्रकार के जोखिम भरे कार्य से दूर ही रहना बेहतर है। संध्या का समय दिन की अपेक्षा बेहतर रूप से गुजरेगा किसी पुराने परिचित से भेंट होगी। घर के बड़े बुजुर्गों से अपनी कामना पूर्ति की आस अंत समय मे टूटने पर मन दुखी होगा। सफर अतिआवश्यक होने पर ही करें उधार किसी परिचित को भी ना दें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन भी आपके लिए बेहतर रहने वाला है लेकिन आज आलस्य प्रमाद अधिक रहने के कारण जल्दी से किसी कार्य को करने के लिए तैयार नहीं होंगे। काम धंधे के प्रति आज पूरी तरह से लापरवाही रहेंगे बैठे-बिठाए लाभ कमाने की मानसिकता आर्थिक लाभ में कमी करेगी। वैसे तो आपकी पराक्रम शक्ति बढ़ी रहेगी लेकिन इसका प्रयोग आवश्यक कार्यों में ना कर व्यर्थ के कार्यों में करेंगे आज के दिन सरकारी कार्यों को छोड़ अन्य जिस भी कार्य में अपना दिमाग लगाएंगे उसमें अन्य लोगों की अपेक्षा तुरंत सफलता मिल सकती है। कुटुंब की आवश्यकता एवं सुख सुविधा बढ़ाने पर अत्यधिक खर्च होगा पर्यटक स्थल पर सैर-सपाटे के प्रसंग बनने से मन रोमांचित रहेगा। संध्या से सेहत में गिरावट दर्ज होने लगेगी समय रहते उपचार करें अन्यथा आगे स्थिति ज्यादा गंभीर हो सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज मध्यान तक का समय आपको विभिन्न सुखों की प्राप्ति कराएगा। दिन के आरंभ में आलस्य प्रमाद फैलाएंगे जिससे किसी महत्वपूर्ण कार्य में विलंब होगा परिजन भी इस कारण नाराज हो सकते हैं। आज मन ना होने पर भी प्रलोभन में आकर व्यवसायिक दौड़-धूप करेंगे परंतु धन लाभ होने पर की गई दौड़-धूप अखरेगी नहीं। सार्वजनिक क्षेत्र पर वरिष्ठ व्यक्ति से मिलने के अवसर प्राप्त होंगे परंतु इसका कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं उठा पाएंगे। घर में किसी परिजन के द्वारा सामर्थ्य से अधिक वस्तु की मांग मुश्किल में डालेगी इसे टालने का प्रयास करेंगे लेकिन सफल नहीं हो पाएंगे। झूठे वादे किसी से ना करें अन्यथा सम्मान हानि हो सकती है। माता का व्यवहार आज शत्रु तुल्य लगेगा लेकिन यह आपके लिए हितकर ही होगा। मधुमेह अथवा असंयमित रक्तचाप के मरीजों को कुछ समय के लिए मूर्छा अथवा शारीरिक शिथिलता बनेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आप अपनी बुद्धि विवेक का आवश्यकता से अधिक ही उपयोग करेंगे प्रत्येक कार्य में मीनमेख निकालना परिजनों के साथ बाहरी लोगों को भी अखरेगा। आज भी स्वाभाव में थोड़ी बहुत जीद रहेगी लेकिन कल जैसे कोई आपकी बातों को सहन नही करेगा अपना विरोध होते देख तुरंत बाद से पलट जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था रहने के कारण उचित लाभ नहीं उठा पाएंगे फिर भी कार्य क्षेत्र के अतिरिक्त बाहरी संपर्कों में से किसी की खुशामद करने पर धन की आमद हो ही जाएगी। मध्यान्ह के बाद मन मनोरंजन की ओर भटकेगा दुर्व्यसनों पर खर्च करेंगे। मित्र मंडली में बैठते समय मौन ही रहने का प्रयास करें अन्यथा आपस की छोटी मोटी मजाक भी किसी के दिल को लगने पर गंभीर विवाद खड़ा कर सकती है। संध्या बाद घर में भी कलह होने की संभावना है। अपना आचरण मर्यादित रखें स्वयं की ही किसी गलती से सेहत खराब होगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन आपको शांत रहने का सुझाव है। आज परिजन से कोई मनोकामना पूर्ण ना होने पर क्रोध आएगा जिस पर संयम ना रहने पर किसी से हाथापाई की भी नौबत आ सकती है। परिजन फिर भी धैर्य रखेंगे लेकिन बाहर आपका ऐसा आचरण अवश्य ही किसी बड़ी मुश्किल में डाल सकता है। कार्य क्षेत्र पर भी आप के अभद्र व्यवहार के कारण हंगामा होने के आसार हैं। सहकर्मियों को शक की निगाह से देखना आपके लिए ही हानि करेगा। धन की आमद बिना किसी की सिफारिश अथवा चापलूसी के होना मुश्किल ही है। थोड़ी बहुत आय होगी भी लेकिन सुख के साधनों पर खर्च हो जाएगी। किसी दुर्व्यसन पर भी खर्च करेंगे इसके लिए संचित धन को खर्च करने में भी संकोच नहीं करेंगे। आकस्मिक दुर्घटना के योग हैं सतर्क रहें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन आपके लिए व्यर्थ की मानसिक परेशानियों वाला रहेगा। खर्च अनियंत्रित होने के कारण मानसिक तनाव बढ़ेगा। हाथ में पैसा ना होने पर मजबूरी में किसी से उधार लेने की नौबत आ सकती है। कार्यक्षेत्र पर लाभ की संभावना भी बनते-बनते अंत समय में टलने से मन निराश होगा। घर परिवार में किसी शुभ आयोजन की खरीदारी होगी। अन्य कार्यों की व्यस्तता के चलते कार्यक्षेत्र पर कम ही समय दे पाएंगे फिर भी दैनिक खर्चों की पूर्ति थोड़े ही समय में हो जाएगी। भागीदारों अथवा जीवन साथी से आर्थिक मामलों को लेकर कहासुनी होने की संभावना है। धैर्य से काम लें अन्यथा आगे के लिये समस्या बनेगी। जब भी मेहनत करने का मौका मिले इससे पीछे ना हटे निकट भविष्य में इसका फल अवश्य ही आपके लिए हितकर रहेगा। पारिवारिक वातावरण छोटी-छोटी बातों में गर्म होने से मन बेचैन रहेगा फिर भी बीच-बीच में दिमाग ठंडा करने के प्रसंग बनते रहेंगे। पेट संबंधित शिकायत आज भी रहेगी।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏

*खाना जो हम खाते, 24 घण्टे के अंदर और पानी जो हम पीते 04 घण्टे के अंदर शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार। हवा जो हम सांस लेते हैं, कुछ सेकंड में ही वापस बाहर निकल जानी चाहिए, वरना हम मर जायेंगे* 

*पर नकारात्मक बातें, जैसे कि घृणा, गुस्सा, ईर्षा, असुरक्षा आदि, जिनको हम अपने अंदर दिन, महीने और सालों तक रखे रहते हैं। यदि इन नकारात्मक विचारों को समय-समय पर अपने अंदर से नहीं निकालेंगे तो एक दिन निश्चित ही हम मानसिक रोगी बन जायेंगे।* 

*॥ जय श्री राधे कृष्ण ॥*

*अक्षय तृतीया का महापर्व एवं भगवान परशुराम 

 *प्रस्तावना* 

*अक्षय तृतीया का महापर्व वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष तृतीया में मनाया जाता है इसकी तिथि में किए गए पुण्य कार्यों का कभी क्षय नहीं होता है इसलिए इसका नाम अक्षय तृतीया पड़ा है इसे स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना जाता है होली दीपावली दशहरा और रक्षाबंधन की तरह इसलिए इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना किसी संदेह के किया जा सकते हैं यह वैवाहिक सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है* 

*क्यों मनाया जाता है अक्षय तृतीया महापर्व*

 *आजकल मुख्य रूप से भगवान परशुराम के जन्मदिन को लेकर ही अक्षय तृतीया मनाई जाती है भगवान परशुराम भगवान श्री हरि विष्णु के 10 अवतारों में से एक थे जिनका जन्म सतयुग और त्रेता युग की संधि बेला में हुआ और त्रेता युग में भगवान श्री राम के आने के बाद राजा जनक के धनुष यज्ञ में भगवान श्री राम के आदेश अनुसार वह महेंद्र पर्वत पर तपस्या करने चले गये इनका वर्णन महाभारत में भी मिलता है देवव्रत भीष्म से उनका महा भयानक युद्ध होना और श्री राम को सारंग धनुष और कृष्ण भगवान को चक्र देना विश्व विख्यात है भगवान परशुराम के जन्म के अलावा अक्षय तृतीया को माता अन्नपूर्णा देवी का भी जन्म हुआ और इसी दिन भारत के इतिहास भूगोल को बदलकर सारे देश का मानचित्र बदलने वाली देव नदी गंगा जी का अवतरण हुआ था आज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने दुर्योधन दुशासन शकुनी और कर्ण के कुटिल जाल में फंसी महासती द्रोपदी के चीर हरण पर उनकी लज्जा की सुरक्षा की थी लोकपाल कुबेर को अक्षय तृतीया के दिन ही संपूर्ण ब्रह्मांड का खजाना दिया गया था आज के दिन ही त्रेता और सतयुग का आरंभ हुआ था भगवान श्री कृष्णा और ब्राह्मण शिरोमणि सुदामा का मिलन भी आज के दिन ही हुआ था और ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का भी आज के दिन अवतरण हुआ था आज के दिन ही बद्रीनाथ के कपाट दर्शन के लिए खोले जाते हैं और आज के दिन ही वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के विग्रह के चरण दर्शन होते हैं और आज के दिन ही महाभारत का तीनों लोकों में फैला हुआ सबसे भयानक ब्रह्मांड युद्ध समाप्त हुआ था अक्षय तृतीया का महत्व उपर्युक्त कर्म से और स्वयं सिद्ध मुहूर्त होने से अक्षय तृतीया का सर्वाधिक महत्व है*

*अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम का जीवन चरित्र* 

*भगवान परशुराम का जन्म त्रेता और सतयुग की संध्या बेला में हुआ था इनके पिता का नाम महर्षि जमदग्नि और माता का नाम रेणुका था यह चार भाई थे और पिता की आज्ञा पर इन्होंने अपनी माता का सिर काटकर फिर पिता से आशीर्वाद लेकर उन्हें पुनर्जीवित करके अपने भाइयों की पहले जैसी स्थिति का वरदान और दीर्घायु मांगा था या भगवान श्री हरि के छठे अवतार माने जाते हैं और अपने कर्तव्य निष्ठा एवं हठ के लिए जगत विख्यात हैं इनका जन्म वर्तमान मध्य प्रदेश का ज्ञान पावा गांव माना जाता है पहले इनका नाम पिता ने राम रखा लेकिन भगवान शिव की घनघोर तपस्या करके अजेय होने का वरदान प्राप्त कर इन्होंने उनसे परम भयंकर कुठार और फरसा प्राप्त हुआ तब से इनका नाम परशुराम हो गया*

* *इनका एक नाम जामदग्न्प भी है उनकी शिक्षा महर्षि ऋचीक के द्वारा और पिता के द्वारा दी गई इनके महानतम शिष्यों में परम अतिथि योद्धा द्रोणाचार्य भीष्म पितामह और कर्ण थे महेंद्र गिरी वर्तमान में महाराष्ट्र के पिपलुण नामक स्थान में है जो रत्नागिरी में है उनके गुरु संसार के सबसे बड़े ब्रह्म ऋषि विश्वामित्र थे जो इनके संबंधी भी लगते थे भगवान परशुराम ने राक्षसों द्वारा राजाओं के रूप में अपमान आतंक मचाने वाले हैहय वंशीय राजाओं को मार गिराया जिसमें सम्राट कार्तवीर्य अर्जुन नाम का हजार भुजाओं वाला अजेय योद्धा भी था जिसने उनके पिता की हत्या किया था इन्होंने खोज-खोज कर उन राजाओं को मार गिराया जो अत्याचारी और प्रजा के विरुद्ध थे और यह सभी राक्षसों का वेश धारण करके राजा बनकर पृथ्वी पर आतंक का राज स्थापित कर रहे थे भगवान श्री राम के द्वारा धनुष की डोरी स्वयंवर में चढ़ा देने के बाद उनके तेज का हरण कर लिया गया और यह महेंद्र गिरी पर्वत पर चले गए यह अपने जीवन में केवल दो बार पराजित हुए पहली बार भगवान श्री राम से और दूसरी बार भीष्म पितामह से हारे थे परशुराम के कार्य और उनका यश कीर्ति इतना अधिक है कि वह वैसे भी ईश्वर माने जा सकते हैं*

*अक्षय तृतीया और खरीदारी विवाह और मांगलिक कार्य*

*इसके अतिरिक्त इस दिन बिना लग्न मुहूर्त के भी विवाह और गृह प्रवेश किया जा सकता है जबकि इसका वस्त्र आभूषण सोने चांदी के गहने या किसी भी प्रकार की खरीदारी या वाहन लेने से कोई संबंध नहीं है इसको जबरदस्ती व्यापारी लोगों ने कुछ बिके हुए विद्वान और ज्योतिषी लोगों को खरीद कर बना दिया है जैसे भगवान धन्वंतरि की जयंती चिकित्सा से जुड़ी है और वहां गहना आभूषण इत्यादि की खरीदारी से इसका कोई संबंध नहीं है ठीक वैसे ही अक्षय तृतीया को किसी भी प्रकार की खरीदारी से कोई संबंध नहीं होता है हां अक्षय तृतीया के दिन दान का फल बहुत अच्छा होता है और हर दान की गई चीज का चार गुना अधिक महत्व होता है इसीलिए अक्षय तृतीया को अपने सामर्थ्य के अनुसार गाय भूमि तिल स्वर्ण रजत घी वस्त्र अनाज गुड चांदी नमक शहद और कन्यादान कर सकते हैं आज के दिन गंगा स्नान का भी अक्षय फल प्राप्त होता है क्योंकि आज के दिन ही भागीरथ की घनघोर तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा जी का अवतरण हुआ था अगर गंगा में स्नान न कर सके तो थोड़ा सा गंगाजल मिलकर घर में अवश्य ही स्नान कर लेना चाहिए लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अगर आज के दिन अपने दुर्गुण बुराई और पाप छोड़कर सद्गुण अच्छाई और पूरे की ओर अग्रसर हो तभी उसका फल अच्छे होता है अन्यथा सारे उपाय व्यर्थ हैं* * 

*अक्षय तृतीया को क्या करें क्या न करें* 

 *अक्षय तृतीया को अगर संभव है तो गंगा नदी में स्नान करना चाहिए या गंगाजल डालकर नहाना चाहिए भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए इसके अलावा देवी महालक्ष्मी और लोकपाल कुबेर की भी पूजा करनी चाहिए इस दिन मांस मछली मदिरा तामसी चीज नशे की चीज तेल मसाले और तामसी चीजों का सेवन करना नहीं करना चाहिए दुराचार और झूठ से भी बचना चाहिए भगवान परशुराम की तरह दुष्ट आदतें और आतंकी लोगों के संघार का प्रण करना चाहिए* 

*कब से प्रारंभ है इस वर्ष अक्षय तृतीया*

 *इस वर्ष की अक्षय तृतीया 10 मई को सुबह 4:17 से प्रारंभ होगी जबकि इसका समापन 11 में 2024 को सुबह 2:50 होगा उदयातिथि का पालन करते हुए 10 मई को ही अक्षय तृतीया मनाई जाएगी यही विधि धर्म अध्यात्म और विज्ञान सम्मत है ✍️ डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक*

महाभारत और विष्णुपुराण के अनुसार परशुराम जी का मूल नाम राम था किन्तु जब भगवान शिव ने उन्हें अपना परशु नामक अस्त्र प्रदान किया तभी से उनका नाम परशुराम जी हो गया। पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के अनन्तर राम कहलाए। वे जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य और शिवजी द्वारा प्रदत्त परशु धारण किये रहने के कारण वे परशुराम जी कहलाये। आरम्भिक शिक्षा महर्षि विश्वामित्र एवं ऋचीक के आश्रम में प्राप्त होने के साथ ही महर्षि ऋचीक से शार्ङ्ग नामक दिव्य वैष्णव धनुष और ब्रह्मर्षि कश्यप से विधिवत अविनाशी वैष्णव मन्त्र प्राप्त हुआ। तदनन्तर कैलाश गिरिश्रृंग पर स्थित भगवान शंकर के आश्रम में विद्या प्राप्त कर विशिष्ट दिव्यास्त्र विद्युदभि नामक परशु प्राप्त किया। शिवजी से उन्हें श्रीकृष्ण का त्रैलोक्य विजय कवच, स्तवराज स्तोत्र एवं मन्त्र कल्पतरु भी प्राप्त हुए। चक्रतीर्थ में किये कठिन तप से प्रसन्न हो भगवान विष्णु ने उन्हें त्रेता में रामावतार होने पर तेजोहरण के उपरान्त कल्पान्त पर्यन्त तपस्यारत भूलोक पर रहने का वर दिया। वे शस्त्रविद्या के महान गुरु थे। उन्होंने भीष्म, द्रोण व कर्ण को शस्त्रविद्या प्रदान की थी। उन्होनें कर्ण को श्राप भी दिया था। उन्होंने एकादश छन्दयुक्त “शिव पंचत्वारिंशनाम स्तोत्र” भी लिखा। इच्छित फल-प्रदाता परशुराम गायत्री है-“ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि, तन्नः परशुराम: प्रचोदयात्।” वे पुरुषों के लिये आजीवन एक पत्नीव्रत के पक्षधर थे। उन्होंने अत्रि की पत्नी अनसूया, अगस्त्य की पत्नी लोपामुद्रा व अपने प्रिय शिष्य अकृतवण के सहयोग से विराट नारी-जागृति-अभियान का संचालन भी किया था। अवशेष कार्यो में कल्कि अवतार होने पर उनका गुरुपद ग्रहण कर उन्हें शस्त्रविद्या प्रदान करना भी बताया गया है।

*भारत के लोकसभा चुनावों में हस्तक्षेप कर रहा अमेरिका, रूस *

*रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा कि अमेरिका दरअसल भारत की राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करने की कोशिश कर रहा है.*

◆ रूस ने अमेरिका की इस गतिविधि को भारत के प्रति अपमानजनक बताया. 

◆ लोकसभा चुनावों के बीच रूस ने एक बड़ा दावा किया है. 

◆ रूस का कहना है कि अमेरिका भारत के लोकसभा चुनावों में दखल देने की कोशिश कर रहा है. 

◆ अमेरिका का मकसद लोकसभा चुनाव के दौरान भारत को अस्थिर करना है.

*रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा कि अमेरिका दरअसल भारत के राजनीतिक परिदृश्य को बाधित करने की कोशिश कर रहा है. वह भारत की राजनीतिक समझ और इतिहास को नहीं समझता. बता दें कि जाखारोवा ने ये बयान भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिका की रिपोर्ट के संदर्भ में की.*

■ अमेरिका लगातार भारत की धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर निराधार आरोप लगाता रहा है. इसका कारण भारत के आंतरिक राजनीतिक परिदृश्य को बाधित करना और आम चुनावों में रुकावटें पैदा करना है. 

■ जाखारोवा ने कहा कि अमेरिका की गतिविधियां स्पष्ट रूप से भारत के आंतरिक मामलों में दखल को दर्शाती हैं, जो भारत के प्रति अपमानजनक हैं.

■ रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के भारत पर आरोप को लेकर कहा कि अमेरिका ने अभी तक इस मामले में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता को लेकर कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है. सबूतों के अभाव में इस तरह की अटकलें स्वीकार्य नहीं हैं. 

■ जाखारोव ने कहा कि अमेरिका भारत के खिलाफ लगातार झूठे आरोप लगा रहा है. उसे भारत के इतिहास की समझ नहीं है. इस वजह से वह लगातार धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में भारत पर निराधार आरोप लगाता रहा है. 

■ अमेरिका का मकसद भारत के आंतरिक राजनीतिक हालात में गड़बड़ी पैदा करना है, जिससे आम चुनाव बाधित किए जा सकें. 

*बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी आयोग (USCIRF) की ताजा रिपोर्ट में कथित तौर पर धार्मिक स्वतंत्रता उल्लंघन के लिए भारत की आलोचना की गई है. अमेरिका की इस रिपोर्ट को भारत सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया था.*