10 मई को प्रात: 7 बजे खुलेंगे श्री केदारनाथ धाम के कपाट, पंचमुखी डोली ऊखीमठ से चली केदार के लिए,बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुल रहे पांच दशक बाद पटटाभिषेक की परंपरा पुन: हुई जीवित

ऊं नम् शिवाय के उदघोष के साथ श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी चल -विग्रह मूर्ति केदारनाथ रवाना हुई।

• देव डोली आज अपराह्न पहुंचेगी प्रथम पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी।

• 10 मई को प्रात: 7 बजे खुलेंगे श्री केदारनाथ धाम के कपाट।

उखीमठ/ रूद्रप्रयाग/ देहरादून: 6 मई। प्रसिद्ध 11वें ज्योर्तिंगलिंग भगवान श्री केदारनाथ की चल विग्रह पंचमुखी डोली आज रविवार को ऊं नम् शिवाय के उदघोष के साथ पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से पूजा अर्चना के बाद सेना के 6 ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड के भक्तिमय सुर लहरियों के साथ रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में केदारनाथ धाम रवाना हो गयी तथा आज प्रथम पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर उखीमठ प्रवास को पहुंचेगी। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने पंचमुखी डोली के दर्शन किये। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने दानीदाताओं के सहयोग से श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ को 10 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया था।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चारधाम यात्रा की व्यवस्थायें को चाकचौबंद किये जाने पर विशेष फोकस है इसी क्रम में कल 5 मई को मुख्य सेवक भंडारा कार्यक्रम के तीन सौ स्वयं सेवियों के दल को मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से देहरादून से श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ रवाना किया।दल के सदस्य डोली यात्रा के साथ चलकर भंडारे सहित पीने के पानी की व्यवस्था कर रहे है।

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने जारी संदेश में भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के प्रस्थान के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं शुभकामनाएं दी है वहीं बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने जारी बयान में बताया कि मंदिर समिति के स्तर पर केदारनाथ में यात्रा तैयारिया चल रही है।

आज डोली प्रस्थान के अवसर पर आज हज़ारों श्रद्धालुओं ने पंचमुखी डोली को धाम के लिए विदा किया। बीते बीते कल रविवार 5 मई देर शाम को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भैरव नाथ जी की पूजा संपन्न हुई। 

 पंचमुखी डोली आज सोमवार को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से रात्रि प्रवास हेतु श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 

आज भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के गुप्तकाशी प्रस्थान करते समय संसारी, विद्यापीठ एवं गुप्तकाशी बाजार में जगह-जगह फूलवर्षा से भब्य स्वागत हो रहा है। पंचमुखी डोली के प्रस्थान के समय जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग डा. सौरभ गहरवार सपरिवार मौजूद रहे और भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली का आशीर्वाद लिया एवं केदारनाथ धाम यात्रा की सफलता की कामना की। डोली प्रस्थान के समय श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य श्री निवास पोस्ती, एसडीएम अनिल शुक्ला, सहित कार्याधिकारी आरसी तिवारी, पुजारी शिवशंकर लिंग, सहित पूर्व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस पुष्पवान एवं यदुवीर पुष्पवान,प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल , देवानंद गैरोला, कुलदीप धर्म्वाण, विदेश शैव आदि उपस्थित रहे। 

 बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कार्यक्रमानुसार कल मंगलवार 7 मई को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से चलकर फाटा प्रवास करेगी बुद्धवार 8 मई को गौरीकुंड तथा बृहस्पतिवार 9 मई को गौरा माता मंदिर गौरीकुंड से चलकर शाम को श्री केदारनाथ धाम पहुंचेगी। शुक्रवार 10 मई को प्रातः 7 (सात ) बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट दर्शनार्थ खुल जायेंगे।

श्री बदरीनाथ धाम विशेष

पांच दशक बाद ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक परंपरा पुन: हुई जीवित

•श्री बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी का टिहरी राज दरबार में पट्टाभिषेक हुआ संपन्न।

नरेंद्र नगर/ ऋषिकेश: 6 मई। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुल रहे है इससे पहले श्री बदरीनाथ धाम से संबंधित पांच दशक पहले समाप्त हुई रावल पट्टाभिषेक की ऐतिहासिक परंपरा पुन: जीवित हो गयी है।

आज सोमवार को टिहरी राजदरबार नरेंद्र नगर में पूजा-अर्चना एवं विधि-विधान से महाराजा टिहरी मनुजयेंद्र शाह द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के रावल का पट्टाभिषेक किया गया और सोने का कड़ा पहनाया।इससे पहले वर्ष 1977 में रावल टी केशवन नंबूदरी का पट्टाभिषेक हुआ इसके बाद यह परंपरा रूक गयी थी। वीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि “आज #नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में पूर्व #टिहरी रियासत के राजपरिवार के महाराजा श्री मनुजयेंद्र शाह जी ने श्री #बदरीनाथ धाम के रावल श्री ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी जी का तिलक व खिलत कर पट्टाभिषेक किया।” 

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने इसके लिए पहल की और आज सोमवार को राज दरबार में पूजा अर्चना पश्चात रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी को महाराजा मनुजयेंद्र शाह द्वारा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह तथा बेटी शिरजा शाह सहित श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय एवं उपाध्यक्ष किशोर पंवार की उपस्थिति में अंग वस्त्र भेंट कर सोने का कड़ा पहनाया गया। सोने का कड़ा राजशाही की परंपरा वह प्रतीक है।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि रावल की नियुक्ति मंदिर समिति एक्ट 1939 से पहले महाराजा टिहरी द्वारा होती थी यह पट्टाभिषेक एवं सोने का कड़ा उसी परंपरा का एक ऐतिहासिक एवं सास्कृतिक प्रतीक चिह्न है।

आज राजदरबार नरेंद्र नगर में इस अवसर पर टिहरी कि सांसद व महारानी श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, राजकुमारी श्रीमती शिरीजा उपस्थित रहे। राज पुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल, बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, राजमहल के ओएसडी राजपाल जरधारी आदि उपस्थित रहे।