आज का पंचाग आपका राशि फल, सिन्धु घाटी की लिपि : क्यों अंग्रेज़ और कम्युनिस्ट इतिहासकार नहीं चाहते थे कि इसे पढ़ाया जाए!, “टोल बूथ और रेलवे में मिली रसीद या मोबाइल संदेश में क्या छिपा है और इसे सुरक्षित क्यों रखा जाए?

(अखंड भारत के शासक चंद्रगुप्त विक्रमादित्य (राज्यकाल ३७५ ई से ४१४ ई) भारत के गुप्त वंश के महानतम एवं सर्वाधिक शक्तिशाली सम्राट थे

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻बुधवार, ०७ जून २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:३६

सूर्यास्त: 🌅 ०७:१४

चन्द्रोदय: 🌝 २२:४९

चन्द्रास्त: 🌜०८:०८

अयन 🌖 उत्तरायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🌡️ग्रीष्म 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 आषाढ 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 चतुर्थी (२१:५० से पञ्चमी)

नक्षत्र 👉 उत्तराषाढ (२१:०२ से श्रवण)

योग 👉 ब्रह्म (२२:२४ से इन्द्र)

प्रथम करण 👉 बव (११:१९ तक)

द्वितीय करण 👉 बालव (२१:५० तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 वृष 

चंद्र 🌟 मकर 

मंगल 🌟 कर्क (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 वृष (उदय, पूर्व, मार्गी)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र 🌟 कर्क (उदित, पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️❌️

अमृत काल 👉 १५:१३ से १६:४१

विजय मुहूर्त 👉 १४:३६ से १५:३२

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:१५ से १९:३५

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:१६ से २०:१६

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५६ से २४:३६

राहुकाल 👉 १२:१६ से १४:०१

राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०७:०० से ०८:४५

होमाहुति 👉 मंगल (२१:०२ से गुरु)

दिशा शूल 👉 उत्तर

अग्निवास 👉 पृथ्वी (२१:५० तक)

चन्द्र वास 👉 दक्षिण

शिववास 👉 कैलाश पर (२१:५० से नन्दी पर)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – लाभ २ – अमृत

३ – काल ४ – शुभ

५ – रोग ६ – उद्वेग

७ – चर ८ – लाभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – उद्वेग २ – शुभ

३ – अमृत ४ – चर

५ – रोग ६ – काल

७ – लाभ ८ – उद्वेग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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दक्षिण-पूर्व (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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संकष्ट चतुर्थी, बुध वृष में १९:४३ से, विवाहादि मुहूर्त वृष-कर्क लग्न (प्रात: ०५:३५ से १०:४०), कन्या लग्न (दोष १२:५५ से ०३:११), गोधुलि सायं (०६:३१ से रात्रि ०८:०७), देव प्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०५:३६ से ०८:५७ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज २१:०९ तक जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराषाढ नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (भो, ज, जी) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम श्रवण नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (खी, खू) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

वृषभ – २७:५७ से ०५:५२

मिथुन – ०५:५२ से ०८:०७

कर्क – ०८:०७ से १०:२९

सिंह – १०:२९ से १२:४८

कन्या – १२:४८ से १५:०५

तुला – १५:०५ से १७:२६

वृश्चिक – १७:२६ से १९:४६

धनु – १९:४६ से २१:४९

मकर – २१:४९ से २३:३०

कुम्भ – २३:३० से २४:५६

मीन – २४:५६ से २६:२०

मेष – २६:२० से २७:५३

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पञ्चक रहित मुहूर्त

मृत्यु पञ्चक – ०५:१५ से ०५:५२

अग्नि पञ्चक – ०५:५२ से ०८:०७

शुभ मुहूर्त – ०८:०७ से १०:२९

रज पञ्चक – १०:२९ से १२:४८

शुभ मुहूर्त – १२:४८ से १५:०५

चोर पञ्चक – १५:०५ से १७:२६

शुभ मुहूर्त – १७:२६ से १९:४६

रोग पञ्चक – १९:४६ से २१:०२

शुभ मुहूर्त – २१:०२ से २१:४९

मृत्यु पञ्चक – २१:४९ से २१:५०

अग्नि पञ्चक – २१:५० से २३:३०

शुभ मुहूर्त – २३:३० से २४:५६

रज पञ्चक – २४:५६ से २६:२०

अग्नि पञ्चक – २६:२० से २७:५३

शुभ मुहूर्त – २७:५३ से २९:१५

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आज का राशिफल

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन आपके लिये सुनहरे अवसर प्रदान करेगा इसका समय रहते लाभ उठायें कल की अनुकूल परिस्थिति आज की मेहनत से ही बनेगी। आज दिन का पहला भाग थोड़ा अस्त व्यस्त रहेगा आवश्यक कार्य लेटलतीफी के कारण विलम्ब से पूर्ण होंगे। कार्य क्षेत्र पर भी मध्यान तक अव्यवस्था रहेगी जिस कारण लाभ होते होते रह सकता है। मध्यान से संध्या के बीच के समय व्यवसाय में आकस्मिक उछाल आएगा। थोड़े परिश्रम से अधिक लाभ कमा सकेंगे। महिलाये घर मे किसी छोटी सी बात को लेकर विवाद खड़ा करेंगी विवेकपूर्ण व्यवहार करें। संध्या बाद कोई हानि हो सकती है। मनोरंजन की चाह आज मन मे ही रह जायेगी। सेहत छोटी मोटी बातो को छोड़ ठीक रहेगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन आपके लिए अवश्य कोई शुभ समाचार देगा। आज आप दिन भर किसी ना किसी कारण से व्यस्त ही रहेंगे व्यस्तता को धन के साथ ना जोड़े अन्यथा मानसिक संताप रहेगा। आज संबंधों को ज्यादा महत्त्व दें निकट भविष्य में ये ही धन लाभ कराएंगे। कार्य व्यवसाय से काम चलाऊ आय आसानी से हो जाएगी निवेश बेझिझक होकर कर सकते है। घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति समय पर करने पर भी परिजन किसी न किसी कारण से नाराज ही रहेंगे। गृहस्थ की बाते मित्र स्नेही जन से भी ना बांटे हानिकर हो सकता है। आज किसी के ऊपर छींटा कशी करने से बचे दिनचार्य को सामान्य व्यतीत करने का प्रयास करें स्वयं को श्रेष्ठ दिखाने के चक्कर मे मान हानि हो सकती है। 

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज भी आपकी दिनचार्य असामान्य रहेगी। सेहत में सुधार आएगा परन्तु आपकी लापरवाही के कारण तकलीफ दोबारा हो सकती है। आज आप जो भी कामना करेंगे उसका विपरीत फल ही मिलने वाला है। व्यवसाय में अतिरिक्त आय कमाने के प्रलोभन में हाथ लगी पूंजी ना चली जाए इसका ध्यान रखना पड़ेगा आज गलत निर्णय अवश्य हानि का कारण बनेगा। परिजनों की जिद के आगे सामर्थ्य से अधिक खर्च करना पड़ेगा जिस कारण धन की कमी बनेगी। मित्र परिचितों से भी संबंधों में उदासीनता अधिक रहेगी। धार्मिक पूजा पाठ के प्रसंग बनेंगे परन्तु ध्यान कही और भटकने से दिखावा मात्र रहेगा। परिजनों से थोड़ी ख़ट पट के बाद सुख मिलेगा। दवाओं पर खर्च करना पड़ सकता है।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन आप योजनाए तो बहुत बनाएंगे परन्तु किसी ना किसी अभाव के कारण इन्हें पूरा नही कर पाएंगे। आज के दिन आप अपनी भावनाओं को किसी के आगे सांझा करने से कतराएंगे आपसी संबंध को बचाना इसका मूल उद्देश्य रहेगा। लोगो की उद्दंडता को मजबूरन नजरअंदाज करना पड़ेगा। आर्थिक रूप से दिन सामान्य ही रहेगा। खर्च लायक आय आसानी से हो जाएगी। खर्च करने में भी मितव्ययता बरतेंगे। आज आप जिस भी कार्य को लेकर निश्चिन्त रहेंगे उसी में कुछ ना कुछ विघ्न उपस्थित होगा। सरकारी कार्य लंबित रहेंगे नौकरी में भी उत्साह की कमी रहेगी। पेट संबंधी व्याधि से परेशानी होगी।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन भी धन धान्य में वृद्धिकारक बना रहेगा। दिन के आरंभ से ही कार्यो को लेकर गंभीर रहेंगे लेकिन महिलाये हर काम मे नखरे करेंगी। मध्यान के बाद का कुछ समय रुके धन को प्राप्त करने में व्यतीत होगा। कार्य क्षेत्र पर आज मनमानी ज्यादा करेंगे जिससे सहकर्मियों को असुविधा होगी फिर भी आज आप अपने व्यवहार से सभी को खुश रख सकेंगे। पारिवारिक स्थिति भी आज पहले से बेहतर बनेगी घरेलू कार्यो को लेकर व्यस्तता भी अधिक रहेगी। घर के बुजुर्गों से थोड़ी अनबन रहने की संभावना है फिर भी आज संध्या का समय परिजनों के साथ आनंद से बिताएंगे। पेट की परेशानी अथवा हाथ पैरों में शिथिलता रहेगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन भी आपके लिए शुभ है लेकिन आज अतिआत्मविश्वास एवं अहम की भावना के कारण हानि एवं आपसी मनमुटाव रहेगा। आज अन्य लोगो को स्वयं की तुलना में निम्न आंकना परेशानी में डालेगा। अधिकारी वर्ग अथवा घर के बड़े लोग जानबूझ कर आपको ज्यादा कार्य सौंपेंगे जिससे भारी परेशानी होगी। सेहत लगभग सामान्य ही रहेगी लेकिन थकान अधिक अनुभव होगी। आज दो पक्षो के झगड़े को सुलझाने में आपका सहयोग लिया जाएगा यथा सम्भव दूर रहें अन्यथा बैठे बिठाए अपमानित होना पड़ेगा। घरेलू जरूरतों की पूर्ति में विलंब झगड़े का कारण बनेगा। धन लाभ परिश्रम के बाद ही आशानुकूल रहेगा।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आपकी आज की दिनचार्य भी उथल-पुथल रहेगी। आज आपके आचरण से किसी ना किसी को परेशानी होगी आप अपने बड़बोले पन के कारण स्वयं ही मुसीबतों को न्योता देंगे। घर एवं बाहर का वातावरण आपके अमर्यादित आचरण से कलुषित हों सकता है। परिजनो से आज अधिकतर कार्यो में वैचारिक मतभेद रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर लापरवाह होकर कार्य करने पर अधिकारियो की डांट सुन्नी पड़ेगी। स्वभाव में भी आज सुस्ती अधिक रहेगी। धन लाभ के अवसर हाथ से निकलने की संभावना है। महत्त्वपूर्ण विषयो में निर्णय आज नाही ले तो उचित रहेगा। स्त्रियां

गलती करने पर दोष किसी और के सर डालने का प्रयास करेंगी।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन भी आपके अनुकूल रहेगा। फिर भी आज किसी पर भी आवश्यकता से अधिक विश्वास ना करें ना ही किसी को मन के भेद बताये बाद में परेशानी होगी। आज कही ना कहीं से आकस्मिक धन लाभ होगा जिससे रुके कार्यो में गति आएगी। कुछ दिनों से टल रही मनोकामना की पूर्ति आज कर सकेंगे। व्यवसाय में नए अनुबंध मिलेंगे लापरवाही से बचें अन्यथा हाथ से निकल भी सकते है। व्यापार विस्तार के लिए दिन शुभ है पर नए कार्य का आरंभ आज ना करें। धन का निवेश शीघ्र ही फलदायी होगा। मित्र अथवा रिश्तेदारों के कारण कुछ समय के लिये परेशानी में पड़ेंगे। यात्रा के योग बन रहे है इसमें सावधानी रखें। 

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज आप अन्यलोगों को नैतिक आचरण सिखाएंगे परन्तु इसे अपने ऊपर लागू ना करने से हास्य के पात्र बनेंगे। दिन का आरंभिक भाग शांति से व्यतीत होगा इसके बाद भाग-दौड़ बढ़ेगी लेकिन आज महनत का फल आशाजनक नही रहने से मानसिक चिंता रहेगी पर जाहिर नही करेंगे। व्यावसायिक क्षेत्र पर सहकर्मी मनमानी करेंगे क्रोध में आकर कटु वचन बोलेंगे जिस कारण संबंध खराब होने के साथ ही अव्यवस्था भी फैलेगी जिसे सुधारना आज आपके वश में नही होगा। धन लाभ के लिए आज का दिन मध्यम रहेगा। संध्या के समय स्थिति आपके नियंत्रण में रहेगी धन लाभ के साथ आनंद दायक समय बिताएंगे। महिलाये स्वार्थ वश अत्यंत मीठा व्यवहार करेंगी।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज आपके मन की चंचलता एवं स्वभाव में उद्दंडता को छोड़ शेष सब उत्तम रहेगा। परिजनों अथवा बाहरी लोगों से बेबाकी से पेश आना भारी पड़ सकता है। आप आलस्य से भरे रहेंगे फिर भी आज जिस भी कार्य को करेंगे उसे अन्य की अपेक्षा कम समय मे एवं सफाई से पूर्ण कर लेंगे। व्यवसाय में आज ज्यादा उत्साह नही लेंगे लेकिन आकस्मिक कार्य आने से बेमन से करना पड़ेगा फिर भी धन लाभ उत्तम होगा नए लाभ के अनुबंध मिलेंगे परन्तु सहयोगियो की कमी रहने से कार्य आरंभ आज नही कर पाएंगे। घरेलू आवश्यकता के अलावा सुख के साधनों पर अधिक खर्च होगा। आज आपको कोई ठग भी सकता है सतर्क रहें।  

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन भी परिस्थितियां आपके लिये प्रतिकूल ही रहेंगी। स्वास्थ्य के साथ ही धन हानि के योग बन रहे है। नए कार्य का आरंभ फिलहाल टालें पुराने अधूरे कार्य पूर्ण करने पर अधिक ध्यान दे समय पर कार्य पूरे ना करने पर सम्मान हानि हो सकती है। व्यावसायिक काम काज को लेकर आज अन्य लोगो के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा अवकाश भी लेना पड़ सकता है। लाभ आशानुकूल ना होने से थोड़ी निरशा भी रहेगी। महिलाये वाणी के प्रयोग में संतुलन बरते बेवजह कलह के प्रसंग बनने से रंग में भंग वाली स्थिति बन सकती है। संध्या के आस-पास थकान के कारण किसी काम मे मन नही लगेगा लेकिन फिर भी घूमने फिरने मनोरंजन आदि के लिए तत्पर रहेंगे। शादीशुदा लोगो को किसी बात का पछतावा होगा।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आपका मुख्य उद्देश्य धन प्राप्ति के साथ सुख सुविधाओं में भी वृद्धि करना रहेगा परन्तु इसमे आंशिक सफलता ही मिल सकेगी फिर भी आध्यात्म से जुड़े रहने के कारण इच्छा पूर्ति ना होने पर भी ज्यादा विचलित नही होंगे। कार्य व्यवसाय में नए विरोधी बनेंगे परन्तु आज आपका कुछ बिगाड़ नही सकेंगे। बीच-बीच मे आज क्रोध के प्रसंग बनेंगे फिर भी थोड़ा विवेक रहने से इन्हें अनदेखा करेंगे। आज आप जल्द पैसा कमाने वाले उपाय भी अपना सकते है जिनमे हानि होने की संभावना अधिक रहेगी। आवश्यकता अनुसार धन लाभ आज हो ही जायेगा धन के पीछे भागने की प्रवृति छोड़े। पारिवारिक सदस्य बेपरवाह होकर अपनी मस्ती में मस्त रहेंगे।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏

टोल फ्री सीद की कीमत को समझें और उसका उपयोग करें “टोल बूथ पर मिली इस रसीद में क्या छिपा है और इसे सुरक्षित क्यों रखा जाए?

इसके अतिरिक्त लाभ क्या हैं?” आईए आज जानते हैं।

1. यदि टोल रोड पर यात्रा करते समय आपकी कार अचानक रुक जाती है तो आपकी कार को टो करने के लिए टोल कंपनी जिम्मेदार होती है।

2. अगर एक्सप्रेस हाईवे पर आपकी कार का पेट्रोल या बैटरी खत्म हो जाती है तो आपकी कार को बदलने और पेट्रोल और बाहरी चार्जिंग प्रदान करने के लिए टोल संग्रह कंपनी जिम्मेदार है। आपको फोन करना चाहिए। दस मिनट में मदद मिलेगी और 5 से 10 लीटर पेट्रोल फ्री मिलेगा। अगर कार पंचर हो जाए तो भी आप इस नंबर पर संपर्क कर मदद ले सकते हैं।

3. यहां तक कि अगर आपकी कार दुर्घटना में शामिल है तो आपको या आपके साथ आने वाले किसी व्यक्ति को पहले टोल रसीद पर दिए गए फोन नंबर पर संपर्क करना चाहिए।

4. यदि कार में यात्रा करते समय अचानक किसी की तबीयत खराब हो जाती है तो उस व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाने की आवश्यकता हो सकती है।उस समय में यह टोल कंपनियों का दायित्व है कि आप तक एंबुलेंस पहुंचाएं।

यही रेलवे टिकिट के लिए भी है बीमा क्लेम पहचान आदि सब सुविधाएं। जिन लोगों को यह जानकारी मिली है, वे इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।

🚩सिन्धु घाटी की लिपि : क्यों अंग्रेज़ और कम्युनिस्ट इतिहासकार नहीं चाहते थे कि इसे पढ़ाया जाए! 🔰

▪️इतिहासकार अर्नाल्ड जे टायनबी ने कहा था – विश्व के इतिहास में अगर किसी देश के इतिहास के साथ सर्वाधिक छेड़ छाड़ की गयी है, तो वह भारत का इतिहास ही है।

भारतीय इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी की सभ्यता से होता है, इसे हड़प्पा कालीन सभ्यता या सारस्वत सभ्यता भी कहा जाता है। बताया जाता है, कि वर्तमान सिन्धु नदी के तटों पर 3500 BC (ईसा पूर्व) में एक विशाल नगरीय सभ्यता विद्यमान थी। मोहनजोदारो, हड़प्पा, कालीबंगा, लोथल आदि इस सभ्यता के नगर थे।

पहले इस सभ्यता का विस्तार सिंध, पंजाब, राजस्थान और गुजरात आदि बताया जाता था, किन्तु अब इसका विस्तार समूचा भारत, तमिलनाडु से वैशाली बिहार तक, आज का पूरा पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान तथा (पारस) ईरान का हिस्सा तक पाया जाता है। अब इसका समय 7000 BC से भी प्राचीन पाया गया है।

इस प्राचीन सभ्यता की सीलों, टेबलेट्स और बर्तनों पर जो लिखावट पाई जाती है उसे सिन्धु घाटी की लिपि कहा जाता है। इतिहासकारों का दावा है, कि यह लिपि अभी तक अज्ञात है, और पढ़ी नहीं जा सकी। जबकि सिन्धु घाटी की लिपि से समकक्ष और तथाकथित प्राचीन सभी लिपियां जैसे इजिप्ट, चीनी, फोनेशियाई, आर्मेनिक, सुमेरियाई, मेसोपोटामियाई आदि सब पढ़ ली गयी हैं।

आजकल कम्प्यूटरों की सहायता से अक्षरों की आवृत्ति का विश्लेषण कर मार्कोव विधि से प्राचीन भाषा को पढना सरल हो गया है।

सिन्धु घाटी की लिपि को जानबूझ कर नहीं पढ़ा गया और न ही इसको पढने के सार्थक प्रयास किये गए।

भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद (Indian Council of Historical Research) जिस पर पहले अंग्रेजो और फिर कम्युनिस्टों का कब्ज़ा रहा, ने सिन्धु घाटी की लिपि को पढने की कोई भी विशेष योजना नहीं चलायी।

आखिर ऐसा क्या था सिन्धु घाटी की लिपि में? अंग्रेज और कम्युनिस्ट इतिहासकार क्यों नहीं चाहते थे, कि सिन्धु घाटी की लिपि को पढ़ा जाए?

अंग्रेज और कम्युनिस्ट इतिहासकारों की दृष्टि में सिन्धु घाटी की लिपि को पढने में निम्नलिखित खतरे थे। 

1. सिन्धु घाटी की लिपि को पढने के बाद उसकी प्राचीनता और अधिक पुरानी सिद्ध हो जायेगी। इजिप्ट, चीनी, रोमन, ग्रीक, आर्मेनिक, सुमेरियाई, मेसोपोटामियाई से भी पुरानी. जिससे पता चलेगा, कि यह विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता है। भारत का महत्व बढेगा जो अंग्रेज और कम्युनिस्ट इतिहासकारों को बर्दाश्त नहीं होगा।

2. सिन्धु घाटी की लिपि को पढने से अगर वह वैदिक सभ्यता साबित हो गयी तो अंग्रेजो और कम्युनिस्टों द्वारा फैलाये गए आर्य- द्रविड़ युद्ध वाले प्रोपगंडा के ध्वस्त हो जाने का डर है।

3. अंग्रेज और कम्युनिस्ट इतिहासकारों द्वारा दुष्प्रचारित ‘आर्य बाहर से आई हुई आक्रमणकारी जाति है और इसने यहाँ के मूल निवासियों अर्थात सिन्धु घाटी के लोगों को मार डाला व भगा दिया और उनकी महान सभ्यता नष्ट कर दी। वे लोग ही जंगलों में छुप गए, दक्षिण भारतीय (द्रविड़) बन गए, शूद्र व आदिवासी बन गए’, आदि आदि गलत साबित हो जायेगा।

कुछ फर्जी इतिहासकार सिन्धु घाटी की लिपि को सुमेरियन भाषा से जोड़ कर पढने का प्रयास करते रहे तो कुछ इजिप्शियन भाषा से, कुछ चीनी भाषा से, कुछ इनको मुंडा आदिवासियों की भाषा, और तो और, कुछ इनको ईस्टर द्वीप के आदिवासियों की भाषा से जोड़ कर पढने का प्रयास करते रहे। ये सारे प्रयास असफल सिद्ध हुए।

सिन्धु घाटी की लिपि को पढने में निम्लिखित समस्याए बताई जाती है – 

सभी लिपियों में अक्षर कम होते है, जैसे अंग्रेजी में 26, देवनागरी में 52 आदि, मगर सिन्धु घाटी की लिपि में लगभग 400 अक्षर चिन्ह हैं। सिन्धु घाटी की लिपि को पढने में यह कठिनाई आती है, कि इसका काल 7000 BC से 1500 BC तक का है, जिसमे लिपि में अनेक परिवर्तन हुए साथ ही लिपि में स्टाइलिश वेरिएशन बहुत पाया जाता है। लेखक ने लोथल और कालीबंगा में सिन्धु घाटी व हड़प्पा कालीन अनेक पुरातात्विक साक्षों का अवलोकन किया।

भारत की प्राचीनतम लिपियों में से एक लिपि है जिसे ब्राह्मी लिपि कहा जाता है। इस लिपि से ही भारत की अन्य भाषाओँ की लिपियां बनी। यह लिपि वैदिक काल से गुप्त काल तक उत्तर पश्चिमी भारत में उपयोग की जाती थी। संस्कृत, पाली, प्राकृत के अनेक ग्रन्थ ब्राह्मी लिपि में प्राप्त होते है।

सम्राट अशोक ने अपने धम्म का प्रचार प्रसार करने के लिए ब्राह्मी लिपि को अपनाया। सम्राट अशोक के स्तम्भ और शिलालेख ब्राह्मी लिपि में लिखे गए और सम्पूर्ण भारत में लगाये गए।

सिन्धु घाटी की लिपि और ब्राह्मी लिपि में अनेक आश्चर्यजनक समानताएं है। साथ ही ब्राह्मी और तमिल लिपि का भी पारस्परिक सम्बन्ध है। इस आधार पर सिन्धु घाटी की लिपि को पढने का सार्थक प्रयास सुभाष काक और इरावाथम महादेवन ने किया।

सिन्धु घाटी की लिपि के लगभग 400 अक्षर के बारे में यह माना जाता है, कि इनमे कुछ वर्णमाला (स्वर व्यंजन मात्रा संख्या), कुछ यौगिक अक्षर और शेष चित्रलिपि हैं। अर्थात यह भाषा अक्षर और चित्रलिपि का संकलन समूह है। विश्व में कोई भी भाषा इतनी सशक्त और समृद्ध नहीं जितनी सिन्धु घाटी की भाषा।

बाएं लिखी जाती है, उसी प्रकार ब्राह्मी लिपि भी दाएं से बाएं लिखी जाती है। सिन्धु घाटी की लिपि के लगभग 3000 टेक्स्ट प्राप्त हैं।

इनमे वैसे तो 400 अक्षर चिन्ह हैं, लेकिन 39 अक्षरों का प्रयोग 80 प्रतिशत बार हुआ है। और ब्राह्मी लिपि में 45 अक्षर है। अब हम इन 39 अक्षरों को ब्राह्मी लिपि के 45 अक्षरों के साथ समानता के आधार पर मैपिंग कर सकते हैं और उनकी ध्वनि पता लगा सकते हैं।

ब्राह्मी लिपि के आधार पर सिन्धु घाटी की लिपि पढने पर सभी संस्कृत के शब्द आते है जैसे – श्री, अगस्त्य, मृग, हस्ती, वरुण, क्षमा, कामदेव, महादेव, कामधेनु, मूषिका, पग, पंच मशक, पितृ, अग्नि, सिन्धु, पुरम, गृह, यज्ञ, इंद्र, मित्र आदि।

 

निष्कर्ष यह है कि –

1. सिन्धु घाटी की लिपि ब्राह्मी लिपि की पूर्वज लिपि है।

2. सिन्धु घाटी की लिपि को ब्राह्मी के आधार पर पढ़ा जा सकता है।

3. उस काल में संस्कृत भाषा थी जिसे सिन्धु घाटी की लिपि में लिखा गया था।

4. सिन्धु घाटी के लोग वैदिक धर्म और संस्कृति मानते थे।

5. वैदिक धर्म अत्यंत प्राचीन है।

हिन्दू सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन व मूल सभ्यता है, हिन्दुओं का मूल निवास सप्त सैन्धव प्रदेश (सिन्धु सरस्वती क्षेत्र) था जिसका विस्तार ईरान से सम्पूर्ण भारत देश था।वैदिक धर्म को मानने वाले कहीं बाहर से नहीं आये थे और न ही वे आक्रमणकारी थे। आर्य – द्रविड़ जैसी कोई भी दो पृथक जातियाँ नहीं थीं जिनमे परस्पर युद्ध हुआ हो।

जय श्रीराम 🚩जय हिंदुराष्ट्र भारत।।✍️हरीश मैखुरी