रिपोर्ट – विपिन सेमवाल
नूतन वशिष्ठ उत्तराखंड की पहली ncc कैडेट है ,जो गत वर्ष दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह कर चुकी है। बेटी को सर्वोपरी मानने वाली हर सरकार यदि बेटियों को प्रोत्साहित नही करेगी तो कैसे अन्य बालिकाएं उनसे प्रेरणा लेंगी।
आज नूतन वशिष्ट का जन्म दिन है ,और वो अपने गाव गुनौ डांगी मैं पहुँची है। अपने इस्टदेव का पूजन अर्चन करके वो ग्रामीणों से मुखातिव हुयी। एवरेस्ट फतह करने के बाद पुर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी ने उसकी इस उपलब्धि को उत्तराखंड की शान समझते हुए इस बालिका को 1 लाख रूपये देने की घोषणा की थी। उसके माँ पिताजी कई बार सचिवालय, बिधान भवन आदि सभी संभावित स्थानों पर पहुंचे जहाँ पर 1 लाख प्राप्त करने की औपचारिकताएं पूर्ण करनी थी लेकिन हासिल सिफर। नूतन की माँ कहती है क़ि 1 लाख रूपये हासिल करने के लिए कई बार कई ऑफिस के चक्कर मार चुकी है। इस दौरान उनके 2 हज़ार का खर्चा आ गया। लेकिन बावजूद इसके अभी तक मुख्यमंत्री की घोषणा अमल मैं नही आ पायी। अब प्रश्न यह उठता है क़ि जब किसी घोषणा को आप पूरा नही कर सकते हैं तो ऐसी कोरी घोषणा कदापि नही करनी चाहिए। घोटालों के लिए सरकार के पास करोड़ों रूपये हैं लेकिन एक अदम्य साहस और जिजीविषा का परिचय देने वाली नूतन जैसी कई बालिकाओं को सम्मानित करने के लिए सरकार क्या कोरे भाषण और घोषणाओं तक ही सीमित रहेगी?