*कौन कौन से पेड़ लगाएं कि ज्यादा लाभ हो और परिश्रम सही दिशा में हो…*👇🏻👇🏻
*स्कंदपुराण* में एक सुंदर *श्लोक* है…👇👇
*अश्वत्थमेकम् पिचुमन्दमेकम्*
*न्यग्रोधमेकम् दश चिञ्चिणीकान्।।*
*कपित्थबिल्वाऽऽमलकत्रयञ्च* *पञ्चाऽऽम्रमुप्त्वा नरकन्न पश्येत्।।*
*अश्वत्थः* = *पीपल* (100% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
*पिचुमन्दः* = *नीम* (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
*न्यग्रोधः* = *वटवृक्ष* (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
*चिञ्चिणी* = *इमली* (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
*कपित्थः* = *कविट* (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
*बिल्वः* = *बेल* (85% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
*आमलकः* = *आवला* (74% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
*आम्रः* = *आम* (70% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
(उप्ति = पौधा लगाना)
*अर्थात्* – जो कोई इन वृक्षों के पौधो का रोपण करेगा, उन की देखभाल करेगा उसे नरक के दर्शन नही करना पड़ेंगे।
इस सीख का अनुसरण न करने के कारण हमें आज इस परिस्थिति के स्वरूप में नरक के दर्शन हो रहे हैं। अभी भी कुछ बिगड़ा नही है, हम अभी भी अपनी गलती सुधार सकते हैं।
*औऱ गुलमोहर* , *निलगिरी*- जैसे वृक्ष अपने देश के *पर्यावरण के लिए घातक* हैं।
पश्चिमी देशों का अंधानुकरण कर हम ने अपना बड़ा नुकसान कर लिया है।
पीपल, बड और नीम जैसे वृक्ष रोपना बंद होने से सूखे की समस्या बढ़ रही है।
ये सारे वृक्ष वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाते है। साथ ही, धरती के तापनाम को भी कम करते है।
हमने इन वृक्षों के पूजने की परंपरा को अन्धविश्वास मानकर फटाफट संस्कृति के चक्कर में इन वृक्षो से दूरी बना कर *यूकेलिप्टस* (*नीलगिरी*) के वृक्ष सड़क के दोनों ओर लगाने की शुरूआत की। यूकेलिप्टस झट से बढ़ते है लेकिन ये वृक्ष दलदली जमीन को सुखाने के लिए लगाए जाते हैं। इन वृक्षों से धरती का जलस्तर घट जाता है। विगत ४० वर्षों में नीलगिरी के वृक्षों को बहुतायात में लगा कर पर्यावरण की हानि की गई है।
*शास्त्रों* में *पीपल* को *वृक्षों* का *राजा* कहा गया है ⤵️
*मूले ब्रह्मा त्वचा विष्णु शाखा शंकरमेवच।*
*पत्रे पत्रे सर्वदेवायाम् वृक्ष राज्ञो नमोस्तुते।।*
*भावार्थ* -जिस वृक्ष की *जड़* में *ब्रह्मा* *जी* *तने* पर *श्री* *हरि विष्णु जी* एवं *शाखाओं* पर देव आदि देव *महादेव भगवान शंकर जी* का निवास है और उस वृक्ष के *पत्ते पत्ते* पर *सभी देवताओं* का *वास* है ऐसे वृक्षों के राजा पीपल को *नमस्कार* है…🙏
आगामी वर्षों में प्रत्येक ५०० मीटर के अंतर पर यदि एक एक पीपल, बड़ , नीम आदि का वृक्षारोपण किया जाएगा, तभी अपना भारत देश प्रदूषणमुक्त होगा।
*घरों* में *तुलसी* के पौधे लगाना होंगे।
हम अपने संगठित प्रयासों से ही अपने “भारत” को नैसर्गिक आपदा से बचा सकते हैं।
भविष्य में भरपूर मात्रा में *नैसर्गिक* *ऑक्सीजन* मिले इसके लिए आज से ही अभियान आरंभ करने की आवश्यकता है।
आइए हम *पीपल* , *बड़*, *बेल*, *नीम*, *आंवला* एवं *आम* आदि *वृक्षों* को *लगा कर* आने वाली पीढ़ी को **निरोगी* *एवं* ” *सुजलां* *सुफलां* *पर्यावरण*” देने का प्रयत्न करें।
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*अपने जन्म दिन पर एक पौधा जरूर लगाएं*
*⚠️ अत्यधिक महत्वपूर्ण सूचना :*
नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय नागरिकों और निवासियों को *निम्नलिखित के प्रति सचेत करता है:*
🛑 आने वाले दिनों में 47 से 55 डिग्री सेल्सियस के बीच बढ़ते तापमान और क्यूम्यलस बादलों की उपस्थिति के कारण अधिकांश क्षेत्रों में दमघोंटू माहौल होने के कारण, यहां कुछ चेतावनियां और सावधानियां दी गई हैं…
🔴 कारों में से इन्हें हटा दिया जाना चाहिए:
1. गैस सामग्री.
2. लाइटर.
3. कार्बोनेटेड पेय पदार्थ।
4. सामान्यतः इत्र और उपकरण बैटरियाँ।
5. कार की खिड़कियाँ थोड़ी खुली (वेंटिलेशन) होनी चाहिए।
6. कार के फ्यूल टैंक को पूरा न भरें.
7. शाम के समय कार में ईंधन भरें।
8. सुबह के समय कार से यात्रा करने से बचें.
9. कार के टायरों को ज़्यादा न भरें, ख़ासकर यात्रा के दौरान।
🔴 बिच्छुओं और सांपों से सावधान रहें क्योंकि वे अपने बिलों से बाहर निकलेंगे और ठंडी जगहों की तलाश में पार्क और घरों में प्रवेश कर सकते हैं।
🔴 खूब पानी और तरल पदार्थ पियें।
🔴सुनिश्चित करें कि गैस सिलेंडर को धूप में न रखें।
🔴 सुनिश्चित करें कि बिजली मीटरों पर अधिक भार न डालें और एयर कंडीशनर का उपयोग केवल घर के व्यस्त क्षेत्रों में करें, विशेषकर अत्यधिक गर्मी के समय में।
🔴 सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में आने से बचें, खासकर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच।
🔵 अंत में: कृपया इस जानकारी को साझा करें क्योंकि अन्य लोग नहीं जानते होंगे और हो सकता है कि वे इसे पहली बार पढ़ रहे हों…
*सादर*,
नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय*
*क्या है नवतपा और क्यों होती है नवतपा (नौतपा) की शुरुआत*
_हिंदू धर्म में नौतपा को काफी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार जब सूर्य चंद्रमा के नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तब नौतपा प्रारंभ होता है. साल 2024 में 25 मई की सुबह 03:16 पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. रोहिणी चंद्रमा का नक्षत्र है. इसके बाद 2 जून को मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. जब तक सूर्य रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे तब तक आसमान से आग बरसेगी, मतलब काफी तेज गर्मी पड़ेगी._
*_हिंदू पंचांग में ज्येष्ठ माह को सबसे अधिक गर्म महीना माना जाता है. ऐसे में नौतपा के आने से गर्मी काफी अधिक बढ़ जाती है. सूर्य 14 दिनों तक एक ही नक्षत्र में रहते हैं. इसके बाद वे दूसरे नक्षत्र में प्रवेश कर जाते हैं. 14 दिनों तक सूर्य के एक ही नक्षत्र में रहने के कारण नौतपा कुल 15 दिनों तक का होता है. इसमें शुरुआत के 9 दिन गर्मी काफी अधिक होती है. इस दौरान तापमान काफी अधिक रहता है._*
आज 25 मई से *”नौतपा”* शुरू होने जा रहा है।
*नौतपा भी बहुत जरूरी है क्योंकि*
_1. पहले दो दिन यदि लू नहीं चली तो चूहे बहुत बढ़ सकते हैं।
2. अगले दो दिन लू नहीं चली तो कातरा (फसल को नुक़सान पहुॅंचाने वाला एक कीट) पैदा हो जायेगा।
3. तीसरे दिन से आगे के दो दिन यदि लू नहीं चली तो टिड्डियों के अंडे नष्ट नहीं हो सकेंगे।
4. चौथे दिन के बाद अगले दो दिन नहीं तपा तो बुखार फैलाने वाले कीटाणु नष्ट नहीं होंगे।
5. अगले दो दिन फिर नहीं तपा तो साॅंप-बिच्छू अनियंत्रित बढ़ जायेंगे।
6. आखिरी दो दिन नहीं तपा तो ऑंधियाॅं बहुत चल सकती है जिससे फसलों को काफी नुक़सान हो सकता है।
*_नौतपा के दौरान करें ये उपाय_*
*नौतपा के दौरान विधि-विधान से भगवान सूर्यदेव का पूजन करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. सुबह उठकर नहाकर तांबे के लोटे में जल भरकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है. नौतपा के दौरान जल, दूध, दही, नारियल पानी और ठंडे पदार्थों का सेवन करना चाहिए._*
*_नौतपा में इन बातों का रखें खास ख्याल_*
*_नौतपा के दौरान बिना कुछ खाए और पिएं घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए._*
*_मेहंदी की तासीर ठंडी होती है. इस कारण महिलाओं को अपने हाथों और पैरों में मेहंदी लगवानी चाहिए._*
*_आपको नौतपा के दौरान ग्लूकोज का सेवन करना चाहिए._*
*_इन दिनों में लोगों को मुलायम और सूती वस्त्र पहनने चाहिए._*
*इस अवधि में तली-भुनी और मसालेदार चीजों का सेवन भूलकर भी न करें. इसके साथ ही बासी खाने से भी बचें._*🙏🙏🙏
*पर्वतीय किसानों एवम बागवानों से निवेदन*
उत्तराखंड की कृषि को जंगली सुवरों, बंदरों एवम लंगूरों से हो रहे भारी नुकसान के चलते किसानों ने खेती करनी यातो छोड़ दी है , या कम कर दी है , गांवों से पलायन का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी माना जाता है ।
इससे संबंधित निम्न लिखित बिंदुओं पर आप अपने लिखित सुझाव समाधान हेतु प्रेषित करने की कृपा करें –
1 – ऐसे सफल काश्तकार जिन्होंने जंगली जानवरों को रोकने के लिए कुछ कदम उठाए हैं , सचित्र उपाय।
2- जंगली जानवरों से मुक्त फसलों की सूची
3- घेरबाड़, दीवार जैसे उपायों का आकलन एवम सुधार के बिंदु ।
4- जंगली जानवरों की समस्या के समाधान हेतु आपके कुछ अन्य सुझाव ।
आप द्वारा प्रेषित सुझाव आपके नाम , पता सहित उचित कार्यवाही हेतु सरकार को भेजे जाएंगे।
राम प्रकाश पैन्यूली 9557083555
सदस्य – ग्राम्य विकास एवम पलायन निवारण आयोग , उत्तराखंड।
*हमारा विनाश कव शुरू हुआ था?
1.हमारा विनाश उस समय से शुरू हुआ था जब हरित क्रांति के नाम पर देश में रासायनिक खेती की शुरूआत हुई और हमारा पौष्टिक वर्धक, शुद्ध भोजन विष युक्त कर दिया है!
2. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश में जर्सी गाय लायी गई और भारतीय स्वदेशी गाय का अमृत रूपी दूध छोड़कर जर्सी गाय का विषैला दूध पीना शुरु किया था!
3. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन भारतीयों ने दूध, दही,मक्खन, घी आदि छोड़कर शराब पीना शुरू किया था!
4. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने गन्ने का रस छोड़कर पेप्सी, कोका कोला पीना शुरु किया था जिसमें 12 तरह के कैमिकल होते हैं और जो कैंसर, टीबी, हृदय घात का कारण बनते हैं!
5. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने शुद्ध देशी तेल खाना छोड़ दिया था और रिफाइंड आयल खाना शुरू किया था जो रिफाइंड ऑयल हृदय घात, आदि का कारण बन रहा है!
6. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश के युवाओं ने नशा शुरू किया था बीडी, सिगरेट, गुटखा, गांजा, अफीम, आदि शुरू किया था जिससे से कैंसर बढ रहा है!
7. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ जिस दिन देश में 84 हजार नकली दवाओं का व्यापार शुरु हुआ और नकली दवाओं से लोग मर रहे हैं!
8. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने अपने स्वदेशी भोजन छोड़कर पीजा, बर्गर, जंक फूड खाना शुरू किया था जो अनेक बीमारियों का कारण बन रहा है!
9. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने अनुशासित और स्वस्थ दिनचर्या को छोड़कर मनमानी दिनचर्या शुरू की थी ।
10. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने घरों में एलुमिनियम के बर्तन व घर में फ्रिज लाया था।
11. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन भारतीय जीवन शैली को छोड़कर विदेशी जीवन शैली शुरू की थी।
12 .हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने स्वस्थ रहने का विज्ञान छोड दिया था और अपने शरीर के स्वास्थ्य सिद्धांतों के विपरीत कार्य करना शुरू किया था ।
13. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश का अधिकतर युवा / युवतियां व्यभिचारी बनकर कंडोम का प्रयोग करके व्यभिचार करना ,गर्भ निरोधक गोलियां खाना,लाखों युवतियां हर साल गर्भाशय कैंसर से मरती हैं।
14. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने अपने बच्चों को टीके लगवाना शुरू किया था और यह विचार कभी भी नहीं किया था कि टीकों का बच्चों के शरीर पर भविष्य में क्या प्रभाव पडेगा?
15. इस शरीर की कुछ सीमा है कुछ मर्यादा है कुछ स्वस्थ सिद्धांत हैं लेकिन मनमाने आचरण के कारण शरीर की बर्बादी की है!!
नोट :- हमारे विनाश के अनेक कारण हैं आज लोगों को सिर्फ को.रोना ही दिखाई दे रहा है उन्हें यह भी देखना चाहिए कि लोग कैंसर, टीबी, हृदय घात, शुगर, किडनी फेल, हाई वीपी, लो वीपी, अस्थमा आदि गंभीर बीमारियों से मर रहे हैं!!
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