यूक्रेन और रूस में सीधी लड़ाई शुरू यूक्रेन को भारी क्षति

✍️हरीश मैखुरी

रूस द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव में बैलेस्टिक मिसाइल से की मार, कई शहरों में बम धमाके, यूक्रेन के 40 सैनिकों के मारे जाने की आशंका, कई शहरों के ऊपर रूसी सुखोई लगा रहे चक्कर! वास्तव में यूक्रेन ऐतिहासिक गलती कर बैठा है वह अमेरिका द्वारा झाड़ पर चढ़ाए जाने और यूरोपीय देशों की युध्द की दशा में सहयोग की झूठी दिलासा के चलते रूस के साथ भीड़ गया। नाटो देशों ने भी युद्ध की स्थिति में यूक्रेन को मदद देने की पेशकश की थी लेकिन ऐन समय पर नाटो देश कुछ नहीं कर पाए। इस कारण आज यूक्रेन अपनी गलती के चलते बुरे दौर से गुजर रहा है रूसी सेनाऐं और मिसाइल यूक्रेन पर टूट पड़े हैं दरअसल यूक्रेन भी इसके लिए काफी जिम्मेदार है वह यूरोपीय देशों के झांसे में रूस की सीमा के साथ ठीक उसी तरह की छेड़छाड़ करता रहता है जैसे हमारी सीमाओं के साथ पाकिस्तान छेड़छाड़ करता रहता है रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यह एक रणनीतिक युद्ध है हम बिना किसी दबाव के अपना उद्देश्य पूरा करते ही युद्धविराम करेंगे। जबकि कुछ दिन पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा था कि हम रूस का मुंहतोड़ जवाब देंगे लेकिन आज यूक्रेन भारत से मदद की गुहार लगा रहा है और कह रहा है कि रूसी राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री मंत्री मोदी समझाएं कि हमें मारे नहीं। बता दें कि पाकिस्तान की भांति ही यूक्रेन भी पहले रूस का एक प्रान्त था जो नब्बे के दशक में अलग देश बन गया था। रूस चाहता है कि जहाँ भी यूक्रेन उसकी सीमाओं पर हस्तक्षेप करता है वो झगड़े की जड़ ही ना रहे। इस लिए वह यूक्रेन के कुछ हिस्से वापस रूस में मिलाना चाहता है युद्ध के अंत समय पर दुनिया के किसी देश ने यूक्रेन की मदद नहीं की, यह भारत के लिए भी एक सबक है कि जो देश खुद सबल नहीं रहता है उस पर ठीक वैसा ही कब्जा हो जाता है। जैसे पाकिस्तान और नेपाल के हिस्सों पर चीन का दबदबा है, अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर दिया है। यही रणनीति है इसलिए भारत सरकार अपनी सेना को इस समय सबसे ज्यादा मजबूत कर रही है हथियारों से सुसज्जित कर रही है रक्षा बजट बढ़ा रही है सैनिकों को हाईटेक कर रही है और आधुनिक व्यापार और मिसाइलों से भारत को मजबूत राष्ट्र बना रही है यह आज की समय की मांग भी है। यूक्रेन में रह रहे भारतीयों ने भारत से घर वापसी का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी रूस की स्थिति पर बातचीत करने के लिए आज शाम को एक महत्वपूर्ण बैठक रखी है जिसमें रक्षा मंत्री रक्षा सचिव तथा विदेश मंत्री के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इस बैठक में होंगे वैसे भारत की नीति यह रही है कि दो देशों के बीच में हस्तक्षेप नहीं करेगा और गुटनिरपेक्ष नीति के अन्तर्गत तटस्थ रह सकता है। सूचना है कि प्रधानमंत्री मोदी रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से भी वार्ता करेंगे। इस संबंध में उत्तराखण्ड शाशन की ओर से भी यूक्रेन संकट के मद्देनजर उत्तराखंड के नागरिकों के हित में एडवाइजरी जारी कर दी गई है।