आज का पंचाग आपका राशि फल आज है कालरात्रि पूजन, कंजिका पूजन का महात्म्य और लाभ, लव जिहाद एक लक्षित अपराध बन चुका है इसके प्रति सनातनी धर्म संस्कृति के घरों में बचपन से ही बेटियों को जागरूक एवं सचेत करें

*🚩🔱🏹 *जय माँ जगदम्ब भवानी*🏹

       *🐀🐘जय श्री गणेश🐘🐀*

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🙏🏻 *नवरात्र के सातवें दिन शत्रुओं का नाश करती हैं मां कालरात्रि*

महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं कालरात्रि। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र जो ललाट अर्थात सिर के मध्य स्थित करना चाहिए। इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं। मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है। जीवन की हर समस्या को पल भर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती हैं ।

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दिनांक:-09-अक्टूबर-2024

वार:-बुधवार 

तिथी :-06षष्ठि:-12:14

पक्ष:-शुक्लपक्ष

माह:-आश्विन 

नक्षत्र:-मूल:-29:15

योग:-सौभाग्य:-06:36/शोभन:-29:52

करण:-तैतिल:-12:14

चन्द्रमा:-धनु 

सुर्योदय:-06:25, सुर्यास्त:-18:00

दिशा शुल….. उत्तर

निवारण उपाय:-तिल का सेवन

ऋतु :-शरद् ऋतु 

गुलीक काल:-10:46से 12:14

राहू काल:-12:14से13:42

अभीजित…. नहीं है

विक्रम सम्वंत ………2081

शक सम्वंत …………1946

युगाब्द ………………5126

सम्वंत सर नाम:-कालयुक्त 

      🌞चोघङिया दिन🌞

लाभ:-06:23से07:50तक

अमृत:-07:50से09:18तक

शुभ:-10:46से12:14तक

चंचल:-15:10से 16:37तक

लाभ:-16:37से 18:05तक

      🌓चोघङिया रात🌗

शुभ:-19:37से21:10तक

अमृत :-21:10से22:42तक

चंचल :-22:42से00:14तक

लाभ :-03:19से04:51तक

  🙏आज के विशेष योग 🙏  

    वर्ष का 184वा दिन, सरस्वती आवाहन, गुरु वक्री, राजयोग 29:15से सूर्योदय, तपषष्ठी (उड़ीसा), यमघण्टयोग सूर्योदय से 29:15, कुमारयोग समाप्त 12:14, छठ पूजन व मेला (आमेर,राज.), बिल्व सप्तमी 12:14 उपरांत, जैन ओली प्रारंभ,

             👉टिप्स👈 नवरात्रा में घर के मुख्य दरवाजे पर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं।

   सुविचार

भावनाओं का कहा द्बार होता है जहां मन मिल जाए वही हरिद्वार होता है।👍🏻

    *💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*

*7. सप्तम कालरात्रि यानि नागदौन -*

 यह नागदौन औषधि के रूप में जानी जाती है। सभी प्रकार के रोगों की नाशक सर्वत्र विजय दिलाने वाली मन एवं मस्तिष्क के समस्त विकारों को दूर करने वाली औषधि है। इस पौधे को व्यक्ति अपने घर में लगाने पर घर के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यह सुख देने वाली और सभी विषों का नाश करने वाली औषधि है। 

      *🐑🐂 राशिफल🐊🐬*

🐏 *राशि फलादेश मेष* :- 

कम प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। कार्य की प्रशंसा होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। विरोध होगा। धनार्जन होगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :- 

पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। स्वाभिमान बना रहेगा। विवाद को तूल न दें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण रखें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :- 

बेरोजगारी दूर होगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम न उठाएं। व्यावसायिक यात्रा लाभप्रद रहेगी। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ होगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :- 

फालतू खर्च होगा। अपेक्षानुरूप कार्य न होने से तनाव रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। समय नेष्ट है। वाणी पर नियंत्रण रखें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :- 

बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। आय में वृद्धि होगी। शारीरिक कष्ट संभव है। आजीविका में नए प्रस्ताव मिलेंगे।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :- 

नई योजना बनेगी। कार्यपद्धति में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। भागदौड़ रहेगी। माता की चिंता रहेगी। मित्रों में वर्चस्व बढ़ेगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :- 

चोट व रोग से बचें। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। नौकरी, निवेश व यात्रा लाभप्रद रहेंगे।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :- 

चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से हानि होगी। दिखावे से दूर रहना चाहिए।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :- 

चिंता, तनाव, कष्ट व भय का माहौल बन सकता है। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। आर्थिक स्थिति मध्यम रहेगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :- 

स्वास्थ्य का ध्यान रखें। भूमि व भवन खरीदने की योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। लाभ होगा। संतान पर नजर रखें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :- 

लेन-देन में सावधानी रखें। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। प्रमाद न करें। दांपत्य जीवन शुभतापूर्ण रहेगा।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :- 

यात्रा में सावधानी रखें। भागदौड़ रहेगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। कार्य निर्णय शांति से विचार करके ही करें। 

      *🎊🎉🎁 आज जिनका जन्मदिवस या विवाह वर्षगांठ हैं उन सभी मित्रो को कोटिशः शुभकामनायें🎁🎊🎉*

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       *😍आपका दिन शुभ हो😍*

     *🚩जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम🚩*

 *_👧🏻बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ👧🏻_*

त्रिमूर्तिश्च त्रिवर्षा च कल्याणी  चतुरब्दिका ।

त्रिमूर्तिपूजनादायुस्त्रिवर्गस्य     फलं भवेत् ।

धनधान्यागमश्चैव      पुत्रपौत्रादिवृद्धयः ।।

त्रिमूर्तिश्च    त्रिवर्षा च कल्याणी चतुरब्दिका ।

विद्यार्थी विजयार्थी च राज्यार्थी यश्च पार्थिवः ।

सुखार्थी पूजयेन्नित्यं कल्याणीं सर्वकामदाम् ।।

                 देवीभागवत ३/२६/४१,४६,४७

“व्यासजी कहते है- नवरात्र में कन्यापूजन में तीन वर्ष की कन्या ‘त्रिमूर्ति’ कहलाती है ! जिसका पूजन करने से धर्म,अर्थ,काम की पूर्ति होती है, धन-धान्य का आगमन होता है और पुत्र-पुत्र आदि की वृद्धि होती है। चार वर्ष की कन्या ‘कल्याणी’ कहलाती है,जो विद्या, विजय,राज्य तथा सुख की कामना करता है ! उसे सभी कामनाएं प्रदान करने वाली है ‘कल्याणी’ नामक कन्या का नित्य पूजन करना चाहिए ।”         

*_नवपत्रिका पूजा होगी ; पंचांग के अनुसार सप्तमी तिथि को नवपत्रिका पूजा के बाद मां दुर्गा का पट आम दर्शन के लिए खोलने का विधान है। नौ तरह की वस्तुओं यथा अनार, अशोक, धान,कच्चू, मैना, जयंती, हल्दी, हरिद्रा, अनाज आदि के पत्तों के साथ देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसके पूर्व वैदिक मंत्रोच्चार और बाजे-गाजे के साथ देवी को जोड़े बेल के फल के साथ देवता के पास लाया जाता है। फिर पट खोलकर प्राण-प्रतिष्ठा की जाती है।_*

*_दस महाविद्या की पूजा : महासप्तमी पूजा के बाद शनिवार की रात में दस महाविद्या के साथ निशा पूजा की जाएगी। शास्त्र के अनुसार रात 9.15 बजे के बाद निशा पूजा शुरू होगी और रात 12.30 बजे तक चलेगी। निशा पूजा के समय तंत्र साधना भी करने की परंपरा है। खासकर तांत्रिक और अघोड़ी मध्य रात्रि में ही तंत्र की सिद्धि के लिए साधना करते हैं। पंचांग के अनुसार सप्तमी तिथि को भद्रा योग और महालक्ष्मी योग में मां दुर्गा का पट खुलेगा। लग्न से बुध के अपनी मूल राशि कन्या में रहने से भद्रायोग का संयोग है। वहीं चंद्रमा और मंगल के एक साथ धनु में रहने से महालक्ष्मी योग का खास संयोग भी बन रहा है।_*

*_महाष्टमी पूजा और व्रत कल : महाष्टमी पूजा रविवार को होगी। पंचांग के अनुसार महाष्टमी के मौके पर श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं। इसलिए महाष्टमी का व्रत भी रविवार को ही होगा। महानवमी पूजन और व्रत सोमवार को होगा। महानवमी पर कुमारी पूजा भी होती है।_*

*_प्रमुख पूजा पंडालों के पट खुलने का समयमछुआ टोली : सुबह 5 बजे जगदेव पथ : सुबह 7.30 बजे बोरिंग रोड चौराहा : सुबह 8.30 बजे डाक बंगला चौराहा : सुबह 11 बजे एसके पुरी : सुबह 11 बजे_*

*मु&लमान पुरुषों और हिन्दू पुरूषों के मनोवृत्ति का विश्लेषण________ आखिर क्यों मु&लमान पुरुष हिन्दू महिलाओं को रिझाने में सफल हो जा रहे हैं…*

1 *घर का माहौल एक साधारण हिन्दू परिवार में हिन्दू माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देने, लड़ाई-झगड़े से दूर रहने तथा लड़कियों के मामलों से दूर रहने की सख्त हिदायत देते हैं। वहीं इसके ठीक विपरीत एक मुस्लिम परिवार में मु&लमान माँ-बाप, उनके मौलवी उनके मोहल्ले वाले सभी अपने लड़कों को हिन्दू स्त्रियों को फंसाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। और प्रकृति का नियम है कि चाहे काम अच्छा हो या बुरा, यदि प्रयास करेंगे तो निपुणता उसमें आ ही जाएगी।*

*बाकी तो मुस्लिम लड़कों के घर का माहौल भी ऐसा होता है जहां वे इन विषयों के बारे में काफी जल्दी जागरूक हो जाते हैं। इनके घर में आपस में ही निकाह हो जाता है, हलाला जैसी प्रथा होती है वगैरह-वगैरह। मदरसों में इन्हें बचपन से ही यही सिखाया जाता है कि अंतिम लक्ष्य हूरें पाना है तो यही सब न सीखेंगे यह लोग।*

2. *इधर झिझक, उधर ट्रेनिंग इस तरह के माहौल में पलने-बढ़ने के कारण हिन्दू लड़कों में बचपन से ही लड़कियों को लेकर एक झिझक सी आ जाती है, उन्हें पता ही नहीं होता कि एक लड़की से संवाद कैसे करना है, उससे अपने मन की बात कैसे कहनी है, कैसे अप्रोच करना है। वहीं मु&लमान लड़के शुरू से ही इन कामों में लग जाते हैं और इसलिए समय के साथ इसमें निपुण होते चले जाते हैं। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि हो सकता है यह सब छेड़छाड़ कि गिनती में भी आ सकता है क्योंकि इनका समाज इनके साथ खड़ा रहता है।*

*वहीं हिन्दू लड़कों में इस बात का भी डर रहता है कि कहीं लड़की नाराज होकर शिकायत न कर दे जिससे उनकी छवि न खराब हो जाए, वगैरह-वगैरह।*

3 *विचारधारा में अंतर * एक प्रमुख कारण यह भी है कि यदि कोई हिन्दू लड़का रोमांटिक प्रवृत्ति का है भी तो उसमें वो हिन्दुत्व वाली विचारधारा नहीं रहती, उसे अपने धर्म-समाज की बातों से कोई मतलब नहीं रहता, वह सिर्फ अपनी ज़िंदगी में मग्न रहता है। वही जो एक राष्ट्रवादी-हिन्दुत्ववादी विचारधारा का व्यक्ति होता है वह अधिकतर रोमांटिक प्रवृत्ति का नहीं होता। एक हिन्दू राष्ट्रवादी खुद को लड़कियों से दूर रखकर अपने देश और अपनें धर्म की सेवा करने में अपनी महानता समझता है, वह इस चीज को अपने देश और धर्म के प्रति किए गए त्याग के रूप में देखता है। उसके आदर्श भी ऐसे लोग होते हैं जिन्होंने अपना सबकुछ त्यागकर अपना सर्वस्व देश सेवा में लगा दिया।*

*वहीं दूसरी तरफ इस्लामिक कट्टरपंथियों का अंतिम लक्ष्य सर्वत्र अपना वर्चस्व स्थापित करना है और इस वर्चस्व में दूसरे कौम की महिलाओं पर “यौन वर्चस्व” स्थापित करना भी शामिल है। इनके आदर्श भी गजनवी, गौरी, ख़िलजी, बाबर, औरंगज़ेब जैसे लोग होते हैं। और जब इन्हें इनके सुनहरे इस्लामिक हुकुमत की याद दिलाई जाती है तब इन्हें यह भी बताया जाता है कि किस तरह इस्लामिक शासकों ने अपने हरम में बड़ी संख्या में हिन्दू महिलाओं को रखैल बनाकर रखा था।*

*तो बस यहीं अंतर आ जाता है, जहाँ एक हिन्दू राष्ट्रवादी के लिए सबकुछ त्यागकर अपने देश-धर्म की सेवा करना महान कार्य है वहीं एक मुस्लिम के लिए दूसरों की स्त्रियों पर यौन वर्चस्व स्थापित करना महान कार्य है। एक हिन्दू राष्ट्रवादी के लिए हिन्दुत्व-राष्ट्रवाद और प्रेम बिल्कुल अलग-अलग विषय हैं। मगर एक इस्लामिक Gहादी के लिए दूसरों की स्त्रियों पर यौन वर्चस्व स्थापित करना भी एक म’ज़हब के लिए सेवा करने का माध्यम है जिसके लिए वह तरह-तरह के हथकण्डे अपनाता है।*

*’लव-जिहाद’ के ऐसे मामले जहां नाम बदलकर पहचान छिपाकर, फर्जी दस्तावेज बनवाकर, माथे पर टीका लगाकर, हाथ में कलावा बांधकर मु&लमान लड़के हिंदू लड़की को फंसाते हैं वह स्वत: इस बात का प्रमाण है कि मु&लमान किस हद तक प्रयास करता है सिर्फ और सिर्फ हिंदू की लड़की या महिला को फंसानें के लिए और जैसा कि ऊपर लिखा कि काम चाहे अच्छा हो या बुरा, यदि उसमें प्रयासरत हैं तो निपुणता आ ही जाएगी।*

*यदि जिहादी हादी बहुमत संख्या में हैं तब सीधा उठा ले जाएंगे और उस स्थिति में नहीं पहुंचे हैं तब खुद को रोमांटिक बनाकर दूसरों की स्त्रियों पर यौन वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास करेंगे , उसके लिए रोमांस और जिहाद में कोई अंतर नहीं रह जाता। दूसरों पर यौन वर्चस्व जमाना, अपनी यौन शक्ति का प्रदर्शन करना भी Gहादियों के लिए अपनी श्रेष्ठता स्थापित करने का एक माध्यम है।*

4 *हिन्दुओं में अज्ञानता व मु&लमानों में बिल्कुल स्पष्ट राय होना* *हिन्दू जनमानस विशेषकर सेक्युलर युवा, लड़कियाँ और महिलाएँ इस्लामिक जिहाद को लेकर भ्रमित हैं, आज भी लव-जिहाद के खतरे से अनभिज्ञ हैं। वहीं मु&लमानों के मन में किसी प्रकार का कोई संशय नहीं है, वे बिल्कुल स्पष्ट हैं अपने विजन में। रही थोड़ी-बहुत कसर लेफ्ट-वामपंथी मीडिया पूरी कर देता है जिसे केवल हिन्दुओं में ही असहिष्णुता दिखाई देती है, जिसे केवल हिन्दुओं में ही “ब्राह्मणवादी” या “पितृसत्तात्मक सोच” दिखाई देती है, जिसका एकमात्र लक्ष्य हिन्दुओं में ही जमकर अपराध बोध का भाव लाना है और मु&लमानों का बचाव करना है। बाकी का काम बॉलीवुड और वेबसीरीज कर देते हैं जो हिन्दू-मुस्लिम लव-स्टोरी दिखाने के लिए हमेशा लड़की हिन्दू और लड़का मु&लमान दिखाते हैं। जिसमें वे हिन्दू माता-पिता या अन्य हिन्दू किरदारों द्वारा इसका विरोध करने वालों को “धार्मिक रूढ़िवादी”, मु&लमान को “बेचारा पीड़ित” और हिन्दू लड़की द्वारा मु&लमान को चुन लेने को “प्रोग्रेसिव” होना दिखाते हैं। इन सब कारणों से ही हिन्दू समाज की आज यह दुर्दशा हो गई है। आप कहाँ तक बचोगे…? आपके लिए चारों तरफ से जाल बिछाया जा रहा है बल्कि बिछ चुका है। अपने आसपास हर तरफ नजर दौडाओ सब समझ आ जाएगा। लेकिन इन सभी चीजों के लिए समय भी होना चाहिए जो कि है नहीं आपके पास, क्योंकि पैसे कमाने से ही फुर्सत नहीं…*

*यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी।*

*विभवे यस्य सन्तुष्टिस्तस्य स्वर्ग इहैव हि।।*

**जय जय श्री महाकाल* साभार (*हिन्दू राष्ट्र भारत (पब्लिक समूह)

हिंदू जाति स्वभाव से डरपोक है ,मैंने सुना है निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह पर हिंदू माथा टेकने जाते हैं ,जितने भी मज़ार हैं हिंदू धन ध्यान चढ़ा कर दुआ माँगते हैं ।

थोड़ा इतिहास की तरफ़ ले चलता हूँ मुस्लिम बादशाहों ने पीर नियुक्त किए थे जिनका काम कर वसूली का था ,कर की समय पर अदायगी न होने पर हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार करते थे ,अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए प्रजा धन – ध्यान ,महिलायें ज़ेवर तक अर्पण करती थीं।

आज भी यही परंपरा चली आ रही रही है मज़ारों क़ब्रों पर इसलिए ही द्रव्य अथवा धन धान्य चढ़ाई जाती है यह कैसा पागलपन है ।

निज़ामुद्दीन औलिया के प्रसाद में गो मांस की मिलावट होती है अजमेर का भी कमोबेश यही हाल है हद है मुसलमान मूर्ति पूजाओं को हराम मानता है परंतु ज़मीन के नीचे दबे कंकाल की जियारत करते हैं और हिंदू तो हद करते हैं अपने माँ बाप को प्रणाम भी नहीं करते और क़ब्रों मज़ारों पर षास्टांग दंडवत करते हैं ।

साईं बाबा आजीवन फ़क़ीर रहे ,अंग्रेजों के लिए मुखबिरी करते थे ,किस शास्त्र में साईं का उल्लेख है ? कोई कथा कहते हैं कि कुएँ से जल से दीप प्रज्वलित करते थे ,मेरा प्रश्न यह है कि उनकी लीलाओं की परिसीमा शिरडी तक ही सीमित क्यों रही ,पूरा भारत वर्ष अभावग्रस्त था उनके लिए क्यों कुछ नहीं किया ?

भारत उस काल खंड में परतंत्र था अगर उनके शक्ति होती तो अंग्रेजों को निकाल बाहर करते । न कुएँ के जल से दीप प्रज्वलन होता बल्कि ईश्वर होते तो दीप ( एक निश्चित) कुएँ से ही सही अब भी ज्वाला जलती रहती ।

हिंदुओं के मंदिर में मैडम तुषाद जैसे कोई भी मूर्ति खड़ी कर दी जाती है और दान पात्र मुद्रा स्वर्ण मुकुट ,आभूषण मन्नत माँगने और पूरा होने पर दान की जाती है और उसी दान पत्र के रुपयों से प्रसाद वितरण होता है ।

शरीर के परिरक्छा तंत्र कई व्याधियों स्वमेव ठीक हो जाती हैं जिसे चमत्कार की संज्ञा दी जाती है । चमत्कार व्यापार है ।

राम ,कृष्ण और शिव अनादि देव हैं ,पाखंड से बचें और उनकी स्तुति करें एक बात और साईं के आगे पीछे राम न लगायें ,राम परम तत्व हैं। आपकी प्रतिक्रिया और फॉलो का इंतज़ार (साभार कैप्टेन आलोक रंजन) 🙏🙏

लव जिहाद का एक वीडियो 

https://www.instagram.com/reel/DAk5VF1Pojr/?igsh=ZjFkYzMzMDQzZg==

*कीचड़ और लीचड़…..*

*दोनों से बचने का प्रयास करें।*

*एक तन खराब करता है*

*और दूसरा मन।*🙏 शुभप्रभात 🙏