आज का पंचाग आपका राशि फल, भगवान राम की महिमा देखिये राम विरोधी भी मंदिर के उद्घाटन समारोह के आमंत्रण हेतु आतुर हैं, इस्त्राइल की सीख भारत को अपनी सुरक्षा स्वयं ही करनी होगी दूसरे देश सहयोग कर सकते हैं सुरक्षा नहीं, हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना ठीक वैसे ही है जैसे कई ईसाई और मुस्लिम राष्ट्र विद्यमान हैं

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉🌄सुप्रभातम🌄🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻मंगलवार, १४ नवम्बर २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:५०

सूर्यास्त: 🌅 ०५:३३

चन्द्रोदय: 🌝 ०७:३०

चन्द्रास्त: 🌜१७:५४

अयन 🌖 दक्षिणायणे (दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🗻 हेमन्त 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (पिंगल)

मास 👉 कार्तिक 

पक्ष 👉 शुक्ल 

तिथि 👉 प्रतिपदा (१४:३६ से द्वितीया)

नक्षत्र 👉 अनुराधा (२७:२४ से ज्येष्ठा)

योग 👉 शोभन (१३:५७ से अतिगण्ड)

प्रथम करण 👉 बव (१४:३६ तक)

द्वितीय करण 👉 बालव (२६:१५ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 तुला 

चंद्र 🌟 वृश्चिक 

मंगल 🌟 तुला (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 वृश्चिक (अस्त, पूर्व, वक्री)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)

शुक्र 🌟 कन्या (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मीन 

केतु 🌟 कन्या 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४० से १२:२२

अमृत काल 👉 १७:०० से १८:३६

विजय मुहूर्त 👉 १३:४८ से १४:३०

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:२१ से १७:४८

सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:२१ से १८:४१

निशिता मुहूर्त 👉 २३:३५ से २४:२८

राहुकाल 👉 १४:४१ से १६:०१

राहुवास 👉 पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०९:२१ से १०:४१

होमाहुति 👉 सूर्य

दिशाशूल 👉 उत्तर

नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (२७:२४ से) 

अग्निवास 👉 आकाश 

चन्द्रवास 👉 उत्तर

शिववास 👉 श्मशान में (१४:३६ से गौरी के साथ)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – रोग २ – उद्वेग

३ – चर ४ – लाभ

५ – अमृत ६ – काल

७ – शुभ ८ – रोग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – काल २ – लाभ

३ – उद्वेग ४ – शुभ

५ – अमृत ६ – चर

७ – रोग ८ – काल

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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उत्तर-पश्चिम (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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कार्तिक शुक्ल पक्ष आरम्भ, चन्द्र दर्शन, गोवर्धन-बलि पूजा (अन्नकूट), विवाह मुहूर्त मीन- मिथुल लग्न (सांय ०४:१७ से रात्रि ०९:३६) तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज २७:३४ तक जन्मे शिशुओ का नाम अनुराधा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ना, नी, नू, ने) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (नो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

तुला – २८:३६ से ०६:५७

वृश्चिक – ०६:५७ से ०९:१७

धनु – ०९:१७ से ११:२०

मकर – ११:२० से १३:०१

कुम्भ – १३:०१ से १४:२७

मीन – १४:२७ से १५:५१

मेष – १५:५१ से १७:२४

वृषभ – १७:२४ से १९:१९

मिथुन – १९:१९ से २१:३४

कर्क – २१:३४ से २३:५६

सिंह – २३:५६ से २६:१५

कन्या – २६:१५ से २८:३२

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पञ्चक रहित मुहूर्त

मृत्यु पञ्चक – ०६:४१ से ०६:५७

अग्नि पञ्चक – ०६:५७ से ०९:१७

शुभ मुहूर्त – ०९:१७ से ११:२०

रज पञ्चक – ११:२० से १३:०१

शुभ मुहूर्त – १३:०१ से १४:२७

चोर पञ्चक – १४:२७ से १४:३६

शुभ मुहूर्त – १४:३६ से १५:५१

शुभ मुहूर्त – १५:५१ से १७:२४

चोर पञ्चक – १७:२४ से १९:१९

शुभ मुहूर्त – १९:१९ से २१:३४

रोग पञ्चक – २१:३४ से २३:५६

शुभ मुहूर्त – २३:५६ से २६:१५

मृत्यु पञ्चक – २६:१५ से २७:२४

अग्नि पञ्चक – २७:२४ से २८:३२

शुभ मुहूर्त – २८:३२ से ३०:४२

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन अशुभ फलदायी रहेगा आज किसी ना किसी कारण से मानसिक संताप होगा। पूर्व में की किसी गलती का पश्चाताप होगा लेकिन विपरीत परिस्थिति के कारण सुधार भी नही कर सकेंगे। सेहत मध्यान तक नरम रहेगी हाथ पैर एवं अन्य शारीरिक अंगों में शितिलता के कारण कार्य बेमन से करने पड़ेंगे। कार्य व्यवसाय की स्थिति भी दयनीय ही रहेगी अन्य लोगो के ऊपर आश्रित रहना पड़ेगा। धन लाभ होगा लेकिन व्यर्थ के खर्चो में लग जायेगा। माता अथवा घर की महिलाओं की सेहत भी नरम रहने के कारण वातावरण अस्त व्यस्त रहेगा। उधारी के लेन देन से बचे वरना आगे आर्थिक समस्या गहरा सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन प्रत्येक कार्यो में विजय दिलाने वाला रहेगा लेकिन इसके लिये समय का सदुपयोग करना पड़ेगा परिवार में भाई बंधुओ से ईर्ष्या युक्त संबंध रहेंगे अन्य लोगो आपकी प्रगति देख वैरभाव रखेंगे आप भी आज किसी कारण से हीन भावना से ग्रस्त रहेंगे। आज अपने काम से काम रखें अन्यथा अनुकूल दिन का उचित लाभ नही मिल सकेगा। अतिआवश्यक कार्य संध्या से पहले पूर्ण कर लें इसके बाद शारीरिक अथवा अन्य कारणों से बाधा आने लगेगी। कार्य क्षेत्र पर अथवा आस पडोस में नए शत्रु पनपेंगे सतर्क रहें। स्त्री संतानों से भी किसी बात पर मतभेद हो सकता है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन भागदौड़ वाला रहेगा दैनिक कार्यो की भागमभाग में शरीर की अवहेलना बाद में भारी पड़ेगी। व्यावसायिक कार्य मे परिश्रम अधिक करना पड़ेगा फिर भी लाभ आशाजनक नही होगा। आपके हिस्से का लाभ किसी अन्य के हिस्से में भी जा सकता है लापरवाही से बचें। आज की गई मेहनत का सकारत्मक परिणाम संध्या बाद से देखने को मिलेगा कई दिनों से चल रही आर्थिक तंगी में कमी आएगी लेकिन धन लाभ आज आंशिक लेकिन निकट भविष्य में आशाजनक रहेगा। परिवार ने संतानों का मनमाना व्यवहार मन दुख का कारण बनेगा पारिवारिक सुख में कमी आएगी। शरीर मे कोई नया रोग होने की संभावना भी है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन आपके अनुकूल रहेगा व्यवहार में नरमी रहने से आज किसी से भी आसानी से कार्य निकाल लेंगे कार्य क्षेत्र पर आज लाभ के कई सौदे मिलेंगे लेकिन मनमौजी स्वभाव के कारण इनसे पूरा लाभ नही उठा सकेंगे। धन की आमद के लिए निरंतर प्रयास करेंगे लेकिन आज ज्यादा धनलाभ नही हो पायेगा परन्तु घर एवं बाहर सम्मान जरूर बढेगा आज ना चाहकर भी किसी की आर्थिक सहायता करनी पड़ेगी दो पक्षो के झगड़े सुलझाने में मध्यस्थता करनी पडेगी। कार्य व्यवसाय में आज बीते कल की तुलना में कम परिश्रम करेंगे फिर भी लाभ की आशा ज्यादा लगाएंगे। परिवार के सदस्य आप के ऊपर ज्यादा विश्वास करेंगे लेकिन काम के समय आनाकानी करने पर मन दुखी होगा। पेट की गैस को छोड़ सेहत आज अन्य दिनों की तुलना में बेहतर रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज आपके अंदर तेज की कमी रहेगी मन मे कुछ ना कुछ भय बना रहेगा आस पास का वातावरण भी विपरीत रहेगा छोटी मोटी बातो अथवा हास्य परिहास में भी कलह होने की संभावना है। आज विशेषकर विपरीत लिंगीय से सीमित व्यवहार रखें अन्यथा मान भंग हो सकता है। आज आप भाई बंधुओ के लिये लाभकारी सिद्ध होंगे लेकिन आपके द्वारा दी गई आर्थिक अथवा अन्य प्रकार की सहायता का दुरुपयोग होने की संभावना अधिक है। शत्रु पक्ष को कमजोर ना आकेँ अंदर ही अंदर हानि पहुचायेंगे। धन लाभ आज मुश्किल से ही होगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन आर्थिक उन्नति के योग बन रहे है लेकिन साथ ही सामाजिक क्षेत्र पर बदनामी अथवा किसी मामूली बात का बतंगड़ बनने से सम्मान हानि की भी सम्भवना है। भाई बंधु अथवा मित्र मंडली में कम बैठे कुछ ना कुछ गड़बड़ ही होगी। कार्य व्यवसाय से पहके से तय आय निश्चित होगी इसके अतिरिक्त भी जोखिम वाले कार्य शेयर लॉटरी आदि से अकस्मात लाभ की संभावना है। व्यवसायी वर्ग आर्थिक रूप से समृद्ध रहने पर भी असंतोषी ही रहेंगे। गृहस्थी में जिस बात को छुपाने के प्रयास करेंगे वही तकरार का कारण बनेगी। संतान से संबंध में चंचलता आएगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज आपका मन संतोषी रहने पर भी अन्य लोगो से स्वयं की तुलना करने पर बेचैन रहेगा। कार्य व्यवसाय से भी कोई सकारात्मक परिणाम नही मिलेगा। धन की आमद कम और खर्च अधिक रहने के कारण आर्थिक संतुलन गड़बड़ायेगा। परिवार की महिलाए मानसिक विकार से ग्रस्त रहेंगी मामूली बातो को प्रतिष्ठा से जोड़ने पर घर का वातावरण खराब कर सकती है। पिता अथवा पैतृक संपत्ति से संबंधित कार्यो से लाभ की उम्मीद अंत समय मे उलझन में बदलेगी। व्यवहार में मिठास बनाये रहने से कई पारिवारिक एवं कानूनी लफड़ो से बच सकते है। सेहत में थोड़े बहुत विकार लगे रहेंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन शुभ फलदायक रहने पर भी आप इसका पूर्ण लाभ नही उठा पाएंगे। आपका स्वभाव अन्य लोगो के प्रति लापरवाह और रूखा रहेगा केवल स्वार्थ पूर्ति हेतु ही व्यवहार रखेंगे। जिसे अपना हितैषी समझेंगे वही दुख का कारण बनेगा। कार्य व्यवसाय में लाभ के अवसर मिलेंगे परन्तु अनुभव की कमी के कारण हाथ से निकलने की सम्भवना है लाभ पाने के लिये अहम की भावना त्याग किसी अनुभवी की सलाह अवश्य लें। धर्म कर्म में निष्ठा होने पर भी पाप कर्म के प्रति ज्यादा आकर्षण रहेगा। परिजन आपकी बातों का जल्दी से विश्वास नही करेंगे केवल मित्र लोग ही स्वार्थ वश आपकी हाँ में हाँ मिलाएंगे। सेहत संध्या बाद प्रतिकूल होगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन आपके लिये विपरीत फलदायी रहेगा कोई भी बड़ा कार्य यथा सम्भव आज टालना ही बेहतर रहेगा अथवा ज्यादा जरूरी होने पर किसी अनुभवी के मार्गदर्शन में ही करें हानि तो आज किसी न किसी रूप में अवश्य होगी किसी का सहयोग मिलने पर इसमें कमी की जा सकती है। कार्य क्षेत्र पर सरलता से लाभ कमाने के लिये संधर्ष ज्यादा करना पड़ेगा इसके विपरीत प्रलोभन के अवसर अधिक मिलेंगे लेकिन इनका लाभ स्थाई नही रहेगा। आज आपके किसी कानूनी उलझन में भी पड़ने की सम्भावना है सतर्क रहें। सभी से व्यवहार बना कर रखें घर मे कोई अशुभ समाचार के कारण उदासी बनेगी। स्वास्थ्य भी नरम रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन सार्वजनिक क्षेत्र से सम्मान दिलाएगा दिन के आरंभ में किसीकी बेतुकी बात को लेकर क्रोध में रहेगें थोड़ा बहुत गुस्सा दिन भर बना ही रहेगा। मध्यान के समय जिस कार्य से लाभ की उम्मीद लागये बैठे है उसके टलने से मन निराश होगा। कार्य व्यवसाय में आज दिनचार्य संभावनाओ पर केंद्रित रहेगी लाभ के कई अवसर निकट आते आते निरस्त होंगे फिर भी किसी ना किसी का सहयोग मिलने से धन लाभ हो ही जायेगा। पारिवारिक वातावरण धर्य की कमी से खराब हो सकता है घर की अपेक्षा आज बाहर समय बिताने से सहज अनुभव करेंगे। सेहत मानसिक विकार को छोड़ सामान्य रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन सफलता वाला है लेकिन अपनी वाणी एवं व्यवहार को संतुलित रखना जरूरी है कम लाभ से संतोष करने से ही दिन का फायदा उठाया जा सकता है अन्यथा लाभ के अवसर गरमा गरमी में हाथ से निकल सकते है। भाई बंधुओ से आज सीमित व्यवहार रखना ही बेहतर रहेगा अन्यथा कुछ न कुछ मानसिक क्लेश ही बनेगा। कार्य क्षेत्र पर स्थिति मेहनत के बाद लाभदायक बनेगी प्रतिस्पर्धी हावी रहेंगे फिर भी अगर दृढ़ रहे तो सफलता अवश्य मिलेगी। पारिवारिक वातावरण सामान्य रहेगा पल में खुशी पल में उदासी बनेगी। सेहत में थोड़ी बहुत नरमी बनी रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज दिन के आरंभ में आप जिस कार्य को लेकर उत्साहित रहेंगे वह टलते टलते मध्यान बाद ही पूर्ण हो सकेगा। किसी भी कार्य में आज तुरंत निर्णय ले अन्यथा लाभ के अवसर का उचित फल नही मिलेगा। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धी आपके हिस्से का काम हथियाने का हर संभव प्रयास करेंगे लापरवाही एवं आलस्य से बचे अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा किसी के भड़कावे में आकर क्रोध करने से बचे। घर का वातावरण आपके उत्साह में वृद्धि करेगा धन की आमद एक से अधिक मार्ग से होगी फिर भी आज पारिवारिक कार्यो मे खर्च करने में संकोच ना करें आपसी संबंधों में खटास आ सकती है। संध्या बाद सेहत प्रतिकूल होगी समय पर इलाज करे बाद में गंभीर रूप ले सकती है।

अयोध्या में #भगवान_राम के नव विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा और #नवनिर्मित_मंदिर का उद्घाटन कोई राजनीतिक कार्यक्रम थोड़े नहीं है। इसलिए किसी को भी बतौर राजनीतिक दल आमंत्रण की अपेक्षा का कौई औचित्य नहीं है, लेकिन भगवान राम की महिमा देखिये आज राम विरोधी दल भी मंदिर के उद्घाटन समारोह के आमंत्रण के लिए आतुर हैं। जिसकी श्रद्धा है वो स्वेच्छा से चले आये इसमें कोई रोक भी नहीं है। हां #नरेंद्र_मोदी प्रधानमंत्री होने के नाते भारत के #मुख्य_प्रतिनिधि_अर्चक हैं उसी में समग्र भारत आ गया समझो और मुख्यमंत्री संत योगी #आदित्यनाथ सनातन धर्म संस्कृति की और से मुख्य #आयोजक हैं जो समस्त संसार के सनातन हिन्दू के प्रतिनिधि हैं। इति सिद्धम्✍️हरीश मैखुरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दीपावली सीमा पर सैनिकों के साथ मनाई। बहुत पुरानी कहावत है कि यदि बड़ी बड़ी मूंछें रखी हैं तो मरोड़नी भी खुद पड़ेंगी , पड़ौस से कोई दूसरा मरोड़ने नहीं आएगा । कितने भी बड़े बड़े मित्र हों , युद्ध भी खुद लड़ने पड़ेंगे । भारत ने अपने तमाम युद्ध अकेले लड़े । देख लीजिए , पौने दो सालों से रूस जैसी महाशक्ति के खिलाफ यूक्रेन अकेला लड़ रहा है । शस्त्र मिल रहे हैं पर लड़ाके नहीं । इजरायल भी अकेला लड़ रहे है । अमेरिका उसका प्राकृतिक मित्र है । भारी भरकम और खतरनाक आयुध दे रहा है किंतु लड़ तो यहूदी ही रहे हैं । वह भी आम फिलिस्तीनी से नहीं , उसके पास तो अपनी सेना तक नहीं , केवल छापामार दस्ते हैं ।

यहूदी आज आतंकी हमास और हिजबुल्लाह लड़ रहे हैं । जो ईरान आतंकियों का पोषण करता है , एक महीना हो गया , भभकियां दे रहा है , पर आज तक यहूदियों से लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया । तमाम अरब देशों की बात करें या 57 इस्लामिक देशों की ; सभी बयानवीर बने हुए है या फिर प्रदर्शनवीर । फिलिस्तीनियों को अकेले भोगना पड़ रहा है । तभी तो हमास का इजरायलियों ने लगभग काम तमाम कर दिया है । सेनाओं के सामने और फिर इजरायल जैसे देशभक्ति के जज्बे के सामने भला आतंकवादी टिक भी कहां सकते हैं ?

दूर क्यूं जाएं , अपने देश में देख लीजिए । दस वर्ष पहले तक जो आतंकवादी हमारे देश के लगभग हर राज्य में फैले हुए थे , आज कहां भाग गए ? भागे नहीं , उन्हें आतंकवाद के प्रति भारत सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति ने ठिकाने लगाया । देश के भीतर आतंकवाद का समर्थन करने वाली पीएफआई जैसी कईं इकाइयों पर अंकुश लगाया गया । कश्मीर में जो युवक आतंकवादियों के साथ मिलकर सेना पर पथराव करते थे , वे आज सेना और पुलिस में भर्ती होकर आतंकवादियों के सफाए में जुट गए हैं ।

बेशक पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा , लेकिन कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं बेहद कम रह गई हैं । हमारी सेना ने आतंकवाद की कमर ही नहीं , तमाम हड्डी पसलियां तोड़ डाली हैं । इस्लामिक देशों को इससे कुछ सीखकर आतंक का सफाया करना चाहिए । आखिर सीरिया में बगदादी ने मुस्लिम ही तो मारे थे । अफगानिस्तान में तालिबानियों ने मुस्लिम नहीं मारे थे क्या ? और पाकिस्तान में बाजारों और मस्जिदों पर मुस्लिम आतंकवादी ही हमला नहीं कर रहे क्या ?

ईरान के पाले हुती आतंकवादी अब अमेरिकी युद्धपोतों पर हमला कर रहे हैं । कल तो हुती ने अमेरिका के सबसे खतरनाक ड्रोन को मार गिराया । अमेरिका जैसी सुपर पावर पर हमले का मजा लादेन एंड बगदादी कंपनी चख चुकी है । अच्छा हो यह युद्ध अब भी रुक जाए । हमास यदि इजरायल के 225 बंधक रिहा कर दे तो युद्ध अब भी रुक सकता है । सबको बंधकों की रिहाई पर काम करना चाहिए । अब और तबाही न हो , यह दायित्व बड़ी शक्तियों का भी है( साभार) 

*■■■■जैसे इसाई देशों में हिन्दू मुस्लिम रहते हैं या मुस्लिम देशों में हिन्दू या इसाई रहते हैं वैसे ही हिन्दू राष्ट्र में ईसाई और मुस्लिम भी रहेंगे इसलिए भारत हिन्दू राष्ट्र  पर किसी भी आपत्ति का कोई औचित्य नहीं हैं। 

*●●●क्या कोई और भी है जो विचारों को इतनी स्पष्टता से देख रहा है?*

*●●●नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर यह आरोप लगाया जाता है, कि वह भारत को एक हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते हैं! 

■■●यदि ऐसा है भी, तो मैं पूछता हूँ कि इसमें विरोध ही क्या है? भारत के हिन्दू राष्ट्र होने के पक्ष में मैं यह तर्क प्रस्तुत करता हूँ:*

■■■*विश्व भर में फैले हिन्दुओं की पितृभूमि और पुण्यभूमि होने, उनमें से ९५% की शरणस्थली होने, 

■■और कम से कम ५,००० वर्ष पुरानी सनातन हिन्दू सभ्यता का केन्द्र होने के कारण, भारतवर्ष को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है!*

■*भारत को अपनी पहचान एक हिन्दू राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में लज्जित होने की कोई आवश्यकता नहीं है!*

*■हिन्दू धर्म, जनसंख्या की दृष्टि से, ईसाई और इस्लाम धर्मों के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है! 

■पर इसका भौगोलिक विस्तार अन्य धर्मों की तुलना में सीमित रहा है!*

■*विश्व की ९७% हिन्दू जनसंख्या केवल तीन हिन्दू-बहुल देशों – भारत, मॉरिशस और नेपाल – में ही रहती है, 

■और इस प्रकार अन्य प्रसारवादी धर्मों की अपेक्षा, हिन्दू धर्म भारत और उससे भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से जुड़े क्षेत्रों में केन्द्रीभूत है!*

■*विश्व के ९५% हिन्दू भारत में रहते हैं, जबकि इस्लाम की जन्मभूमि सऊदी अरब में विश्व के केवल १.६% मुसलमान रहते हैं!*

■*विश्व के वाममार्गी और तथाकथित उदारवादी चिन्तकों को विश्व के विशाल मुस्लिम बहुमत वाले ५३ देशों, जिनमें से २७ का शासकीय धर्म ही इस्लाम है, 

■१०० से अधिक विशाल ईसाई-बहुमत वाले देशों के बीच ब्रिटेन, ग्रीस, आइसलैण्ड, नॉर्वे, हंगरी, डेनमार्क सरीखे ईसाई धर्म को अपना शासकीय धर्म घोषित कर चुके 

●देशों, बौद्ध मत को शासकीय धर्म मानने वाले ६ देशों और यहूदी देश इज़राइल से कोई समस्या नहीं है, 

■पर भारत के एक हिन्दू राष्ट्र होने की कल्पना मात्र से विक्षिप्त हो जाने वाले बुद्धिजीवी इस बात के लिए कोई तर्क नहीं दे सकते कि भारत को हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं होना चाहिए!*

*■भारत के हिन्दू राष्ट्र हो जाने से उसका पंथनिरपेक्ष चरित्र खतरे में आ जाएगा – यह मानने का कोई कारण नहीं है!*

*■पारसी, जैन, सिख, इस्लाम और जरसुस्थ – सभी धर्मों के मानने वाले भारत में फले-फूले हैं –

 ■यही इस बात को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है, कि हिन्दू अन्य मतों के प्रति असहिष्णु नहीं हैं!*

■*भारत में अन्य धर्मों के पूजा-स्थलों में हिन्दू भी पूजा करते देखे जा सकते हैं!*

*■हिन्दू धर्म में धर्मान्तरण के लिए कोई स्थान है ही नहीं!* 

*■अनेक मुस्लिम और ईसाई देश हैं, जो समय-समय पर अन्य देशों – जैसे म्याँमार, फिलिस्तीन, यमन आदि में इन धर्मों के मानने वालों के धार्मिक उत्पीड़न पर मानवाधिकार-हनन का शोर मचाते रहते हैं,

■ पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हिन्दुओं और सिखों पर हुए अमानवीय अत्याचारों पर मुँह खोलना उन्होंने कभी ज़रूरी नहीं समझा! 

●●●क्या आज कोई याद भी करता है कि १९७१ में पाकिस्तान की सेना ने बांग्लादेश के निरीह हिन्दुओं का किस पैमाने पर नरसंहार किया?* 

*■■●वन्धमा (गन्दरबल) सहित काश्मीर के नरसंहार, 

●●पाकिस्तान से हिन्दुओं के सर्वांगी उन्मूलन और आरब (उदाहरण के लिए मस्कत) में ऐतिहासिक हिन्दू मन्दिरों और हिन्दू धर्म को विनष्ट किये जाने की आज कोई बातें भी करना चाहता है?*

■■■*भारतीय शासन-तन्त्र की धर्मनिरपेक्षता का ढिंढोरा पीटने वाली नीतियाँ सीधे-सीधे धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धान्तों के विरुद्ध, और विशाल हिन्दू बहुमत के प्रति भेदभावकारी रही हैं!*

■■*क्या आपने भारत में दी जाने वाली हज-सब्सिडी का नाम सुना है? सन २००० से १५ लाख भारतीय मुसलमान इसका लाभ उठा चुके हैं!*

*■■भारतीय सर्वोच्च न्यायालय को इसमें हस्तक्षेप करके भारत सरकार को निर्देश देना पड़ा, कि वह अगले दस वर्षों में इस सब्सिडी को क्रमशः समाप्त करे!*

■■*विश्व का अन्य कोई धर्मनिरपेक्ष देश किसी विशेष मत के अनुयायियों के धार्मिक पर्यटन के लिए इस प्रकार की छूट देता है?* 

*■■२००८ में यह छूट प्रति मुस्लिम तीर्थयात्री १,००० अमरीकी डॉलर थी!*

*■■जब भारत अपने देश के मुसलमानों की उनके मजहबी कर्तव्यों के निर्वहन में सहायता कर रहा था, 

●तब सऊदी अरब, जहाँ हिन्दू-प्रतीक मूर्तिपूजा के नाम पर अवैधानिक, निन्दनीय एवम् दण्डनीय हैं,

■ भारत सहित पूरे विश्व में वहाबी अतिवाद का निर्यात कर रहा था!*

*■हिन्दुओं को सऊदी अरब में अपना मन्दिर बनाने की अनुमती नहीं है, पर हिन्दू करदाताओं के पैसों से भारत सरकार मजहबी तीर्थयात्राओं के द्वारा सऊदी अरब के अर्थतन्त्र को मजबूती प्रदान करने में लगी थी!*

*■किसी भी (वास्तविक) सेक्युलर राष्ट्र में सभी नागरिकों के लिए एक सामान अधिनीयम होते हैं;

■ पर भारत में विभिन्न मतावलम्बियों के लिए पृथक वैयक्तिक अधिनीयम हैं (जो भारतीय संविधान से टकराते रहते हैं)!*

*■सरकार मन्दिरों को रखती है, पर मस्जिदें और चर्च पूर्ण स्वायत्त हैं!*

■■*हज-यात्रा करमुक्त है, पर अमरनाथ या कुम्भ की यात्रा नहीं! 

■■एक सेक्युलर राष्ट्र को किसी मजहबी पर्यटन पर छूट नहीं देनी चाहिए – इस पर तर्क-वितर्क की कोई गुंजाइश नहीं है!*

■■■*हिंदुओं ने सदैव अल्पमत का आदर किया है, और उन्हें सुरक्षा प्रदान की है; उनका सहिष्णुता का इतिहास ध्यान देने लायक है!*

*■■पारसी जब प्रत्येक जगह उत्पीड़ित हो रहे थे, तब भारत ने उन्हें शरण दी; 

■पिछले हज़ार वर्षों में देश की जनसंख्या में नगण्य हिस्सेदारी के बावजूद वह स्वयं भी विकसित हुए हैं, और देश के विकास में भी सहभागी हुए हैं!*

■■*विश्व भर में प्रताड़ित होने वाले यहूदियों को २,००० वर्ष पहले, और सीरियाई ईसाईयों को १,८०० वर्ष पहले, भारत में ही शरण मिली!*

*■■जैन, बौद्ध और सिख धर्म तो हिन्दू धर्म की ही प्रशाखाएं हैं, और इनके अनुयायी बिना किसी समस्या के हिन्दुओं के साथ शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व में रहते आये हैं! 

■हिन्दुओं को अपने इस अतिसहिष्णु इतिहास पर गर्व करना चाहिए, न कि शर्मिन्दा होना चाहिए!*

*■भारत आज अगर एक सेक्युलर राज्य है, तो १९७६ के संविधान-संशोधन, या उसके अधिनीयम बनाने वाले कारण नहीं, 

■■बल्कि उसके विशाल हिन्दू बहुमत के कारण, जो स्वाभाव से ही सेक्युलर है!*

*■■हिन्दू धर्म की प्रकृति ही, न कि कोई काग़ज़ का टुकड़ा जो १,००० वर्षें के अतिसहिष्णु व्यवहार के बाद अस्तित्त्व में आया, देश में पन्थनिर्पेक्षता की गारण्टी है!*

*■■भारत को अपने आपको हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए! 

■■और जैन, बौद्ध और सिख धर्मों के अनुयायियों की सुरक्षा करनी चाहिए, 

●क्यों कि विश्व का कोई देश ऐसा नहीं कर रहा है!*

*●●●●भारत का हिन्दू राष्ट्र होना उसकी विशाल हिन्दू जनसंख्या के छल-बल से मतान्तरण, और अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण को रोकने के मार्ग प्रशस्त करेगा!*

*अ●●●गर भारत एक हिन्दू राष्ट्र घोषित हो जाता है, 

■तो इससे अच्छी बात कोई हो ही नहीं सकती!*

■■*देश में एक ही आचार संहिता होगी, जो सब पर बाध्यकारी होगी!*

*■■■देश में अधिनीयमों का शासन होगा, जो किसी भी देश के विकास के लिए एक आवश्यक तत्त्व होता है! अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान आदि इसके उदहारण हैं!*

■■*क्या विश्व में इस तरह का कोई दूसरा धर्म है जो अपने धर्म को न मानने वालों का भी इस तरह सम्मान करता हो?*

■■*मुस्लिम आक्रान्ताओं द्वारा लगभग ८०० वर्षों तक चले विध्वंसकारी युग से बहुत पहले से धार्मिक अतिसहिष्णुता और पन्थनिरपेक्षता इस भूभाग के निवासियों का मूल स्वभाव ही रहा है!*

■■■*इन इस्लामी आक्रमणों में, जो लगभग १००० ईसवी सन से १७३९ तक, अनवरत जारी रहे, कम से कम १० करोड़ हिन्दू मारे गये, 

■■जो इतिहास में किसी भूभाग में घटित सबसे बड़ा हत्याकाण्ड है!

■■ पर हिन्दुओं ने इन आक्रान्ताओं के वंशजों से उनका बदला लेने का कभी प्रयास नहीं किया!*

*●●●वर्तमान समय में दिख रहे हिन्दू बहुमत और इस्लामी अल्पमत के बीच टकराव के लिए सरकारों की छद्म धर्मनिरपेक्ष नीतियाँ जिम्मेदार हैं, हिन्दू-धर्म नहीं!*

■■■*हिन्दुओं को अपने राष्ट्र के इतिहास पर गर्व होना चाहिए! 

■उन्हें अपने मतभेद ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर हल करने चाहिए! 

■वास्तविकता से भागने के प्रयास, इस देश के लिए, जो लम्बे समय तक धार्मिक सहिष्णुता की संस्कृति का ध्वजवाहक रहा है, अन्ततः विनाशकारी ही सिद्ध होगा!*

*■■भारत मुस्लिम राष्ट्रों को प्रसन्न करने के लिए अपने बहुमूल्य सिद्धान्तों का बलिदान करने की मूर्खता करता रहा है; 

■■■सेक्युलरवाद के नाम पर तुष्टीकरण की नीतियों का भी अनुसरण लम्बे समय से करता रहा है!*

*■■■हिन्दुओं को अब अपने अन्दर की शान्ति को बाहर प्रकट करने के लिए, एक होकर, देश पर अपना दावा प्रस्तुत करना चाहिए!* 

*■■■हिन्दू राष्ट्र के रूप में स्वभाव से ही, और संविधान में उल्लिखित किसी भूमिका या अनुच्छेद के कारण न बना हुआ, 

■■■सेक्युलर भारत शेष विश्व के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगा!*

हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना ठीक वैसे ही है जैसे कई ईसाई और मुस्लिम राष्ट्र विद्यमान हैं

*■■■और ऐसा करने का समय है: अभी; तुरन्त!!!!*■■■■■जागो हिन्दू जागो■■■( साभार)