आज का पंचाग आपका राशि फल, *”पापांकुशा एकादशी”* आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं, विजयदशमी का पर्व हमारे सामाजिक मूल्यों का प्रतिबिंब – मुख्यमंत्री धामी

*🚩🔱❄«ॐ»«ॐ»«ॐ»❄🔱🚩*

🌞🛕🛕 *जय रामजी की*🛕🛕🌞

        🌺 *जय श्री राधेकृष्णा*🌺

       🔔 *बम महाँकाल बाबा*🔔

     🏹 *जय माँ जगदम्ब भवानी*🏹

       *🐀🐘जय श्री गणेश🐘🐀*

※══❖═══▩ஜ ۩۞۩ ஜ▩═══❖══※ 

दिनांक:-25-अक्टूबर-2023

वार:-बुधवार 

तिथी :-11एकादशी:-12:32

पक्ष:-शुक्लपक्ष

माह:-आश्विन 

नक्षत्र:-शतभिषा:-13:30

योग:-वृद्बि:-12:17

करण:-विष्टि:-12:32

चन्द्रमा:-कुंम्भ 29:58/मीन 

सुर्योदय:-06:41

सुर्यास्त:-17:50

दिशा शुल….. उत्तर

निवारण उपाय:-तिल का सेवन

ऋतु :-शरद हेमन्त ऋतु 

गुलीक काल:-10:45से 12:11

राहू काल:-12:11से13:36

अभीजित…. नहीं है

विक्रम सम्वंत ………2080

शक सम्वंत …………1945

युगाब्द ………………5125

सम्वंत सर नाम:-पिंगल 

     🌞चोघङिया दिन🌞

लाभ:-06:29से07:55तक

अमृत:-07:55से09:20तक

शुभ:-10:45से12:11तक

चंचल:-15:02से 16:27तक

लाभ:-16:27से 17:52तक

      🌓चोघङिया रात🌗

शुभ:-19:27से21:02तक

अमृत :-21:02से22:36तक

चंचल :-22:36से00:11तक

लाभ :-03:20से04:55तक

🙏आज के विशेष योग🙏

  वर्ष का217वाँ दिन, भद्रा समाप्त 12:32, पिपांकुशा एकादशी व्रत, भरत मिलाप, रवियोग 13:30तक, पंचक,

       👉वास्तु टिप्स👈

एकादशी के दिन केले के वृक्ष की जड़ में दीपक जलाएं।

    *सुविचार*

 जरूरी नहीं कि मिठाई खिलाकर ही दूसरों का मुंह मीठा करें, आप मीठा बोलकर भी लोगों को खुशियां दे सकते हैं।👍🏻

   *💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*

सत्यानाशी के पंचाग का पांच सौ ग्राम रस निकालकर उसको आग पर उबालना चाहिए। जब वह रबड़ी की तरह गाढ़ा हो जाए तब उसमें पुराना गुड़ 60 ग्राम और राल 20 ग्राम मिलाकर, खरलकर लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग की गोलियां बना लेनी चाहिए, एक गोली दिन में तीन बार गरम पानी के साथ देने से दमे में लाभ होता है।

      *🐑🐂 राशिफल🐊🐬*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*

संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। आय के स्रोतों में वृद्धि होगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। उच्चाधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। किसी बड़े कार्य के होने से प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। कोई बड़ा काम करने का साहस कर पाएंगे।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*

किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। उत्साह बना रहेगा। व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यवसाय संबंधी मामलों में निर्णय ले पाएंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*

दौड़धूप अधिक होगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अपेक्षित कार्यों में बाधा संभव है। खिन्नता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। कोई भी बड़ा निर्णय सोच-समझकर करें। स्वयं का कार्य स्वयं करें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*

प्रयास सफल रहेंगे। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। बड़ा कार्य करने का साहस कर पाएंगे। निवेश, नौकरी व यात्रा मनोनुकूल लाभ देंगे। घर-परिवार की चिंता रहेगी। उत्साह बना रहेगा। काम में मन लगेगा। समय अनुकूल है, लाभ लें। विवाद न करें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*

भूले-बिसरे मित्र व सं‍बंधियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। कुसंगति से बचें। लोगों की बातों में न आएं। झंझटों से दूर रहें। जल्दबाजी न करें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या :-*

व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। किसी बड़ी समस्या का हल आसानी से मिलेगा। उत्साह बना रहेगा। शत्रु नतमस्तक होंगे। घर-बाहर सहयोग मिलेगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। जल्दबाजी न करें। भाग्य का साथ मिलेगा। समय अनुकूल है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*

स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। लेन-देन में सावधानी आवश्यक है। कोई भी बड़ा निर्णय सोच-समझकर लें। जल्दबाजी न करें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। अपेक्षित कार्यों में बाधा उत्पन्न होने से तनाव रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। मेहनत अधिक होगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*

व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव की प्राप्ति संभव है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें। दौड़धूप अधिक होगी। थकान रहेगी। घर-परिवार की चिंता रहेगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*

विवाद को बढ़ावा न दें। कानूनी समस्या हो सकती है। जल्दबाजी से बचें। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। नए अनुबंध होंगे। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। व्ययसाय ठीक चलेगा। निवेश लाभदायक रहेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*

देव-दर्शन सुलभ हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। साधु-संत का आशीर्वाद प्राप्त होगा। व्यवसाय में उन्नति होगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। पारिवारिक मेल तथा सौहार्द में वृद्धि होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रमाद न करें। आलस्य हावी रहेगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*

चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। जल्दबाजी न करें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कोई भी बड़ा निर्णय सोच-समझकर कर लें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। धनहानि हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*

जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। किसी आनंदोत्सव में मित्र व संबंधी मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। विवाद न करें। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।

      *🎊🎉🎁 आज जिनका जन्मदिवस या विवाह वर्षगांठ हैं उन सभी मित्रों को कोटिशः शुभकामनायें🎁🎊🎉*

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       *😍आपका दिन शुभ हो😍*

     *🚩जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम🚩*

  _*👧🏻बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ🙎🏻‍♀*_

🌷 *पापांकुशा एकादशी व्रत* 🌷

 *”पापांकुशा एकादशी”* आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं। 

जो इस बार आज *25 अक्टूबर 2023, बुधवार के दिन है* 

👉 *एकादशी तिथि प्रारम्भ* 

24 अक्टूबर 2023, मंगलवार को दोपहर 12:49 मिनट से 

 👉 *एकादशी तिथि समाप्त* 

25 अक्टूबर 2023, बुधवार दोपहर 10:25 मिनट पे 

 👉 *पारण का समय* 

26 अक्टूबर 2023, गुरुवार प्रातः 6:23 से 08:01 तक

{ *विशेष* : *एकादशी का व्रत सूर्य उदय तिथी बुधवार के दिन ही रखें…..* एवं मंगलवार और बुधवार व्रत के दिन खाने में चावल या चावल से बनी हुई चीज वस्तुओं का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें 🙏अगर आपने व्रत नहीं रखा है तो भी 🙏

 *इस एकादशी का महत्त्व स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था।* इस एकादशी पर भगवान ‘पद्मनाभ’ की पूजा की जाती है। *पापरूपी हाथी को इस व्रत के पुण्यरूपी अंकुश से वेधने के कारण ही इसका नाम* *”पापांकुशा एकादशी”हुआ है* । इस दिन मौन रहकर भगवद स्मरण तथा भोजन का विधान है। इस प्रकार भगवान की अराधना करने से मन शुद्ध होता है तथा व्यक्ति में सद्-गुणों का समावेश होता है।

👉 *पापांकुशा एकादशी महत्त्व* 👇

पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा तथा ब्राह्मणों को उत्तम दान व दक्षिणा देनी चाहिए। इस दिन केवल फलाहार ही लिया जाता है। इससे शरीर स्वस्थ व हलका रहता है। इस एकादशी के व्रत रहने से भगवान समस्त पापों को नष्ट कर देते हैं। अर्थात यह एकादशी पापों का नाश करने वाली कही गई है। जनहितकारी निर्माण कार्य प्रारम्भ करने के लिए यह एक उत्तम मुहूर्त है। इस दिन व्रत करने वाले को भूमि, गौ, जल, अन्न, छत्र, उपानह आदि का दान करना चाहिए।

👉 *व्रत विधि* 👇

इस एकादशी व्रत का नियम पालन दशमी तिथि की रात्रि से ही शुरू करना चाहिए तथा ब्रह्मचर्य का पालन करें। एकादशी के दिन सुबह नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की शेषशय्या पर विराजित प्रतिमा के सामने बैठकर व्रत का संकल्प लें। इस दिन यथा संभव उपवास करें। उपवास में अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। संभव न हो तो व्रती एक समय फलाहार कर सकता है। इसके बाद भगवान ‘पद्मनाभ’ की पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए। यदि व्रत करने वाला पूजन करने में असमर्थ हों तो पूजन किसी योग्य ब्राह्मण से भी करवाया जा सकता है।

भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए। स्नान के बाद उनके चरणामृत को व्रती अपने और परिवार के सभी सदस्यों के अंगों पर छिड़के और उस चरणामृत का पान करे। इसके बाद भगवान को गंध, पुष्प, धूप, दीपक, नैवेद्य आदि पूजन सामग्री अर्पित करें। ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ का जप एवं उनकी कथा सुनें। रात्रि को भगवान विष्णु की मूर्ति के समीप हो शयन करना चाहिए और दूसरे दिन यानी द्वादशी के दिन वेदपाठी ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान देकर आशीर्वाद प्राप्त लेना चाहिए। इस प्रकार पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से दिव्य फलों की प्राप्ति होती है।

श्रीकृष्ण कहते हैं, जो इस पापांकुशा एकदशी का व्रत रखते हैं, वे भक्त कमल के समान होते हैं जो संसार रूपी माया के भवर में भी पाप से अछूते रहते हैं। कलिकाल में जो भक्त इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें वही पुण्य प्राप्त होता है, जो सतयुग में कठोर तपस्या करने वाले ऋषियों को मिलता था। इस एकादशी व्रत का जो व्यक्ति शास्त्रोक्त विधि से अनुष्ठान करते हैं, वे न केवल अपने लिए पुण्य संचय करते हैं, बल्कि उनके पुण्य से मातृगण व पितृगण भी पाप मुक्त हो जाते हैं। इस एकादशी का व्रत करके व्रती को द्वादशी के दिन श्रेष्ठ ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और अपनी क्षमता के अनुसार उन्हें दान देना चाहिए।”

🙏 *ओम नमो नारायणाय* 🙏

*विजयदशमी का पर्व हमारे सामाजिक मूल्यों का प्रतिबिंब है-मुख्यमंत्री*

*युगों-युगों से भगवान राम, भगवान कृष्ण की गाथाएं हमारे सामाजिक परिवेश में प्रेरणा एवं जागृति का रही है स्रोत* 

*प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की सनातन संस्कृति का हुआ पुनर्जागरण*

*मुख्यमंत्री ने 2025 तक उत्तराखण्ड को ड्रग फ्री देवभूमि बनाने का संकल्प लेने का किया आह्वान*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को परेड ग्राउण्ड में बन्नू बिरादरी दशहरा कमेटी द्वारा आयोजित दशहरा महोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री द्वारा इस अवसर पर भगवान श्री राम एवं हनुमान जी की पूजा अर्चना के तत्पश्चात् रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन किया गया। मुख्यमंत्री ने सभी को विजयदशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई तथा अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वर्षों से हम रावण का दहन करते आ रहे है। रावण अधर्म एवं बुराई का प्रतीक था, इसलिये उसे हर वर्ष जलना होता है। उन्होंने कहा कि यह अवसर हमें समाज में जहां भी बुराई नजर आती है उसे दूर करने का भी सन्देश देता है। अच्छा इंसान बनकर ही हम अच्छे समाज व देश के निर्माण में सहभागी बन सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयादशमी का यह पर्व हमारे समाज के लिये एक सीख और सामाजिक मूल्यों का प्रतिबिंब है। यह पर्व हमारे सामूहिक शक्ति को प्रदर्शित करने, हमारी सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने, और सामाजिक बुराइयों को दूर करने की दिशा में प्रयास करते रहने की परंपरा को आगे बढ़ाता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे त्यौहार, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़े होने के साथ ही कृषि, नदियों, पहाड़ों और हमारे इतिहास से जुड़े हुए हैं। युगों-युगों से भगवान राम, भगवान कृष्ण की गाथाएं हमारे सामाजिक परिवेश में प्रेरणा एवं जागृति का स्रोत रही हैं। नवरात्रि के शुभ दिनों के बाद आज विजयादशमी के दिन रावण का पुतला दहन हमारी महान परंपरा का ही हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भगवान राम जिस संकल्प को लेकर अयोध्या से निकलते हैं, उसी संकल्प से वे एक बड़ी सामूहिक शक्ति का निर्माण करते हैं और रावण पर उनकी जीत में समाज के हर वर्ग की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त करते हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण हुआ है। हम सभी जानते है कि प्रभु श्री राम का मंदिर अयोध्या में बनने को है। यह हमारा सौभाग्य है कि सैकड़ों साल के संघर्ष के बाद आज प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में वहां हम भव्य मंदिर बनते हुए देख रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश में भी भगवान राम, लक्ष्मण व माता सीता से जुडे कई स्थान है। हनुमान जी ने प्रदेश के द्रोणगिरी पर्वत से ही संजीवनी लेकर लक्ष्मण जी की जीवन रक्षा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश का दुनिया में मान व सम्मान बढा है। देश में जी-20 देशों का सफल आयोजन इसका उदाहरण है। इस आयोजन में दुनिया ने नये भारत के सामर्थ्य तथा सांस्कृतिक वैभव को देखा। आज देश के अंदर एवं सीमाओं पर पूर्णतः शान्ति का माहौल है। 

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि इस विजयादशमी पर प्रतिज्ञा लें कि हम 2025 तक, जब हम अपनी राज्य गठन की रजत जयन्ती मनाएंगे, अपने राज्य के लिए कुछ सकारात्मक योगदान देंगे तथा राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का प्रदेश बनाने का संकल्प लें। हमें प्रदेश में मादक पदार्थों के बढ़ते उपयोग को रोकने एवं वर्ष 2025 तक पूर्ण लक्षित “Drug Free Devbhoomi” बनाने का संकल्प भी लेना होगा। 

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेम चंद अग्रवाल, डा.धन सिंह रावत, विधायक श्री खजान दास, श्री बिनोद चमोली, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष डा. आर. के. जैन, बन्नू बिरादरी समिति के अध्यक्ष श्री सन्तोष नागपाल, प्रेम भाटिया, गगन सेठी सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।